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Aloo Bukhara: नव जीवन दे सकती है आलूबुखारा – Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

आलूबुखारा का परिचय (Introduction of Aloo Bukhara)

आपने अगर आलूबुखारा का सेवन किया होगा, तो इसके बारे में जरूर जानते होंगे। यह एक मौसमी फल है, जिसमें अनेक पोषक तत्व मौजूद होते हैं। अब तक आप आलूबुखारा (plum fruit in hindi) को एक आम फल के रूप में ही जानते होंगे, लेकिन सच यह है कि साधारण-सा दिखने वाला आलूबुखारा का इस्तेमाल, कई बीमारियों के उपचार के लिए भी किया जाता है।

आयुर्वेद में एक-दो नहीं, बल्कि आलूबुखारा के कई फायदे बताए गए हैं, जो आपको जरूर जाननी चाहिए। दरअसल, यह एक ऐसा फल है जो आसानी से सभी जगह मिल जाता है। आपको आलूबुखारा के लाभ के बारे में जानकारी होगी, तभी तो इसका फायदा ले सकेंगे। आइए जानते हैं कि आलूबुखारा का उपयोग कैसे किया जाता है।

आलूबुखारा क्या है (What is Aloo Bukhara)

आलूबुखारा एक मौसमी और मुलायम फल है, जिसके अंदर रस होता है। इसे आहार के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। आलूबुखारा से स्वादिष्ट व्यंजन बनते हैं, और इसे सौंदर्य लाभ के लिए भी इस्तेमाल में लाया जाता है।

आलूबुखारा (aloo bukhara) का स्वाद मीठा होता है। इसके इस्तेमाल से पेट से संबंधित विकार जैसे- भूख की कमी, बदहजमी, पाचन विकार आदि तो ठीक होते ही हैं, साथ ही कब्ज, बवासीर आदि बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।

अनेक भाषाओं में आलूबुखारा के नाम (Aloo Bukhara Called in Different Languages)

आलूबुखारा का वानस्पतिक नाम प्रूनस डोमेस्टिका (Prunus domestica L., Syn- Prunus communis Huds) है, और यह रोजेसी (Rosaceae) कुल का है। इसे भारत सहित अन्य दूसरे देशों में कई नामों से भी जाना जाता है, जो ये हैंः-

Aloo Bhukhara in-

  • Hindi (plum fruit in hindi) – आलूबुखारा
  • English (aloo bukhara in english) – गार्डन प्लम (Garden plum), प्रून प्लम (Prune plum), Plum tree (प्लम ट्री), यूरोपियन प्लम (European plum)
  • Sanskrit – आल्लूक, अल्लू, रक्तफल, भल्लूक
  • Kannada – अलबोखाला (Albokhala), अरुकम (Arukam)
  • Gujarati – पीच (Peach), आलूबुखारा (Alubukhara)
  • Tamil – अलुप्पुक्काराप्लम (Aluppukkarappalam)
  • Telugu – अलपागोडापाण्डु (Alpagodapandu)
  • Bengali – आलूबुखारा (Alubukhara)
  • Nepali – आरु बखाड़ा (Aru bakhada)
  • Malayalam – अरुकम् (Arukam)
  • Arabic – बरकफक (Barkuk)
  • Persian – शफतालू (Shaftalu)

आलूबुखारा के फायदे (Aloo Bukhara Benefits and Uses in Hindi)

अब तक आपने जाना कि आलूबुखारा (aloo bukhara) क्या है, इसमें कितने तरह के गुण होते हैं, और देश या विदेशों में इसे किस-किस नाम से जाना जाता है। आइए अब जानते हैं कि आप इसे किस-किस बीमारी के लिए इस्तेमाल में ला सकते हैं। आलूबुखारा के औषधीय प्रयोग, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-

आलूबुखारा का प्रयोग कर गंजेपन का इलाज (Benefits of Aloo Bukhara for Baldness Treatment in Hindi)

आप दाद या खुजली आदि में आलूबुखारे का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आलूबुखारे के तने से गोंद निकाल लें। इसमें सिरका मिलाकर लेप करें। इससे गंजेपन की समस्या में फायदा होता है।

और पढ़े: गंजेपन के लिए तंबाकू के फायदे

स्मरण शक्ति की कमी में आलूबुखारा से फायदा (Alubukhara Fruit Uses to Increase Memory Power in Hindi)

बच्चे हों या वयस्क, कई लोगों को याददाश्त कम होने की शिकायत रहती है। कुछ बच्चे ऐसे होते हैं, जिनके माता-पिता हमेशा यह शिकायत करते हैं कि बच्चों को पढ़ाई गई पाठ याद नहीं रहती।

इसी तरह बूढ़े लोगों में भी याददाश्त की कमी संबंधी परेशानी रहती है। ऐसी समस्या में आलूबुखारा का इस्तेमाल करना बहुत अच्छा परिणाम दे सकता है। आलूबुखारे की बीज गिरी का सेवन करने से धीरे-धीरे स्मरण शक्ति बढ़ती है।

अत्यधिक प्यास लगने की परेशानी में आलूबुखारा से लाभ (Alu Bukhara Fruit Benefits for Thirst Problem in Hindi)

जिसको भी अत्यधिक प्यास लगने की परेशानी होती है, वे आलूबुखारे का प्रयोग कर लाभ ले सकते हैं। आलूबुखारे फल का सेवन करने से अत्यधिक प्यास (तृष्णा) की समस्या से आराम मिलता है।

भूख की कमी में करें आलूबुखारा का सेवन (Uses of Alubukhara Fruit in Loss of Appetite Problem in Hindi)

भूख की कमी में आप आलूबुखारा का उपयोग कर सकते हैं। आलूबुखार (aloo bukhara) फल का सेवन करने से भूख बढ़ती है।

आलूबुखारा के प्रयोग से ठीक होती है बदहजमी (Alu Bukhara Fruit Benefits in Indigestion in Hindi)

आमतौर पर भारी, या ज्यादा भोजन करने से बदहजमी जैसी समस्या हो जाती है। आपने जो खाना खाया, और वह ठीक से नहीं पचा, या मसालेदार खाना खाया तो भी बदहजमी हो जाती है। अधिक चाय-कॉफी, तंबाकू आदि का सेवन करने से भी बदहजमी होने की संभावना रहती है। इसमें आलूबुखारा के बीजों को बादाम की तरह सुखा लें। इस सूखे फल को खाने से अपच की समस्या में लाभ होता है।

दाद या खुजली की बीमारी में आलूबुखारा के उपयोग से लाभ (Plum Fruit Uses to Treat Itching Disease in Hindi)

खुजली की बीमारी कहीं भी हो जाती है। दिक्कत की बात तो यह है कि जब खुजली हो जाती है तो जल्दी ठीक नहीं होती, और अनेक स्थानों पर परेशानी या बेइज्जती का कारण भी बन जाती है।

आप दाद या खुजली आदि में भी आलूबुखारे का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आलूबुखारे के तने से गोंद निकाल लें। इसमें सिरका मिलाकर लेप करें। इससे दाद और खुजली आदि विकारों में लाभ होता है।

घाव को ठीक करने के लिए आलूबुखारा का इस्तेमाल (Prunes Uses in Wound Healing in Hindi)

घाव पर भी आलू बुखारा का प्रयोग करना लाभ पहुंचाता है। आप घाव पर आलूबुखारे के गोंद से बने चूर्ण को लगाएं। इसके अलावा गोंद को पानी में मिलाकर घाव को धोने से भी घाव जल्दी ठीक हो जाता है।

नाक से खून बहने पर आलूबुखारा का उपयोग (Alu Bukhara Uses to Stop Nasal Bleeding in Hindi)

नाक से खून आने पर आलूबुखारे के पत्तों का रस निकाल लें। इसे 1-2 बूंद की मात्रा में नाक में डालें। इससे नाक से खून आने की समस्या में लाभ मिलता है।

पित्त-दोष को ठीक करने के लिए आलूबुखारा का इस्तेमाल (Plum Fruit Benefits for Pitta Disease in Hindi)

आप पित्त दोष में भी आलूबुखारा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए भोजन के पहले आलूबुखारा के मीठे पके फल का सेवन करें। यह पित्तज विकारों का ठीक करता है।

आलूबुखारा का प्रयोग कर पेट के कीड़ों का खात्मा (Prunes Uses in Abdominal Bugs Treatment in Hindi)

अनेक बच्चों को पेट में कीड़े होने की शिकायत रहती है। सिर्फ बच्चे ही नहीं, बल्कि कई वयस्क को भी यह समस्या हो जाती है। पेट के कीड़ों को खत्म करने के लिए आलूबुखारा उपयोगी साबित होता है। आलूबुखारे (alubukhara) के पत्तों को पीसकर पेट पर लेप के रूप में लगाएं। इससे पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।

बुखार में आलूबुखारा से लाभ (Alu Bukhara Benefits for Fever in Hindi)

पित्तज विकारों के कारण होने वाली बुखार में आलूबुखारा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इस समस्या के लिए आप आलूबुखारा फल का काढ़ा बन लें, और इसे 10-20 मिली मात्रा में पिएं। इससे पित्तज बुखार में लाभ होता है।

और पढ़ें: वायरल बुखार के घरेलू इलाज

आलूबुखारा के उपयोगी भाग (Usefull Parts of Aloo Bukhara)

आलूबुखारा का औषधीय इस्तेमाल इतनी मात्रा में करनी चाहिएः-

काढ़ा (काढ़ा) – 10-20 मिली

अगर आप आलूबुखारा का औषधीय प्रयोग कर समुचित लाभ लेना चाहते हैं, तो चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही आलूबुखारा का प्रयोग करें।

आलूबुखारा का इस्तेमाल कैसे करें (How to Use Aloo Bukhara)

आप आलूबुखारा का इस्तेमाल इस तरह से कर सकते हैंः-

  • आलूबुखारा फल
  • आलूबुकारा के पत्ते
  • आलूबुखारा के बीज का तेल

आलूबुखारा कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Aloo Bukhara Found or Grown)

आलूबुखारा (aloobukhara plant) की खेती भारत में विशेषतः पश्चिमी क्षेत्रों में होती है। यह जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, तथा दक्षिण भारत में नीलगिरी के पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। यह 1500-2100 मीटर की ऊंचाई पर आलूबुखारा पैदा होता है। यह यूरोप तथा पश्चिमी एशिया में भी मिलता है।

और पढ़ें:

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

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