निर्गुण्डी एक बहुत ही गुणी औषधि (nirgundi plant benefits) है जो कफ और वात को नष्ट करता है और दर्द को कम करता है। इसको त्वचा के ऊपर लेप के रूप में लगाने से सूजन कम होता है। घाव को ठीक करने, घाव भरने आदि में निर्गुण्डी के फायदे मिलते हैं। यह बैक्टीरिया और कीड़ों को नष्ट करता है। खाए जाने पर यह भूख बढ़ाता है, भोजन को पचाता है। लीवर रोग में भी निर्गुण्डी से लाभ मिलता है।
कुष्ठ रोग के इलाज में भी निर्गुण्डी के फायदे मिलते हैं। यह पेशाब बढ़ाता है, स्त्रियों में मासिक धर्म विकार को ठीक करता है। यह ताकत बढ़ाने वाला, रसायन है जो आँखों के लिए लाभकारी होता है। यह सूखी खाँसी ठीक करने वाला, खुजली तथा बुखार विशेषकर टायफायड बुखार को ठीक करने वाला है। कानों का बहना रोकता है। इसका फूल, फल और जड़ आदि पांचों अंगों में भी यही गुण होते हैं। फूलों में उलटी रोकने का भी गुण होता है। आइए जानते हैं कि निर्गुण्डी से और क्या-क्या लाभ (nirgundi ke fayde) ले सकते हैं।
Contents
- 1 निर्गुण्डी क्या है? (What is Nirgundi in Hindi?)
- 2 अनेक भाषाओं में निर्गुण्डी के नाम (Name of Nirgundi in Different Languages)
- 3 निर्गुण्डी के फायदे और उपयोग (Nirgundi Plant Benefits and Uses in Hindi)
- 3.1 सिर दर्द में निर्गुण्डी के फायदे (Benefits of Nirgundi Plant to Get Relief from Headache in Hindi)
- 3.2 कान बहने की समस्या में निर्गुण्डी के फायदे (Nirgundi Oil Benefits to Treat Ear Problem in Hindi)
- 3.3 मुंह के छाले में निर्गुण्डी के सेवन से लाभ (Nirgundi Oil Benefits for Mouth Ulcers in Hindi)
- 3.4 पेट के रोग में निर्गुण्डी के सेवन से लाभ (Benefits of Nirgundi Plant for Stomach Related Problems in Hindi)
- 3.5 लीवर की समस्या में निर्गुण्डी के सेवन से लाभ (Nirgundi Plant Benefits for Liver Related Problems in Hindi)
- 3.6 सूजाक में निर्गुण्डी का औषधीय गुण फायदेमंद (Nirgundi Tree Uses to Treat Gonorrhoea in Hindi)
- 3.7 प्रसव को आसान बनाने और मासिक धर्म विकार में फायदेमंद निर्गुंडी (Benefit of Nirgundi Tree to Treat Period Problems and ease Normal Delivary in Hindi)
- 3.8 निर्गुण्डी के औषधीय गुण से कामशक्ति में वृद्धि (Benefit of Nirgundi to Boost Sexual Stamina in Hindi)
- 3.9 स्तनों में दूध वृद्धि के लिए निर्गुंडी फायदेमंद (Nirgundi Beneficial to increase Breastmilk during Breastfeeding in Hindi)
- 3.10 जोड़ों के दर्द से दिलाये राहत निर्गुंडी का काढ़ा (Nirgundi Beneficial to Get Relief from Gout in Hindi)
- 3.11 फोड़ो के इलाज में लाभकारी निर्गुंडी (Benefit of Nirgundi to Treat Blisters in Hindi)
- 3.12 हाथ-पैर के जलन में निर्गुंडी फायदेमंद (Nirgundi Beneficial to Get Relieve from Hand and Feet Burning Sensation in Hindi)
- 3.13 जांघों सुन्न हो जाने के इलाज में निर्गुंडी फायदेमंद (Nirgundi Beneficial to Treat Thigh Numbness in Hindi)
- 3.14 सिर के फूंसियों के इलाज में निर्गुंडी लाभकारी (Nirgundi Beneficial to Treat Boil in Hindi)
- 3.15 स्लिपडिस्क के इलाज में निर्गुंडी फायदेमंद (Nirgundi Beneficial to Treat Slipdisk Issue in Hindi)
- 3.16 नाड़ी के दर्द के इलाज में निर्गुंडी फायदेमंद (Nirgundi Beneficial to Treat Nerve Pain in Hindi)
- 3.17 निर्गुण्डी के औषधीय गुण से साइटिका का इलाज (Nirgundi Tree Uses to Treat Sciatica in Hindi)
- 3.18 निर्गुण्डी के औषधयी गुण से गठिया के दर्द से आराम (Uses of Nirgundi Tree for Gout in Hindi)
- 3.19 निर्गुण्डी के औषधीय गुण से मोच का इलाज (Nirgundi Plant Benefits for Sprain in Hindi)
- 3.20 फाइलेरिया (हाथीपाँव) में निर्गुण्डी का औषधीय गुण फायदेमंद (Nirgundi Tree Benefits for Elephantiasis in Hindi)
- 3.21 चर्म रोग में निर्गुण्डी का औषधयी गुण लाभदायक (Nirgundi Oil Benefits for Skin Problems in Hindi)
- 3.22 बुखार में निर्गुण्डी के फायदे (Benefits of Nirgundi Oil to Get Relief from Fever in Hindi)
- 3.23 गले के दर्द में निर्गुण्डी के फायदे (Benefits of Nirgundi Plant to Treat Throat Pain in Hindi)
- 3.24 सूजन की समस्या में निर्गुण्डी से लाभ (Nirgundi Taila Benefits to Reduce Swelling in Hindi)
- 3.25 निर्गुण्डी के औषधीय गुण से हाथ और पैर के छाले का इलाज (Benefits of Nirgundi Tails to Treat Hand and Foot blisters in Hindi)
- 3.26 निर्गुण्डी से घाव का इलाज (Benefits of Nirgundi Oil for Healing Wound in Hindi)
- 3.27 बच्चों के दांत निकलने की परेशानी में निर्गुण्डी का सेवन फायदेमंद (Nirgundi Taila Benefits for Infact Teeth Pain in Hindi)
- 3.28 शारीरिक कमजोरी के इलाज के लिए निर्गुण्डी का सेवन (Benefits of Nirgundi Taila to Treat Weakness in Hindi)
- 4 निर्गुण्डी के उपयोगी भाग (Useful Part of Nirgundi Plant)
- 5 निर्गुण्डी का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Nirgundi Plant in Hindi?)
- 6 निर्गुण्डी कहां पाया या उगाया है? (Where is Nirgundi Plant Found or Grown in Hindi?)
निर्गुण्डी क्या है? (What is Nirgundi in Hindi?)
निर्गुंडी सफेद, नीले और काले रंग के भिन्न-भिन्न फूलों वाली होती है। इसकी कई जातियाँ होती हैं, किन्तु नीला और सफेद, इसके दो मुख्य भेद हैं। पत्तों के आधार पर निर्गुण्डी की दो प्रजातियाँ मानी जाती हैं। Vitex negundo Linn. में पाँच पत्ते तथा तीन पत्ते भी पाए जाते हैं लेकिन Vitex trifoliaLinn. नामक निर्गुण्डी की प्रजाति में केवल तीन पत्ते ही पाए जाते हैं।
आयुर्वेद में कहा गया है – निर्ग़ुंडति शरीरं रक्षति रोगेभ्य तस्माद् निर्गुण्डी। इसका मतलब है जो शरीर की रोगों से रक्षा करे, वह निर्गुण्डी (Nirgundi or Vitex in Hindi) कहलाती है। इसके झाड़ (Nirgundi Plant) स्वयं पैदा होते हैं और सभी जगह पाए जाते हैं। इसके पत्तों को मसलने पर एक विशिष्ट प्रकार की दुर्गन्ध आती है। यह बूटी वात दोष के रोगों के लिए एक प्रसिद्ध औषधि है।
अनेक भाषाओं में निर्गुण्डी के नाम (Name of Nirgundi in Different Languages)
Nirgundi in –
निर्गुण्डी को देश-विदेश में अनेक नामों से जाना जाता है जो ये हैंः-
Scientific name of Nirgundi:
Nirgundi in:
- Hindi: सम्भालू, सम्हालू, सन्दुआर, सिनुआर, मेउड़ी
- English: Five leaved – chaste tree (फाईव लीवड् – चेस्ट ट्री) or हॉर्स शू वाइटेक्स (Horse shoe vitex)
- Sanskrit: निर्गुण्डी, सिंधुवार, इंद्रसुरस, इंद्राणीक
- Oriya: इन्द्राणी(Indrani), बेगुंडिया (Begundiya); कन्नड़ – बिलिनेक्कि (Bilenekki), श्रुन्गोलि (Shrungoli)
- Gujarati: नगोड़ा (Nagoda), नगड़ (Nagda)
- Tamil: नोच्चि (Nocchi), कुरुनोच्चि (Kurunochi Plant), विनोच्ची (Vennochi)
- Telugu: वाविली (Vavili), नलावाविली (Nalavavili)
- Bengali: निषिन्दा (Nishinda), समालु (Samalu)
- Nepali: सेवाली (Sewali)
- Punjabi: बन्ना (Banna), मरवन (Marwan)
- Marathi: लिंगुर (Lingur), निर्गुर (Nirgur)
- Malayalam: नोची (Nochi)
- Arabic: उसलाक (Uslaque)
- Persian: सिस्बन (Sisban), पंजागुष्ट (Panjagusht)
- Latin: Vitex negundo Linn. (वाइटैक्स निगुन्डो)
निर्गुण्डी के फायदे और उपयोग (Nirgundi Plant Benefits and Uses in Hindi)
ये निर्गुण्डी के औषधीय प्रयोग, प्रयोगा की मात्रा और विधियां हैंः-
सिर दर्द में निर्गुण्डी के फायदे (Benefits of Nirgundi Plant to Get Relief from Headache in Hindi)
- निर्गुण्डी फल के 2-4 ग्राम चूर्ण को दिन में दो-तीन बार शहद के साथ सेवन करने से सिर दर्द ठीक होता है।
- निर्गुण्डी के पत्तों को पीसकर सिर पर लेप करने से सरदर्द शांत होता है।
- निर्गुंडी, सेंधा नमक, सोंठ, देवदारु, पीपर, सरसों तथा आक के बीज को ठंडे जल के साथ पीसकर गोली बना लें। इस गोली को जल में घिसकर मस्तक पर लेप करने से सरदर्द ठीक (nirgundi ke fayde) होता है।
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कान बहने की समस्या में निर्गुण्डी के फायदे (Nirgundi Oil Benefits to Treat Ear Problem in Hindi)
निर्गुण्डी के पत्तों के रस में पकाए तेल को 1 – 2 बूंद कान में डालने से कान का बहना बंद होता है।
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मुंह के छाले में निर्गुण्डी के सेवन से लाभ (Nirgundi Oil Benefits for Mouth Ulcers in Hindi)
- निर्गुण्डी के पत्तों को पानी में उबालकर, उस पानी से कुल्ला करने से मुँह के छालों में लाभ होता है।
- निर्गुंडी तेल (Nirgundi Oil) को मुंह, जीभ तथा होठों में लगाने से तथा हल्के गर्म पानी में इस तेल को मिलाकर मुंह में रखकर कुल्ला करने से मुँह के छाले एवं फटे होंठों में लाभ (nirgundi ke fayde) होता है।
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पेट के रोग में निर्गुण्डी के सेवन से लाभ (Benefits of Nirgundi Plant for Stomach Related Problems in Hindi)
10 मि.ली. निर्गुण्डी पत्तों के रस में 2 दाने काली मिर्च और अजवायन चूर्ण मिला लें। इसे सुबह-शाम सेवन करने से पाचन-शक्ति बढ़ती है, पेट का दर्द ठीक होता है, और पेट में भरी गैस निकलती है।
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लीवर की समस्या में निर्गुण्डी के सेवन से लाभ (Nirgundi Plant Benefits for Liver Related Problems in Hindi)
- टायफायड में यदि रोगी की तिल्ली और लीवर बढ़ गए हो तो दो ग्राम निर्गुण्डी के पत्तों के चूर्ण में एक ग्राम हरड़ तथा 10 मि.ली. गोमूत्र मिलाकर लेने से लाभ होता है।
- दो ग्राम निर्गुण्डी चूर्ण में काली कुटकी व 5 ग्राम रसोत मिलाकर सुबह-शाम लेना चाहिए।
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सूजाक में निर्गुण्डी का औषधीय गुण फायदेमंद (Nirgundi Tree Uses to Treat Gonorrhoea in Hindi)
- सूजाक की शुरुआती अवस्था में निर्गुण्डी के पत्तों का काढ़ा बहुत फायदेमन्द होता है।
- जिस रोगी का पेशाब बंद हो गया हो, वह 20 ग्राम निर्गुण्डी को 400 मि.ली. पानी में उबालकर एक चौथाई शेष रहने तक काढ़ा बना लें। इस काढ़ा को 10-20 मि.ली. दिन में तीन बार पिलाने से पेशाब आने (nirgundi ke fayde) लगता है।
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प्रसव को आसान बनाने और मासिक धर्म विकार में फायदेमंद निर्गुंडी (Benefit of Nirgundi Tree to Treat Period Problems and ease Normal Delivary in Hindi)
- दो ग्राम निर्गुंडी बीज के चूर्ण का सेवन सुबह-शाम करने से मासिक धर्म विकारों में लाभ होता है।
- निर्गुण्डी को पीसकर नाभि, बस्ति प्रदेश और योनि पर लेप करने से प्रसव आसानी से हो जाता है।
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निर्गुण्डी के औषधीय गुण से कामशक्ति में वृद्धि (Benefit of Nirgundi to Boost Sexual Stamina in Hindi)
- 40 ग्राम निर्गुंडी और 20 ग्राम सोंठ को एक साथ पीसकर आठ खुराक बना लें। एक खुराक रोज दूध के साथ सेवन करने से मनुष्य की काम शक्ति बढ़ती है।
- निर्गुण्डी मूल को घिसकर शिश्न पर लेप करने से लिंग का ढीलापन दूर होता है।
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स्तनों में दूध वृद्धि के लिए निर्गुंडी फायदेमंद (Nirgundi Beneficial to increase Breastmilk during Breastfeeding in Hindi)
स्तनों के दूध की वृद्धि के लिए निर्गुन्डी फायदेमंद हो सकती है क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार निर्गुन्डी के पत्ते का प्रयोग स्तनों में दूध की मात्रा को बढ़ाने में सहायक होते है।
जोड़ों के दर्द से दिलाये राहत निर्गुंडी का काढ़ा (Nirgundi Beneficial to Get Relief from Gout in Hindi)
जोड़ों के दर्द में निर्गुंडी का काढ़ा फायदेमंद होता है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार निर्गुंडी में वात के शमन का गुण पाया जाता है जो कि वात को शांत कर जोड़ों के दर्द में फायदेमंद होता है।
फोड़ो के इलाज में लाभकारी निर्गुंडी (Benefit of Nirgundi to Treat Blisters in Hindi)
निर्गुंडी का प्रयोग फोड़ों के इलाज में किया जाता है क्योंकि निर्गुंडी में एन्टीबैक्ट्रियल और एंटीफंगल का गुण पाया जाता है जो कि घाव को फैलने नहीं देता है और फोड़े को जल्दी ठीक करने में मदद करता है।
हाथ-पैर के जलन में निर्गुंडी फायदेमंद (Nirgundi Beneficial to Get Relieve from Hand and Feet Burning Sensation in Hindi)
अगर आप के हाथ-पैरों में जलन है तो निर्गुंडी आपके लिये फ़ायदेमंद हो सकता है क्योंकि निर्गुंडी में एंटी-इन्फ्लामेटोरी और एनाल्जेसिक गुण पाये जाते है जो कि जलन के साथ -साथ दर्द भी कम करने में सहायक होता है।
जांघों सुन्न हो जाने के इलाज में निर्गुंडी फायदेमंद (Nirgundi Beneficial to Treat Thigh Numbness in Hindi)
उरूस्तम्भ (जांघों का सुन्न होना) के इलाज में निर्गुंडी का प्रयोग फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि निर्गुंडी में कफ- वात दोनों दोषों को शांत करने का गुण पाया जाता है जिससे उरूस्तम्भ (जांघों का सुन्न होना) में निर्गुंडी फायदेमंद होता है।
सिर के फूंसियों के इलाज में निर्गुंडी लाभकारी (Nirgundi Beneficial to Treat Boil in Hindi)
सिर की फुंसियां, अरुंषिका (वराही) के इलाज को दूर करने में निर्गुंडी का उपयोग फायदेमंद होता है क्योंकि निर्गुंडी में एन्टीबैट्रिअल और एंटीफंगल का गुण पाया जाता है जो कि त्वचा के इन समस्याओं को दूर करने में सहायक है।
स्लिपडिस्क के इलाज में निर्गुंडी फायदेमंद (Nirgundi Beneficial to Treat Slipdisk Issue in Hindi)
स्लिपडिस्क के इलाज में निर्गुंडी का उपयोग बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार निर्गुंडी में वात दोष को शांत करने का गुण होता है जिसके कारण स्लिपडिस्क में होने वाले दर्द और जकड़ाहट को निर्गुंडी कम करने में मदद करता है।
नाड़ी के दर्द के इलाज में निर्गुंडी फायदेमंद (Nirgundi Beneficial to Treat Nerve Pain in Hindi)
नाड़ी यानि नसों के दर्द में भी निर्गुंडी का उपयोग फायदेमंद होता है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार जहाँ भी दर्द होता है वहाँ का प्रकोप जरूर मिलता है। निर्गुंडी में वात को शान्त करने का गुण होता है इसलिए निर्गुंडी नाड़ी दर्द में राहत देती है।
निर्गुण्डी के औषधीय गुण से साइटिका का इलाज (Nirgundi Tree Uses to Treat Sciatica in Hindi)
- 10-12 ग्राम निर्गुण्डी की जड़ के चूर्ण को तिल तेल के साथ सेवन करने से सभी प्रकार के गठिया रोगों में लाभ (nirgundi ke fayde) होता है।
- 5-10 मि.ली. निर्गुन्डी रस में समान मात्रा में एरण्ड तेल (कैस्टर आइल) मिलाकर सेवन करने से वातविकार के कारण होने वाले कमरदर्द में आराम होता है।
- निर्गुण्डी के पत्तों से पकाए तेल की मालिश करने से तथा हल्का गर्म करके तेल लगाकर कपड़ा बाँधने से भी सभी प्रकार के गठिया के दर्दों में अत्यन्त लाभ होता है।
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निर्गुण्डी के औषधयी गुण से गठिया के दर्द से आराम (Uses of Nirgundi Tree for Gout in Hindi)
पाँच ग्राम निर्गुण्डी के चूर्ण या पत्तों का काढ़ा बना लें। इसकी 20 मि.ली. की मात्रा दिन में तीन बार पिलाने से साइटिका का दर्द दूर होता है।
और पढ़ेंः गठिया के दर्द से दिलाये राहत कुटकी
निर्गुण्डी के औषधीय गुण से मोच का इलाज (Nirgundi Plant Benefits for Sprain in Hindi)
निर्गुण्डी के पत्तों को कुचल कर उसकी पट्टी बाँधने से मोच तथा मोच के कारण होने वाले दर्द तथा सूजन ठीक होते हैं।
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फाइलेरिया (हाथीपाँव) में निर्गुण्डी का औषधीय गुण फायदेमंद (Nirgundi Tree Benefits for Elephantiasis in Hindi)
धतूरा, एरंड मूल, संभालू, पुनर्नवा, सहजन की छाल तथा सरसों को एक साथ मिला कर लेप करने से पुराने से पुराने हाथीपाँव (फाइलेरिया) में भी लाभ होता है।
और पढ़ेंः हाथीपाँव (फाइलेरिया) में विधारा का उपयोग लाभदायक
चर्म रोग में निर्गुण्डी का औषधयी गुण लाभदायक (Nirgundi Oil Benefits for Skin Problems in Hindi)
- 10-20 मिली निर्गुण्डी के पत्तों का रस सुबह-शाम पिलाने, और फफोलों पर पत्तों की सेंक करने से नारू रोग ठीक होता है।
- निर्गुण्डी की जड़ और पत्तों से पकाए तेल को लगाने से पुराने घाव, खुजली,एक्जीमा आदि चर्म रोग ठीक होते हैं।
- बराबर मात्रा में निर्गुण्डी के पत्ते, काकमाची तथा शिरीष के फूल को कुचल लें। इसमें घी मिला कर लेप करें। इससे चर्म रोग और विसर्प रोग में काफी लाभ होता है।
- दाद से प्रभावित स्थान पर निर्गुण्डी पत्तों को घिस लें। इसके बाद निर्गुण्डी रस में मिलाकर लेप करें। इससे शीघ्र लाभ (nirgundi ke fayde) होता है।
- निर्गुण्डी की जड़ एवं पत्तों के रस से पकाए हुए तिल तेल को पीने और उसकी मालिश आदि करने से नासूर, कुष्ठ, गठिया के दर्द, एक्जीमा आदि ठीक होते हैं।
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बुखार में निर्गुण्डी के फायदे (Benefits of Nirgundi Oil to Get Relief from Fever in Hindi)
- निर्गुण्डी के 20 ग्राम पत्तों को 400 मि.ली. पानी में चौथाई शेष रहने तक उबालकर काढ़ा बनायें। 10-20 मि.ली. काढ़े में दो ग्राम पिप्पली का चूर्ण मिलाकर पिलाने से निमोनिया बुखार में लाभ होता है।
- निर्गुन्डी के 10 ग्राम पत्तों को 100 मि.ली. पानी में उबालकर सुबह और शाम देने से बुखार और गठिया में लाभ होता है।
- मलेरिया यानी ठंड लगकर होने वाले तेज बुखार और कफ के कारण होने वाले बुखार के साथ अगर छाती में जकड़न हो तो निर्गुण्डी के तेल की मालिश करनी चाहिए। प्रयोग को ज्यादा असरदार बनाने के लिए तेल में अजवायन और लहसुन की 1 – 2 कली डाल दें, और तेल हल्का गुनगुना कर लें।
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गले के दर्द में निर्गुण्डी के फायदे (Benefits of Nirgundi Plant to Treat Throat Pain in Hindi)
- निर्गुण्डी के पत्तों को पानी में उबालें। इस पानी से कुल्ला करने से गले का दर्द ठीक होता है।
- निर्गुंडी तेल (Nirgundi Oil) को मुंह, जीभ तथा होठों में लगाने से, तथा हल्के गर्म पानी में इस तेल को मिलाकर मुंह में रख कर कुल्ला करने से गले का दर्द, टांसिल में लाभ (nirgundi ke fayde) होता है।
- इसकी जड़ को जल से पीस-छानकर 1 – 2 बूँद रस नाक में डालने से गंडमाला यानी गले में गांठों का रोग ठीक होता है।
और पढ़ेंः गले के दर्द और सूजन से ऐसे पाएं छुटकारा
सूजन की समस्या में निर्गुण्डी से लाभ (Nirgundi Taila Benefits to Reduce Swelling in Hindi)
- निर्गुण्डी के पत्तों को पीसकर गर्म करके लेप करने से अंडकोषों में होने वाली सूजन, जोड़ों की सूजन, आमवात आदि रोगों में सूजन के कारण होने वाली पीड़ा में लाभ होता है।
- निर्गुण्डी के काढ़ा में कमर को डुबोने से सूजन से आराम मिलता है।
और पढ़ेंः पैरों में सूजन के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे
निर्गुण्डी के औषधीय गुण से हाथ और पैर के छाले का इलाज (Benefits of Nirgundi Tails to Treat Hand and Foot blisters in Hindi)
ठंड में अधिक पानी के साथ काम करने से हाथ और पैरों में छाले पड़ जाते हैं तो उसमें निर्गुन्डी का तेल लगाने से फायदा होता है।
और पढ़ेंः जीभ पर छाले के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज
निर्गुण्डी से घाव का इलाज (Benefits of Nirgundi Oil for Healing Wound in Hindi)
- शरीर में किसी भी जगह कट-फट जाने पर, रगड़ लगने या छिल जाने निर्गुण्डी का तेल लगाना बहुत लाभदायक है।
- यदि रक्त निकलता हो और घाव बन जाये तो पिसी हुई हल्दी बुरककर पट्टी बाँध देनी चाहिए।
और पढ़ेंः अल्सर में उस्तूखूदूस का औषधीय गुण फायदेमंद
बच्चों के दांत निकलने की परेशानी में निर्गुण्डी का सेवन फायदेमंद (Nirgundi Taila Benefits for Infact Teeth Pain in Hindi)
बच्चों के दांत निकलने की परेशानी में निर्गुण्डी की जड़ को बालक के गले में पहनाने से आराम मिलता है। दांत जल्दी निकल आते हैं।
और पढ़ेंः बच्चों के दांत निकलने की तकलीफ में धातकी के औषधीय गुण से लाभ
शारीरिक कमजोरी के इलाज के लिए निर्गुण्डी का सेवन (Benefits of Nirgundi Taila to Treat Weakness in Hindi)
निर्गुन्डी की जड़, फल और पत्तों के रस से पकाए 10-20 ग्राम घी को नियमित पीने से शरीर पुष्ट होता है, तथा शारीरिक कमजोरी दूर होती है।
और पढ़ेंः शारीरिक कमजोरी में पीलू के प्रयोग से लाभ
निर्गुण्डी के उपयोगी भाग (Useful Part of Nirgundi Plant)
निर्गुण्डी के इन हिस्सों का इस्तेमाल किया जा सकता हैः-
- रस – 10-20 मि.ली.
- चूर्ण – 3-6 ग्राम
निर्गुण्डी का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Nirgundi Plant in Hindi?)
यहां निर्गुन्डी के फायदे और नुकसान से संबंधित सभी जानकारियां बहुत ही आसान भाषा (nirgundi in hindi) में लिखी गई हैं ताकि आप इसका पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन निर्गुण्डी का सेवन या उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।
निर्गुण्डी कहां पाया या उगाया है? (Where is Nirgundi Plant Found or Grown in Hindi?)
निर्गुण्डी का पौधा पूरे भारत में 1500 मीटर की ऊँचाई पर एवं हिमालय के बाहरी इलाकों में पाया जाता है।