Contents
क्या आप जानते हैं कि बहेड़ा (Baheda) क्या है या बहेड़ा का उपयोग किस चीज में किया जाता है? अगर आप नहीं जानते हैं तो यह जान लीजिए कि बहेड़ा (Bibhitaki) का तेल बालों को काला करने के लिए उपयोगी माना जाता है। आग से जलने के कारण हुए घाव पर भी बहेड़ा का तेल लाभकारी है। बहेड़ा (terminalia bellerica) वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को दूर करता है, लेकिन इसका मुख्य प्रयोग कफ-प्रधान विकारों में होता है। यह आँखों के लिए हितकारी, बालों के लिए पोषक होता है।
इतना ही नहीं बहेड़ा terminalia bellerica असमय बाल पकने, गला बैठने, नाक सम्बन्धी रोग, रक्त विकार, कंठ रोग (लैरियेंगोट्राकियोब्रॉन्काइटिस) तथा हृदय रोगों में फायदेमंद होता है। बहेड़ा कीड़ों को मारने वाली औषधि है। बहेड़े के फल की मींगी मोतियाबिन्द को दूर करती है। इसकी छाल खून की कमी, पीलिया और सफेद कुष्ठ में लाभदायक है। इसके बीज कड़वे, नशा लाने वाले, अत्यधिक प्यास, उल्टी, तथा दमा रोग का नाश करने वाले हैं।
बहेड़ा (bibhitaki) त्रिफला (triphala) का एक अंग है। वसंत ऋतु में इसके पत्ते झड़ जाने के बाद इस पर ताम्बे के रंग के नई टहनी या शाखा निकलते हैं। गर्मी के मौसम के आगमन तक इसी टहनी या शाका के साथ फूल खिलते हैं। वसंत के पहले तक इसके फल पक जाते हैं। बहेड़ा के फलों का छिलका कफनाशक होता है। यह कंठ और सांस की नली से जुड़ी बीमारी पर बहुत असर करती है। इसके बीजों की गिरी दर्द और सूजन ख़त्म करती है।
बहेड़ा, आंवला, हरीतकी यह सब कफनाशक, योनिदोषनाशक, दूध को शुद्ध करने वाले और पाचक हैं। बहेड़ा विरेचक (Laxative) भी होता है। यह आमाशय को शक्ति देता है। आमाशय को ताकत देने वाली कोई भी दूसरी औषधि इससे बढ़कर नहीं है। इसका आधा पका फल रेशेदार और पाचक होता है। बहेड़ा बालों के लिए लाभकारी तथा मज्जा मदकारी होती है।
बहेड़ा का वानस्पतिक नाम Terminalia bellirica (Gaertn.) Roxb. (टर्मिनेलिया बेलेरिका) Syn-Myrobalanus bellirica Gaertn. है और यह Combretaceae (कॉम्ब्रेटेसी) कुल का है। इसका लैटिन नाम Belleric myrobalan (बेलेरिक मॉयरोबालान) है। इसे अन्य इन नामों से भी जाना जाता हैः-
Baheda in –
अब तक आपने जाना कि बहेड़ा (bibhitaki) के कितने नाम हैं। आइए अब जानते हैं कि बहेड़ा का औषधीय प्रयोग कैसे और किन बीमारियों में किया जा सकता हैः-
बहेड़ा फल की मींगी का तेल बालों के लिए अत्यन्त पौष्टिक है। इससे बाल स्वस्थ हो जाते हैं।
और पढ़ें – ड्राई आई सिंड्रोम में एलोवेरा जेल फायदेमंद
1½ ग्राम बहेड़ा में समान मात्रा में शक्कर मिला लें। इसे कुछ दिन तक खाने से अधिक लार बहने की परेशानी ठीक होती है।
और पढ़े – हिचकी में कुटकी से फायदा
बहेड़ा के फल के मज्जा के 3-4 ग्राम चूर्ण में मधु मिला लें। इसे सुबह-शाम चाटने से गुर्दे की पथरी की बीमारी में लाभ होता है।
और पढ़ें – गुर्दे की पथरी निकालने के घरेलू उपाय
और पढ़े: छींक के घरेलू इलाज
बहेड़ा के फल के चूर्ण तथा अश्वगंधा चूर्ण को समान मात्रा में मिला लें। इसे 5 ग्राम की मात्रा में लेकर गुड़ मिलाकर गर्म पानी के साथ सेवन करने से हृदय रोग में लाभ होता है।
और पढ़ें: अश्वगंधा के फायदे
और पढ़ें – टाइफाइड में लौंग फायदेमंद
बहेड़ा (vibhitaki) के फल के मज्जा के 3-4 ग्राम चूर्ण में मधु मिला लें। इसे सुबह-शाम चाटने से पेशाब में जलन की समस्या में लाभ होता है।
बहेड़ा, रोहिणी, कुटज, कैथ, सर्ज, सप्तपर्ण तथा कबीला के फूलों का चूर्ण बना लें। इसे 2 से 3 ग्राम की मात्रा में लेकर 1 चम्मच मधु के साथ मिलाकर सेवन करें। इससे पित्त विकार के कारण हुए डायबिटीज में लाभ होता है।
और पढ़े: डायबिटीज के घरेलू उपचार
3 ग्राम बहेड़ा के चूर्ण में 6 ग्राम गुड़ मिला लें। इसे रोज सुबह-शाम सेवन करने से नपुंसकता मिटती है और काम भावना बढ़ती है।
बहेड़ा (vibhitaki) फल की मींगी का तेल खाज, खुजली आदि त्वचा रोग में लाभकारी है तथा जलन कम करने वाला है। इसकी मालिश से खुजली और जलन की परेशानी ठीक हो जाती है।
बहेड़ा और जवासे के 40-60 मिली काढ़े में 1 चम्मच घी मिला लें। इसे दिन में तीन बार पीने से पित्त और कफ विकार से हुए बुखार में लाभ होता है।
बहेड़ा के मज्जा को पीसकर शरीर पर लेप करने से पित्तज बुखार से होने वाली जलन कम होती है।
और पढ़े: बुखार के लिए डाइट चार्ट
बहेड़ा के बीजों को पीस कर लेप करने से सभी प्रकार की सूजन, जलन और दर्द का नाश होता है।
बहेड़ा की मींगी का लेप करने से पित्त विकार के कारण आयी सूजन का ठीक होती है।
बहेड़ा (vibhitaki) का अधिक मात्रा में सेवन करने से उलटी हो सकती है।
छाल
फल
सूखे फलों के बीज
मज्जा
3-6 ग्राम
अधिक लाभ के लिए चिकित्सक के परामर्शानुसार बहेड़ा का प्रयोग करें।
बहेड़ा के वृक्ष (baheda tree) लगभग पूरे भारत में पाये जाते हैं। ये मुख्य रूप से मैदानी एवं पहाड़ी क्षेत्रों के पर्णपाती वनों में लगभग 1000 मीटर की ऊँचाई तक पाए जाते हैं।
और पढ़े – डायबिटीज में अगरु के फायदे
पतंजलि दिव्य बहेड़ा चूर्ण (Patanjali Divya Baheda Churna) खरीदने के लिए यहां क्लिक करें।
मौसम बदलने पर अक्सर देखा जाता है कि कई लोगों के गले में खराश की समस्या हो जाती है. हालाँकि…
अभी भी पूरा विश्व कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरी तरह उबर नहीं पाया है. कुछ महीनों के अंतराल पर…
डेंगू एक गंभीर बीमारी है, जो एडीस एजिप्टी (Aedes egypti) नामक प्रजाति के मच्छरों से फैलता है। इसके कारण हर…
वायु प्रदूषण का स्तर दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है और सर्दियों के मौसम में इसका प्रभाव हमें साफ़ महसूस…
तोदरी का परिचय (Introduction of Todari) आयुर्वेद में तोदरी का इस्तेमाल बहुत तरह के औषधी बनाने के लिए किया जाता…
पुदीना का परिचय (Introduction of Pudina) पुदीना (Pudina) सबसे ज्यादा अपने अनोखे स्वाद के लिए ही जाना जाता है। पुदीने…