इमिजेट 500mg इन्जेक्शन
परिचय
इमिजेट 500mg इन्जेक्शन को हॉस्पिटल सेटिंग में हेल्थकेयर प्रोफेशनल की देखरेख में दिया जाता है. इसे खुद से नहीं लगाना चाहिए. इस दवा को अपने डॉक्टर द्वारा निर्धारित खुराक और अवधि में ही लें और अगर आप कोई खुराक लेना भूल गए हैं तो उसे जल्द ही ले लें. डॉक्टर द्वारा निर्धारित अवधि तक आपको इस दवा का सेवन जारी रखना चाहिए और अचानक इसे लेना बंद नहीं करना चाहिए.
इस दवा के इस्तेमाल से चक्कर आना, कमजोरी , सुस्ती , पेरिफेरल न्यूरोपैथी (पैर और हाथों में झुनझुनी और सुन्नता), और फ्लशिंग (चेहरे, कान, गर्दन और धड़ में गर्माहट) आदि साइड इफेक्ट हो सकते हैं ). हालांकि, ये आमतौर पर अस्थायी होते हैं और आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाते हैं. अगर ये कम नहीं होते हैं या आपको परेशान करते हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें.
इससे इलाज के शुरुआत में नींद आ सकती है, इसलिए गाड़ी और मशीनरी न चलाएं, जब तक आप यह नहीं जानते कि यह दवा आपको कैसे प्रभावित करती है. यह दवा आपके मूड में बदलाव ला सकती है और आप असहज महसूस कर सकते/सकती हैं. इसलिए, व्यवहार की नियमित निगरानी महत्वपूर्ण है. गर्भवती या स्तनपान करने वाली माताओं को इस दवा को लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए.
अगर आप हार्ट की किसी समस्याओं से पीड़ित हैं तो अपने डॉक्टर को बताएं क्योंकि इमिजेट 500mg इन्जेक्शन का इस्तेमाल हार्ट की कुछ बीमारियों में कोट्राइंडिकेटिड है. इस दवा लेते समय ब्लड प्रेशर की नियमित निगरानी आवश्यक है. अगर यह दवा लेने के बाद आपको सीने या पेट में तेज दर्द, खूनी डायरिया या हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें और इस दवा को रोक दें.
इमिजेट इन्जेक्शन के मुख्य इस्तेमाल
इमिजेट इन्जेक्शन के साइड इफेक्ट
इमिजेट के सामान्य साइड इफेक्ट
- कमजोरी
- फ्लशिंग (चेहरे, कान, गर्दन और शरीर में गर्मी महसूस होना)
- सुस्ती
- पेरीफेरल न्यूरोपैथी (हाथों और पैरों में झुनझुनी)
- चक्कर आना
इमिजेट इन्जेक्शन का इस्तेमाल कैसे करें
इमिजेट इन्जेक्शन किस प्रकार काम करता है
सुरक्षा संबंधी सलाह
लिवर की गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को इमिजेट 500mg इन्जेक्शन का इस्तेमाल करने की सलाह नहीं दी जाती है.
अगर आप इमिजेट इन्जेक्शन लेना भूल जाएं तो?
सभी विकल्प
ख़ास टिप्स
- आपको इमिजेट 500mg इन्जेक्शन लेने की सलाह माइग्रेन के सिरदर्द के इलाज के लिए दी गयी है.
- कुछ सुझाव जो माइग्रेन अटैक से बचने में मदद कर सकते हैं:
- हर दिन एक ही समय खाना खाएं
- तेज रोशनी और अधिक तापमान से बचें
- तेज संगीत और शोरगुल वाली जगहों पर ना जाएँ
- चॉकलेट, चीज़, प्रोसेस्ड फूड, शराब और धूम्रपान से बचें
- पर्याप्त नींद लें और तनाव से बचें
- इससे नींद आ सकती है. गाड़ी चलाना या ऐसा कोई काम न करें जिसमें दिमागी एकाग्रता की ज़रूरत होती है जब तक आप ये न जान लें कि यह आप पर कैसे असर डालता है.
- अगर दवा शुरू करने के बाद आपको माइग्रेन अधिक होने लगा है, तो अपने डॉक्टर को सूचित करें.
- अगर आपको पेट दर्द, सिरदर्द, खूनी दस्त या बदतर होता हाई ब्लड प्रेशर है तो अपने डॉक्टर को सूचित करें.
- अगर आपको पहले से स्ट्रोक या ह्रदय से जुड़ी बीमारी है तो डॉक्टर को सूचित करें.
- ये दवा माइग्रेन के दौरे के होने से नहीं रोकती है.
फैक्ट बॉक्स
यूजर का फीडबैक
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इमिजेट 500mg इन्जेक्शन मुझे देना तय किया गया है. क्या मैं इमिजेट 500mg इन्जेक्शन के साथ इसके समान अन्य माइग्रेन की दवाएं ले सकता/सकती हूं?
क्या माइग्रेन परिवारों में चलता है?
मुझे कैसे पता चलेगा कि माइग्रेन अटैक शुरू होने वाला है?
क्या मैं प्रोप्रानोलोल के साथ इमिजेट 500mg इन्जेक्शन ले सकता/सकती हूं?
माइग्रेन को रोकने के लिए इस्तेमाल की गई दवाएं कब लेना चाहिए?
क्या इमिजेट 500mg इन्जेक्शन से लिवर को नुकसान हो सकता है?
Disclaimer:
टाटा 1mg's का एकमात्र उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उसके उपभोक्ताओं को एक्सपर्ट द्वारा जांच की गई, सटीक और भरोसेमंद जानकारी मिले. हालांकि, यहां निहित जानकारी का उपयोग एक योग्य चिकित्सक की सलाह के लिए विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए. यहां दिए गए विवरण सिर्फ़ आपकी जानकारी के लिए हैं. यह संभव है कि इसमें स्वास्थ्य संबधी किसी विशेष समस्या, लैब टेस्ट, दवाओं और उनके सभी संभावित दुष्प्रभावों, पारस्परिक प्रभाव और उनसे जुड़ी सावधानियां एवं चेतावनियों के बारे में सारी जानकारी सम्मिलित ना हो। किसी भी दवा या बीमारी से जुड़े अपने सभी सवालों के लिए डॉक्टर से संपर्क करें. हमारा उद्देश्य डॉक्टर और मरीज के बीच के संबंध को मजबूत बनाना है, उसका विकल्प बनना नहीं.रिफरेंस
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- Briggs GG, Freeman RK, editors. A Reference Guide to Fetal and Neonatal Risk: Drugs in Pregnancy and Lactation. 10th ed. Philadelphia, PA: Wolters Kluwer Health; 2015. pp. 1302-303.