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Kakjangha: काकजंघा दूर करे कई बीमारियां- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

आपने काकजंघा (Kakjangha) को अपने घरों के आस-पास जरूर देखा होगा, लेकिन इसके बारे में शायद बहुत अधिक जानकारी नहीं रखते होंगे। काकजंघा एक औषधि है, और इसके सेवन से शरीर को बहुत अधिक लाभ होता है। काकजंघा के कई सारे औषधीय गुण हैं। क्या आप यह जानते हैं कि काकजंघा एक जड़ी-बूटी भी है, और सिर दर्द, बहरापन, पेट के कीड़े होने पर काकजंघा के इस्तेमाल से फायदे (Kakjangha benefits and uses) मिलते हैं। इतना ही नहीं, बदहजमी, दस्त, कुष्ठ रोग आदि में भी काकजंघा के औषधीय गुण से लाभ मिलता है।

आयुर्वेद में काकजंघा के गुण के बारे में कई सारी अच्छी बातें बताई गई हैं जो आपके लिए जानना बहुत जरूरी है। आप फाइलेरिया, बुखार, अनिद्रा आदि में काकजंघा के औषधीय गुण के फायदे ले सकते हैं। आप प्रसव संबंधी समस्या और सांप के काटने पर भी काकजंघा से लाभ ले सकते हैं। आइए यहां एक-एक कर जानते हैं कि काकजंघा के सेवन या उपयोग करने से कितनी सारी बीमारियों में फायदा होता है, साथ ही यह भी जानते हैं कि काकजंघा से नुकसान (Kakjangha side effects) क्या-क्या हो सकता है।

Contents

काकजंघा क्या है? (What is Kakjangha in Hindi?)

काकजंघा वनों में पाया जाता है। इसके बारे में बहुत मतभेद एवं विभिन्नताएं हैं। कई विद्वान काकजंघा, काकनासा और काकमाची को एक समान मानते हैं, लेकिन ये तीनों पौधे बिल्कुल अलग-अलग हैं। आयुर्वेद में काकजंघा नाम से दो पौधों का वर्णन किया गया है।

असली काकजंघा का पौधा 0.9-1.2 मीटर ऊँचा होता है। इसका पौधा शाखा-प्रशाखा से युक्त, सीधा और रोमश होता है। इसकी शाखाएं षटकोणयुक्त खुरदरी, सुतली से अधिक मोटी तथा गाँठदार होती हैं। तने या डण्डियों की जोड़ मोटी और आगे की ओर पतली होती है। थोड़ी-थोड़ी दूर पर काक की जंघा के जैसी गाँठें होती हैं, इसलिए इसे काकजंघा कहते हैं।

यहां काकजंघा के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Kakjangha benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप काकजंघा के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं।

अन्य भाषाओं में काकजंघा के नाम (Name of Kakjangha in Different Languages)

काकजंघा का वानस्पतिक नाम Peristrophe bicalyculata (Retz.) Nees (पेरिस्ट्रोफी बाईकेलीक्युलेटा) Syn-Peristrophe paniculata (Forssk.) Brummit, Dicliptera bicalyculata (Forssk.) I. Darbysh. है, और यह Acanthaceae (ऐकेन्थेसी) कुल का है। इसके अन्य  नाम ये हैंः-

Kakjangha in –

  • Hindi-काकजंघा, मसी, अगिलाल, इग्रलाल, मासि नसभंगा
  • Sanskrit-काकजंघा, नदीकांता, काकतिक्ता, सुलोमशा
  • English-Panicled peristrophe (पैनिकिल्ड पेरिस्ट्रोफी)
  • Kannada-चीबीगिडा (Chibigida), चीबीरा (Chibira)
  • Gujarati-काकजुंघा (Kakjungha), कालियाधेडी (Kaliyadhedi), कालियघेडी (Kaliyghedi), करियाघेडी (Kariyaghedi), लसियाधेडी (Lasiyadhedi) Tamilचेबीरा (Chebira)
  • Telugu-चेबीरा (Chebira)
  • Bengali-नासकागा (Naskaga), नासाभागा (Nasabhaga)
  • Nepali-पिथपत्ते (Pithpatra)
  • Marathi-नासभागा (Nasbhaga), घटीपित्तपापडा (Ghatipittpapda) Malayalamकाटोउ-पुल्चोल्ली (Katou-pulcholli)

काकजंघा के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Kakjangha in Hindi)

काकजंघा के आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव ये हैंः-

काकजंघा तिक्त, कषाय, कटु, लघु, कफपित्तशामक तथा वर्णप्रसादक होती है। यह बुखार, घाव, खुजली, विष, पेट के कीड़े, बहरेपन सहित टाइफाइड,  रक्त-दोष और कुष्ठ रोग नाशक है।

काकजंघा के फायदे और उपयोग (Kakjangha Benefits and Uses in Hindi)

काकजंघा के औषधीय गुण, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-

काकजंघा के औषधीय गुण से सिर दर्द का इलाज (Benefits of Kakjangha in Relief from Headache in Hindi)

सिर दर्द एक आम बीमारी है, और किसी को भी हो सकती है। इसके लिए  काकजंघा जड़ को पानी में उबाल लें। इसका भाप देने से सिर दर्द ठीक होता है। अधिक लाभ के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

और पढ़ेंः सिर दर्द के लिए घरेलू उपाय

बहरेपन की समस्या में काकजंघा के फायदे (Kakjangha Uses to Treat Deafness in Hindi)

काकजंघा पंचांग को तेल में पका लें। तेल में पक जानने के बाद इसे छान लें। इसकी 1-2 बूंद कान में डालें। इससे बहरेपन की समस्या में लाभ होता है।

और पढ़ेंः बहरेपन की समस्या में अनार से लाभ

दांतों के रोग में काकजंघा का औषधीय गुण फायेदमंद (Kakjangha Benefits for Dental Disease in Hindi)

दांतों में कीड़े लगना एक बहुत ही आम बीमारी है। इस रोग से बच्चे और बड़े दोनों परेशान हो सकते हैं। इसके लिए काकजंघा की जड़ को दाँतों से चबाएं। इससे दांतों के कीड़े खत्म हो जाते हैं।

और पढ़ेंः दांत दर्द का घरेलू इलाज

बदहजमी में काकजंघा के सेवन से लाभ (Kakjangha Benefits for Indigestion in Hindi)

अनेक लोग बदहजमी की समस्या से परेशान रहते हैं। इस परेशानी में काकजंघा के औषधीय गुण से लाभ मिल सकता है।  1-2 ग्राम काकजंघा चूर्ण को खाने से बदजहमी में लाभ होता है।

और पढ़ेंः पाचनतंत्र विकार में नारियल के फायदे

पेट में कीड़े होने पर काकजंघा के सेवन से लाभ (Kakjangha Benefits for Abdominal Bugs in Hindi)

पेट में कीड़े हो गए हैं तो आप काकजंघा के सेवन से लाभ ले सकते हैं। काकजंघा की जड़ का काढ़ा बना लें। 10-20 मिली काढ़ा को पीने से पेट के कीड़ मर जाते हैं।

और पढ़ें : पेट दर्द के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज

दस्त में काकजंघा के सेवन से लाभ (Kakjangha Benefits to Stop Diarrhea in Hindi)

दस्त से परेशान लोग घरेलू उपाय से दस्त पर रोक लगा सकते हैं। 1-3 ग्राम काकजंघा की जड़ चूर्ण को खाने से दस्त पर रोक लगती है।

और पढ़ेंः दस्त को रोकने के लिए असरदार घरेलू नुस्खे

काकजंघा के औषधीय गुण से ल्यूकोरिया का इलाज (Benefits of Kakjangha to Treat Leucorrhea in Hindi)

  • 1-3 ग्राम काकजंघा की जड़ के चूर्ण को चावल के धोवन के साथ खाएं। इससे ल्यूकोरिया और खुजली में बहुत लाभ होता है।
  • 5 मिली काकजंघा जड़ के रस में 500 मिग्रा लोध्र चूर्ण और मधु मिलाकर पिएं। इससे ल्यूकोरिया में लाभ होता है।

और पढ़ेंः ल्यूकोरिया के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज

काकजंघा के उपयोग से गर्भवती महिलाओं को फायदा (Kakjangha is Beneficial for Pregnant women in Hindi)

काकजंघा का उपयोग करने से गर्भवती महिलाओं बहुत लाभ होता है। काकजंघा की जड़ को गर्भवती महिलाएं अपनी कमर पर बांधें। इससे प्रसव आसानी से होने में  मदद मिलती है।

और पढ़ेंः बला के सेवन से गर्भवती महिलाओं को लाभ

काकजंघा के औषधीय गुण से फाइलेरिया का इलाज (Benefits of Kakjangha to Treat Filariasis in Hindi)

  • काकादनी, काकजंघा आदि औषधियों से बने क्षार का प्रयोग करने से श्लीपद (फाइलेरिया) रोग में लाभ होता है।
  • 5-10 मिली काकजंघा की जड़ के काढ़ा का सेवन करने से श्लीपद में लाभ होता है।

और पढ़ेंः फाइलेरिया (हाथी पांव) की बीमारी में खैर (खादिर) से फायदा

घाव में काकजंघा का औषधीय गुण फायेदमंद (Kakjangha Benefits for Healing Wound in Hindi)

घाव में तीन दिनों तक काकजंघा पत्ते या जड़ के पेस्ट का लेप करें। इससे घाव, घाव का पस निकल जाता है। इससे घाव भर जाता है और दर्द ठीक हो जाता है। इसके प्रयोग से खुजली आदि त्वचा विकार भी ठीक होते हैं।

और पढ़ेंः घाव के इलाज में निर्गुण्डी के फायदे

कुष्ठ रोग में काकजंघा के फायदे (Kakjangha Uses to Treat Leprosy in Hindi)

  • काकजंघा की जड़, शणपुष्पी के पत्ते तथा जड़ी के बीज लें। इनको बराबर मात्रा में लेकर छाछ के साथ पीस लें। इसका लेप करने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है।
  • बराबर मात्रा में कपास के पत्ते, काकजंघा की जड़ और जड़ी के बीज लें। इसके बारीक चूर्ण को छाछ के साथ मिलाकर लेप करने से कुष्ठ रोग में बहुत लाभ होता है।

और पढ़ेंः कुष्ठ रोग में करंज के फायदे

अनिद्रा में काकजंघा के फायदे (Kakjangha Uses to Treat Insomnia in Hindi)

अनिद्रा से परेशान हैं तो काकजंघा के उपयोग से लाभ मिलता है। काकजंघा की जड़ को सिर के नीचे रखकर सोएं। इससे नींद अच्छी आती है।

और पढ़ेंः अनिद्रा में शतावरी के फायदे

बुखार में काकजंघा के सेवन से लाभ (Kakjangha Benefits in Fighting with Fever in Hindi)

  • दूध के साथ 1-2 ग्राम काकजंघा जड़ चूर्ण का सेवन करे। इससे टीबी रोग के कारण आने वाला बुखार सहित अन्य तरह के बुखार में लाभ होता है।
  • काकजंघा की जड़ को लाल सूत्र से रोगी के हाथ पर बांधने से एक दिन रहने वाला बुखार ठीक हो जाता है।

और पढ़ेंः बुखार के लिए घरेलू उपचार

सांप के काटने पर काकजंघा का औषधीय गुण फायेदमंद (Kakjangha is Beneficial in Snake Bite in Hindi)

1-2 ग्राम काकजंघा की जड़ को चावल के धोवन में  पीस लें। इसके बाद इसमें मधु मिलाकर पिएं। इससे सांप के काटने के कारण होने वाली जलन, दर्द आदि दुष्प्रभाव ठीक होते हैं।

और पढ़ें: सांप के काटने पर चुक्रिका के फायदे

काकजंघा के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Kakjangha in Hindi)

काकजंघा के इन भागों का इस्तेमाल किया जाता हैः-

  • पंचांग
  • जड़

काकजंघा का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Kakjangha in Hindi?)

काकजंघा को इतनी मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिएः-

चूर्ण- 3-6 ग्राम

यहां काकजंघा के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Kakjangha benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप काकजंघा के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन किसी बीमारी के लिए काकजंघा का सेवन करने या काकजंघा का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।

काकजंघा कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Kakjangha Found or Grown?)

यह पूरे भारत में मिलता है। यह पंजाब, सिंध से आसाम एवं तमिलनाडु के जंगलों तथा झाड़ियों एवं खुले स्थानों में प्राप्त होता है।

और पढ़ेंः सुजाक में दारुहरिद्रा के फायदे

और पढ़ेंः आंखों के रोग में करेला के फायदे

और पढ़ेंः प्रसव संबंधी समस्या में रीठा के फायदे

और पढ़ेंः योनि से जुड़ी बीमारी में फायदेमंद जूही का इस्तेमाल

और पढ़ेंः अधिक प्यास लगने की समस्या में अदरक के फायदे

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

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