केमुक (Wild or Spiral ginger) को अनेक नामों से जाना जाता है। केमुआ, केमुक, केवुक कन्द, केवा भी केमुक के ही नाम हैं। केमुक एक जड़ी-बूटी है, और केमुक के कई सारे औषधीय गुण हैं। क्या आप यह जानते हैं कि कान के संक्रमण, मुंह के छाले, और पेट में कीड़े होने पर केमुक के इस्तेमाल से फायदे (Wild or Spiral ginger benefits and uses) मिलते हैं। पेचिश, बुखार, मूत्र रोग, और किडनी रोग आदि रोगों में भी केमुक के औषधीय गुण से लाभ मिलता है।
आप पथरी की समस्या, त्वचा रोग, और कुष्ठ रोग आदि में केमुक के औषधीय गुण के फायदे ले सकते हैं। आप शारीरिक कमजोरी, गठिया, डायबिटीज और फाइलेरिया में भी केमुक से लाभ ले सकते हैं। आइए यह जानते हैं कि केमुक से क्या-क्या नुकसान (Wild or Spiral ginger side effects) हो सकता है।
Contents
आयुर्वेदिक किताबों में केमुक के बारे में चर्चा की गई है। केमुक को केमुआ, केमुक, केवुक कन्द, केवा भी कहा जाता है। केमुक का पौधा सीधा, मांसल, 60-150 सेमी ऊंचा होता है। यह पौधा अनेक वर्ष तक जीवित रहता है।
विशेष : केमुक का प्रयोग विशेष रूप से कुष्ठ रोग (Saussurea lappa) के इलाज में किया जाता है।
यहां केमुक के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Wild (Spiral ginger) benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप केमुक के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं।
केमुक का वानस्पतिक नाम Costus speciosus (Koen. ex Retz.) Sm. (कॉस्टस स्पीशओस्स) Syn-Cheilocostus speciosus (J.Koen.) C. Specht है, और यह Zingiberaceae (जिंजिबेरेसी) कुल का है। केमुक के अन्य नाम ये हैंः-
Wild (Spiral ginger) in –
केमुक के आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव ये हैंः-
केमुक तिक्त, मधुर, कटु, शीत, लघु, रूक्ष, कफपित्तशामक, वातकारक, ग्राही, दीपन, पाचन, हृद्य, कृमिघ्न, वृष्य, भेदक, शुक्रवर्धक और मलरोधक होता है।
यह बुखार, कुष्ठ, रक्तदोष, रक्तपित्त, श्वास, अरुचि, भम, कास और डायबिटीज नाशक होता है। केमुक का प्रकन्द स्तम्भक, उत्तेजक, कृमिघ्न, तिक्त, विरेचक, शोधक, पाचक और बलकारक होता है।
यह रक्त-विकार जैसे रक्त का पतला होना, डायबिटिज, अपच, कुष्ठ रोग, त्वचा रोग, गठिया, कमर दर्द में फायदा पहुंचाता है।
केमुक के औषधीय गुण, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-
कान में संक्रमण होने पर कई तरह के रोग होने लगते हैं। ऐसे में आप केमुक के फायदे ले सकते है। केमुक प्रकन्द के रस को 2 बूंद कान में डालें। इससे कान के संक्रमण का इलाज होता है।
और पढ़ेंः कान दर्द के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज
मुंह में छाले होना एक बहुत ही आम बीमारी है। इसके लिए केमुक प्रकन्द का काढ़ा बना लें। इससे गरारा करने से मुंह के छाले की समस्या में लाभ होता है।
और पढ़ेंः मुंह के छाले के लिए घरेलू इलाज
पेट में कीड़े होने पर 5-10 मिली केवुक के रस में मधु मिलाकर पिएं। इसके साथ तीखा भोजन का सेवन करना चाहिए। इससे पेट के कीड़ों की समस्या से आराम मिलता है।
और पढ़ेंः पेट में कीड़े होने पर अपनाएं ये घरेलू उपाय
केमुक कन्द को भूनकर उसमें शर्करा और इमली मिलाकर चटनी बना लें। इसे खाने से पेचिश और पाचन-तंत्र से जुड़े अन्य रोगों में लाभ होता है।
और पढ़ेंः पेचिश में कैसे फायदेमंद होता है शमी का उपयोग
और पढ़ें: मूत्र रोग में लाभ दिलाता है भुई-आंवला का सेवन
अनेक लोग पथरी की समस्या से परेशान रहते हैं। इसके लिए 5 मिली केमुक की जड़ के रस को पिएं। इससे किडनी की पथरी या पित्ताशय वाली पथरी चूर होकर निकल जाती है।
और पढ़ेंः पथरी की बीमारी में फायदेमंद खीरा
गठिया एक गंभीर बीमारी है। गठिया होने पर रोगी को बहुत तकलीफ झेलना पड़ता है। गठिया के इलाज के लिए 1-2 ग्राम केमुक की जड़ के चूर्ण को खाएं। इससे गठिया का दर्द ठीक होता है।
और पढ़ेंः गठिया में पिपरमिंट के फायदे
और पढ़ेंः डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए घरेलू उपाय
फाइलेरिया (शलीपद) के उपचार के लिए 1-3 ग्राम केमुक कन्द के चूर्ण में विडलवण मिला लें। इसके साथ ही पूतिकरंज या पुत्रजीवक रस के साथ सेवन करें। इससे श्लीपद रोग में लाभ होता है।
और पढ़ेंः फाइलेरिया (हाथी पांव) की बीमारी में खैर (खादिर) से फायदा
कुष्ठ रोगी केमुक प्रकंद का काढ़ा बना लें। इसे बीमार पर लगाएं। कुछ देर रखने के बाद धो दें। इससे कुष्ठ रोग में बहुत लाभ होता है।
और पढ़ेंः कुष्ठ रोग में करंज के फायदे
त्वचा रोग से ग्रस्त होने पर केमुक से फायदे ले सकते हैं। केमुक प्रकंद को पीस लें। इसे लगाने से त्वचा के विकार ठीक होते हैं। अधिक लाभ के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।
और पढ़ेंः त्वचा रोग में मूली के फायदे
बुखार किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। बुखार के घरेलू उपचार के लिए 5 मिली केमुक प्रकन्द रस का सेवन करें। इससे बुखार और सर्दी-जुकाम ठीक होते हैं।
और पढ़ेंः बुखार के लिए घरेलू उपचार
शारीरिक कमजोरी होने पर केमुक से लाभ ले सकते हैं। 5-10 ग्राम प्रकंद के चूर्ण में 10 ग्राम शर्करा मिलाकर सुबह और शाम (5-5 ग्राम की मात्रा) खाएं। आपको पानी के साथ इसका सेवन करना है। इससे शरीर स्वस्थ होता है।
और पढ़ें : शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए करें अश्वगंधा का प्रयोग
केमुक के इन भागों का इस्तेमाल किया जाता हैः-
केमुक को इतनी मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिएः-
केमुक के सेवन से ये नुकसान हो सकते हैंः-
यहां केमुक के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Wild (Spiral ginger) benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप केमुक के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन किसी बीमारी के लिए केमुक का सेवन करने या केमुक का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।
केमुक पूरे भारत में 1000 से 2000 मीटर की ऊंचाई पर मिलता है। यह मुख्यतः उत्तराखण्ड, पश्चिमी बंगाल, कोंकण एवं दक्षिण भारत में होता है।
और पढ़ेंः सिर दर्द के लिए घरेलू उपाय
और पढ़ेंः बवासीर के लिए घरेलू इलाज
और पढ़ेंः बुखार के लिए घरेलू उपचार
और पढ़ेंः पीलिया के इलाज के लिए घरेलू उपाय
और पढ़ेंः किडनी विकार में कैसा होना चाहिए आपका डाइट प्लान
आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, त्रिफला चूर्ण पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है. जिन लोगों को अपच, बदहजमी…
डायबिटीज की बात की जाए तो भारत में इस बीमारी के मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही…
मौसम बदलने पर या मानसून सीजन में त्वचा से संबंधित बीमारियाँ काफी बढ़ जाती हैं. आमतौर पर बढ़ते प्रदूषण और…
यौन संबंधी समस्याओं के मामले में अक्सर लोग डॉक्टर के पास जाने में हिचकिचाते हैं और खुद से ही जानकारियां…
पिछले कुछ सालों से मोटापे की समस्या से परेशान लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों के…
अधिकांश लोगों का मानना है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से शरीर निरोग रहता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी इस बात…