रैस्बर्नैट इन्जेक्शन
डॉक्टर की पर्ची ज़रूरी हैपरिचय
इसे डॉक्टर या नर्स द्वारा नसों में धीमे इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है.. आपका डॉक्टर निर्णय लेगा कि आवश्यक खुराक क्या है और आपको कितनी बार इसे लेने की जरूरत है. यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आपका इलाज किस स्थिति के लिए चल रहा है और यह समय-समय पर बदल सकता है. आपको इसे ठीक वैसे लेना चाहिए जैसा आपके डॉक्टर ने बताया हो. इसे गलत तरीके से या अधिक मात्रा में लेने से बहुत गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते हैं. आपको दवा के फायदे दिखने या महसूस होने में कई हफ्ते या महीने लग सकते हैं लेकिन जब तक आपका डॉक्टर न कहे इसे लेना बंद न करें.
इस दवा के सबसे आम साइड इफेक्ट में मिचली आना , सिरदर्द, उल्टी, और रैश शामिल हैं. हालांकि, कुछ साइड इफेक्ट में तुरंत एक्शन की आवश्यकता होती है, इसलिए अगर आपको इस दवा को लेने के बाद सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द, चेहरे और गले में सूजन, खुजली, या चक्कर आने की समस्या हो रही है तो डॉक्टर को बताएं. इस दवा से इलाज के दौरान, यूरिक एसिड के लेवल को चेक करने के लिए आपका डॉक्टर नियमित रूप से ब्लड टेस्ट करवा सकता है. डीहाइड्रेशन से बचने के लिए बहुत सारे तरल पदार्थ लेना बेहतर है.
कई अन्य दवाएं प्रभावित कर सकती हैं, या इस दवा से प्रभावित हो सकती हैं, इसलिए अपने चिकित्सक को उन सभी दवाओं के बारे में बताएं जिनका आप सेवन कर रहे हैं.. अगर आपको पहले से कोई मेडिकल समस्या है तो अपने डॉक्टर को बताएं ताकि यह सुनश्चित किया जा सके कि यह दवा आ पके लिए सुरक्षित है.
रैस्बर्नैट इन्जेक्शन के मुख्य इस्तेमाल
- कीमोथेरेपी के कारण हाई यूरिक एसिड का इलाज
रैस्बर्नैट इन्जेक्शन के फायदे
कीमोथेरेपी के कारण हाई यूरिक एसिड के इलाज में
रैस्बर्नैट इन्जेक्शन के साइड इफेक्ट
रैस्बर्नैट के सामान्य साइड इफेक्ट
- मिचली आना
- सिरदर्द
- उल्टी
- रैश
- हाइव्स
- बुखार
- डायरिया
रैस्बर्नैट इन्जेक्शन का इस्तेमाल कैसे करें
रैस्बर्नैट इन्जेक्शन किस प्रकार काम करता है
सुरक्षा संबंधी सलाह
अगर आप रैस्बर्नैट इन्जेक्शन लेना भूल जाएं तो?
सभी विकल्प
ख़ास टिप्स
- रैस्बर्नैट इन्जेक्शन खून में यूरिक एसिड का स्तर कम करता है जिससे कैंसर के मरीज़ों में किडनी के नुकसान से बचाव होता है.
- इसे धीरे-धीरे नस में लगाया जाता है.
- इसे दिन में एक बार और अधिकतम 7 दिनों तक दिया जाता है.
- इस दवा से इलाज के दौरान, यूरिक एसिड के लेवल को चेक करने के लिए आपका डॉक्टर नियमित रूप से ब्लड टेस्ट करवा सकता है.
- अगर आपको सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, चेहरे पर और गले में सूजन, खुजली या चक्कर आने जैसा महसूस करते हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर को सूचित करें.
फैक्ट बॉक्स
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- Grosser T, Smyth E, FitzGerald GA. Anti-Inflammatory, Antipyretic, and Analgesic Agents; Pharmacotherapy of Gout. In: Brunton LL, Chabner BA, Knollmann BC, editors. Goodman & Gilman’s: The Pharmacological Basis of Therapeutics. 12th ed. New York, New York: McGraw-Hill Medical; 2011. p. 998.
- Briggs GG, Freeman RK, editors. A Reference Guide to Fetal and Neonatal Risk: Drugs in Pregnancy and Lactation. 10th ed. Philadelphia, PA: Wolters Kluwer Health; 2015. pp. 1201-202.





