फल खाना हमेशा से स्वास्थ्य के लिए लाभकारी ही रहा है। देसी फलों के अलावा आजकल भारत में अनेक विदेशी फल भी उपजाए और खाए जाने लगे हैं। ऐसा ही एक फल लोकाट (loquat fruit) है। भारत में लोकाट को लुकाट या लुगाठ के नाम से भी जाना जाता है। सच यह है कि लोकाट केवल एक फल नहीं बल्कि उत्तम गुण वाली औषधि भी है। लोकाट के फायदे से अनेक रोगों को ठीक किया जा सकता है। खांसी, पेट के रोग, लिवर विकार आदि में भी लोकाट से लाभ मिलता है।
लोकाट के फल और पत्ते स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होते हैं। लोकाट के पत्ते कफ निकालने वाले और उल्टी कराने वाले होते हैं। इसके फल खट्टे-मीठे, शरीर का पोषण करने वाले होते हैं। इसके अलावा लोकाट के फायदे और भी हैं। आइए जानते हैं कि आप लोकाट से क्या-क्या लाभ ले सकते हैं।
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लोकाट एक खट्टा-मीठा फल है। यह स्वादिष्ट भी होता है और स्वास्थ्यवर्धक भी होता है। लोकाट का प्रयोग औषधि के रूप में भी होता है। यह एक सदाबहार वृक्ष है। यह वृक्ष मध्यमाकार और शाखा से युक्त होता है। लोकाट के वृक्ष की लंबाई 5-6 मीटर होती है। इसकी प्रकृति फैलने वाली होती है। इसके फल गूदेदार, अण्डाकार अथवा नाशपाती के आकार के होते हैं। ये कच्ची अवस्था में हरे तथा पकने पर पीले रंग के हो जाते हैं। लोकाट फल (lokat) का गूदा मीठा तथा रसदार होता है। यहां लोकाट से होने वाले सभी फायदे के बारे को बहुत ही आसान शब्दों (loquat fruits in hindi) में लिखा गया है ताकि आप लोकाट से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं।
लोकाट (lokat) का लैटिन नाम एरियोबोट्रिया जैपोनिका (Eriobotrya japonica (Thunb.) Lindl. तथा Syn-Mespilus japonica Thunb.)। यह रोजेसी (Rosaceae) कुल का पौधा है।इसका अंग्रेजी तथा विविध भारतीय भाषाओं में नाम निम्नानुसार हैःः
Lokat in –
लोकाट त्वचा के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। आँखों की रौशनी की गड़बड़ी में भी लोकाट के फायदे मिलते हैं। वजन कम करने, ब्लड प्रेशर स्थिर रखने आदि परेशानियों में लोकाट से लाभ (loquat fruit benefits) मिलता है। विभिन्न रोगों में लोकाट के उपयोग की विधियां यहाँ दी जा रही हैंः-
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आज लीवर से जुड़ा रोग होना एक आम बात है। लीवर खराब हो तो पीलिया आदि अनेक प्रकार की बीमारियां होने लगती है। आप लिवर विकार में भी लोकाट के फायदे ले सकते हैं। लोकाट (lokat) के पत्तों का हल्का काढ़ा बनाकर पीने से लीवर से जुड़ी समस्याओं में लाभ होता है।
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घाव को सुखाने में भी लोकाट से लाभ मिलता है। लोकाट (loquat fruit) के पत्तों का काढ़ा बनाकर घाव को धोएं। इससे घाव जल्दी भर जाता है।
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आप लोकाट के इन भागों का उपयोग कर सकते हैंः-
काढ़ा – 10-15 मिली
यहां लोकाट से होने वाले सभी फायदे के बारे को बहुत ही आसान शब्दों (loquat fruits in hindi) में लिखा गया है ताकि आप लोकाट से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन औषधि के रूप में लोकाट का प्रयोग करने के लिए चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
भारत के सभी उष्णकटिबंधीय भागों में मुख्यतः दक्षिण कर्नाटक एवं पश्चिमी तमिलनाडू में लगभग 1500 मीटर की ऊँचाई तक लोकाट की खेती की जाती है। इन राज्यों के अलावा अब दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, आसाम, और उत्तर प्रदेशों राज्यों में भी लोकाट की खेती की जाने लगी है। लोकाट फल (lukat fruit) मुख्य तौर पर ताइवान, कोरिया, चीन, जापान देशों में उगाया जाता है।
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