Categories: जड़ी बूटी

Kemuk: केमुक के हैं अनेक अनसुने फायदे- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

केमुक (Wild or Spiral ginger) को अनेक नामों से जाना जाता है। केमुआ, केमुक, केवुक कन्द, केवा भी केमुक के ही नाम हैं। केमुक एक जड़ी-बूटी है, और केमुक के कई सारे औषधीय गुण हैं। क्या आप यह जानते हैं कि कान के संक्रमण, मुंह के छाले, और पेट में कीड़े होने पर केमुक के इस्तेमाल से फायदे (Wild or Spiral ginger benefits and uses) मिलते हैं। पेचिश, बुखार, मूत्र रोग, और किडनी रोग आदि रोगों में भी केमुक के औषधीय गुण से लाभ मिलता है।

आप पथरी की समस्या, त्वचा रोग, और कुष्ठ रोग आदि में केमुक के औषधीय गुण के फायदे ले सकते हैं। आप शारीरिक कमजोरी, गठिया, डायबिटीज और फाइलेरिया में भी केमुक से लाभ ले सकते हैं। आइए यह जानते हैं कि केमुक से  क्या-क्या नुकसान (Wild or Spiral ginger side effects) हो सकता है।

Contents

केमुक क्या है? (What is Wild or Spiral Ginger in Hindi?)

आयुर्वेदिक किताबों में केमुक के बारे में चर्चा की गई है। केमुक को केमुआ, केमुक, केवुक कन्द, केवा भी कहा जाता है। केमुक का पौधा सीधा, मांसल, 60-150 सेमी ऊंचा होता है। यह पौधा अनेक वर्ष तक जीवित रहता है।

विशेष : केमुक का प्रयोग विशेष रूप से कुष्ठ रोग (Saussurea lappa) के इलाज में किया जाता है।

यहां केमुक के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Wild (Spiral ginger) benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप केमुक के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं।

अन्य भाषाओं में केमुक के नाम (Name of Wild or Spiral Ginger in Different Languages)

केमुक का वानस्पतिक नाम Costus speciosus (Koen. ex Retz.) Sm. (कॉस्टस स्पीशओस्स) Syn-Cheilocostus speciosus (J.Koen.) C. Specht है,  और यह Zingiberaceae (जिंजिबेरेसी) कुल का है। केमुक के अन्य नाम ये हैंः-

Wild (Spiral ginger) in –

  • Hindi- केमुआ, केमुक, केवुक कन्द, केवा
  • English –Wild or Spiral Wild (Spiral ginger) (वाइल्ड् या स्पाइरल जिंजर), क्रीप जिन्जर (Crepe Wild (Spiral ginger)), एलीगेंट कॉस्टस (Elegant costus)
  • Sanskrit- केमुक
  • Oriya- चिट्टोरोकफधो (Chittorokudho)
  • Kannada- चेंगलकोष्ट (Chengalakoshta), नीरज (Niraja)
  • Gujarati- पोकराजड़ (Pokaramula)
  • Tamil- कोट्टम (Kottam), कुइरवम् (Kuiravam)
  • Telugu- चेंगल्वकोश्टू (Chengalvakoshtu), किमुका (Kimuka)
  • Bengali- केऊ (Keu)
  • Nepali- बेटलौरी (Betlauri)
  • Marathi- केमुका (Kemuka)
  • Malayalam- अनाक्कुवा (Anakkuva), कोट्टम (Kottam)

केमुक के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Wild or Spiral Ginger in Hindi)

केमुक के आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव ये हैंः-

केमुक तिक्त, मधुर, कटु, शीत, लघु, रूक्ष, कफपित्तशामक, वातकारक, ग्राही, दीपन, पाचन, हृद्य, कृमिघ्न, वृष्य, भेदक, शुक्रवर्धक और मलरोधक होता है।

यह बुखार, कुष्ठ, रक्तदोष, रक्तपित्त, श्वास, अरुचि, भम, कास और डायबिटीज नाशक होता है। केमुक का प्रकन्द स्तम्भक, उत्तेजक, कृमिघ्न, तिक्त, विरेचक, शोधक, पाचक और बलकारक होता है।

यह रक्त-विकार जैसे रक्त का पतला होना, डायबिटिज, अपच, कुष्ठ रोग, त्वचा रोग, गठिया, कमर दर्द में फायदा पहुंचाता है।

केमुक के फायदे और उपयोग : Wild (Spiral ginger) Benefits and Uses in Hindi)

केमुक के औषधीय गुण, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-

केमुक के औषधीय गुण से कान के संक्रमण का इलाज (Benefits of Wild or Spiral Ginger to Treat Ear Infection in Hindi)

कान में संक्रमण होने पर कई तरह के रोग होने लगते हैं। ऐसे में आप केमुक के फायदे ले सकते है। केमुक प्रकन्द के रस को 2 बूंद कान में डालें। इससे कान के संक्रमण का इलाज होता है।

और पढ़ेंः कान दर्द के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज

मुंह के छाले में केमुक के फायदे (Wild or Spiral ginger Uses to Treat Mouth Ulcer in Hindi)

मुंह में छाले होना एक बहुत ही आम बीमारी है। इसके लिए केमुक प्रकन्द का काढ़ा बना लें। इससे गरारा करने से मुंह के छाले की समस्या में लाभ होता है।

और पढ़ेंः मुंह के छाले के लिए घरेलू इलाज

पेट में कीड़े होने पर केमुक के सेवन से लाभ : Wild (Spiral ginger) Benefits for Abdominal Bugs Treatment in Hindi

पेट में  कीड़े होने पर 5-10 मिली केवुक के रस में मधु मिलाकर पिएं। इसके साथ तीखा भोजन का सेवन करना चाहिए। इससे पेट के कीड़ों की समस्या से आराम मिलता है।

और पढ़ेंः पेट में कीड़े होने पर अपनाएं ये घरेलू उपाय

पेचिश में केमुक के सेवन से लाभ : Wild (Spiral ginger) Benefits to Stop Dysentery in Hindi

केमुक कन्द को भूनकर उसमें शर्करा और इमली मिलाकर चटनी बना लें। इसे खाने से पेचिश और पाचन-तंत्र से जुड़े अन्य रोगों में लाभ होता है।

और पढ़ेंः पेचिश में कैसे फायदेमंद होता है शमी का उपयोग

मूत्र रोग और किडनी विकारों में केमुक के सेवन से लाभ (Wild or Spiral ginger Benefits for Urinal and Kidney Disease in Hindi)

  • मूत्र रोग और किडनी से जुड़े विकारों के इलाज के लिए केमुक तना का काढ़ा बना लें। इसे पीने से पेशाब की जलन और किडनी विकार ठीक होते हैं।
  • केमुक के तने का 10-20 मिली मात्रा में ठंडा काढ़ा बनाकर पीने से भी पेशाब की जलन और किडनी विकारों में लाभ होता है।

और पढ़ें: मूत्र रोग में लाभ दिलाता है भुई-आंवला का सेवन

पथरी होने पर केमुक के सेवन से लाभ (Wild or Spiral ginger Benefits for Kidney Stone Treatment in Hindi)

अनेक लोग पथरी की समस्या से परेशान रहते हैं। इसके लिए 5 मिली केमुक की जड़ के रस को पिएं। इससे किडनी की पथरी या पित्ताशय वाली पथरी चूर होकर निकल जाती है।

और पढ़ेंः पथरी की बीमारी में फायदेमंद खीरा

गठिया के दर्द में केमुक का औषधीय गुण फायेदमंद : Wild (Spiral ginger) Benefits for  Rheumatoid Pain in Hindi

गठिया एक गंभीर बीमारी है। गठिया होने पर रोगी को बहुत तकलीफ झेलना पड़ता है। गठिया के इलाज के लिए 1-2 ग्राम केमुक की जड़ के चूर्ण को खाएं। इससे गठिया का दर्द ठीक होता है।

और पढ़ेंः गठिया में पिपरमिंट के फायदे

डायबिटीज में केमुक का औषधीय गुण फायेदमंद : Wild (Spiral ginger) Benefits to Control Diabetes in Hindi

  • आज डायबिटीज घर-घर की बीमारी हो चुकी है। अगर आप भी डायबिटीज से ग्रस्त हैं तो केमुक के कन्द का काढ़ा बनाकर सेवन करें। इससे डायबिटीज में लाभ होता है।
  • केमुक की पत्तियों का प्रयोग भी डायबिटीज में किया जाता है।

और पढ़ेंः डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए घरेलू उपाय

फाइलेरिया (शलीपद) रोग के इलाज की आयुर्वेदिक दवा है केमुक (Ayurvedic Medicine Ginger Treats Filariasis in Hindi)

फाइलेरिया (शलीपद) के उपचार के लिए 1-3 ग्राम केमुक कन्द के चूर्ण में विडलवण मिला लें। इसके साथ ही पूतिकरंज या पुत्रजीवक रस के साथ सेवन करें। इससे श्लीपद रोग में लाभ होता है।

और पढ़ेंः फाइलेरिया (हाथी पांव) की बीमारी में खैर (खादिर) से फायदा

केमुक के औषधीय गुण से कुष्ठ रोग का इलाज (Benefits of Wild or Spiral ginger for Leprosy Treatment in Hindi)

कुष्ठ रोगी केमुक प्रकंद का काढ़ा बना लें। इसे बीमार पर लगाएं। कुछ देर रखने के बाद धो दें। इससे कुष्ठ रोग में बहुत लाभ होता है।

और पढ़ेंः कुष्ठ रोग में करंज के फायदे

त्वचा रोग में केमुक के फायदे : Wild (Spiral ginger) Uses to Treat Skin Disease in Hindi

त्वचा रोग से ग्रस्त होने पर केमुक से फायदे ले सकते हैं। केमुक प्रकंद को पीस लें। इसे लगाने से त्वचा के विकार ठीक होते हैं। अधिक लाभ के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

और पढ़ेंः त्वचा रोग में मूली के फायदे

केमुक के औषधीय गुण से बुखार का इलाज (Benefits of Wild or Spiral ginger in Fighting with Fever in Hindi)

बुखार किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। बुखार के घरेलू उपचार के लिए 5 मिली केमुक प्रकन्द रस का सेवन करें। इससे बुखार और सर्दी-जुकाम ठीक होते हैं।

और पढ़ेंः बुखार के लिए घरेलू उपचार

शारीरिक कमजोरी में केमुक का औषधीय गुण फायेदमंद : Wild (Spiral ginger) Benefits for Body Weakness in Hindi)

शारीरिक कमजोरी होने पर केमुक से लाभ ले सकते हैं। 5-10 ग्राम प्रकंद के चूर्ण में 10 ग्राम शर्करा मिलाकर सुबह और शाम (5-5 ग्राम की मात्रा) खाएं। आपको पानी के साथ इसका सेवन करना है। इससे शरीर स्वस्थ होता है।

और पढ़ें : शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए करें अश्वगंधा का प्रयोग

केमुक के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Wild or Spiral Ginger in Hindi)

केमुक के इन भागों का इस्तेमाल किया जाता हैः-

  • प्रकन्द
  • तना

केमुक का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Wild or Spiral Ginger in Hindi?)

केमुक को इतनी मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिएः-

  • रस- 10-20 मिली
  • चूर्ण- 3-6 ग्राम

केमुक से नुकसान : Wild (Spiral Ginger) Side Effects in Hindi

केमुक के सेवन से ये नुकसान हो सकते हैंः-

  • केमुक का अधिक मात्रा में सेवन करने से हैजा (यूरोपियन कॉलरा या European cholera) हो सकता है।
  • केमुक के नुकसान के रूप में पेशाब अधिक होने लगता है।
  • यह धात की समस्या को पैदा कर सकता है।
  • गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

यहां केमुक के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Wild (Spiral ginger) benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप केमुक के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन किसी बीमारी के लिए केमुक का सेवन करने या केमुक का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।

केमुक कहां पाया या उगाया जाता है? : Where is Wild (Spiral ginger) Found or Grown?)

केमुक पूरे भारत में 1000 से 2000 मीटर की ऊंचाई पर मिलता है। यह मुख्यतः उत्तराखण्ड, पश्चिमी बंगाल, कोंकण एवं दक्षिण भारत में होता है।

और पढ़ेंः सिर दर्द के लिए घरेलू उपाय

और पढ़ेंः बवासीर के लिए घरेलू इलाज

और पढ़ेंः बुखार के लिए घरेलू उपचार

और पढ़ेंः पीलिया के इलाज के लिए घरेलू उपाय

और पढ़ेंः किडनी विकार में कैसा होना चाहिए आपका डाइट प्लान

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

Share
Published by
आचार्य श्री बालकृष्ण

Recent Posts

कब्ज से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं पतंजलि दिव्य त्रिफला चूर्ण

आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, त्रिफला चूर्ण पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है. जिन लोगों को अपच, बदहजमी…

1 year ago

डायबिटीज को नियंत्रित रखने में सहायक है पतंजलि दिव्य मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर

डायबिटीज की बात की जाए तो भारत में इस बीमारी के मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही…

1 year ago

त्वचा से जुड़ी समस्याओं के इलाज में उपयोगी है पतंजलि दिव्य कायाकल्प वटी

मौसम बदलने पर या मानसून सीजन में त्वचा से संबंधित बीमारियाँ काफी बढ़ जाती हैं. आमतौर पर बढ़ते प्रदूषण और…

1 year ago

युवाओं के लिए अमृत है पतंजलि दिव्य यौवनामृत वटी, जानिए अन्य फायदे

यौन संबंधी समस्याओं के मामले में अक्सर लोग डॉक्टर के पास जाने में हिचकिचाते हैं और खुद से ही जानकारियां…

1 year ago

मोटापे से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं पतंजलि मेदोहर वटी

पिछले कुछ सालों से मोटापे की समस्या से परेशान लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों के…

1 year ago

पेट से जुड़े रोगों को ठीक करती है पतंजलि दिव्य गोधन अर्क, जानिए सेवन का तरीका

अधिकांश लोगों का मानना है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से शरीर निरोग रहता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी इस बात…

1 year ago