उत्कण्टक (Utkantak) अनेक घर में उपयोग में लाया जाता है। उत्कण्टक के सेवन या उपयोग करने से शरीर को बहुत अधिक लाभ होता है। क्या आप यह जानते हैं कि उत्कण्टक एक जड़ी-बूटी है, और कफ-वात दोष, मूत्र रोग, शारीरिक कमजोरी, पाचनतंत्र विकार में उत्कण्टक के इस्तेमाल से फायदे (Utkantak benefits and uses) मिलते हैं। इतना ही नहीं, डायबिटीज, अधिक प्यास लगने की समस्या और ह्रदय रोगों में भी उत्कण्टक के औषधीय गुण से लाभ मिलता है।
आयुर्वेद में उत्कण्टक के गुण के बारे में कई सारी अच्छी बातें बताई गई हैं जो आपके लिए बहुत जरूरी है। आप शारीरिक जलन, फोड़ा होने पर, सूजन की समस्या में उत्कण्टक के औषधीय गुण के फायदे ले सकते हैं। आप यौन क्षमता की कमी में भी उत्कण्टक से लाभ ले सकते हैं। आइए यहां जानते हैं कि उत्कण्टक के सेवन से कितनी सारी बीमारियों में फायदा होता है, साथ ही यह भी जानते हैं कि उत्कण्टक से नुकसान (Utkantak side effects) क्या-क्या हो सकता है।
Contents
- 1 उत्कण्टक (उँटकटेरा) क्या है? (What is Utkantak (Oont Katara) in Hindi?)
- 2 अनेक भाषाओं में उत्कण्टक (उँटकटेरा) के नाम : Name of Utkantak in (Oont Katara) Different Languages
- 3 उत्कण्टक (उँटकटेरा) के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Utkantak (Oont Katara) in Hindi)
- 4 उत्कण्टक (उँटकटेरा) के फायदे और उपयोग : Utkantak (Oont Katara) Benefits and Uses in Hindi
- 4.1 सिर दर्द में उत्कण्टक (उँटकटेरा) के फायदे (Benefits of Utkantak (Oont Katara) in Relief from Headache in Hindi)
- 4.2 आंखों के रोग में उत्कण्टक (उँटकटेरा) के फायदे (Utkantak Benefits (Oont Katara) to Cure Eye Diease in Hindi)
- 4.3 कंठ के रोग में उत्कण्टक (उँटकटेरा) के औषधीय गुण से लाभ (Utkantak Uses (Oont Katara) Benefits to Treat Throat Disease in Hindi)
- 4.4 खांसी में उत्कण्टक के सेवन से फायदा (Benefits of Utkantak in Fighting with Cough in Hindi)
- 4.5 अधिक प्यास लगने की समस्या में उँटकटेरा के सेवन से लाभ (Oont Katara Benefits in Excessive Thirsty Problem in Hindi)
- 4.6 पाचनशक्ति विकार में उत्कण्टक के सेवन से फायदा (Utkantak Uses for Digestive System in Hindi)
- 4.7 उँटकटेरा के औषधीय गुण से पीलिया का इलाज (Benefits of Oont Katara in Fighting with Jaundice in Hindi)
- 4.8 उत्कण्टक के औषधीय गुण से प्रसव में मदद (Utkantak is Beneficial in Pregnancy in Hindi)
- 4.9 उँटकटेरा के सेवन से सुजाक का इलाज (Oont Katara Uses for Gonorrhea Treatment in Hindi)
- 4.10 उत्कण्टक के औषधीय गुण से कुष्ठ रोग का इलाज (Benefits of Utkantak to Treat Leprosy in Hindi)
- 4.11 उत्कण्टक के औषधीय गुण से डायबिटीज पर नियंत्रण (Utkantak Benefits in Controlling Diabetes in Hindi)
- 4.12 योनि-विकार में उँटकटेरा से लाभ (Uses of Oont Katara for Vaginal Disorder in Hindi)
- 4.13 वीर्य-विकार में उँटकटेरा के सेवन से लाभ (Oont Katara Benefits for Semen Disorder in Hindi)
- 4.14 त्वचा रोग में उँटकटेरा के सेवन से लाभ (Uses of Oont Katara for Skin Disease in Hindi)
- 4.15 रोमछिद्रों की सूजन में उत्कण्टक (उँटकटेरा) से इस्तेमाल से फायदा (Benefits of Utkantak (Oont Katara) to Treat Pore Swelling in Hindi)
- 4.16 यौन रोगों (काम-शक्ति में कमी) में उत्कण्टक के सेवन से लाभ (Uses of Utkantak in Erectile Dysfunction (Impotence) in Hindi)
- 4.17 अधिक पसीना आने की समस्या में उत्कण्टक (उँटकटेरा) से लाभ (Utkantak (Oont Katara) Benefits for Sweating Problem in Hindi)
- 4.18 उत्कण्टक (उँटकटेरा) के सेवन से हिस्टीरिया का इलाज (Uses of Utkantak (Oont Katara) for Hysteria Treatment in Hindi)
- 4.19 उत्कण्टक (उँटकटेरा) के सेवन से मिर्गी का इलाज (Benefits of Utkantak (Oont Katara) for Epilepsy in Hindi)
- 4.20 बुखार में उत्कण्टक (उँटकटेरा) के फायदे (Utkantak (Oont Katara) Uses in Fighting with Fever in Hindi)
- 5 उत्कण्टक (उँटकटेरा) के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Utkantak (Oont Katara) in Hindi)
- 6 उत्कण्टक (उँटकटेरा) का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Utkantak (Oont Katara) in Hindi?)
- 7 उत्कण्टक (उँटकटेरा) कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Utkantak (Oont Katara) Found or Grown?)
उत्कण्टक (उँटकटेरा) क्या है? (What is Utkantak (Oont Katara) in Hindi?)
ऊँटकटेरा (उत्कण्टक) ब्रह्मदण्डी और सत्यानाशी की तरह दिखते हैं। ऊँटकटेरा (उत्कण्टक) के सभी भागों पर ब्रह्मदण्डी और सत्यानाशी की तरह ही कांटे होते हैं जो तीक्ष्ण तथा ऊपर की ओर उठे हुए होते हैं, लेकिन वास्तव में उत्कण्टक दोनों से अलग है। इस वनस्पति को ऊँट बड़े चाव से खाते हैं।
यहां उत्कण्टक के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Utkantak benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप उत्कण्टक के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन किसी बीमारी के लिए उत्कण्टक का सेवन करने या उत्कण्टक का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से ज़रूर सलाह लें।
अनेक भाषाओं में उत्कण्टक (उँटकटेरा) के नाम : Name of Utkantak in (Oont Katara) Different Languages
उत्कण्टक का वानस्पतिक नाम Echinops echinatus Roxb. (एकीनॉप्स एकीनेटस) है और यह Asteraceae (ऐस्टरेसी) कुल का है। उत्कण्टक को देश-विदेश में कई नामों से जाना जाता है, जो ये हैंः-
Utkantak in –
- Hindi-ऊटकटेरा, उटकंटो, ऊँटकंटा
- Sanskrit-उत्कण्टक, उत्तुण्डक, कंटफल, रक्तफूला, कण्टालु , उटाटि
- English- कैमेल्स् थिसिल (Camel’s thistle), Globe thistle (ग्लोब थिसिल)
- Urdu-ऊँटकटारा (Untkatara)
- Kannada-ब्रहमा डान्डे (Brahma dande)
- Gujarati-शुलियो (Shuliyo), उत्कन्टो (Utkanto), उत्काटो (Utkato)
- Tamil-कट्टम (Kattam), कन्टाकम (Kantakam)
- Telugu-ब्रह्मदण्डी (Brahmadandi)
- Marathi-काडेचुबक (Kadechubak), उटांटी (Utanti)
- Arabic-अशोकुल जमाल (Ashokul jamal)
- Persian-अष्टारखर (Ashtarkhar)
उत्कण्टक (उँटकटेरा) के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Utkantak (Oont Katara) in Hindi)
उत्कण्टक (उत्कण्टक) के आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव ये हैंः-
उँटकटेरा कटु, तिक्त, उष्ण, लघु, कफवातशामक, वृष्य, मूत्रल, बलकारक, कफनिसारक तथा रुचिकर होता है। यह प्रमेह, तृष्णा, हृदयशूल, मूत्रकृच्छ्र, दाह, विस्फोट तथा शोथनाशक होता है। इसकी जड़ गर्भस्रावकारी तथा वाजीकारक होती है। इसके बीज वाजीकर होते हैं।
उत्कण्टक (उँटकटेरा) के फायदे और उपयोग : Utkantak (Oont Katara) Benefits and Uses in Hindi
उत्कण्टक के औषधीय गुण, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-
सिर दर्द में उत्कण्टक (उँटकटेरा) के फायदे (Benefits of Utkantak (Oont Katara) in Relief from Headache in Hindi)
उत्कण्टक की जड़ को सोंठ के साथ पीसकर मस्तक पर लगाएं। इससे सिर दर्द से आराम मिलता है।
और पढ़ें: अलसी के फायदे सिर दर्द में
आंखों के रोग में उत्कण्टक (उँटकटेरा) के फायदे (Utkantak Benefits (Oont Katara) to Cure Eye Diease in Hindi)
उत्कण्टक (उँटकटेरा) के ताजे कच्चे डोडों (फूल युक्त फलों) को कूटकर पीस लें। इसे छानकर रस निकाल लें। इसे आंखों में काजल की तरह लगाने से आंखों की फूली तथा रतौंधी में लाभ होता है।
और पढ़ेंः आंखों के रोग में करेला के फायदे
कंठ के रोग में उत्कण्टक (उँटकटेरा) के औषधीय गुण से लाभ (Utkantak Uses (Oont Katara) Benefits to Treat Throat Disease in Hindi)
उत्कण्टक के पत्तों को अच्छी तरह पीसकर, गले में लेप करने से कंठमाला रोग में लाभ होता है। बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।
और पढ़ेंः गले के दर्द और सूजन से छुटकारा पाने के उपाय
खांसी में उत्कण्टक के सेवन से फायदा (Benefits of Utkantak in Fighting with Cough in Hindi)
- उत्कंटक पंचांग का काढ़ा बना लें। 10-20 मिली काढ़ा में गुड़ मिलाकर पीने से खांसी ठीक होती है और पाचनतंत्र ठीक रहता है।
- 1/2-1 ग्राम जड़ की छाल के चूर्ण को पान में रखकर चूसें। इससे खांसी और सांसों की बीमारी में लाभ होता है।
- 5-10 मिली उत्कण्टक पत्ते के रस में बराबर शहद मिलाकर चाटने से सांसों की बीमारी और खांसी में लाभ होता है।
और पढ़ेंः खांसी को ठीक करने के लिए घरेलू उपाय
अधिक प्यास लगने की समस्या में उँटकटेरा के सेवन से लाभ (Oont Katara Benefits in Excessive Thirsty Problem in Hindi)
उत्कण्टक की जड़ का काढ़ा बना लें। इसे 10-20 मिली की मात्रा में पीने से अत्यधिक प्यास लगने की समस्या ठीक होती है।
और पढ़ेंः अधिक प्यास लगने की समस्या में अदरक के फायदे
पाचनशक्ति विकार में उत्कण्टक के सेवन से फायदा (Utkantak Uses for Digestive System in Hindi)
1 ग्राम उत्कण्टक जड़ के चूर्ण में 1 ग्राम छुहारे की गुठली का चूर्ण मिला लें। इसका सेवन करने से पाचनशक्ति बढ़ती है। अधिक लाभ के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।
और पढ़ेंः पाचनतंत्र विकार में अलसी के फायदे
उँटकटेरा के औषधीय गुण से पीलिया का इलाज (Benefits of Oont Katara in Fighting with Jaundice in Hindi)
1/2-1 ग्राम जड़ छाल के चूर्ण को काले तिल के साथ सेवन करने से एनीमिया और पीलिया रोग में लाभ होता है।
और पढ़ेंः पीलिया के इलाज के लिए घरेलू उपाय
उत्कण्टक के औषधीय गुण से प्रसव में मदद (Utkantak is Beneficial in Pregnancy in Hindi)
उत्कण्टक की जड़ के काढ़ा को गर्भवती महिला की नाभि पर लगाने से प्रसव सुखपूर्वक और तुरंत हो जाता है।
और पढ़ेंः प्रसव संबंधी समस्या में रीठा के फायदे
उँटकटेरा के सेवन से सुजाक का इलाज (Oont Katara Uses for Gonorrhea Treatment in Hindi)
1 ग्राम उत्कण्टक की जड़ की छाल के चूर्ण में समान भाग मिश्री तथा तालमखाना बीज के चूर्ण को मिला लें। इसे खिलाने से सूजाक में लाभ होता है।
और पढ़ेंः सुजाक में दारुहरिद्रा के फायदे
उत्कण्टक के औषधीय गुण से कुष्ठ रोग का इलाज (Benefits of Utkantak to Treat Leprosy in Hindi)
1 ग्राम उत्कण्टक जड़ को गोमूत्र में पीसकर त्वचा में लगाने से कुष्ठ में लाभ होता है। इसके अलावा और भी बेहतर फायदे के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से मिलें।
और पढ़ेंः कुष्ठ रोग में करंज के फायदे
उत्कण्टक के औषधीय गुण से डायबिटीज पर नियंत्रण (Utkantak Benefits in Controlling Diabetes in Hindi)
1 ग्राम उत्कण्टक की जड़ की छाल के चूर्ण में 1 ग्राम गोखरू चूर्ण मिला लें। 1 ग्राम मिश्री मिलाकर पीने से डायबिटी, सुजाक तथा मूत्र रोग में लाभ होता है।
और पढ़ेंः डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए घरेलू उपाय
योनि-विकार में उँटकटेरा से लाभ (Uses of Oont Katara for Vaginal Disorder in Hindi)
उत्कण्टक जड़ की छाल को गुड़हल के फूलों के साथ पीस लें। इसे योनि में लगाने से योनि के ढीलेपन की समस्या के साथ योनि के अन्य विकारों में लाभ होता है।
और पढ़ेंः योनि के विकारों में लोध्रा के फायदे
वीर्य-विकार में उँटकटेरा के सेवन से लाभ (Oont Katara Benefits for Semen Disorder in Hindi)
1 ग्राम उंटकटेरा की जड़ के चूर्ण के बराबर गोखरू तथा क्रौंच बीज मिला लें। इसे 200 मिली दूध में पकाकर, छान लें। इसे ठंडा करके मिश्री मिलाकर पीने से वीर्य संबंधी विकारों में लाभ होता है।
और पढ़ेंः वीर्य विकार में उटंगन के फायदे
त्वचा रोग में उँटकटेरा के सेवन से लाभ (Uses of Oont Katara for Skin Disease in Hindi)
उंटकटेरा जड़ का काढ़ा बना लें। इसे 10-20 मिली की मात्रा में पीने से त्वचा संबंधी विकारों में लाभ होता है। बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।
और पढ़ेंः त्वचा रोग में मूली के फायदे
रोमछिद्रों की सूजन में उत्कण्टक (उँटकटेरा) से इस्तेमाल से फायदा (Benefits of Utkantak (Oont Katara) to Treat Pore Swelling in Hindi)
रोमछिद्रों में सूजन हो जाने पर उत्कण्टक के बीजों को पीस लें। इसे प्रभावित स्थान पर लगाने से रोमछिद्रों की सूजन की समस्या ठीक होती है।
और पढ़ेंः बड़े रोमछिद्रों को कम करने के घरेलू उपाय
यौन रोगों (काम-शक्ति में कमी) में उत्कण्टक के सेवन से लाभ (Uses of Utkantak in Erectile Dysfunction (Impotence) in Hindi)
- 2-4 ग्राम उत्कंटक की जड़ को 100 मिली दूध में पका लें। इसे पिलाने से काम-शक्ति में वृद्धि होती है।
- उत्कंटक जड़ की छाल को शहद में पीसकर इन्द्रिय पर लेप करें। इससे स्तम्भन-शक्ति बढ़ती है।
और पढ़ेंः काम-शक्ति में वृद्धि या नपुसंकता में शतावरी के फायदे
अधिक पसीना आने की समस्या में उत्कण्टक (उँटकटेरा) से लाभ (Utkantak (Oont Katara) Benefits for Sweating Problem in Hindi)
आपको अधिक पसीना आता है तो उत्कण्टक की जड़ को छाया में सूखा लें। इस जड़ को पीस लें। 1 ग्राम जड़ के चूर्ण में शहद मिलाकर 7 दिनों तक सेवन करने से लाभ होता है।
और पढ़ेंः अधिक पसीना आने पर बबूल के इस्तेमाल से लाभ
उत्कण्टक (उँटकटेरा) के सेवन से हिस्टीरिया का इलाज (Uses of Utkantak (Oont Katara) for Hysteria Treatment in Hindi)
हिस्टीरिया के कारण रोगी को अनेक तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी हिस्टीरिया से पीड़ित हैं तो उत्कंटक पंचांग का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में पिएं। इससे हिस्टीरिया में लाभ होता है।
और पढ़ेंः सीताफल के सेवन से हिस्टीरिया में लाभ
उत्कण्टक (उँटकटेरा) के सेवन से मिर्गी का इलाज (Benefits of Utkantak (Oont Katara) for Epilepsy in Hindi)
कई लोग मिर्गी को ठीक नहीं होने वाली बीमारी मानते हैं लेकिन ऐसा सोचना सही नहीं है। आप 1-2 ग्राम उत्कण्टक जड़ को पानी में पीसकर पिएं। इससे मिर्गी में लाभ होता है।
और पढ़ेंः गोरखमुंडी के उपयोग से मिर्गी का इलाज
बुखार में उत्कण्टक (उँटकटेरा) के फायदे (Utkantak (Oont Katara) Uses in Fighting with Fever in Hindi)
500 मिग्रा उत्कण्टक जड़ के चूर्ण को पान में रखकर सेवन करने से बुखार ठीक होता है।
और पढ़ेंः बुखार के लिए घरेलू उपचार
उत्कण्टक (उँटकटेरा) के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Utkantak (Oont Katara) in Hindi)
उत्कण्टक के इन भागों का इस्तेमाल किया जाता हैः-
- पंचांग
- जड़
- पत्ते
- फल
उत्कण्टक (उँटकटेरा) का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Utkantak (Oont Katara) in Hindi?)
उत्कण्टक को इतनी मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिएः-
काढ़ा– 50-100 मिली
यहां उत्कण्टक के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Utkantak benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप उत्कण्टक के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन किसी बीमारी के लिए उत्कण्टक का सेवन करने या उत्कण्टक का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।
उत्कण्टक (उँटकटेरा) कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Utkantak (Oont Katara) Found or Grown?)
उत्कण्टक 1600 मीटर की ऊंचाई पर गंगा के मैदानी क्षेत्रों, चरागाहों व खुले वनों, उत्तर-पश्चिमी हिमालय, पंजाब, उत्तर-प्रदेश, बिहार तथा प्रायद्वीपों में होता है।
और पढ़ें: तालमखाना के फायदे