मुँहासा त्वचा संबंधी आम रोगों में सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बीमारी है क्योंकि इसका सीधा असर आपकी सुंदरता पर पड़ता है। वैसे तो 17-21 वर्ष की उम्र में मुँहासों का होना सामान्य है। क्योंकि इस उम्र में हार्मोन्स जैसे- एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन घटते और बढ़ते रहते हैं जिसकी वजह से चेहरे में तेल का स्राव ज्यादा होने लगता है और चेहरे पर मुँहासे होने लगते हैं। लेकिन शायद आप ये जानकर आश्चर्यचकित हो जायेंगे कि आयुर्वेद के अनुसार घरेलू नुस्खे (Home remedies for Pimples) मुँहासों के लिए ज्यादा फायदेमंद होती है।
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हमारे शरी में वात-पित्त-कफ दोष उपस्थित होते हैं। जिनके असंतुलित होने पर शरीर में कई प्रकार की बीमारियां होने लगती हैं। इसी प्रकार मुँहासों में मुख्यत पित्त और कफ दोष के असंतुलित होने के कारण त्वग्वसीय ग्रन्थि (Sebecaus gland) में रुकावट आ जाती है। जिसके कारण त्वचा में उपस्थित छोटे-छोटे रोम छिद्र बन्द हो जाते हैं और त्वचा से निकलने वाला तैल रोम छिद्र (porel) में इकट्ठा होने लगता है जिसकी वजह त्वचा में गोल आकार के छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं जिन्हें मुँहासे कहते हैं। अधिकांश मामलों में ये मुंहासे घरेलू इलाजों (pimples ka gharelu ilaj in hindi) से ठीक हो जाते हैं.
वास्तव में मुँहासे सामान्यत पित्त व कफ दोष के असंतुलन होने की वजह से होते हैं। यह असंतुलित दोष (Imbalance Dosha) शरीर में पहुँचकर हमारी पाचन क्रिया (Digestive system) कमजोर या खराब कर देते हैं जिसकी वजह से खाया हुआ खाना अच्छे से नहीं पच पाता है और पेट भी अच्छे से साफ नहीं होता है। अगर पेट अच्छे से साफ नहीं होगा तो हमारे शरीर के विषाक्त (Toxin) बाहर न निकलकर शरीर के खून को गंदा कर देते हैं। जिसकी वजह से चेहरे के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं ।
आम तौर पर मुँहासा होने के बहुत सारे कारण है लेकिन उनमें से आहार और जीवनशैली प्रमुख है जिनके कारण मुँहासा होता है। चलिये इनके बारे में जानते है कि इन दोनों के अलावा और भी कौन से ऐसे कारण है। लेकिन कारण कोई भी हो घरेलू नुस्ख़े बहुत फायदेमंद होते हैं।
आहार योजना या डायट – ज्यादा तैलीय (Oily), मिर्च मसाला (Spicy) खाना; बाहर की चीजे जैसे- पिज्जा, बर्गर, पेस्ट्री, आइक्रिम, आदि खाना, विरुद्ध आहार (Imcompatable Food) जैसे (दूध के साथ नमक), मैदे से बनी चीजों को अधिक मात्रा में खाना मुँहासे निकलने के वजह होते हैं।
आनुवांशिक (Heridity)- यदि आपके परिवार में माता या पिता में से किसी को मुँहासों की शिकायत है तो आपको भी मुँहासे (12-18) उम्र के बीच में होने लगेंगे। इन मुंहासों का इलाज (pimples ka gharelu ilaj in hindi) कराना ज़रुरी नहीं होता बल्कि ये समय के साथ अपने आप ठीक हो जाते हैं।
संक्रमण (Bactria)- चेहरे पर मुँहासों का होना (Bacterial) भी एक मुख्य कारण है क्योंकि मुँहासे जीवाणुयों की वजह से होता है जिसकी वजह से चेहरे पर लाल रंग के दाने निकलने लगते हैं जिनको छूने पर दर्द होता है।
मानसिक तनाव (Mental Stress)- चेहरे पर मुँहासे होने का एक कारण मानसिक तनाव भी है क्योंकि ज्यादा मानसिक तनाव होने की वजह से शरीर में मौजूद हार्मोन्स असंतुलित होने के कारण स्ट्रेस हार्मोन्स का स्राव ज्यादा होने लगता है। जिसकी वजह से चेहरे पर मुँहासे होने लगते हैं।
त्वग्वसीय ग्रन्थि अवरोध (Obstruction in sebecausgland)- आयुर्वेद के अनुसार जब दोष असंतुलित हो जाते हैं तो वो चेहरे पर उपस्थित त्वग्वसीय ग्रन्थि में रुकावट कर चेहरे के छोटे-छोटे रोम छिद्र बंद कर देता है। चेहरे के रोम छिद्र से त्वगवसा (Sebum) या तैल स्राव होता है मगर रोमछिद्र के बंद हो जाने के कारण यह तैल चेहरे के रोमछिद्र में इकट्ठा होकर चेहरे पर उभरे हुए दाने या मुँहासों का रूप ले लेता है।
पित्त व कफ दोष की प्रधानता-मुँहासे सामान्यत पित्त व कफ दोष के असंतुलन होने की वजह से होते हैं। यह असंतुलित दोष (Imbalance Dosha) शरीर में पहुँचकर हमारी पाचन क्रिया (Digestive system) कमजोर या खराब कर देते हैं जिसकी वजह से खाया हुआ खाना अच्छे से नहीं पच पाता है और पेट भी अच्छे से साफ नहीं होता है। अगर पेट अच्छे से साफ नहीं होगा तो हमारे शरीर के विषाक्त (Toxin) बाहर न निकलकर शरीर के खून को गंदा कर देते हैं। जिसकी वजह से चेहरे के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं ।
गर्भनिरोधक दवायें (Contracaptive pills)- जो महिलाएँ गर्भनिरोधक दवा ज्यादा खाती है तो उसके कारण शरीर के हार्मोन्स जैसे- एन्ड्रोजन (Androgen) और प्रोजेस्ट्रोन (Progestrone) असंतुलित होकर त्वगवसा (Sebum) का स्राव (Secretion) ज्यादा करने लगते हैं जिसके कारण त्वचा के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं और मुँहासे हो जाते हैं। ये मुंहासे घरेलू उपायों (pimples ka gharelu ilaj in hindi) से ठीक नहीं होते हैं, इसके इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.
अनियमित मासिक स्राव (Irregular menturationcycle)- प्रेगनेन्सी के दौरान महिलाओं में मासिक स्राव नौ महीने के लिए बंद हो जाता है जिसके कारण हार्मोन्स का असंतुलन हो जाता है और जिसकी वजह से कुछ महिलाओं को मुँहासे (Acne) की शिकायत हो जाती है।
हार्मोनल असंतुलन- प्रेगनेन्सी के दौरान कुछ महिलाओं में हार्मोन्स जैसे, प्रोजेस्टेरॉन या एन्ड्रोजेनिक के असंतुलन के कारण चेहरे की त्वगवसा (Oil Glands) से तैल का स्राव (Secretion) ज्यादा होने लगता है जिसके कारण चेहरे पर मुँहासे (Acne/Pimples) होने लगते हैं।
शरीर में पानी की कमी : पानी कम पीने से हमारे शरीर के हार्मोन्स शरीर में अच्छे से घुल (Diluted) नहीं हो पाते हैं और हमारे शरीर में अच्छे से नहीं पहुँच पाते हैं जिसके कारण हमारी हाइड्रेटेड नहीं हो पाती है।
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मुँहासा होना इन बीमारियों के होने के संकेत भी हो सकते हैं :
यह सच है कि अधिकांश लोग मुंहासों को घरेलू उपायों (Pimples ka gharelu ilaj in hindi) से ठीक कर लेते हैं लेकिन अगर बार बार मुंहासे निकल रहे हैं, तो ऐसा किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है. बार बार मुंहासे निकलना निम्न बीमारियों का लक्षण हो सकता है.
वैसे तो मुँहासों का निकलना ही उसका मूल लक्षण होता है। लेकिन इसके अलावा भी और भी लक्षण है-
वैसे तो मुँहासों का होना आम बात है लेकिन अपने डायट, रोजमर्रा के आदतों और मेकअप करने के तरीकों में बदलाव लाने पर मुँहासों का आना कुछ हद तक कम कर सकते हैं।
दूध से बने चीजों का सेवन ना करें
ज्यादा मात्रा में दूध से बने उत्पाद (Product) को नहीं लेना चाहिए। क्योंकि भैंस या गाय के हार्मोन्स से चेहरे की तैल ग्रन्थी (Oily glands) से त्वगवसा (Sebum) का स्राव (Secretion) ज्यादा होने लगता है जिसकी वजह से मुँहासे (Acne) होने लगते हैं।
मांस का सेवन ना करें
अगर आप मुँहासे (Acne) ठीक करना चाहते हैं तो मांस (Meat) तुरन्त लेना बंद कर देना चाहिए जैसे- चिकन, पोर्क, बीफ, यह सारी चीजे आप बहुत कम मात्रा में खा सकते हैं। केवल 1/6 भाग ही खा सकते हैं क्योंकि मांस (Meat) बहुत ज्यादा अम्लीय (Acidic) होता है । जो शरीर के पीएच लेवल को असंतुलित कर देता है और मांस में उच्च मात्रा में प्रोटीन होता है जिसको पचाने में काफी समय लग जाता है।
चीनी (Sugar) से बनी हुई चीजों से परहेज करें
ज्यादा मात्रा में चीनी से बने उत्पाद (Product) तुरन्त नहीं खाने चाहिए क्योंकि यह त्वचा के मुँहासों में सूजन (Inflammation) कर देते हैं।
इन चीजों को करें डायट में करे शामिल
विटामिन ‘सी’ और विटामिन ‘डी’ युक्त फल व सब्जियों का सेवन
सन्तरा, अनार, मौसम्बी, कद्दू, शकरकन्द, पपीता, सेब, टमाटर, केला, नींबू आदि का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में विटामिन ‘ए’ और विटामिन ‘डी’ पाया जाता है जो त्वचा के मुँहासों को कम करते हैं और चेहरे को स्वस्थ बनाते हैं।
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हरी सब्जियों का सेवन
लौकी, तोरई, पालक, गाजर, आँवला, चुकन्दर आदि का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन ‘बी’ व विटामिन ‘ई’ पाया जाता है।
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चिया बीज का प्रयोग (Chia Seed)
नाश्ते में चीया के बीज खाने चाहिए क्योंकि यह शरीर के विषाक्त (Toxins) को बाहर निकालने का काम करती है।
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मुंहासो के घरेलू उपायों (Gharelu upay for pimples in hindi) के अलावा मेकअप करते समय भी कुछ बातों का ध्यान रखें. ऐसा करने से दोबारा मुंहासे होने की संभावना कम हो जाती है.
तैलीय सौन्दर्य प्रसाधन (Oily Makeup) : चेहरे पर तैल जैसे बादाम का तैल (Almond Oil) आदि से बने हुए मेकअप का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि बादाम चेहरे के रोम छिद्र को बंद करने का काम करता है। जिसके कारण चेहरे में मुँहासे और होने लगते हैं।
एल्गेएक्स्ट्रैक्ट (Algaeextract)- यह कैमिकल मुख्यत एक सौन्दर्य प्रसाधन (Beauty Product) कन्सीलर में मिलता है इसका इस्तेमाल ज्यादा करने से चेहरे के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं और कभी-कभी चेहरे की त्वचा पर खुजली और जलन करने लगते हैं।
सी-बटर (Shea butter)- यह मुख्यत त्वचा को कोमल व मुलायम बनाता है पर इसमें ज्यादा तैल (Oil) होने की वजह से त्वचा के रोम छिद्र को बंद कर देता है। इसका उपयोग मुख्यत रूखी त्वचा वालों को करना चाहिए।
एथेहैक्सल पाल्मीटेट (Ethyhexyl Palmitate)- इसमें बहुत अधिक मात्रा में फैटी ऐसीड पाया जाता है जो त्वचा के पीएच लेवल को असंतुलित कर देता है।
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आम तौर पर मुँहासों को दूर करने के लिए घरेलू नुस्ख़ों (Home remedies for Pimples) को ही अपनाया जाता है। इनमें वह चीजें होती हैं जो आसानी से घर में मिला जायें या उसको इस्तेमाल करने का तरीका आसान हो। चलिये इनके बारे में विस्तृत से जानते हैं।
100 मि.ली.गुलाबजल, 50 मि.ली. नींबू का रस, 20 मि.ली.ग्लिसरीन और 20 मि.ली. खीरे का जूस एक साथ मिलाकर काँच की एक बोतल में भरकर रख ले। रोज रात में चेहरे को सादे पानी से धोकर पोंछ ले। फिर इस मिश्रण को चेहरे पर रात भर लगाकर छोड़ दे और सुबह चेहरे को सादे पानी से धो ले। तीन हफ्तों तक इसका प्रयोग करने से त्वचा के दाग, धब्बे, मुँहासे पूरी तरह खत्म हो जाते हैं और चेहरे की रंगत में निखार आता है।
नीम का पेस्ट बनाने के लिए 10-15 नीम के पत्ते, 1 छोटा चम्मच चंदन का पाउडर और 1/4 चम्मच हल्दी का पाउडर एक साथ मिला लें। नीम के पत्तों को अच्छी तरह से साफ कर लें फिर नीम के पत्तों के साथ चन्दन पाउडर व हल्दी को मिलाकर इनको पीसकर अच्छे से इनका पेस्ट बनाकर चेहरे पर मास्क की तरह आधे घण्टें तक लगाकर रखे फिर चेहरे को सादे पानी से अच्छे से धो ले। यह पेस्ट रोज दो हफ्तों तक लगाने से मुँहासे खत्म हो जाते हैं क्योंकि नीम में एन्टी बैक्टिरीयल गुण पाये जाते हैं। यह मुंहासे दूर करने का असरदार घरेलू उपाय (Gharelu upay for pimples in Hindi) है।
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हल्दी का इस्तेमाल करना मुहांसे दूर करने का काफी प्रचलित घरेलू नुस्खा (pimples ka gharelu ilaj in hindi) है। हल्दी 1/2-1/4 चम्मच , एक छोटा चम्मच चन्दन पाउडर के साथ मिलाकर गुलाब जल या सादे पानी में घोलकर एक गाढ़ा पेस्ट बनाकर चेहरे में मास्क के रूप में आधा घण्टे तक लगाकर सादे पानी से धो लें। अगर त्वचा रूखी है तो मास्क धूलने के बाद चेहरे पर गुलाब जल लगा लें। हल्दी में प्रकृति रूप में एन्टीबैक्टिरीयल और एन्टी इंफ्लैमटोरी गुण पाये जाते हैं।
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काले तिल 1 छोटा चम्मच, नींबू के रस के साथ पीसकर पेस्ट बनाकर पूरे चेहरे पर लगाने से मुँहासों में लाभ मिलता है।
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दाल चीनी मुँहासों के लिए घरेलू नुस्खा (home remedies for pimples) बहुत लाभकारी साबित हुई है। दाल चीनी का पाउडर आधा छोटा चम्मच या आवश्यकतानुसार ले और शहद के साथ मिक्स करके पेस्ट बना ले फिर पेस्ट को सिर्फ जहाँ मुँहासे या दाने हो वहाँ पर रात भर लगाकर सो जाए। सुबह उठकर ताजे पानी से चेहरे को धुल लें। दालचीनी का प्रयोग खाने मे भी करना चाहिए क्योंकि इसमें तिक्त गुण होते हैं, जो शरीर के ब्लड शूगर और इन्सूलिन को कम करते हैं और चेहरे के रोम छिद्र को खोलने में मदद कर देते हैं।
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आम तौर पर मुँहासों का आना आम बीमारी होता है लेकिन जब इसके लक्षण जटिल हो जाये और बार-बार ज्यादा संख्या में हो रहा है तो डॉक्टर से सलाह ले लेना जरूरी होता है।
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