header-logo

AUTHENTIC, READABLE, TRUSTED, HOLISTIC INFORMATION IN AYURVEDA AND YOGA

AUTHENTIC, READABLE, TRUSTED, HOLISTIC INFORMATION IN AYURVEDA AND YOGA

पीला कनेर (पीत करवीर) के फायदे और नुकसान : Yellow Oleander (Yellow Kaner) Benefits and Side Effects in Hindi

कनेर के वृक्ष (Kaner) को आपने देखा ही होगा। कनेर के वृक्ष बाग-बगीचों, मंदिरों के आस-पास बहुत अधिक देखे जाते हैं। कनेर का वृक्ष पर फूलों से सालों पर भरा होता है। कई लोग कनेर के फूल को पूजा-पाठ के लिए भी उपयोग भी लाते हैं। क्या आप जानते हैं कि जिस कनेर के फूल को आप लोग पूजा-पाठ के लिए उपयोग में लाते हैं उसको औषधि के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता है। क्या आपको पता है कि पीला कनेर (पीत करवीर) के फायदे से कई रोगों का इलाज (Yellow Kaner ke fayde aur nuksan) किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, ह्रदय रोग, बुखार, रक्त-विकार आदि में पीला कनेर का उपाय करने पर लाभ मिलता है।

 

Yellow Oleander (Yellow Kaner) tree benefits and side effects

 

शरीर के बाहरी रोग जैसे घाव, कुष्ठ रोग, सूजन में पीला कनेर के फायदे मिलते हैं। इसी तरह पेट से संबंधित परेशानी, मूत्र रोग आदि में भी पीला कनेर से लाभ (Yellow Kaner ke fayde aur nuksan) मिलता है। आइए जानते हैं कि आप रोगों के इलाज के लिए पीला कनेर का कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

Contents

पीला कनेर क्या है? (What is Yellow Oleander (Yellow Kaner) in Hindi?)

कनेर के फूल कई रंग के होते हैं। सफेद कनेर, पीला कनेर और लाल (गुलाबी) कनेर। सफेद कनेर को देखकर जहां मन को शांति मिलती है तो वहीं लाल (गुलाबी) कनेर को देखकर ऐसा भ्रम होता है कि जैसे यह बसंत और सावन का मिलन हो।

कनेर की दो प्रजातियां पायी जाती हैं, सफेद और पीला कनेर और पीला कनेर की सफेद, पीला आदि फूलों के आधार पर कई प्रजातियां पायी जाती है। सभी प्रजातियों का एक ही वानस्पतिक नाम है। सफेद कुष्ठ की चिकित्सा के लिए सफेद फूल वाले कनेर का बहुतायत प्रयोग किया जाता है।

यहां पीले कनेर (पीत करवीर) के फायदे और नुकसान के बारे में सभी बातों बहुत ही आसान भाषा (Yellow Kaner ke fayde aur nuksan in hindi) में लिखी गई है ताकि आप इसका पूरा-पूरा लाभ ले सकें।

 

अनेक भाषाओं में पीला कनेर के नाम (Name of Yellow Oleander in Different Languages)

Yellow Oleander in –

पीला कनेर का वानस्पतिक नाम  Thevetia peruviana (Pers.) Schum. (थिवेटिआ पेरूवियाना) Syn-Thevetia neriifolia Juss. ex DC., Cascabela thevetia (Linn.) Lippold है और यह Apocynaceae (ऐपोसाइनेसी) कुल का है। पीला कनेर को देश-विदेश में इन नामों से भी जाना जाता हैः-

  • Hindi-पीला कनेर 
  • Sanskrit-पीत करवीर, दिव्य-फूल 
  • English  Yellow Oleander (येलो ओलिएन्डर), एक्जाइल ट्री (Exile tree), लक्की नट ट्री (Lucky nut tree)
  • Oriya-कोनयार फूल (Konyar phul) 
  • Kannada-कडुकासी   (Kadukasi) 
  • Gujarati-पीला कनेर (Pili kaner) 
  • Telugu-पच्चागन्नेरु (Pachchaganeru) 
  • Tamil-पचैयलरि (Pachaiyalari) 
  • Bengali-कोकलाफूल (Koklaphul), कोकीलफूल (Kokilphul), कलके फूल (Kalke phul)
  • Nepali-पीलो कनेर (Pelo kaner) 
  • Marathiपिंवलकण्हेर (Pivalakanher) 
  • Malayalam-पच्चारली (Pachchaarali)

 

पीला कनेर के फायदे और उपयोग (Yellow Oleander (Yellow Kaner) Benefits and Uses in Hindi)

पीला कनेर का औषधीय प्रयोग, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-

 

पीला कनेर के औषधीय गुण से सिर दर्द का इलाज (Yellow Oleander Benefits to Relief from Headache in Hindi)

  • कनेर के फूल तथा आँवले को कांजी में पीस लें। इसे मस्तक पर लेप करने से सिर का दर्द ठीक होता है।
  • सफेद कनेर के पीले पत्तों को सुखाकर महीन पीस लें। सिर के जिस तरफ दर्द हो रहा हो उस तरफ से नाक में एक दो बार सूंघें। इस छींक आएगी और सिर दर्द ठीक हो जाएगा।

 

Yellow Oleander (Yellow Kaner) benefits in headache

और पढ़ेंः सिर दर्द के लिए घरेलू उपाय

 

सफेद बालों की समस्या में पीला कनेर के फायदे Benefits of Yellow Oleander for Grey Hair Problem in Hindi)

कनेर तथा दुग्धिका को कूट लें। इसे गोदधि के साथ मिलाकर सिर पर लेप करें। इससे बालों का असमय सफेद होना तथा गंजापन रोग में लाभ होता है।

और पढ़ेंः बालों को झड़ने से रोकने के उपाय

 

दांतों के दर्द में पीला कनेर के फायदे (Yellow Oleander Benefits to Relief from Dental Pain in Hindi)

  • सफेद कनेर की डाली से दातुन करने से हिलते हुए दांत मजबूत होते हैं।
  • सफेद कनेर की डाली से दातुन करने पर दांतों का दर्द भी ठीक हो जाता है।

और पढ़ेंः दांत दर्द का घरेलू इलाज

 

हृदय में दर्द होने पर पीला कनेर के सेवन से लाभ (Benefits of Yellow Oleander to Cure Heart Pain in Hindi)

100-200 मिग्रा कनेर की जड़ की छाल को भोजन के बाद सेवन करें। इससे हृदय में होने वाला दर्द ठीक होता है।

 

Benefits of Yellow Oleander in heart problem

और पढ़ेंः ह्रदय रोग होने पर कैसा होना चाहिए आपका डाइट प्लान

 

पीला कनेर के औषधीय गुण से लिंग के ढीलेपन की समस्या में लाभ (Yellow Oleander Benefits for Erectile Dysfunction Treatment in Hindi)

  • 10 ग्राम सफेद कनेर की जड़ को पीस लें। इसे 20 ग्राम घी में पकाएं। ठंडा करके लिंग (कामेन्द्रिय) पर मालिश करें। इससे लिंग के कम तनाव (कामेन्द्रिय की शिथिलता) की समस्या दूर होती है।
  • कनेर के 50 ग्राम ताजे फूलों को 100 मिली मीठे तेल में पीस लें। इसे एक हफ्ते तक रख दें। फिर 200 मिली जैतून के तेल में मिलाकर लगाएं। इससे कामेन्द्रिय पर उभरी नसों की समस्या दूर होती है। लिंग की कमजोरी दूर करने के लिए 2-3 बार नियमित मालिश करें।

और पढ़ेंः लिंग के तनाव को बढ़ाने के लिए कुटज के बीज का प्रयोग

 

पीला कनेर के औषधीय गुण से सिफलिस का इलाज (Benefits of Yellow Oleander to Treat Syphilis Disease in Hindi)

सफेद कनेर के पत्तों के काढ़ा से सिफलिस (उपदंश) के घावों को धोएं। इसके साथ ही सफेद कनेर की जड़ को पानी के साथ पीसकर उपदंश के घावों पर लगाएं। इससे लाभ होता है। 

और पढ़ेंः सिफलिस रोग में विधारा से लाभ

 

जोड़ों के दर्द में पीला कनेर से लाभ (Benefits of Yellow Kaner in Relief from Joint Pain in Hindi)

  • कनेर के पत्तों को पीसकर तेल में मिला लें। इस लेप करने से जोड़ों का दर्द ठीक होता है।
  • कनेर के 50 ग्राम ताजे फूलों को 100 मिली मीठे तेल में पीस लें। इसे एक हफ्ते तक रख दें। फिर 200 मिली जैतून के तेल में मिलाकर लगाएं। इससे पीठ का दर्द, बदन दर्द दूर होता है। 

 

Benefits of Yellow Kaner in Arthritis treatment

और पढ़ेंः पीठ के निचले हिस्से में दर्द से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय

 

दाद में पीला कनेर से लाभ (Yellow Kaner Benefits in Itching Problem in Hindi)

  • सफेद कनेर की जड़ की छाल को तेल में पकाकर, छान लें। इसे लगाने से दाद और अन्य त्वचा विकारों में लाभ होता है।
  • कनेर के पत्तों से पकाए हुए तेल को लगाने से खुजली मिटती है।
  • पीले कनेर के पत्ते या फूलों को जैतून के तेल में मिलाकर मलहम बना लें। इसे लगाने से हर प्रकार की खुजली में लाभ होता है।

और पढ़ेंः दाद-खाज-खुजली का घरेलू इलाज

 

पीला कनेर के उपयोग से कुष्ठ रोग का इलाज (Benefits of Yellow Kaner in Leprosy Treatment in Hindi)

  • सफेद कनेर की जड़, कुटज-फल, करंज-फल, दारुहल्दी की छाल और चमेली की नयी पत्तियों को पीसकर लेप करने से कुष्ठ रोग का इलाज होता है।
  • कनेर के पत्तों का काढ़ा बनाकर नहाने योग्य जल में मिला लें। नियमित रूप से कुछ दिन तक स्नान करने से कुष्ठ रोग में बहुत लाभ होता है।
  • सफेद कनेर की छाल को पीसकर लेप करने से चर्म रोग (कुष्ठ रोग) में लाभ होता है।
  • पीले कनेर (पीत करवीर) की जड़ से पकाए हुए तेल को लगाने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है।
  • कनेर के 50 ग्राम ताजे फूलों को 100 मिली मीठे तेल में पीस लें। इसे एक हफ्ते तक रख दें। फिर 200 मिली जैतून के तेल में मिलाकर लगाएं। इससे कुष्ठ रोग, सफेद दाग दूर होता है। 

और पढ़ेंः कुष्ठ रोग में करंज के फायदे

 

चेहरे की कांति बढ़ाने के लिए पीला कनेर का उपयोग (Yellow Kaner Benefits in Glowing Face in Hindi)

सफेद कनेर के फूलों को पीसकर चेहरे पर मलने से चेहरे की कान्ति बढ़ती है।

 

Yellow Kaner Benefits for Glowing skin

और पढ़ेंः चेहरे की रौनक बढ़ाने के लिए मसूर दाल का उपयोग

 

कीड़े-मकौड़ों के काटने पर पीला कनेर के इस्तेमाल से लाभ (Yellow Kaner Benefits in Insect Bite in Hindi)

किसी कीड़े-मकौड़े के काटने पर कनेर के पत्तों को तेल में पका लें। इससे मालिश करें। इससे आराम मिलता है। संक्रमण वाले कीड़े या जीव शरीर पर नहीं बैठते हैं।

और पढ़ेंः कीड़े-मकौड़ों के काटने पर नागरमोथा के इस्तेमाल से लाभ

 

पीला कनेर के गुण से घाव का इलाज (Benefits of Yellow Kaner in Healing Wound in Hindi)

कनेर के पत्तों को पीसकर तेल में पका लें। इसे छानकर तेल को घाव में लगाएं। इससे घाव में लगे कीड़े खत्म होते हैं।

और पढ़ेंः घाव के इलाज में निर्गुण्डी के फायदे

 

पीला कनेर के गुण से लकवा का इलाज (Yellow Kaner (Yellow Oleander) Uses for Paralysis Treatment in Hindi)

सफेद कनेर की जड़ की छाल, सफेद गुंजा की दाल तथा काले धतूरे के पत्ते को समान मात्रा में लेकर पेस्ट बना लें। इसके बाद चार गुना जल लें। पेस्ट के बराबर मात्रा में तेल लें। सभी को कलई वाले बर्तन में धीमी आग पर पकाएं। जब केवल तेल शेष रह जाए तब कपड़े से छान लें। इस तेल की मालिश करने से लकवा (पक्षाघात) में लाभ होता है।

 

Yellow Kaner (Yellow Oleander) Uses and benefits in Paralysis treatment

और पढ़ेंः लकवा के मरीजों के लिए कैसा होना चाहिए डाइट प्लान

 

अफीम की आदत को छुड़ाने के लिए पीला कनेर का सेवन (Yellow Kaner (Yellow Oleander) Uses for Quit Poppy in Hindi)

50 मिग्रा कनेर की जड़ के महीन चूर्ण को दूध के साथ कुछ हफ्ते तक दिन में दो बार खिलाते रहने से अफीम की आदत छूट जाती है।

और पढ़ेंः हैंगओवर उतारने के घरेलू उपाय

 

सांप के काटने पर पीला कनेर का प्रयोग फायदेमंद (Yellow Kaner (Yellow Oleander) Uses in Snake Bite in Hindi)

सांप के काटने कनेर के पत्ते को 125 से 250 मिग्रा की मात्रा में या 1-2 की संख्या में थोड़े-थोड़े अंतर पर देते रहें। इसके कारण उल्टी होकर सांप का विष उतर जाता है।

 

Yellow Kaner (Yellow Oleander) Uses in Snake Bite

और पढ़ेंः सांप के काटने पर कालमेघ से लाभ 

 

पीले कनेर के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Yellow Kaner (Yellow Oleander in Hindi)

पीले कनेर के इन भागों का उपयोग किया जा सकता हैः-

  • जड़
  • जड़ की छाल
  • पत्ते
  • दूध

 

पीले कनेर का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Yellow Kaner (Yellow Oleander) in Hindi?)

चूर्ण- 30-125 मिग्रा

यहां पीले कनेर (पीत करवीर) के फायदे और नुकसान के बारे में सभी बातों बहुत ही आसान भाषा (Yellow Kaner ke fayde aur nuksan in hindi) में लिखी गई है ताकि आप इसका पूरा-पूरा लाभ ले सकें, लेकिन किसी बीमारी के लिए पीला कनेर का उपयोग करने के पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

 

पीला कनेर से नुकसान (Side Effect of Yellow Oleander (Yellow Kaner) in Hindi)

पीले कनेर के फूल का अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने से ये नुकसान हो सकते हैंः-

  •  उल्टी
  • पेट दर्द
  • बेचैनी
  • दस्त
  • एनीमिया
  • अवसाद (डिप्रेशन)
  • हृदय से जुड़ी बीमारियां

 

पीला कनेर कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Yellow Oleander (Yellow Kaner) Found or Grown?)

 

Benefits and side effects of Yellow Oleander (Yellow Kaner) tree

कनेर के पौधे भारत में मंदिरों, उद्यानों और घरों के आस-पास पाए जाते हैं।