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Cuscuta (Amarbel): अमरबेल के ज़बरदस्त फायदे – Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

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अमरबेल का परिचय (Introduction of Amarbel)

अमरबेल (Cuscuta (Amarbel) एक लता है। आपने इसे कई पेड़ों से लिपटा देखा होगा। यह प्रायः बबूल, बेर आदि पेड़ पर लिपटी नजर आती है। अमरबेल खेतों में भी मिल जाती है। इसका तना लंबा और पतला होता है। अमरबेल के तने से कई सारी पतली-पतली और शाखाएँ निकलती हैं। शाखाएँ काफी मजबूत होती हैं। इसकी लता और बीज का उपयोग जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है। अमरबेल के प्रयोग द्वारा आप रोगों से बच सकते हैं। इसके साथ ही अमरबेल का प्रयोग कर बीमारियों का इलाज भी कर सकते हैं।

आयुर्वेद में यह बताया गया है कि अमरबेल (cuscuta) वीर्य को बढ़ाता है, पाचनशक्ति ठीक करता है और आँख के रोगों में लाभदायक होता है। हृदय को स्वस्थ रखता है। यह पित्त, कफ के विकार और खराब पाचन से बनने वाले वात को भी ठीक करता है। यह मल के निकले को आसान बनाता है। इसके साथ ही अमरबेल (Cuscuta (Amarbel) के फायदे और भी हैं। आइए सभी लाभ के बारे में जानते हैं।

अमरबेल क्या है (What is Amarbel?)

अमरबेल (Dodder Plant) एक परजीवी (Parasitic Plant) और दूसरे पेड़ों पर निर्भर लता है, जो रस्सी की तरह बेर, शाल, करौदें आदि वृक्षों पर फैली रहती है। इसमें से महीन धागे के समान तन्तु निकलकर वृक्ष की डालियों का रस चूसते रहते हैं।

एक ही वृक्ष पर हर साल पैदा होने के कारण इसको अमरबेल (Amar bel Plant) कहते हैं। यह वृक्षों के ऊपर फैलती है, जमीन से बिना जुड़े केवल पेड़ पर ही होने के कारण इसे आकाशबेल (cuscuta) भी कहा जाता है।

इससे यह तो फलती-फूलती जाती है, लेकिन जिस पेड़ पर यह रहती है वह धीरे-धीरे सूखकर खत्म हो जाता है। आकाशवल्ली (Cuscuta (Amarbel) के फल थोड़े पीले-काले रंग के और बड़े होते हैं। इसे लैटिन में Cassytha filiformis Linn. कहते हैं। दोनों में कुछ गुण भेद भी पाया गया है। किसी का मत है कि अमरबेल (cuscuta) वह है जो केवल आम के पेड़ पर फैलती है, अन्य वृक्षों पर फैलने वाली आकाशबेल है।

अनेक भाषाओं में अमरबेल के नाम (Amarbel Called in Different Languages)

अमरबेल (amaram) का लैटिन नाम कस्कुटा रिफ्लैक्सा (Cuscuta reflexa Roxb., Syn-Cuscuta hookeri Sweet) है और यह कुल कस्कुटेसी ( Cuscutaceae) की लता है। अमरबेल (amar bail) को अन्य इन नामों से भी जाना जाता हैः-

Amarbel in-

  • English – जाएन्ट-डोडर (Giant-dodder); रिफ्लेक्सड डोडर (Reflexed dodder)
  • Sanskrit – अमरवल्ली, खवल्ली
  • Hindi – आकाश बेल, अमरबेल
  • Urdu – आकाशबेल (Akashabel)
  • Oriya – कोलानिरमुली (Kolanirmuli)
  • Assemmia – अमरलती (Amarlati)
  • Kannada – बड़ानीके (Badanike)
  • Gujarati – अमरबेल (Amarbel)
  • Tamil – कोडीयागुन्डल (Kodiyagundal)
  • Telugu – लन्जासवरमू (Lanjasavaramu)
  • Bengali – आलोक लता (Alok lata), अल्गुसी (Algusi), स्वर्णलता (Swarnalata)
  • Nepali – आकाशबेलो (Akashbelo), शिकारी लहर (Shikari lahara)
  • Punjabi – निराधार (Niradhar)
  • Marathi – आकाशबेल (Akashabel), निर्मली (Nirmali)
  • Malayalam – आकाशवल्ली (Akashvalli)
  • Arabic – कसूस (Kashus)
  • Persian – अफ्तीमून (Aftimoon)

अमरबेल के फायदे (Amarbel Benefits and Uses)

अमरबेल (amaram) का औषधीय प्रयोग, प्रयोग की मात्रा और तरीका ये हैं-

बालों को मजबूत बनाती है अमरबेल (Benefits of Amarbel in Hair Loss in Hindi)

अमरबेल (amar bail) को तिल या शीशम के तेल में पका लें। इसे सिर पर लगाने से बालों की जड़ें मजबूत बनती हैं। इससे गंजेपन में लाभ होता है।

लगभग 50 ग्राम अमरबेल को कूटकर एक लीटर पानी में पका लें। इससे बालों को धोने से बाल में चमक आती है और बाल सुनहरे होते हैं। इससे बालों का झड़ना तो रुकता ही है साथ ही रूसी भी खत्म होती है।

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मस्तिष्क रोग में अमरबेल से फायदा (Amar bel Benefits to Cure Mental Disease in Hindi)

अमरबेल (amaram) के 5-10 मि.ली. रस को पानी के साथ रोजाना सुबह और शाम पीने से मस्तिष्क रोग ठीक होता है।

आँख आने की परेशानी में अमरबेल से लाभ (Amarbel is Beneficial for Eye Disorder Treatment in Hindi)

10-20 मि.ली. अमरबेल (dodder) के रस में चीनी मिलाकर आँखों पर लगाने से आँख आना और आँखों की जलन की परेशानी से आराम मिलता है।

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जीभ के घाव में अमरबेल के प्रयोग से लाभ (Amarbel Deals with Oral Problem Treatment in Hindi)

अमरबेल पञ्चाङ्ग (amar bail plant) के पेस्ट को जीभ पर लेप करने से जीभ के घाव तुरंत भर जाते हैं।

पेट के रोग में अमरबेल के फायदे (Amar bel Uses in Cure Abdominal Disease in Hindi)

अमरबेल (dodder) को उबालकर पीसकर पेट पर लेप करने से पेट के रोग ठीक होते हैं। आकाश बेल का रस आधा लीटर और एक किलोग्राम मिश्री को मिलाकर धीमी आँच पर उबालते हुए शर्बत तैयार कर लें।

इसे सुबह और शाम 2 मि.ली. की मात्रा में पानी मिलाकर पीने से पेट की गैस और पेट के दर्द की समस्या ठीक होती है।

अमरबेल (Cuscuta (Amarbel) पञ्चाङ्ग का काढ़ा बनाकर उससे पेट पर सेंक करने से उलटी बंद होती है तथा पेट का दर्द ठीक होता है।

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अमरबेल के सेवन से बवासीर में लाभ (Amarbel Helps in Piles Treatment in Hindi)

अमरबेल (dodder) के 10 मि.ली. रस में 5 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर खूब घोंटकर रोज सुबह पिला दें। तीन दिन में ही खूनी और बादी बवासीर में विशेष लाभ होगा।

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लीवर विकार में अमरबेल का उपयोग फायदेमंद (Amarbel is Beneficial in Fighting with Liver Disorder in Hindi)

5-10 मिली अमरबेल के रस का सेवन करने से बुखार, लिवर विकार तथा कब्ज में लाभ होता है।

अमरबेल के 10-20 मिली काढ़े को पीने से या इसके पेस्ट को आमाशय तथा पेट पर लेप करने से फैटी लीवर ठीक होता है। आकाशवल्ली का प्रयोग पेशाब को बढ़ाने के लिए तथा किडनी की बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है।

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प्रसूती स्त्री से जुड़ी परेशानी में करें अमरबेल का इस्तेमाल (Amarbel is Beneficial in Placenta in Hindi)

10-20 मिली अमरबेल (Cuscuta (Amarbel) के काढ़े को पिलाने से प्रसूता स्त्री की अपरा (Placenta) जल्दी निकल जाती है।

हाइड्रोसील (अंडकोष की बीमारी) की समस्या में अमरबेल का उपयोग फायदेमंद (Amar bel Benefits in Cure Hydrocele Disease in Hindi)

अमरबेल (dodder plant) का काढ़ा बनाएं। काढ़े की भाप से अण्डकोष को पसीना आने तक सेंकने से अण्डकोष की सूजन ठीक होती है।

अमरबेल से यौन रोग का इलाज (Benefits of Amarbel in Cure Sexual Disease in Hindi)

अमरबेल का काढ़ा बनाकर उससे योनि को धोने से योनि के विकार ठीक होते हैं।

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जोड़ों के दर्द के इलाज के लिए करें अमरबेल का उपयोग (Amarbel Treats Arthritis in Hindi)

अमरबेल के काढ़े या अमरबेल को पीसकर गुनगुना कर लेप करने से गठिया जैसी बीमारी में होने वाली परेशानी जैसा- जोड़ों का दर्द तथा सूजन की समस्या से आराम मिलता है। इस काढ़े का प्रयोग स्नान करने के लिए भी करना चाहिए।

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घाव सुखाने के लिए करें अमरबेल का प्रयोग (Amarbel Heals Chronic Wounds in Hindi)

अमरबेल के 2-4 ग्राम चूर्ण या ताजी बेल को पीसकर सोंठ और घी मिलाकर लेप करने से पुराना घाव भी भर जाता है।

अमरबेल (Cuscuta (Amarbel) पञ्चाङ्ग का काढ़ा बनाकर उससे घाव को धोने से घाव तथा त्वचा की सूजन ठीक होते हैं।

खुजली की दवा अमरबेल (Amarbel Treats Skin Problems in Hindi)

अमरबेल को पीसकर लेप करने से खुजली शांत होती है।

4 ग्राम ताजी अमरबेल का काढ़ा बनाकर पीने से पित्त के कारण होने वाले विकार ठीक होते हैं। इसससे खून भी साफ होता है।

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कमजोरी दूर करती है अमरबेल (Amarbel Cures Body Weakness in Hindi)

10 ग्राम ताजी अमरबेल (Cuscuta (Amarbel) को मसलकर साफ महीन कपडे में पोटली बांधें। इसे आधे लीटर गाय के दूध में डालकर धीमी आँच पर पकाएं। जब इसका एक चौथाई दूध जल जाए तब ठंडा कर मिश्री मिलाकर पिएँ। इससे शरीर की कमजोरी दूर होती है।

बुखार उतारने के लिए करें अमरबेल का सेवन (Amarbel Uses in Fighting with Fever in Hindi)

अमरबेल पञ्चाङ्ग (dodder plant) के चूर्ण का सेवन करने से बुखार ठीक होता है। तीसरे या चौथे दिन आने वाले बुखार में भी अमरबेल को गले में बांध लेने से बुखार नहीं चढ़ता है।

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शिशुओं के रोग में फायदेमंद अमरबेल (Uses of Amarbel in Infants Disease in Hindi)

अमरबेल (amarbel) को शुभ मुहूर्त में लाकर सूती धागों में बाँधकर बच्चों के गले व बाँह में बांधने से विभिन्न प्रकार के शिशु रोग ठीक होते हैं।

अमरबेल के सेवन की मात्रा (How Much to Consume Amarbel?)

रस – 10-20 मि.ली.

अमरबेल के सेवन का तरीका (How to Use Amarbel?)

अधिक लाभ के लिए अमरबेल का इस्तेमाल चिकित्सक के परामर्शानुसार करें।

अमरबेल कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Amarbel Found or Grown?)

अमरबेल (amarbel) की तला पूरे भारत में पाई जाती है। यह खेतों में भी देखी जा सकती है। अधिकांशतः अमरबेल पेड़ों आदि लिपटी नजर आती हैं।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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