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Gulmohar: गुलमोहर के फायदे, लाभ, उपयोग- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

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गुलमोहर का परिचय (Introduction of Gulmohar)

गुलमोहर के पेड़ की सुंदरता उसके फूलों से होती है। गर्मी के दिनों में गुलमोहर के पेड़ पत्तियों के जगह फूल से लदे हुए होते हैं। भारत के नम, आद्र और गर्मी वाले जगहों में गुलमोहर के फूल सबसे ज्यादा खिलते हैं। सनातन धर्म में गुलमोहर के फूल को पवित्र माना जाता है। ठीक उसी तरह आयुर्वेद में गुलमोहर के बहुत सारे औषधीय गुण भी है जो इसको अद्वितीय बनाता है। आगे इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं।

गुलमोहर क्या है? (What is Gulmohar in Hindi?)

गुलमोहर के फूल देखने में जितने सुंदर होते हैं उतने ही उपचारात्मक गुणों वाले भी होते हैं। फूलों के वर्ग के आधार पर यह मूलत दो प्रकार का होता है- 1. लाल गुलमोहर तथा 2. पीला गुलमोहर। फूलों के रंग के आधार पर इसके औषधीपरक गुण भी अलग होते हैं। गुलमोहर लाल (Delonix regia (Bojer ex Hook.) Raf.) भी कहते हैं।

अन्य भाषाओं में गुलमोहर के नाम (Names of Gulmohar in Different Languages)

गुलमोहर का वानास्पतिक नाम Delonix regia (Bojerex Hook.) Raf. (डेलोनिक्स रेजिआ) Syn-Poinciana regia Bojer ex Hook. होता है। इसका कुल  Caesalpiniaceae (सेजैलपिनिएसी) होता है और इसको अंग्रेजी में Peacock flower (पीकॉक फ्लॉवर) कहते हैं। चलिये अब जानते हैं कि गुलमोहर और किन-किन नामों से जाना जाता है।

लाल गुलमोहर के नाम-

Sanskrit-कृष्णचूड़ा;

Hindi-गुलमोहर, रक्त गुलमोहर;

Kannada-दोड्डर्तनाग्रनधी (Doddartnagrandhi);

Gujrati-गुलमोहर (Gulmohar), रक्त गुलमोहर (Rakt gulmohar);

Tamil-मायारम (Mayarum);

Telugu-समिदितोगेडु (Samiditogedu), शीमासुन्केसुला (Shimasunkesula), अग्निपुलु (Agnipulu);

Bengali-राधाचूड़ा (Radhachura);

Nepali-गुल्मोहर (Gulmohar);

Marathi-गुलमोहर (Gulmohar);

Malayalamm-गुलपरी (Gulpari)।

English-फ्लेमबॉयेन्ट ट्री, (Flamboyant tree), गुलमोहर Gulmohar), फ्लेम ट्री (Flame tree), रॉयल पोन्सियाना (Royal poinciana);

Arbi-गोल्डमोर (Goldmore)।

पीले गुलमोहर के नाम-

Hindi-पीत गुलमोहर, शणकेसर;

Kannada-निरन्गी (Nirangi), केसरका (Kesaraka), केम्पुकेनजिगा (Kempukenjiga);

Gujrati-संधसरो (Sandhsaro);

Tamil-पेरुगोन्दराई (Perugondrai), वटनारायन (Vatnarayana);

Telugu-चिट्टीकेसर (Chitti-kesar), वटनारायण (Vatanarayana);

Bengali- कृष्णचूड़ा (Krishanchuda);

Nepali-पहेलो गुलमोहर (Pahelo gulmohar);

Marathi-संधसेरा (Sandhsera)।

गुलमोहर का औषधीय गुण (Medicinal Properties of Gulmohar in Hindi)

लाल और पीला गुलमोहर के दोनों के औषधीय गुण अलग-अलग होते हैं, जैसे-

लाल गुलमोहर

गुलमोहर के फूल एवं फलियाँ मधुर, खाने की इच्छा बढ़ाने वाला, मृदुकारी तथा पोषक होते हैं। सामान्य कमजोरी, प्यास, अतिसार या दस्त, खून की कमी, नाक से खून बहने की बीमारी, सफेद पानी, कामला या पीलिया, अरुचि एवं मधुमेह में लाभप्रद होता है।

पीला गुलमोहर

पीला गुलमोहर ठंडा, स्निग्ध तथा तीनों दोषो को कम करने वाला होता है।

यह गांठ, गठिया तथा नाड़ीव्रण (साइनस) नाशक होता है।

इसके तने की छाल स्तम्भक (चोट से निकलने वाले खून को रोकने का गुण)  तथा विरेचक के गुण वाले पत्ते, शीतल, वातानुलोमक, मूत्रल, सूजन को कम करने के गुण व वेदनाशामक होते हैं। पुष्प मधुर, स्तम्भक, पोषक, शीतल तथा मृदुकारी होते हैं।

गुलमोहर के फायदे और उपयोग (Uses and Benefits of Gulmohar in Hindi)

गुलमोहर के लाल और पीले रंग के फूल अलग-अलग बीमारियों के लिए किस तरह इस्तेमाल किये जाते हैं, इसके बारे में जानना बहुत ज़रूरी होता है।

लाल गुलमोहर के फायदे-

अतिसार और दस्त को रोकने में लाभकारी गुलमोहर (Benefits of Gulmohar to Treat Diarrhoea in Hindi)

अगर खान-पान में असंतुलन होने के वजह से दस्त की समस्या रूकने का नाम नहीं ले रही तो 1-2 ग्राम तने की छाल के चूर्ण का सेवन करने से अतिसार एवं आमातिसार के इलाज में मदद मिलती है।

और पढ़े- दस्त के इलाज में फायदेमंद सर्पगंधा

कृच्छ्रार्तव के इलाज में लाभकारी गुलमोहर (Gulmohar Beneficial in Dysmenorrhoea or Menstrual Cramp in Hindi)

2-4 ग्राम गुलमोहर फूल के चूर्ण को शहद के साथ खाने से आतर्व-विकारों यानि मासिक धर्म संबंधी बीमारियों विशेषतया कृच्छ्रार्तव में लाभ होता है।

और पढ़ेमाहवारी के दर्द से राहत दिलाये काजू

पीले गुलमोहर के फायदे-

गंजेपन की समस्या में फायदेमंद गुलमोहर (Gulmohar Beneficial in Hair Loss or Baldness in Hindi)

गुलमोहर के पत्तों को पानी में पीसकर सिर पर लगाने से इन्द्रलुप्त या गंजेपन की समस्या में लाभ मिलता है तथा इसके छाल के चूर्ण में शहद मिलाकर मुख में धारण करने से मुख का व्रण भी जल्दी ठीक हो जाता है।

अर्श के कष्ट से दिलाये राहत गुलमोहर (Benefits of Gulmohar to Get Relief from Piles in Hindi)

पीले गुलमोहर के पत्ते को दूध के साथ पीसकर बवासीर के कारण बने मस्सों पर लेप करने से अर्श में लाभ होता है।

और पढ़े- अर्श के इलाज में लाभकारी देवदार

सफेद पानी यानि ल्यूकोरिया के इलाज में फायदेमंद गुलमोहर (Gulmohar Beneficial to Treat Leucorrhoea in Hindi)

पीले गुलमोहर के 1-2 ग्राम छाल चूर्ण तथा फूल के चूर्ण का सेवन करने से श्वेतप्रदर या ल्यूकोरिया के उपचार में लाभ मिलता है।

आमवात या गठिया के कष्ट से दिलाये राहत गुलमोहर (Benefit of Gulmohar to Get Relief from the Pain of Gout in Hindi)

पीले गुलमोहर के पत्तो को पीसकर लगाने से आमवात में तथा पत्तों का काढ़ा बनाकर बफारा यानि भाप देने से आमवात के  कारण जो दर्द होता है उससे आराम मिलता है।

विसर्प या हर्पिज़ के इलाज में फायदेमंद गुलमोहर (Gulmohar Beneficial to Treat Herpes in Hindi)

पीले गुलमोहर के पत्ते तथा फूल को दूध के साथ पीसकर लेप करने से विसर्प में लाभ मिलता है।

व्रणशोध यानि घाव के सूजन को कम करने में सहायक गुलमोहर (Benefit of Gulmohar to give Relieve from Ulcer Inflammation in Hindi)

पीले गुलमोहर के पत्तों को पीसकर लगाने से तथा गुलमोहर के पत्तों का काढ़ा बनाकर व्रण को धोने से व्रण का सूजन कम होता है।

बिच्छु के काटने के विष प्रभाव को कम करने में  सहायक गुलमोहर (Gulmohar Beneficial to Treat Poison of Scorpion in Hindi)

पीले गुलमोहर के जड़ को पीसकर काटे हुए स्थान पर लगाने से दंशजन्य विषाक्त प्रभाव कम होता है।

और पढ़े- बिच्छू के असर को कम करता है चुक्रिका

गुलमोहर का उपयोगी भाग (Useful Parts of Gulmohar)

आयुर्वेद के अनुसार गुलमोहर का औषधीय गुण इसके इन भागों को प्रयोग करने पर सबसे ज्यादा मिलता है-

-फूल और

-तने की छाल

गुलमोहर का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए (How to Use Gulmohar in Hindi)

यदि आप किसी ख़ास बीमारी के घरेलू इलाज के लिए गुलमोहर का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही इसका उपयोग करें। चिकित्सक के सलाह के अनुसार 2-4 ग्राम चूर्ण या 1-2 ग्राम तने की छाल का चूर्ण ले सकते हैं।

गुलमोहर कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Gulmohar Found or Grown in Hindi)

पूरे भारतवर्ष के उष्ण कटिबन्धीय स्थानों में सड़कों के किनारे एवं बगीचों में गुलमोहर का पेड़ और फूल पाया जाता है।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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