हर्पीज (Herpes)
हर्पीज एक लंबे समय तक रहने वाली बीमारी है। यह हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है। यह वायरस बाहरी जननांग, गुदा के क्षेत्र और शरीर के अन्य भागों की त्वचा को प्रभावित करता है। हर्पीज में खुजली वाले दर्दनाक फफोले या घाव हो जाते हैं जो कभी आते हैं व कभी चले जाते हैं।
क्या आप जानते हैं कि आप हर्पीज का इलाज घरेलू उपचारों (home remedies for herpes) द्वारा भी कर सकते हैं। जी हां, आयुर्वेदिक उपायों को आजमाकर आप हर्पीज का इलाज कर सकते हैैं। आपकी जानकारी के लिए यहां अनेक उपाय बताए जा रहे हैं।
हर्पीज क्या है? (What is Herpes?)
इस बीमारी में मुहँ या जननांगें पर फफोले या घाव बन जाता है, मूत्र त्याग करते समय दर्द होता है, खुजली होती है, बुखार होता है, सिरदर्द एवं थकान की रहती है और भूख और प्लास कम लगती है।
हर्पीज दो प्रकार का होता है।
एचएसवी I (HSV I)
एचएसवी II (HSV II)
इस बीमारी में निकलने वाले छाले महिलाओं की बच्चेदानी एवं पुरुषों के मूत्र-मार्ग को भी अपनी चपेट में ले सकते हैं।
हर्पीज टाइप-1 (HSV I)
इसमें मुहँ और होंठ के आसपास घाव बन जाता है। हर्पीज टाइप-1 त्वचा पर मौखिक स्राव या घाव के माध्यम से फैलता है। यह टूथब्रश, खाने के बर्तन आदि वस्तुओं के माध्यम से फैल सकता है।
हर्पीज टाइप-2 (HSV II)
इसमें संक्रमित व्यक्ति के जननांगों या मलाशय के आसपास घाव हो सकता है। वैसे तो यह अन्य स्थानों पर भी होते हैं लेकिन आमतौर पर कमर के नीचे पाए जाते हैं। हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस से ग्रसित गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर से मिलकर परामर्श लेना चाहिए, क्योंकि यह बीमारी मां के कारण बच्चों को भी हो सकती है।
हर्पीज के कारण (Causes of Herpes)
प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य वात, पित्त और कफ पर निर्भर करता है। जब उपर्युक्त लिखित आहार-विहार के सेवन से वात, पित्त और कफ दोष अर्थात् त्रिदोष प्रकोप होता है तो हर्पीज नामक बीमारी की उत्पत्ति होती है। इसी तरह हर्पीज होने के निम्न कारण हो सकते हैंः-
हर्पीज सिम्प्लेक्स
यदि यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की त्वचा पर मौजूद होता है और इससे दूसरे व्यक्ति की त्वचा आसानी से रोग ग्रस्त हो जाती है। यह वायरस त्वचा के अन्य क्षेत्रों जैसे आंखों के माध्यम से भी अन्य व्यक्तियों में फैल सकता है। ध्यान रखें कि यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के छूने से नहीं होता है। संक्रमण निम्नलिखित कारणों से होता हैः-
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हर्पीज जॉस्टर वायरस
हर्पीज के लक्षण (Symptoms of Herpes)
हर्पीज होने पर ये लक्षण दिखाई पड़ते हैंः-
हर्पीज के कारण होने वाली बीमारी (Disease Due to Herpes)
हर्पीज एक संक्रामक रोग है जिससे कोई भी डर जाता है। इस रोग में चेहरे व त्वचा पर पानी के भरे हुए छोटे-छोटे दाने निकलने लगते हैं। इस बीमारी में बहुत दर्द होता है। यह रोग ज्यादातर उन लोगों को होता है जिन्हें चिकन पॉक्स हुआ हो। इस बीमारी के लक्षण बहुत ही भयंकर होते हैं जिसके कारण बहुत तकलीफ और तनाव होता है। हर्पीज के कारण निम्न जटिलताएं हो सकती हैंः-
हर्पीज के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for Herpes Disease in Hindi)
हर्पीज एक संक्रामक रोग है। इस बीमारी के इलाज के लिए एंटी-वायरल दवाईयों का उपयोग करें। इससे वायरस नष्ट हो जाता है। हर्पीज के दानों पर लगाने के लिए मलहम आदि का उपयोग किया जाता है। आयुर्वेदिक घरेलू उपायों (home remedies for herpes) से भी हर्पीज को ठीक किया जा सकता है। इस बीमारी के ठीक होने में 10-20 दिन लग जाते हैं। आप इन घरेलू उपचार से हर्पीज का इलाज कर सकते हैंः-
बेकिंग सोडा से हर्पीज का इलाज (Baking Soda:Home Remedy for Herpes in Hindi)
बेकिंग सोडा को आप पानी में मिलाकर इसमें रुई डुबोकर हर्पीज वाली जगह पर लगाएं।
चंदन से हर्पीज का उपचार (Chandan:Home Remedy for Herpes in Hindi)
चंदन को गुलाब जल में घिसकर हर्पीज में लगाने से लाभ मिलता है।
शहद से हर्पीज का घरेलू उपचार (Honey:Home Remedy for Herpes in Hindi)
नियमित रुप से यदि आप शहद को हर्पीज से प्रभावित जगह पर लगाते हैं तो इस बीमारी से आराम मिलता है।
एलोवेरा जेल से हर्पीज का घरेलू इलाज (Aloe Vera:Home Remedy for Herpes in Hindi)
एलोवेरा जेल को हर्पीज से प्रभावित जगह पर लगाएं। इससे लाभ मिलता है।
और पढ़ें: एलोवेरा के लाभ
हर्पीज के घरेलू उपचार के लिए करें मुलेठी का प्रयोग (Mulethi:Home Remedy for Herpes in Hindi)
मुलेठी की जड़ से बना चूर्ण हर्पीज में लाभकारी होता है।
और पढ़ें: मुलेठी के फायदे
हर्पीज के घरेलू उपचार के लिए करें जैतून के तेल का उपयोग (Olive Oil:Home Remedy for Herpes in Hindi)
जैतून के तेल में एंटी बैक्टीरियल तत्व होते हैं। इस तेल का उपयोग हर्पीज से ग्रसित हिस्सों पर लगाने से यह रोग धीरे-धीरे ठीक हो जाता है।
हर्पीज का आयुर्वेदिक उपाय टी ट्री आयल से (Tea Tree Oil:Home Remedy for Herpes in Hindi)
टी ट्री आयल का उपयोग हर्पीज से होने वाले इन्फेकशन को खत्म कर देता है।
हर्पीज का आयुर्वेदिक उपाय के लिए करें पेट्रोलियम जेली का उपयोग (Petroleum jelly:Home Remedy for Herpes in Hindi)
हर्पीज से प्रभावित क्षेत्र में पेट्रोलियम जेली का उपयोग करें।
हर्पीज के लिए अन्य घरेलू उपचार (Other Home Remedies for Herpes Disease in Hindi)
हर्पीज में आपका खान-पान (Your Diet in Herpes Disease)
हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस के जोखिम को कम करने के लिए आपका खान-पान ऐसा होना चाहिएः-
हर्पीज में आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle in Herpes Disease)
हर्पीज के दौरान परहेज (Avoid These in Herpes Disease)
अगर फायदा नहीं मिला तो इसका क्या कारण हो सकता है?
उपरोक्त उपाय से फायदा न मिलने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं।
हर्पीज के लिए कब डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए? (When to Contact Doctor in Herpes Disease?)
हर्पीज एक संक्रामक रोग है। यह मुख्य रुप से इम्यूनिटी सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कमजोर होने के कारण होता है। आयुर्वेदिक घरेलू उपचार करने के बाद भी यदि बीमारी ठीक ना हो या परहेज करने के बाद यह दोबारा हो जाए तो डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
कई बार हर्पीज सही होने के बाद दोबारा भी हो जाता है। इस बीमारी में शरीर के एक हिस्से पर कई दाने एक साथ निकल आते हैं, जो पानी से भर जाते हैं। उनमें दर्द, जलन और सूजन होती है। जब यह जलन, दर्द और सूजन कम नहीं होती और अत्यधिक बढ़ जाती है, उस स्थिति में डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
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