शिरीष का परिचय (Introduction of Lebbeck Tree)
क्या आपको पता है कि शिरीष क्या है? या शिरीष का उपयोग (Shireesh Uses) किन कामों में किया जाता है? अगर आपका उत्तर नहीं है तो यह जानकारी आपके लिए है। शिरीष एक औषधि है जिसका इस्तेमाल रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में शिरीष के प्रयोग से जुड़ी बहुत सारी अच्छी बातें बताई गई हैं।
What is Lebbeck Tree?
Lebbeck tree name in different languages
Benefits and Uses of Lebbeck Tree
How to Use Lebbeck Tree?
Doses of Lebbeck Tree
Side Effects of Lebbeck Tree
Where is Lebbeck Tree Found and Grown
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि शिरीष (Shireesh) तीनों ही विकारों अर्थात कफ, वित्त और वायु गैस को नियंत्रित करता है। शैल शिरीष दर्द दूर करने, कीड़ों को खत्म करने और गठिया के इलाज में कारगर होता है। सफेद शिरीष की छाल का प्रयोग जोड़ों के दर्द के इलाज के लिए किया जाता है। यह खून का बहना रोकता है। इसके अलावा भी शिरीष के फायदे और भी हैं। आइए इसके एक-एक लाभ के बारे में जानते हैं।
शिरीष क्या है? (What is Lebbeck Tree?)
शिरीष मध्यम आकार का सघन छायादार पेड़ है। इसकी छाल, फूल, बीज, जड़, पत्ते आदि हर अंग का उपयोग औषधि के लिए किया जाता है। बीज शिरीष का वृक्ष बहुत तेजी से बड़ा होता है। इसके पत्ते पतझड़ में गिर जाते हैं। इसके कुछ पेड़ छोटे तो कुछ काफी बड़े होते हैं।
शिरीष की कई प्रजातियां होती हैं, लेकिन प्रायः तीन प्रकार के होते हैं, लेकिन इसके अलावा भी शिरीष (Shireesh) की अन्य प्राजतियां भी होती हैं-
लाल शिरीष
काला शिरीष
सफेद शिरीष
शिरीष की प्रमुख विशेषता है कि इसकी शाखाएं बहुत ही सहजता से विकसित होती हैं और फल-फूल भी जल्द ही लगाने लगते हैं। शिरीष की निम्नलिखित प्रजातियों का प्रयोग चिकित्सा के लिए किया जाता हैः-
Albizia lebbeck (Linn.) Benth –
यह 16 से 20 मीटर तक ऊंचा होता है। यह वृक्ष बहुत ही घना होता है। इसके फूल सफेद व पीला रंग का और काफी सुंगधित होते हैं। इसका फल 10 से 30 सेंटीमीटर लंबा, 2 से 4। 5 सेंटमीटर तक चौड़ा होता है। यह फल नुकीला और पतला होता है। कच्ची अवस्था में यह फल हरे रंग का होता है। पकने पर भूरे रंग का हो जाता है। यह फल चिकना और चमकीला होता है।
Albizia amara (Roxb.) Boivin (श्यामल शिरीष) –
श्यामल शिरीष (Shireesh) लगभग 15 मीटर ऊंचा होता है। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। इसके फल पीले-भूरे रंग के होते हैं। ये फल सीधे और चपटे होते हैं। इनमें बीजों की संख्या 6 से 12 तक होती है।
Albizia julibrissin Durazz. (शैल शिरीष) –
यह लगभग 12 मी ऊंचा होता है। इसकी पत्तियां थोड़ी छोटी होती हैं। इसके फूल हल्के गुलाबी रंग के होते हैं। इसका फल छोटा और चपटा होता है। चिकित्सा के लिए इसकी छाल का प्रयोग किया जाता है।
Albizzia procera (Roxb.) Benth. (श्वेत शिरीष) –
यह लगभग 30 मीटर तक ऊंचा होता है। इसके पत्ते पिच्छाकार होते हैं। पत्ते हरे रंग के होते हैं। इसके फूल सफेद व पीले रंग के होते हैं। इसके फल नारंगी-भूरे रंग के होते हैं। इसमें बीजों की संख्या 10 से 12 के बीच होते हैं।
अन्य भाषाओं में शिरीष के नाम (Lebbeck tree name in different languages in Hindi)
शिरीष माइमोसेसी (Mimosaceae) कुल का पौधा है। इसका वानस्पतिक (वैज्ञानिक) नाम ऐल्बिजिया लैबैक (Albizia lebbeck (Linn.) Benth) है। वनस्पति विज्ञान में इसे Syn-Acacia lebbek (Linn.) Willd, Mimosa lebbeck Linn आदि नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे Lebbeck tree (लैबैक ट्री), East Indian walnut (ईस्ट इण्डियन वालनट) आदि नामों से जाना जाता है। आइए हम जानते हैं कि हिंदी समेत अन्य भाषाओं में इसके क्या-क्या नाम हैं।
Lebbeck Tree in –
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शिरीष के प्रयोग से लाभ (Benefits and Uses of Lebbeck Tree in Hindi)
आप शिरीष का औषधीय प्रयोग कर ये लाभ ले सकते हैंः-
माइग्रेन में शिरीष का प्रयोग लाभदायक (Uses of Shireesh in Fighting with Migraine in Hindi)
माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए शिरीष रामवाण का काम करता है। इस रोग के मरीजों को शिरीष की जड़ और फल के रस के 1 से 2 बूंद को नाक में डालें। इसे लेने से दर्द कम होने लगता है।
आंखों के लिए फायदेमंद है शिरीष का इस्तेमाल (Benefits of Shireesh in Cure Eye Disease in Hindi)
कानों के दर्द में शिरीष का उपयोग लाभदायक (Shireesh Uses in Ear Pain Treatment in Hindi)
शिरीष के पत्ते और आम के पत्तों के रस को मिला लें। इसे गुनगुना करके इसके 1 से 2 बूंद कान में टपकाने से कानों के के दर्द दूर हो जाते हैं।
दांतों के रोग में शिरीष से फायदा (Shireesh Benefits in Cure Dental Disease in Hindi)
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खांसी की बीमारी में शिरीष से लाभ (Uses of Shireesh in Fighting with Cough in Hindi)
पीले शिरीष के पत्तों को घी में भून लें। इसे दिन में तीन बार 1-1 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से खांसी मिटती है।
सांसों के रोग में शिरीष का इस्तेमाल लाभदायक (Benefits of Shireesh in Cure Respiratory problems in Hindi)
सांसों के रोग अगर कफ और पित्त के असंतुलन के कारण हो तो शिरीष के फूल का प्रयोग (Shireesh Uses) लाभकारी होता है। ऐसे रोगी को शिरीष के फूल के 5 मिलीलीटर रस में 500 मिलीग्राम पिप्पली चूर्ण और शहद मिलाकर सेवन करना चाहिए।
शिरीष, केला तथा कुन्द के फूल और पिप्पली के चूर्ण को मिलाकर रख लें। चावल को धोने से बचे पानी के साथ इस चूर्ण को 1 से 2 ग्राम की मात्रा में मिलाकर पिएं। इससे सांस संबधी परेशानियां जल्द ही दूर हो जाती हैं।
पेचिश में शिरीष का उपयोग फायदेमंद (Shireesh Uses to Stop Dysentery in Hindi)
शिरीष की बीज के चूर्ण को दिन में तीन बार देने से पेचिश में लाभ होता है।
पेट के रोग को ठीक करने के लिए करें शिरीष का सेवन (Shireesh Benefits in Abdominal Bugs Treatment in Hindi)
शिरीष के 5 मिलीलीटर रस में इतनी ही मात्रा में कट्भी का रस मिला लें। इसके बाद इस मिश्रण में शहद मिलाकर सेवन करें। इससे पेट की कीड़े खत्तम होते हैं।
शिरीष की छाल का काढ़ा बनाकर 10-20 मिलीलीटर मात्रा में पिलाने से जलोदर रोग में लाभ (Shireesh benefits) होता है।
शिरीष के प्रयोग से बवासीर का इलाज (Uses of Shireesh in Piles Treatment in Hindi)
शिरीष के इस्तेमाल से सिफलिस का उपचार (Benefits of Shireesh in Cure Syphilis in Hindi)
सिफलिस यौन संक्रमण से जुडी एक बीमारी है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को शिरीष के पत्तों की राख में घी या तेल मिलाकर लगाने से लाभ होता है।
मूत्र रोग (पेशाब में दर्द और जलन) में शिरीष से फायदा (Shireesh Uses in Cure Urinal Disease in Hindi)
शिरीष के 10 ग्राम पत्तों को पानी के साथ पीस कर छान लें। इसमें मिश्री मिलाकर सुबह-शाम पिलाने से पेशाब में दर्द और जलन में लाभ होता है।
शिरीष की बीज के तेल को 5 से 10 बूंद को 100 मिलीलीटर लस्सी में डालकर पिएं। इससे पेशाब के दौरान होने वाले दर्द और जलन में लाभ होता है।
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अंडकोष सूजन को दूर करता है शिरीष (Shireesh Benefits in Cure Testicle Swelling in Hindi)
अंडकोषों में सूजन आने पर शिरीष की छाल को पीस लें। इसे अंडकोषों पर लेप करें। इससे सूजन शीघ्र मिटती है।
वीर्य विकार में शिरीष के प्रयोग से लाभ (Uses of Shireesh in Sperm Related Disease in Hindi)
शिरीष बीज के 2 ग्राम चूर्ण में 4 ग्राम शक्कर मिला लें। इसे रोजाना गर्म दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से वीर्य विकार दूर (Shireesh benefits) होता है और वीर्य गाढ़ा हो जाता है।
चर्म रोग में फायदेमंद होता है शिरीष का उपयोग (Benefits of Shireesh in Skin Disease Treatment in Hindi)
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सूजन को ठीक करने के लिए शिरीष से फायदा (Shireesh Uses in Reducing Inflammation in Hindi)
पित्त असंतुलन के कारण आई किसी भी सूजन की स्थिति में शिरीष के फूलों को पीसकर सूजन पर लगाने से पित्त नियंत्रित होने लगता है और सूजन दूर होती है।
ट्यूमर के इलाज में कारगर है शिरीष का प्रयोग (Shireesh Benefits in Cure Tumor in Hindi)
अल्सर में शिरीष से लाभ (Benefits of Lebbeck Tree in Cure Ulcer in Hindi)
फफोले को खत्म करता है शिरीष (Uses of Lebbeck Tree in Cure Blister in Hindi)
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दाद-खाज रोग में शिरीष से फायदा (Lebbeck Tree Benefits in Herpes Treatment in Hindi)
कुष्ठ रोग में लाभकारी है शिरीष का इस्तेमाल (Lebbeck Tree Uses in Cure Leprosy in Hindi)
शिरीष के 5 ग्राम पत्ते और 2 ग्राम काली मिर्च लें। इन दोनों को मिलाकर पीसकर रख लें। इस मिश्रित चूर्ण का 40 दिन तक सेवन करने से कुष्ठ में लाभ होता है।
शिरीष की छाल को पीसकर कुष्ठ प्रभावित अंग पर लेप करने से लाभ होता है।
शारीरिक कमजोरी दूर करने में शिरीष का उपयोग लाभदायक (Uses of Shireesh in Cure Body Weakness in Hindi)
शिरीष की छाल से बने चूर्ण की 1 से 3 ग्राम मात्रा को घी के साथ मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम खिलाने से लगातार ताकत बढ़ती है।
इसके प्रयोग से खून साफ होता है।
बेहोशी दूर करने में लाभदायक शिरीष का प्रयोग (Benefits of Shireesh for Unconsciousness in Hindi)
शिरीष के बीज और काली मिर्च को समान भाग में लें। इसे बकरी के मूत्र के साथ पीसकर आंख में लगाने से बेहोशी की स्थिति में लाभ होता है। बेहोशी शीघ्र दूर होती है।
मैनिया रोग में शिरीष से लाभ (Shireesh Benefits in Fighting with Mania in Hindi)
शिरीष की बीज, मुलेठी, हींग, लहसुन, सोंठ, वच और कूठ को समान भाग में लें। इन सबको बकरी के मूत्र में घोंटकर काजल की तरह लगााएं। इसको नाक में देने से और काजल की तरह लगाने से उन्माद (मैनिया) रोग में लाभ होता है।
शिरीष के बीज और करंज के बीजों को पीस लें। इसे माथे में लेप करने से, उन्माद, मिरगी और नेत्र रोगों में लाभ होता है।
जहर (विष) के असर को दूर करने में कारगर शिरीष (Shireesh Uses in Poison Related Problems in Hindi)
मेढ़क का विष उतारने के लिए शिरीष के बीजों को थूहर के साथ दूध में पीस लें। इससे लेप करने से मेढ़क के काटने का विष उतर जाता है।
शिरीष के प्रयोग के तरीके (How to Use Lebbeck Tree?)
शिरीष के निम्नलिखित अंगों का प्रयोग दवा बनाने के लिए किया जाता है: –
उपरोक्त अंगों के औषधि रूप में प्रयोग के विभिन्न तरीके ऊपर बताये गए हैं। उसके अनुसार चिकित्सक के परामर्श से औषधि बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है। शिरीष के सेवन की मात्रा (Doses of Lebbeck Tree)
शिरीष के प्रयोग के नुकसान (Side Effects of Lebbeck Tree in Hindi)
बेहद गुणकारी होने के बावजूद शिरीष के प्रयोग के कुछ नुकसान भी हैं, जो ये हो सकते हैंः-
शिरीष कहां या उगाया जाता है (Where is Lebbeck Tree Found and Grown)
शिरीष के वृक्ष समुद्र तल से 2700 मीटर की ऊंचाई पर पूरे भारत में पाए जाते हैं। इसके जंगली पौधों के अलावा बागानी पौधे भी देश भर में देखने को मिलते हैं।
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