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Lokat: लोकाट के हैं बहुत चमत्कारिक लाभ – Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

फल खाना हमेशा से स्वास्थ्य के लिए लाभकारी ही रहा है। देसी फलों के अलावा आजकल भारत में अनेक विदेशी फल भी उपजाए और खाए जाने लगे हैं। ऐसा ही एक फल लोकाट (loquat fruit) है। भारत में लोकाट को लुकाट या लुगाठ के नाम से भी जाना जाता है। सच यह है कि लोकाट केवल एक फल नहीं बल्कि उत्तम गुण वाली औषधि भी है। लोकाट के फायदे से अनेक रोगों को ठीक किया जा सकता है। खांसी, पेट के रोग, लिवर विकार आदि में भी लोकाट से लाभ मिलता है।

लोकाट के फल और पत्ते स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होते हैं। लोकाट के पत्ते कफ निकालने वाले और उल्टी कराने वाले होते हैं। इसके फल खट्टे-मीठे, शरीर का पोषण करने वाले होते हैं। इसके अलावा लोकाट के फायदे और भी हैं। आइए जानते हैं कि आप लोकाट से क्या-क्या लाभ ले सकते हैं।

लोकाट क्या है? (What is Lokat Fruits in Hindi?)

लोकाट एक खट्टा-मीठा फल है। यह स्वादिष्ट भी होता है और स्वास्थ्यवर्धक भी होता है। लोकाट का प्रयोग औषधि के रूप में भी होता है। यह एक सदाबहार वृक्ष है। यह वृक्ष मध्यमाकार और शाखा से युक्त होता है। लोकाट के वृक्ष की लंबाई 5-6 मीटर होती है। इसकी प्रकृति फैलने वाली होती है। इसके फल गूदेदार, अण्डाकार अथवा नाशपाती के आकार के होते हैं। ये कच्ची अवस्था में हरे तथा पकने पर पीले रंग के हो जाते हैं। लोकाट फल (lokat) का गूदा मीठा तथा रसदार होता है। यहां लोकाट से होने वाले सभी फायदे के बारे को बहुत ही आसान शब्दों (loquat fruits in hindi) में लिखा गया है ताकि आप लोकाट से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं।

अनेक भाषाओं में लोकाट के नाम (Lokat Fruits Called in Different Languages)

लोकाट (lokat) का लैटिन नाम एरियोबोट्रिया जैपोनिका (Eriobotrya japonica (Thunb.) Lindl. तथा Syn-Mespilus japonica Thunb.)। यह रोजेसी (Rosaceae) कुल का पौधा है।इसका अंग्रेजी तथा विविध भारतीय भाषाओं में नाम निम्नानुसार हैःः

Lokat in –

  • Hindi (loquat fruits in hindi) – लुकाट, लोकाट, लोगाट
  • English (lokat in english): लोकाट (Loquat), जापानीज मेडलर (Japanese medlar), जापान क्वीन्स (Japan quince), चाईनीज मेडलर (Chinese medlar)
  • Sanskrit – लोट्टाक
  • Urdu – लखोटा (Lakhota)
  • Kannada  – लक्कोटे (Lakkote)
  • Gujarati – लुगाट (Lugat), लक्कोटेहन्नू (Lakkotehannu)
  • Tamil – इलाकोट्टा (Ilakotta), नोक्कोट्टा (Nokkota), लकट्टा (Lakatta)
  • Nepali – माया (Maya), लोकाट (Lokat)
  • Marathi – लोकाट (Lokat)
  • Malayalam – नेस्पली (Nespli)

लोकाट के फायदे और उपयोग (Lokat Benefits and Uses in Hindi)

लोकाट त्वचा के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। आँखों की रौशनी की गड़बड़ी में भी लोकाट के फायदे मिलते हैं। वजन कम करने, ब्लड प्रेशर स्थिर रखने आदि परेशानियों में लोकाट से लाभ (loquat fruit benefits) मिलता है। विभिन्न रोगों में लोकाट के उपयोग की विधियां यहाँ दी जा रही हैंः-

खाँसी की बीमारी में लोकाट के औषधीय गुण से फायदा (Lokat Fruits and Leaves Benefits in Fighting with Cold and Cough in Hindi)

  • खांसी की बीमारी में लोकाट के फायदे मिलते हैं। लोकाट के पत्तों तथा फल का काढ़ा बना लें। काढ़ा का 15-20 मिली की मात्रा में सेवन करें। इससे खांसी, जुकाम, दम फूलना तथा नाक से खून बहने की बीमारियों में लाभ (loquat fruit benefits) होता है।
  • लोकाट के फूलों का काढ़ा बना लें। 10-15 मिली मात्रा में काढ़ा का सेवन करने से कास (खांसी), जुकाम, दम फूलना आदि कफ के कारण होने वाले रोगों में लाभ होता है।
  • लोकाट के पत्तों तथा फूल का हल्का काढ़ा बनाकर पीने से सूखी खाँसी में लाभ होता है।

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पेट के रोगों में लोकाट के फायदे (Benefits of Loquat Fruits and Leaves in Stomach Problems in Hindi)

  • पेट के रोगों में भी लोकाट से लाभ मिलता है। लोकाट की जड़ के अर्क का प्रयोग करें। इससे अपच की समस्या में लाभ मिलता है।
  • लोकाट के फल का सेवन करने से अपच, प्यास, पेचिश और उल्टी में लाभ होता है।
  • लोकाट के पत्तों का काढ़ा 10-20 मिली की मात्रा में सेवन करें। इससे दस्त, पेचिश और उलटी में लाभ (loquat fruit benefits) होता है।
  • लोकाट के फल का शरबत (रस) का सेवन करने से पाचन-तंत्र की समस्याएं ठीक होती हैं, और भूख खुलकर लगने लगती है।
  • लोकाट के पंचांग को सुखाकर काढ़ा बनाकर पीने से पेट की समस्याओं, खाँसी और सूजन आदि ठीक होती है।

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लीवर विकार में लोकाट के औषधीय गुण से लाभ (Benefits of Loquat Fruits and Leaves in Liver Problems in Hindi)

आज लीवर से जुड़ा रोग होना एक आम बात है। लीवर खराब हो तो पीलिया आदि अनेक प्रकार की बीमारियां होने लगती है। आप लिवर विकार में भी लोकाट के फायदे ले सकते हैं। लोकाट (lokat) के पत्तों का हल्का काढ़ा बनाकर पीने से लीवर से जुड़ी समस्याओं में लाभ होता है।

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घावों में लोकाट के औषधीय गुण से लाभ (Loquat Fruits and Leaves Benefits in Wounds Healing in Hindi)

घाव को सुखाने में भी लोकाट से लाभ मिलता है। लोकाट (loquat fruit) के पत्तों का काढ़ा बनाकर घाव को धोएं। इससे घाव जल्दी भर जाता है।

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लोकाट के उपयोगी भाग (Useful Parts of Loquat in Hindi)

आप लोकाट के इन भागों का उपयोग कर सकते हैंः-

  • लोकाट के पत्ते
  • फल
  • फल
  • जड़

लोकाट का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Loquat Tree?)

काढ़ा – 10-15 मिली

यहां लोकाट से होने वाले सभी फायदे के बारे को बहुत ही आसान शब्दों (loquat fruits in hindi) में लिखा गया है ताकि आप लोकाट से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन औषधि के रूप में लोकाट का प्रयोग करने के लिए चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

लोकाट कहाँ पाया या उगाया जाता है? (Where is Lokat Tree Found or Grown?)

भारत के सभी उष्णकटिबंधीय भागों में मुख्यतः दक्षिण कर्नाटक एवं पश्चिमी तमिलनाडू में लगभग 1500 मीटर की ऊँचाई तक लोकाट की खेती की जाती है। इन राज्यों के अलावा अब दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, आसाम, और उत्तर प्रदेशों राज्यों में भी लोकाट की खेती की जाने लगी है। लोकाट फल (lukat fruit) मुख्य तौर पर ताइवान, कोरिया, चीन, जापान देशों में उगाया जाता है।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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