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Kuja (Himalayan musk rose): कूजा (जंगली गुलाब) के हैं अनेक अनसुने फायदे- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

कूजा (kuja or Himalayan musk rose) को कुब्जक भी कहते हैं। यह एक फूल है। कुब्जक के फूल गुलाब से थोड़े बड़े होते हैं। इसलिए कूजा को जंगली गुलाब भी कहा जाता है। कूजा एक जड़ी-बूटी भी है, और रतौंधी, दिन के समय आंखों से नहीं दीखने की समस्या, खांसी, सांसों से जुड़ी बीमारी में कूजा (जंगली गुलाब) के इस्तेमाल से फायदे (Kuja benefits and uses) मिलते हैं। कब्ज, ह्रदय रोग आदि में भी कूजा (जंगली गुलाब) के औषधीय गुण से लाभ मिलता है।

 

Kuja (Himalayan musk rose) benefits and side effects

आयुर्वेद में कूजा के गुण के बारे में कई सारी अच्छी बातें बताई गई हैं जो आपको जानना जरूरी है। आप त्वचा रोग, टाइफाइड रोग आदि में कूजा के औषधीय गुण के फायदे ले सकते हैं। आप कफज दोष, रक्त विकार में भी कूजा (जंगली गुलाब) से लाभ ले सकते हैं। आइए यहां एक-एक कर जानते हैं कि कूजा के सेवन या उपयोग करने से कितनी सारी बीमारियों में फायदा होता है, साथ ही यह भी जानते हैं कि कूजा (जंगली गुलाब) से क्या-क्या नुकसान (Kuja side effects) हो सकता है। 

 

Contents

कूजा (कुब्जक) क्या है? (What is Himalayan musk rose in Hindi?)

कूजा का आकार गुलाब के जैसा होता है, लेकिन यह गुलाब से बड़ा होता है। इस पर बहुत घने काँटे होते हैं। इसमें पाँच पखुड़ीयुक्त सफेद फूल होते हैं।

यहां कूजा के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Kuja benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप कूजा के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं।

 

अन्य भाषाओं में कूजा (कुब्जक) के नाम (Name of Himalayan musk rose in Different Languages)

कूजा (जंगली गुलाब) का वानस्पतिक नाम Rosa brunonii Lindl. (रोजा ब्रुनोनी) Syn-Rosa Pubescens Roxb. है, और यह Rosaceae (रोजेसी) कुल का है। इसके अन्य नाम ये हैंः-

Kuja (Himalayan musk rose) in –

  • Hindi- कूजा, कफजई, किवाला, करेर, जंगली गुलाब
  • English- हिमालयन मस्क रोज (Himalayan musk rose), मस्क-सेन्टेड रोज (Musk-scented rose), ओल्ड गार्डेन रोज (Old garden rose), Musk rose (मस्क रोज)
  • Sanskrit- कुब्जक, भद्रतरुणी, वृत्तपुष्प, अतिकेसर, कण्टकाढ्या
  • Kashmir- फूलवारी (Phulwari), चाल (Chal)
  • Bengali- कूजा (Kuja)
  • Nepali- कस्तुरी गुलाफ (Kasturi gulaaf)
  • Punjabi- तरनी (Tarni)

 

कूजा (कुब्जक) के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Kuja (Himalayan musk rose) in Hindi)

कूजा के आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव ये हैंः-

कूजा मधुर, कटु, शीत, लघु, सर तथा त्रिदोषशामक (मुख्यतः कफपित्त शामक), वृष्य, वर्ण्य, संग्राही, रसायन, हृद्य, ग्राही तथा शुक्रल होता है। कूजा का फूल लाल रंग का होता है।

यह शीत, दस्त में खून आने पर, रक्तस्राव, रक्त विकार, कुष्ठ रोग, और बिच्छू के काटने पर फायदा देता है। कूजा के फूल से घाव, जलन के साथ-साथ वात-पित्त दोष ठीक होता है।

 

कूजा (कुब्जक) के फायदे और उपयोग : Kuja (Himalayan musk rose) Benefits and Uses in Hindi

कूजा (जंगली गुलाब) के औषधीय गुण, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-

 

आंखों के रोग (रतौंधी) में कूजा (कुब्जक) के फायदे (Kuja Uses to Treat Eye Disease (Night Blindness) in Hindi)

  • आंखों से जुड़ी कई तरह की बीमारियां होती हैं। कई रोगी को दिन के समय ठीक से दिखाई नहीं देता, लेकिन रात में सही से दिखाई देता है। इसी तरह की एक बीमारी रतौंधी है जिसमें दिन में सही से दिखाई देता है, लेकिन रात में ठीक से नहीं दिखाई देता। इन रोगों के इलाज के लिए कुब्जक (Himalayan musk rose), अशोक, शाल, आम्र, प्रियंगु, नलिन तथा नीलोत्पल लें। इन सभी के फूल, रेणुका, पिप्पली, हरड़, आँवला को समान मात्रा में मिला लें। इनका चूर्ण बनाकर शहद और घी मिला लें। इसे बाँस की नलिका में सुरक्षित तरह से रख दें। इसे रोज काजल की तरह आंखों में लगाने से रतौंधी और दिन में ना देख पाने से संबंधित बीमारी में लाभ प्राप्त होता है।
  • कूजा की जड़ को पीसकर आंखों के बाहर चारों तरफ लगाने से आंखों के रोगों में लाभ होता है।

 

Kuja (Himalayan musk rose) benefits for Night blindness problem

और पढ़ेंः रतौंधी में जीरा से फायदा

 

खांसी में कूजा के फायदे (Kuja Uses in Fighting with Cough in Hindi)

जंगली गुलाब के फूल का चूर्ण बना लें। इसमें मुलेठी चूर्ण और तुलसी के पत्ते मिलाकर काढ़ा बना लें। इसका सेवन करने से खांसी में लाभ होता है।

और पढ़ेंः खांसी को ठीक करने के लिए घरेलू उपाय

 

पेट के रोग में कूजा के फायदे (Kuja Benefits to Treat Abdominal Disease in Hindi)

कूजा (Himalayan musk rose) के पंचांग का काढ़ा बना लें। इसे 10-20 मिली मात्रा में सेवन करें। इससे पित्त दोष के कारण होने वाले पेट की बीमारियां ठीक होती है।

और पढ़ें : पेट दर्द के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज 

 

कूजा के औषधीय गुण से कब्ज का इलाज (Benefits of Kuja to Treat Constipation in Hindi)

  • कब्ज एक आम बीमारी है, और अनेक लोग कब्ज से परेशान रहते हैं। कब्ज के उपचार के लिए जंगली गुलाब के फूल के चूर्ण को त्रिफला में मिलाकर सेवन करें। इससे कब्ज की समस्या ठीक होती है।
  • जंगली गुलाब के फूल के चूर्ण में सौंफ तथा मुलेठी मिलाकर काढ़ा बना लें। इसे पीने से पेट संबंधी समस्या ठीक होती है, और विबंध आदि विकारों (इसका प्रयोग कोमल प्रकृति के व्यक्तियों तथा बालकों में ही करना चाहिए) में लाभ होता है। 

 

Kuja (Himalayan musk rose) Benefits and Uses in Constipation

और पढ़ेंः कब्ज के लिए फायदेमंद घरेलू उपाय

 

ह्रदय रोग में कूजा (कुब्जक) के सेवन से लाभ (Kuja Benefits for Heart Disease in Hindi)

जंगली गुलाब के फूलों का गुलकन्द बना लें। यह पौष्टिक होता है। इसका सेवन करें। इससे ह्रदय स्वस्थ बनाता है। बेहतर  लाभ के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

और पढ़ेंः ह्रदय रोग होने पर कैसा होना चाहिए आपका डाइट प्लान

कूजा (कुब्जक) के औषधीय गुण से त्वचा के रोग का इलाज (Benefits of Kuja for Skin Disease in Hindi)

त्वचा संबंधी रोग जैसे- चेहरे पर झाई, चेहरे पर दाग-धब्बे, त्वचा पर काले दाग होने पर जंगली गुलाब का अर्क निकाल लें। इसे त्वचा पर लगाने से इन परेशानियों में लाभ मिलता है।

 

Benefits of Kuja (Himalayan musk rose) in skin related disease

और पढ़ेंः त्वचा रोग में मूली के फायदे

 

रक्त विकार में कूजा (कुब्जक) के सेवन से लाभ (Kuja Benefits for Blood Related Disorder in Hindi)

आप रक्त से संबंधित विकार में कूजा के फायदे ले सकते हैं। जंगली गुलाब के फूलों का गुलकन्द बना लें। इसका सेवन करने से रक्त-विकार, रक्तपित्त में लाभ होता है।

और पढ़ेंः रक्त विकार में लाभकारी छोटी इलायची का सेवन

 

कूजा (कुब्जक) के औषधीय गुण से कफज विकारों का इलाज (Benefits of Kuja for Kafaj Disorder in Hindi)

कफज विकारों में भी कूजा से लाभ मिलता है। जंगली गुलाब के फूल के चूर्ण में मुलेठी चूर्ण और तुलसी के पत्ते मिला लें। इसका काढ़ा बना लें। इसका सेवन करने से कफज-विकारों में लाभ होता है।

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सांसों से जुड़े रोग में कूजा (कुब्जक) का औषधीय गुण फायेदमंद (Kuja Benefits for Respiratory Disease in Hindi)

जंगली गुलाब के फूल के चूर्ण में मुलेठी चूर्ण और तुलसी के पत्ते मिला लें। इसका काढ़ा बनाकर सेवन करने से सांसों से संबंधित बीमारियों में लाभ होता है। अधिक लाभ के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।

और पढ़ें: सांसों की बीमारी में मूली खाने के फायदे

 

टाइफाइड बुखार में कूजा (कुब्जक) के सेवन से लाभ (Kuja Benefits in Fighting with Typhoid in Hindi)

टाइफाइड या अन्य तरह के बुखार के इलाज के लिए कुब्जकासव (Himalayan musk rose) को 15-30 मिली की मात्रा में पिएं। इससे टाइफाइड और अन्य तरह के बुखार में लाभ होता है।

 

Benefits of Kuja (Himalayan musk rose) in typhoid fever

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कूजा (कुब्जक) के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Kuja (Himalayan musk rose) in Hindi)

कूजा के इन भागों का इस्तेमाल किया जाता हैः-

  • फूल
  • जड़
  • पंचांग

 

कूजा (कुब्जक) का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Kuja (Himalayan musk rose) in Hindi?)

यहां कूजा के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Kuja benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप कूजा के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन किसी बीमारी के लिए कूजा (जंगली गुलाब) का सेवन करने या कूजा का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।

 

कूजा (कुब्जक) कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Kuja (Himalayan musk rose) Found or Grown?)

कुब्जक (जंगली गुलाब) 3000 मीटर की ऊँचाई तक होता है। यह मध्य एवं पश्चिमी हिमालय तथा अफगानिस्तान एवं नेपाल में मिलता है।

 

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