
दूध को सबसे ज्यादा नेचुरल हेल्दी ड्रिंक में से एक माना जाता है और कैल्शियम एवं प्रोटीन से भरपूर होने की वजह से यह बात काफी हद तक सच भी है। हम में से कई लोग बेहतर अवशोषण के लिए सप्लीमेंट्स के साथ दूध लेते हैं। लेकिन कुछ सप्लीमेंट्स के साथ दूध का कॉम्बिनेशन अनहेल्दी भी हो सकता है। दूध, सप्लीमेंट्स के प्रभाव को कम कर सकता है, या फायदे की जगह आपको नुकसान पहुँचा सकता है। आइए ऐसे 5 सप्लीमेंट्स के बारे में जानते हैं, जिन्हें दूध के साथ कभी नहीं लेना चाहिए (supplements not to take with milk in hindi), ताकि आप सप्लीमेंट्स का भरपूर फायदा उठा सकें।
सप्लीमेंट्स क्यों जरुरी हैं?

भागदौड़ भरे जीवन, अनियमित खानपान, फिटनेस गोल्स या पोषण की कमी के कारण, कई बार शरीर को सभी जरुरी पोषक तत्व सिर्फ भोजन से नहीं मिल पाते। ऐसे में डाइट्री सप्लीमेंट्स मददगार साबित होते हैं।
सप्लीमेंट्स ऐसे प्रोडक्ट्स होते हैं, जो आपकी डाइट में पोषक तत्वों की पूर्ति करने के लिए बनाए जाते हैं। इनमें आम तौर पर हर्ब्स, मिनरल्स, विटामिन, अमीनो एसिड और एंजाइम शामिल होते हैं। ये टैबलेट, कैप्सूल, पाउडर या तरल (Liquid) के रूप में मिलते हैं। कुछ सप्लीमेंट्स संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के साथ-साथ बीमारियों के खतरे को कम करने में भी सहायक होते हैं।
दूध के साथ कभी न लेने वाले सप्लीमेंट्स

1. आयरन
आयरन शरीर में रेड ब्लड सेल्स के लिए जरुरी मिनरल है, जो ऑक्सीजन को पूरे शरीर में पहुँचाता है। हालाँकि अधिकांश लोगों को यह उनके भोजन से ही पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है, लेकिन कुछ लोगों में इसकी कमी से एनीमिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
अगर आप आयरन सप्लीमेंट ले रहे हैं तो ध्यान रखें कि इसे दूध या किसी दूसरे डेयरी प्रोडक्ट के साथ न लें। दूध में मौजूद कैल्शियम आयरन के अवशोषण को रोक देता है, इसलिए फेरस सल्फेट,फेरस फ्यूमरेट और फेरस ग्लूकोनेट जैसे सप्लीमेंट्स को दूध के साथ लेने से उनका असर कम हो जाता है और अवशोषण भी अच्छे से नहीं हो पाता।
2. जिंक
जिंक एक महत्वपूर्ण मिनरल है जो इम्यूनिटी, हीलिंग और सेल्स (Cells) की ग्रोथ में अहम भूमिका निभाता है। जिंक और कैल्शियम दोनों ही शरीर में एक ही रास्ते (प्रक्रिया) से अवशोषित होते हैं। इसलिए दूध में मौजूद कैल्शियम, जिंक के अवशोषण को कम कर देता है। अगर आप जिंक सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो किसी भी प्रकार के दूध (चाहे वह डेयरी, बादाम, सोया या कोई और हो) के साथ इसे न लें।
3. मैग्नीशियम
मैग्नीशियम भी एक ऐसा जरुरी मिनरल है जिसकी कमी कई लोगों के आहार में पाई जाती है। अगर आप इसे सप्लीमेंट के रूप में लेते हैं तो दूध के साथ लेने से बचें।
दूध में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला लैक्टोज, अगर हाइड्रोलाइज़ हो जाए, तो मैग्नीशियम के अवशोषण को कम कर सकता है। हालाँकि शरीर के लिए कैल्शियम और मैग्नीशियम दोनों ही जरूरी हैं, लेकिन दोनों लेने से मैग्नीशियम का अवशोषण कम हो जाता है। जैसे-जैसे आप कैल्शियम का सेवन बढ़ाते हैं, मैग्नीशियम का अवशोषण और मुश्किल हो जाता है।
4. कैल्शियम
हो सकता है आपको यह सुनकर थोड़ा अजीब लगे कि कैल्शियम सप्लीमेंट को दूध के साथ नहीं चाहिए, जबकि दूध खुद कैल्शियम का एक मुख्या स्रोत है।
दरअसल ज्यादा कैल्शियम शरीर के लिए हमेशा अच्छा नहीं होता। दूध या पनीर के साथ कैल्शियम सप्लीमेंट्स लेने से शरीर में कैल्शियम की मात्रा जरुरत से ज्यादा बढ़ जाती है, जिससे दूसरे मिनरल्स के अवशोषण में रूकावट आती है।
कैल्शियम का बहुत अधिक सेवन किडनी स्टोन जैसी सस्याओं का कारण भी बन सकता है। इसलिए बेहतर परिणामों के लिए कैल्शियम सप्लीमेंट और दूध का सेवन अलग-अलग समय पर करें।
5. मल्टीविटामिन
मल्टीविटामिन कई ऐसे अलग-अलग विटामिनों का मिश्रण होते हैं, जो आमतौर पर भोजन और दूसरे प्राकृतिक स्रोतों में पाए जाते हैं। रोजाना मल्टीविटामिन लेने से हमें पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। कई लोग सुबह नाश्ते के साथ दूध पीते हुए मल्टीविटामिन ले लेते हैं। हालाँकि इनमें मौजूद कुछ पोषक तत्व, (जैसे फैट में घुलनशील विटामिन A, D, E, और K, दूध के साथ लेने से फायदेमंद हो सकते हैं, क्योंकि इसमें फैट होता है। लेकिन दूध में मौजूद कैल्शियम और प्रोटीन अन्य विटामिन्स एवं मिनरल्स के अवशोषण को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए मल्टीविटामिन को दूध के साथ लेने की सलाह नहीं दी जाती।
निष्कर्ष
सप्लीमेंट से मिलने वाले फायदे सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करते कि आप कौन से सप्लीमेंट लेते हैं, बल्कि यह देखना भी बहुत जरुरी है कि आप इन्हें कितनी मात्रा में और किन चीजों के साथ लेते हैं। दूध पीना बेशक फ़ायदेमदं होता है, लेकिन सभी सप्लीमेंट्स दूध के साथ अच्छी तरह काम नहीं कर पाते। डेयरी प्रोडक्ट्स में मौजूद कैल्शियम, प्रोटीन और फैट्स, कई पोषक तत्वों जैसे आयरन, जिंक और मैग्नीशियम के अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं।
सप्लीमेंट्स (supplements not to take with milk in hindi) लेते समय सही मात्रा और सही कॉम्बिनेशन चुनें- यानी इन्हें खाली पेट और सादे पानी के साथ लेना सबसे अच्छा होता है। अगर दूध पीना जरुरी हो, तो सप्लीमेंट लेने के 2 से 4 घंटे बाद पिएं। साथ ही, किसी भी नए सप्लीमेंट को शुरू करने से पहले हमेशा डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल से सलाह लें, ताकि आप अपने शरीर की जरुरत और संभावित दुष्प्रभावों को अच्छी तरह समझ सकें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1-क्या मैं दूध के साथ सप्लीमेंट ले सकता हूँ?
कुछ सप्लीमेंट्स के साथ दूध फायदेमंद हो सकता है और कुछ के साथ नहीं। ऐसे में हमेशा किसी एक्सपर्ट से सलाह लेना बेहतर होता है।
2-क्या मैं मल्टीविटामिन को दूध के साथ ले सकता हूँ?
नहीं, क्योंकि दूध में मौजूद कैल्शियम और प्रोटीन आयरन एवं जिंक जैसे जरुरी मिनरल्स के अवशोषण को रोक सकते हैं।
3-क्या प्लांट बेस्ड मिल्क भी सप्लीमेंट के साथ नुकसानदायक हो सकते हैं?
हाँ, क्योंकि कई प्लांट-बेस्ड मिल्क में भी कैल्शियम मिलाया जाता है। जिसके साथ सप्लीमेंट लेने से अवशोषण संबंधी समस्या हो सकती है।
4-सप्लीमेंट्स लेने के लिए सबसे अच्छी ड्रिंक कौन सी है?
जब तक की डॉक्टर आपको कुछ और लेने के लिए न कहें, सप्लीमेंट लेने के लिए सादा पानी सबसे सुरक्षित, फायदेमंद और प्रभावी विकल्प है।
5-अगर मैंने दूध पी लिया है तो सप्लीमेंट लेने से पहले कितनी देर रुकना चाहिए?
दूध और सप्लीमेंट ले बीच कम से कम 2 घंटे का अंतर रखें।
(इस लेख की समीक्षा डॉ. स्वाति मिश्रा, मेडिकल एडिटर ने की है)
Image Source: Freepik
ये भी पढ़ें-
- नैचुरली ग्लोइंग स्किन पाने के लिए इन 5 कोरियन फूड्स को करें ट्राई
- मजबूत, घने और लंबे बालों के लिए डेली रूटीन में शामिल करें ये 6 सीड्स