अल्ट्रासेट टैबलेट
परिचय
अल्ट्रासेट टैबलेट को आपके डॉक्टर द्वारा बताई गई खुराक और अवधि के अनुसार लिया जाना चाहिए. इसे खाने के साथ या बिना खाए लिया जा सकता है. अगर आपको पेट में परेशानी होती है, तो दवा को खाने के साथ लें. खुराक लेना न भूलना और जब तक आपका डॉक्टर आपको न बताए कि दवा को रोकना सुरक्षित है, तब तक इन्हें लेते रहना आवश्यक है. अपने डॉक्टर से पूछे बिना इस दवा का इस्तेमाल बंद न करें.
यह दवा कुछ रोगियों में उल्टी, मिचली आना , मुंह सूखना, चक्कर आना, और कब्ज जैसे साइड इफेक्ट पैदा कर सकती है. ये आमतौर पर हल्के होते हैं और थोड़े समय के बाद गायब हो जाते हैं. अगर इस दवा का सेवन करते समय रैश या एलर्जी का रिएक्शन दिखता है तो तुरंत अपने डॉक्टर को सूचित करें. अगर आप गर्भवती हैं, गर्भधारण करने के बारे में सोच रही हैं, या स्तनपान करवा रही हैं, तो इस दवा को लेने से पहले अपने डॉक्टर से पूछें.
अल्ट्रासेट टैबलेट के मुख्य इस्तेमाल- Ultracet Tablet uses in hindi
- धीमे से तेज होता दर्द
अल्ट्रासेट टैबलेट के फायदे- Ultracet Tablet benefits in hindi
धीमे से तेज होता दर्द में
अल्ट्रासेट टैबलेट के साइड इफेक्ट- Ultracet Tablet side effects in hindi
अल्ट्रासेट के सामान्य साइड इफेक्ट
- मिचली आना
- उल्टी
- कब्ज
- चक्कर आना
- ड्राइनेस इन माउथ
- नींद आना
- डायरिया
- पेट में दर्द
- डिस्पेप्सिया
- पेट की गैस
- सिरदर्द
- सिहरन
- चिंता
- नींद से जुड़ी समस्या
- खुजली
अल्ट्रासेट टैबलेट का इस्तेमाल कैसे करें- How to take Ultracet Tablet in hindi
अल्ट्रासेट टैबलेट कैसे काम करता है- How Ultracet Tablet works in hindi
सुरक्षा संबंधी सलाह
अगर शिशु को अधिक नींद आने, (सामान्य से अधिक), स्तनपान करने, सांस लेने जैसी समस्या या चलने में परेशानी होती है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें.
हालांकि, लिवर की गंभीर बीमारी और लिवर की एक्टिव बीमारी से पीड़ित मरीजों को अल्ट्रासेट टैबलेट का इस्तेमाल करने की सलाह नहीं दी जाती है.
अगर आप अल्ट्रासेट टैबलेट लेना भूल जाएं तो?
सभी विकल्प
ख़ास टिप्स
- अल्ट्रासेट टैबलेट का उपयोग विभिन्न दर्दनाक स्थितियों के इलाज में किया जाता है.
- पेट खराब होने से बचाने के लिए इसे दूध या भोजन के साथ लेना बेहतर है.
- इस दवा को लेते समय खूब पानी पिएं.
- अपने डॉक्टर से पूछे बिना दर्द की कोई और दवा न लें.
- दीर्घकालिक उपचार के दौरान, आपकी लिवर कार्यक्षमता की निगरानी करने के लिए आपके डॉक्टर नियमित ब्लड टेस्ट लेना चाह सकते हैं.
- अगर आपका पेट में अल्सर, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और लिवर या किडनी की बीमारियों का इतिहास है तो अपने डॉक्टर को सूचित करें.