खटमल छोटे परजीवी होते हैं जो बिस्तर और गद्दों में पनपते हैं। ये लाल-भूरे रंग के और चपटे होते हैं। ये परजीवी इंसानों का खून पीकर जिंदा रहते हैं, एक मादा खटमल अपने पूरे जीवनकाल में दो सौ से चार सौ अण्डे देती है। वयस्क खटमल भूरे 1/4 से 3/8 इंच लम्बे होते हैं और उनका आकार चपटा, अण्डाकार होता है। छोटे खटमल (निम्फ कहते हैं) छोटे और हल्के रंग के होते हैं।
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जैसा कि पहले ही हमने चर्चा की कि खटमल परजीवी प्राणी होते हैं। खटमल बिस्तर में कई स्थानों में छिपे होते हैं। ये कुर्सियों और सोफों के जोड़ों में, तकियों के बीच, और पर्दों के फोल्ड में भी छिपे हो सकते हैं। ये हर पांच से दस दिन में खून पीने के लिए बाहर निकलते हैं। लेकिन ये बिना कुछ खाये एक वर्ष से ज्यादा समय तक जीवित रह सकते हैं। काटने के लिए आपकी कोई प्रतिक्रिया नहीं हो सकती है, या छोटे निशान या खुजली हो सकती है। खटमल काटने से कोई बीमारी नहीं फैलती है।
असल में खटमल गन्दगी में पनपने वाला कीट होता है। बहुत दिनों तक बिस्तर को धूप नहीं दिखाने, सीलन और गन्दगी के चलते ये पनप जाते हैं, इसके लिए जरूरी है कि बिस्तर को समय-समय पर धूप दिखाते रहें।
खटमल के काटने पर यह बीमारियां हो सकती हैं-
एलर्जिक रिएक्शन- खटमल के काटने पर हर व्यक्ति में अलग-अलग लक्षण मिलते हैं। इससे त्वचा में जलन एवं लालीमा आ सकती है।
खुजली– खटमल के काटने से शरीर में तेज खुजली हो सकती है।
अन्य संक्रमण- खटमल काटने से किसी प्रकार का कोई इन्फेक्शन नहीं होता है परन्तु खुजली के कारण शरीर में घाव बन सकते हैं जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
तनाव- खुजली के कारण नींद नहीं आती फिर यह अनिद्रा तनाव का कारण बनता है।
काटने के निशान को देखकर कैसे समझेंगे कि खटमल ने काटा है। ऐसा निशान किसी दूसरे मच्छर या कीड़े के काटने से भी बन सकता है। यानि शरीर पर निशान से खटमल के मौजूद होने का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है।
कुछ विशेष बातों से खटमल होने का संकेत मिलता है जो इस प्रकार है-
–खटमल के काटने का निशान– आप अपने ऊपर मच्छर की बाइट की तरह दिखने वाले रैश को देखकर खटमल के संक्रमण की पहचान कर सकते हैं। ज्यादातर वक्त पर ये सिर्फ रातों को ही आया करते हैं, लेकिन गंभीर संक्रमण के मामले में, ये दिन के दौरान भी नजर आ सकते हैं। मच्छर के काटने के जगह के तुलना में, खटमल के काटने पर प्रभावित जगह पर ज्यादा सूज जाता है और फैल जाता है।
-बिस्तर या चादर पर लाल रंग के धब्बे नजर आते हैं जो कि खटमल के कुचले जाने के कारण बन जाते हैं। इसका मतलब Bed bugs है।
-गहरे रंग का छोटा धब्बा जो खटमल का मल होता है और दबाने पर रंग छोड़ता है। यह इनकी उपस्थिति दर्शाता है।
-खटमल के मटमैले सफेद रंग के चावल जैसे अण्डे दिखाई दें या अण्डे के खोल दिखाई दे तो समझ लेना चाहिए कि खटमल मौजूद है।
-जिन्दा खटमल घूमते दिखाई दें तो प्रत्यक्ष प्रमाण मिल ही जाता है।
-अगर सुबह सोकर उठने के बाद आपको खुजली होती है और रैशेज नजर आते हैं तो हो सकता है कि आपके बिस्तर में खटमल हों।
-किसी कीट के काटने के निशान आपको साफ नजर आएंगे और ये संख्या में बहुत अधिक होंगे, हो सकता है आपके कपड़ों पर रस्टी निशान नजर आयेंगे।
-अगर इंफेक्शन बहुत अधिक है तो हो सकता है कि आपके शरीर से बदबू भी आए।
और पढ़े: रैश के घरेलू उपचार
खटमल को निकालने के लिए कुछ बातों पर ध्यान देने की ज़रूरत है। इनको नियम के साथ करने पर घर से खटमल से निजात पाया जा सकता है-
-अगर फर्नीचर में कहीं दरार है तो उसे तुरन्त ठीक करवा लें।
-पुराना फर्नीचर घर लाने से पहले उसमें खटमल के किसी भी संकेत की जांच करें।
-नीम की पत्तियों को गद्दे पर बिछाएं या फिर नीम की पत्तियों को पानी में उबाल लें और इस पानी का छिड़काव बिस्तर पर करें।
-अपने घर को व्यवस्थित रखें ताकि उनके पास छिपने के लिए कम स्थान उपलब्ध हो।
-यात्रा से लौटने के बाद सीधे अपने वाशिंग मशीन में कपड़े डालें और अपने सामान की ध्यानपूर्वक जांच करें। होटलों में रुकते समय, अपना सूटकेस फर्श के बजाय सामान के रैक पर रखें। गद्दों और हेडबोर्ड पर खटमल की जांच करें।
-चादरों और कपड़ों को उच्च तापमान पर धोएं।
-आवश्यकतानुसार कीटनाशक प्रयोग करें।
-मैट्रेस को खरीदते वक्त, इसके साथ में आई हुई प्लास्टिक कवरिंग को लगे रहने दें। अपनी मैट्रेस और बॉक्स स्प्रिंग के लिए स्पेशल बेडबग कवर्स खरीद लें। इन्हें खरीदते वक्त अच्छी क्वालिटी की जाँच कर लें और इनके हैवी ड्यूटी जिपर्स के साथ होने और ऐसे स्पेशल फेब्रिक से बने होने की पुष्टि कर लें, जो जल्दी न फटे। ऐसा कोई भी सस्ता कवर न खरीद लें, जो बेडबग्स को उनके फीडिटि ट्यूब्स को कवर पर से स्किन में चिपकने से तकर रोकने लायक मोटा न हो।
-गद्दों और चादरों को समय-समय पर साफ करते रहें और उन्हें धूप भी दिखाते रहें।
-सुरक्षात्मक कवर का प्रयोग करें जो गद्दों और बॉक्स स्प्रिंग पर चढ़ाया जा सके। नियमित रूप से छेद की जांच करें।
-वैक्यूम क्लीनर से गद्दों की सफाई करना भी असरदार रहेगा।
-अगर आपको संदेह है कि आपके बिस्तर में खटमल है तो एक कॉटन के टुकड़े को एल्कोहल में डुबोकर गद्दों पर रगड़ें।
-सप्ताह में कम से कम दो बार बेड कवर और पिलों कवर बदलना जरूरी है, अगर आपको बालों से जुड़ी कोई समस्या है तो आपको सप्ताह में कम से कम तीन बार तकिये का कवर बदलना चाहिए। वरना आपकी ये समस्या और बढ़ जाएगी। इसके साथ ही अगर कोई और आपके साथ बेड शेयर करता है तो उसे भी ये संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाएगा।
-मौसम के अनुसार ही बेड कवर का चुनाव करें, गर्मियों में जहां कॉटन का बेड कवर इस्तेमाल करना बेहतर होगा, वहीं सर्दियों के लिए सिल्क या मोटे कपड़े के बेड कवर का इस्तेमाल करना अच्छा रहेगा। हालांकि सिल्क का बेड कवर या फिर कोई भी मोटे फैब्रिक का कवर गंदा अधिक होता है क्योंकि इसमें धूल बैठती है और इन्हें धोना भी थोड़ा मुश्किल होता है।
-रोज सुबह उठने के साथ ही बेड कवर को बाहर ले जाकर झटक दें, ताकि उसमें जमा सारी धूल और दूसरी गंदगी साफ हो जाए, उसके बाद उसे सलीके से बिस्तर पर बिछा लीजिए। पिलो कवर को भी इसी तरह रोज सुबह साफ कर लें, बेड के पास ही एक मैट रखें ताकि बिस्तर पर बैठने से पहले आप उस पर पैर पौंछ सकें।
-महीने में एक बार गद्दों को धूप दिखाना बहुत जरूरी है, इससे गद्दों में कीड़े नहीं पनपने पाएंगे और उसमें से किसी भी प्रकार की गंध भी नहीं आएगी।
-कई घरों में लोग बिस्तर पर बैठकर ही खाना खाने लग जाते हैं, ये एक गलत आदत है, बिस्तर पर बैठकर खाना खाने से एक ओर जहां कवर के गंदा होने की आशंका बढ़ जाती है वहीं ये सेहत के लिहाज से भी सही नहीं है।
खटमल को भगाने के लिए सबसे पहले घरेलू उपायों का ही सहारा लिया जाता है। जैसे- नीम, बेकिंग सोडा आदि।
बेकिंग सोडा खटमल को सूखा कर मार देता है। खटमल छुपे होने की सम्भावना वाली जगह के आस-पास बेकिंग सोडा छिड़क दें। इसे एक सप्ताह तक रहने दें। इसके बाद हटा दें और अच्छे से सफाई कर दें। यह प्रक्रिया 3-4 सप्ताह दोहराएं। इससे खटमल के परेशानी से मुक्ति मिलती है।
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नीम की पत्तियां एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं जिसकी वजह से इसका इस्तेमाल कीड़ों को दूर रखने के लिए किया जाता है। नीम की पत्तियां खटमल के छुपने की जगह के आस-पास रखें। इसकी गंध से खटमल मर जाते हैं। नीम की पत्तियां पानी में उबाल कर इस पानी को नहाने के पानी में मिला दें। फिर इससे नहायें। खटमल या अन्य कीट पास नही आएंगे।
खटमल पुदीना की गंध को सहन नहीं कर पाते हैं, तो कुछ पुदीने की पत्तियां लें और अपने बिस्तर के पास रख दें। तीन चार दिन बाद साफ कर दें और नई पत्तियां डाल दें। इस तरह कुछ अंतराल से पत्तियों के प्रयोग से खटमल समाप्त हो सकते हैं। पुदीने के पत्ते खटमलों को दूर रखते हैं। आप चाहें तो पुदीने के पत्तों को पीस कर अपने शरीर पर भी मल सकते हैं।
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नीलगिरी के तेल की कुछ बूँद पानी में मिलाकर जहाँ खटमल दिखाई देते हों वहां स्प्रे कर दें। कुछ अंतराल से नियमित इसे करने से खटमल से छुटकारा मिल जायेगा।
यह एंटी बायोटिक, एंटीफंगल, एंटीसेप्टिक और एंटी वायरल गुण से युक्त होता है। यह खटमल सहित बहुत से कीड़े मकोड़े को मारने में भी कारगर होता है। इसके यह गुण खटमल को फैलने से रोक सकते हैं। इसे गुनगुने पानी में मिलाकर पूरे घर में स्प्रे करें। खटमल के छुपने लायक जगह पर अच्छे से स्प्रे करें। इसे सप्ताह में दो बार कुछ समय तक नियमित रूप से करने पर इनसे छुटकारा मिल सकता है।
कायेन पेपर (लाल मिर्च) गिनी राज्य की लाल मिर्च होती है। इसे बर्ड पेपर, काऊ हॉर्न पेपर और अलेवा भी कहते हैं। इससे खटमल बहुत जल्दी भागते हैं, आप इन मिर्चों का पाउडर बना कर खटमलों पर स्प्रे कर सकते हैं।
लौंग का तेल दांतों का दर्द भी मिटाता है और खटमल की परेशानी से भी मुक्ति दिलाता है। गुनगुने पानी में लौंग का तेल मिलाकर स्प्रे करने से खटमल का आतंक समाप्त होता है।
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यह तेल मच्छर कीट पतंगे आदि को दूर करता है। इसे शरीर के खुले अंगों पर भी लगाया जा सकता है। पानी में मिलाकर इसे स्प्रे करने से बहुत से कीड़े मकोड़े नष्ट हो सकते हैं। नियमित कुछ समय तक इस स्प्रे को इस्तेमाल करने से खटमल समाप्त हो सकते हैं।
खटमल वाली जगह पर मिट्टी का तेल यानी केरोसीन के तेल का छिड़काव करें। ऐसा करने से सारे खटमल फर्नीचर से बाहर आ जाएंगे और फिर आप उसे आसानी से मार सकते हैं।
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