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Badar: बदर के हैं अनेक अनसुने फायदे- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

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बदर का परिचय (Introduction of Badar)

बदर जड़ी बूटी के बारे में शायद कम ही लोगों को पता है। लेकिन बदर के गुणों के आधार पर आयुर्वेद में इसको कई तरह के बीमारियों के लिए औषधि के लिए इस्तेमाल किया जाता है। क्या आपको पता है कि बदर को बेर भी कहते हैं।

आयुर्वेद में बदर या बेर सिरदर्द, नकसीर, मुँह के छाले, दस्त, उल्टी, पाइल्स, बवासीर जैसे कई बीमारियां ऐसी है जिसके लिए बदर के पत्ते, फल और बीज का इस्तेमाल किया जाता है। चलिये आगे इसके बारे में विस्तार से जानते हैं कि बदर या बेर के कौन-कौन से गुण हैं और बदर के फायदे क्या हैं।

बेर या बदर क्या होता है? (What is Ber Fruit in Hindi?)

चरक के हृद्य, हिक्कानिग्रहण, उदर्द प्रशमन, विरेचनोपग, श्रमहर, स्वेदोपग गणों में तथा फलासव, कषाय एवं अम्लस्कन्ध में व सुश्रुत के आरग्वधादि एवं वातसंशमन में बदर या बेर का उल्लेख मिलता है। आयुर्वेदीय-निघण्टुओं में बेर की कई प्रजातियों का वर्णन प्राप्त होता है। भावप्रकाश-निघण्टु में सौवीर, कोल तथा कर्कन्धु नाम से तीन प्रजातियों का एवं राजनिघण्टु में सौवीर, कोल, कर्कन्धु तथा घोण्टा नाम से बेर की चार प्रजातियों का वर्णन प्राप्त होता है।

यह लगभग 5-10 मी ऊँचा, शाखा-प्रशाखायुक्त, फैला हुआ, कंटकित तथा पर्णपाती छोटा वृक्ष होता है। इसकी तने की छाल खुरदरी, गहरे धूसर-कृष्ण अथवा भूरे रंग की, दरार युक्त, प्रबल तथा भीतर का भाग रक्ताभ रंग का व नवीन शाखाएं घने रोम वाली होती है। इसके पत्ते सरल, एकांतर, विभिन्न आकार के, 2.5-6.8 सेमी लम्बे एवं 1.5-5 सेमी चौड़े, दोनों ओर गोलाकार, ऊपर के पत्ते गहरे हरित रंग के एवं अरोमश तथा आधे पत्ते सघन सफेद अथवा भूरे रंग के मुलायम-सघन रोमश होते हैं। इसके फूल हरे-पीले रंग के तथा गुच्छों में होते हैं। इसके फल 1.2-2.5 सेमी व्यास या डाइमीटर के, गोल अथवा अण्डाकार, मांसल, कच्ची अवस्था में हरे व पके अवस्था में पीले और नारंगी से लाल-भूरे रंग के तथा पूर्णतया पकने पर लाल रंग के होते हैं। फलों के अन्दर गोल, कड़ी तथा खुरदरी गुठली होती है। इसका पुष्पकाल एवं फलकाल सितम्बर से फरवरी तक होता है।

बदर या बेर प्रकृति से  मधुर, कषाय, अम्ल, गर्म, वात-पित्त कम करने वाले होते हैं।  यह शक्ति बढ़ाने वाले, वीर्य या स्पर्म काउन्ट बढ़ाने वाले, होते हैं। यह सांस संबंधी समस्या, खांसी, प्यास, जलन, उल्टी, नेत्ररोग, बुखार, सूजन, रक्तदोष, विबंध या कब्ज तथा आध्मान या अपच नाशक होते हैं।

बदर के फल मज्जा या पल्प मधुर, वात को दूर करने वाला, स्तम्भक, शीतल, दीपन, बलकारक, वृष्य तथा शुक्रल होती है। यह खांसी, सांस लेने में प्रॉबल्म, प्यास, दाह तथा उल्टी को कम करने वाला होता है। इसके पत्ता बुखार, जलन तथा विस्फोट नाशक होते हैं।

बदर का बीज नेत्ररोग नाशक तथा हिक्का शामक होते हैं।

बदर का फूल कुष्ठ तथा कफपित्त कम करने वाले होते हैं। पके हुए बदर पित्तवातशामक, मधुर, शक्तिवर्द्धक, कफकारक, दस्त रोकने वाले, उल्टी में फायदेमंद, रक्त संबंधी रोग में फायदेमंद होते हैं। सूखे बदर कफवातशामक होते हैं।

अन्य भाषाओं में बदर या बेर के नाम (Name of Ber fruit in Different Languages)

बेर का वानास्पतिक नाम Ziziphus mauritiana Lam. (जिजिपैंस मौरिशिएना) Syn-Ziziphus jujuba Lam होता है। बदर Rhamnaceae (रैम्नेसी) कुल का होता है। बेर को अंग्रेजी में Jujube (जूजूब) कहते हैं लेकिन भारत के अन्य प्रांतों में भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे-

Sanskrit-फेनिल, कुवल, घोण्टा, सौवीर, बदरी, कोली, कोल, पिच्छिला, अजप्रिया, उभयकण्टका, सुरस, फलशैशिर, वृतफल, गोपघोंटा, हस्तिकोली, गोपघोटी, बादिर, गूढ़फल, दृढ़बीज, कण्टकी, वक्रकण्टक, सुबीज, सुफल, स्वच्छ, स्वादुफल, स्वादुफला, कोलिक, उभयकण्टक, गुड़फल;

Hindi-बेर, बैर, बहर;

Odia-बरकोली (Barkoli);

Urdu-बेर (Beir);

Kannada-यालाची (Yalachi), मल्लऐलेंथा (Mallelentha);

Gujrati-बीर (Beer), वीर (Veer);

Tamil-इलदै (Ildei), एलान्डई (Elandai);

Telegu-रेगु चेट्टु (Regu chettu);

Nepali-बयर (Bayar);

Bengali-कुल (Kul), कोल बेर (Kol beir);

Marathi-बोर (Bor), बोरीचे झाड़ (Boriche jhad)।

English-इण्डियन जुजूब (Indian jujube), इण्डियन चेरी प्लम (Indian cherry plum);

Arbi-फल ए कम्बाक (Fal-e-kambak);

Persian-जिजफूम (Aizfum)।

बेर या बदर के फायदे (Ber Fruit Uses and Benefits in Hindi)

बेर या बदर में कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जैसे विटामिन, मिनरल, एन्टी ऑक्सिडेंट आदि। बेर देखने में तो छोटे होते हैं, लेकिन इसके स्वास्थ्यवर्द्धक फायदे बहुत हैं। चलिये इसके बारे में आगे जानते हैं-

सिरदर्द में फायदेमंद बेर (Jujube Benefits in Headache in Hindi)

अगर आपको काम के तनाव और भागदौड़ भरी जिंदगी के वजह से सिरदर्द की शिकायत रहती है तो बेर का घरेलू उपाय बहुत लाभकारी सिद्ध होगा। बेर के जड़ तथा पिप्पली या बदर की छाल को पीसकर सिर पर लेप करने से सिर दर्द से छुटकारा मिलता है।

और पढ़े: सिरदर्द में पुत्रजीवक के फायदे

आँख दर्द को करे कम बेर ( Benefit of Ber fruit for Eye Pain in Hindi)

आजकल देर तक कंप्यूटर पर काम करने या दिन भर काम करने के बाद आँखों में दर्द होने लगता है इससे राहत पाने में बेर बहुत काम आता है। बेर की छाल को पीसकर नेत्र के बाहर चारो तरफ लगाने से आँखों का दर्द कम होता है।

नकसीर में लाभकारी बेर (Ber to Treat Nosebleed in Hindi)

कुछ लोगों को अत्यधिक गर्मी या ठंड के कारण भी नाक से खून बहने की समस्या होती है। बेर से बना घरेलू उपाय नाक से खून बहना कम करने में काम आता है। बेर वृक्ष के पत्तों को पीसकर कनपटी पर लेप करने से नकसीर बन्द हो जाती है।

मुँह के छालों से दिलाये राहत बेर (Jujube Heals Mouth Ulcer in Hindi)

बेर के पत्ते के काढ़ा में नमक मिलाकर गरारा करने से मुख के घाव एवं मसूड़ों से होने वाली ब्लीडिंग व गले का दर्द कम होता है। इसके अलावा बेर तथा बबूल की छाल को मिलाकर, काढ़ा बनाकर गरारा करने से मुख के छाले मिट जाते हैं।

और पढ़े: मुँह के छालों में आलू के फायदे

खाँसी को कम करे बेर (Ber Fruit Benefits in Cough in Hindi)

मौसम बदला कि नहीं बच्चे से लेकर बड़े-बूढ़े सबको सर्दी-खांसी की शिकायत हो जाती है। बेर के पत्ते को घी में भूनकर, पीसकर सेंधानमक मिला कर चाटने से स्वरभेद तथा खांसी की समस्या से राहत मिलती है। 2-4 ग्राम बेरमज्जा चूर्ण को दधि अथवा दही के पानी के साथ सेवन करने से वातज-कास में लाभ होता है। समान मात्रा में दंती, द्रंती, तिल्वक तथा घी में भुने हुए बेर के पत्ते के चूर्ण (1-2 ग्राम) में सेंधानमक मिलाकर कोष्ण (गुनगुने) जल के साथ सेवन करने से खांसी में लाभ होता है।

और पढ़ें – खांसी में चिलगोजा दिलाये राहत

ब्रेस्टमिल्क बढ़ाये बेर (Jujube Benefits to Increase Breast Milk in Hindi)

अगर डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट में दूध की कमी है तो बेर का सेवन इस तरह से करने में जल्दी लाभ मिलता है। बेर के जड़ को चबा कर धीरे-धीरे चूसने से एक सप्ताह में दूध (स्तनपान कराने वाली महिलाओं में) की वृद्धि होने लगती है।

उल्टी के समस्या से दिलाये राहत बेर (Ber Beneficial in Vomit in Hindi)

समान भाग में जामुन तथा खट्टे बेर के चूर्ण (1-2 ग्राम) में मधु मिलाकर चाटने से कफ के कारण होने वाली उल्टी बंद हो जाती है। इसके अलावा बेर मज्जा को लौंग तथा मिश्री के साथ मिलाकर खाने से उल्टी के अनुभूति से लाभ मिलता है।

दस्त में लाभकारी बेर (Ber to Fight Diarrhoea in Hindi)

अगर ज्यादा मसालेदार खाना, पैकेज़्ड फूड या बाहर का खाना खा लेने के कारण दस्त है कि रूकने का  नाम ही नहीं ले रहा तो बेर का घरेलू उपाय बहुत काम आयेगा।

बेर से निर्मित जूस में घी मिला कर चावल के साथ भोजन में प्रयोग करने से अतिसार में लाभ होता है।

-1-3 ग्राम बेर के जड़ के छाल के चूर्ण में मधु मिलाकर सेवन करने से अतिसार या दस्त में लाभ होता है।

-समान मात्रा में बेर, अर्जुन, जामुन, आम, शल्लकी तथा वेतस के छाल के चूर्ण (1-2 ग्राम) में शर्करा तथा मधु मिला कर सेवन करने से अतिसार में लाभ होता है।

-5-10 मिली बदर पत्ते के रस या1-2 ग्राम बेर छाल को पीसकर अजा दूध तथा मधु मिलाकर सेवन करने से दस्त से खून आना बंद होता है।

-समान मात्रा बेर जड़ के पेस्ट (1-2 ग्राम) तथा तिल के पेस्ट में मधु एवं दूध मिलाकर सेवन करने से रक्तातिसार में लाभ होता है।

और पढ़ें: तिल के फायदे

पेचिश में फायदेमंद बेर (Ber Fruit to Treat Dysentry in Hindi)

अगर खान-पान में गड़बड़ी के वजह से पेचिश हो गया है तो बेर का सेवन इस तरह से करने पर जल्दी राहत मिलती है। दही के साथ बेर के पत्तों के चूर्ण (1-2 ग्राम) का सेवन करने से प्रवाहिका या पेचिश में लाभ होता है।

मूत्र संबंधी समस्या में फायदेमंद बेर (Jujube Benefits in Urine Problem in  Hindi)

मूत्र संबंधी बीमारी में बहुत तरह की समस्याएं आती हैं, जैसे- मूत्र करते वक्त दर्द या जलन होना, मूत्र रुक-रुक कर आना, मूत्र कम होना आदि। बेर इस बीमारी में बहुत ही लाभकारी साबित होता है। बेर के पत्तों को पीसकर नाभि के नीचे (पेडू) पर लगाने से मूत्र त्याग के समय होने वाली जलन तथा असहनीय वेदना से राहत मिलती है।

और पढ़े: मूत्र संबंधी समस्या में बेर के फायदे

ल्यूकोरिया के समस्या से दिलाये राहत बेर (Ber Beneficial in Leucorrhoea in Hindi)

महिलाओं को वैजाइना से सफेद पानी आने की समस्या सबसे ज्यादा होती है और इसी कारण उन्हें सबसे ज्यादा कमजोरी का भी सामना करना पड़ता है। इससे राहत पाने के लिए समान मात्रा में  घी, गुड़ तथा कर्कन्धु (छोटी बेर) चूर्ण (1-2) को खाने से प्रदर रोग में लाभ होता है। 1-2 ग्राम बेर के जड़ के चूर्ण को गुड़ के साथ खाने से प्रदर रोग या सफेद पानी आने की समस्या में लाभ होता है।

और पढ़ें: ल्यूकोरिया में गुड़हल के फायदे

स्पर्म काउन्ट बढ़ाये बेर (Ber Benefits to Increase Sperm Count in Hindi)

आजकल की जीवनशैली और आहार का बुरा असर सेक्स लाइफ पर पड़ रहा है जिसके कारण सेक्स संबंधी समस्याएं होने लगी हैं। बेर की गुठली की मज्जा को गुड़ के साथ पीसकर खाने से शुक्र संबंधी समस्या में  लाभ होता है तथा शरीर पुष्ट होता है।

अर्थराइटिस का दर्द करे कम बेर (Benefits of Ber to Get Relief from Rheumatoid Arthritis in Hindi)

आजकल अर्थराइटिस की समस्या उम्र देखकर नहीं होती है। दिन भर एसी में रहने के कारण या बैठकर ज्यादा काम करने के कारण किसी भी उम्र में इस बीमारी का शिकार होने लगे हैं। इससे राहत पाने के लिए बेर का इस्तेमाल ऐसे कर सकते हैं। बेर के छाल का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में सेवन करने से आमवात तथा वातरक्त (गठिया) में लाभ होता है।

स्मॉल पॉक्स से दिलाये राहत बेर (Ber Fruit to Treat Small Pox in Hindi)

स्मॉल पॉक्स के कष्ट से राहत पाने के लिए बेर का इस्तेमाल ऐसे करना फायदेमंद होता है। 1-2 ग्राम बेर फल चूर्ण को गुड़ के साथ सेवन करने से स्मॉल पॉक्स की परेशानी कम होती है।

और पढ़ेंस्मॉल पॉक्स कम करने में सुगन्धबाला के फायदे

खुजली से दिलाये राहत बेर (Jujube Beneficial in Scabies in Hindi)

आजकल के प्रदूषण भरे वातावरण में त्वचा संबंधी रोग होने का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। हर कोई किसी न किसी त्वचा संबंधी परेशानी से ग्रस्त हैं। बेर इन सब परेशानियों को कम करने में मदद करता है। बेर की जड़ का काढ़ा बनाकर, उसमें चावलों को पकाकर खाने से खुजली में लाभ होता है।

रिंगवर्म के परेशानी से दिलाये राहत बेर (Ber for Ringworm in Hindi)

बेर वृक्ष से प्राप्त निर्यास को बकरी के दूध में मिलाकर लेप करने से दद्रु या रिंगवर्म से छुटकारा मिलता है।

पित्त विकार से दिलाये राहत बेर (Ber to Treat Bile Diseases in Hindi)

बेर की गुठली की मज्जा का चूर्ण खिलाने से पित्तज संबंधी रोगो में लाभ मिलता है।

घाव में फायदेमंद बेर (Jujube Heals Boil and Wounds in Hindi)

बेर की मूल का चूर्ण बनाकर घावों पर छिड़कने से घाव जल्दी भर जाते हैं। इसके अलावा पुराने घाव तथा फोड़ों पर इसकी छाल का चूर्ण डालने से भी लाभ होता है।

बुखार से दिलाये राहत बेर (Jujebe Beneficial in Fever in Hindi)

बुखार में यदि शरीर का ताप बहुत बढ़ गया है तो बेर के पत्तों एवं रीठे के झाग को शरीर पर लेप करने से लाभ होता है।

वजन कम करे बेर (Ber fruit Benefits in Weightloss in Hindi)

बेर के पत्ते के काढ़े से बने पेय को कांजी के साथ पीने से मोटापा घटता है।

जलन करे कम बेर (Ber Beneficial in Burn Problem in Hindi)

अगर रसोईघर में काम करते वक्त हाथ या शरीर का कोई अंग जल गया है तो बदर का प्रयोग इस तरह से करने पर जलन और दर्द से जल्दी आराम मिलता है। बदर के पत्ते, नीम पत्ता तथा रीठा के पेस्ट से उत्पन्न झाग का लेप करने से जलन कम होता है।

और पढ़ें: रीठा के फायदे

प्रलाप करना करे कम बेर (Ber Benefits to Control Irrilevant Speech in Hindi)

ब्राह्मी तथा बेर की जड़ का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में पिलाने से प्रलाप में लाभ होता है।

बिच्छु के काटने पर बेर का प्रयोग (Jujube for Scorpio in Hindi)

बेर छाल को पीसकर बिच्छू के काटे हुए स्थान पर लेप करने से बिच्छु काटने पर जो दर्द ,सूजन और दाह आदि होता है उससे राहत मिलती है। गूलर तथा बेर के कोमल पत्तों को पीसकर दंश स्थान पर लगाने से विष प्रभाव के कारण उत्पन्न दाह, वेदना तथा सूजन में भी लाभ  होता है।

बेर का उपयोगी भाग (Useful Parts of Ber Fruit)

आयुर्वेद में बेर के पत्ते, फल एवं बीज का प्रयोग औषधि के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है।

बेर का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? (How to Use Ber Fruit in Hindi?)

बीमारी के लिए बेर के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए बदर का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।

बेर कहां पाया और उगाया जाता है ?(Where is Ber Fruit Found or Grown in Hindi?)

बदर मूलत भारत, म्यान्मार, श्रीलंका के अतिरिक्त चीन, अफगानिस्तान, अफ्राप्का, ऑस्टेलिया, पाकिस्तान एवं मलाया में भी पाया जाता है। भारत के उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में यह गुजरात, राजस्थान एवं हिमालयी क्षेत्रों में 1500 मी की ऊँचाई पर पाया जाता है।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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