header-logo

AUTHENTIC, READABLE, TRUSTED, HOLISTIC INFORMATION IN AYURVEDA AND YOGA

AUTHENTIC, READABLE, TRUSTED, HOLISTIC INFORMATION IN AYURVEDA AND YOGA

त्वचा की चमक बढ़ाने के लिए घरेलू नुस्खे (Home Remedies for Glowing Skin)

सभी चाहते हैं कि उनकी त्वचा खूबसूरत दिखे, और चेहरे की चमक बनी रहे। त्वचा सुंदर हो तो व्यक्तित्व में निखार आती है। व्यक्ति का हर अंग आकर्षक लगता है। वास्तव में त्वचा एक ऐसा माध्यम है, जहां से सबसे पहले सुन्दरता की पहचान होती है। कई बार भिन्न-भिन्न कारणों से त्वचा की निखार में कमी आ जाती है। त्वचा की रौनक कम होने से लोग तरह-तरह के घरेलू प्रयास (gharelu nuskhe in hindi for glowing face) करते हैं।

Glowing skin

आयुर्वेद में चेहरे की चमक लाने के लिए बहुत ही सरल उपाय बताए गए हैं। अगर आप भी आयुर्वेद तरीके से त्वचा की कांति वापस पाना चाहते हैं, तो इन तरीकों को आजमा सकते हैं।

और पढ़ें : स्किन का ग्लो बढ़ाने के लिए गर्मियों में पिएं ये 6 हेल्दी जूस 

Contents

त्वचा की चमक क्यों चली जाती है? (Causes & Symptoms of the Skin Problem)

आपके त्वचा की चमक कम होने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं, जिनमें ये प्रमुख हैं :-

  • उम्र
  • तनाव
  • अस्वस्थ जीवनशैली अपनाना जैसे- धूम्रपान, मदिरा सेवन, नशीली दवाओं का सेवन, और अस्वस्थ खान-पान की आदतें।
  • शरीर में हार्मोनल परिवर्तन।
  • सूर्य की रोशनी के सम्पर्क में अधिक आना।

इन बातों का ख्याल कर आप चेहरे की चमक (colour fair karne ke tips) को खोने से बचा सकती हैं।

त्वचा के प्रकार (Types of Skin)

सामान्यतः त्वचा तीन प्रकार की होती हैंः-

  • रूखी त्वचा (Dry Skin)
  • तैलीय त्वचा (Oily Skin)
  • सामान्य मिश्रित त्वचा (Mixed Skin)

कई लोगों में मिश्रित त्वचा पाई जाती है, और ऐसी त्वचा गर्मियों में बेहद तैलीय, तथा सर्दियों में अत्यधिक रूखी हो जाती है।

और पढ़ेंऑयली स्किन से छुटकारा पाने के घरेलू नुस्खे

त्वचा की चमक खोने का मुख्य कारण मेलाज्मा (Skin Problem Due to Melasma)

आप चेहरे की चमक लाना चाहती हैं, तो आपको यह जरूर जानना चाहिए कि मेलाज्मा क्या है, और इससे कैसे बचना है। मेलाज्मा त्वचा से जुड़ा एक सामान्य विकार है। इसमें चेहरे पर भूरे रंग का धब्बा जैसा दिखाई देता है। इसे हरी त्वचा (Colasma) भी कहा जाता है। मेलाज्मा के निशान अधिकतर महिलाओं में मां बनने के समय ही देखे जाते हैं।

आमतौर पर ये निशान गालों के ऊपरी हिस्से, सिर और ठोढ़ी पर नजर आते हैं। 20 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं में यह समस्या अधिक देखने को मिलता है। यह बीमारी पुरुषों में भी हो सकती है, लेकिन ऐसा बहुत ही कम मामलों में देखा जाता है।

और पढ़ेंः मेलाज्मा का घरेलू इलाज

Melasma

मेलाज्मा होने के कारण (Cause of Melasma in Hindi)

ऐसा अस्वस्थ कोशिकाओं या Melanocytes द्वारा भूरे Melanin के अधिक उत्पादन के कारण होता है। मेलाज्मा (Melasma) में पड़ने वाले गहरे निशानों के पीछे गर्भावस्था, गर्भनिरोधक गोलियां, हार्मोन में बदलाव या असन्तुलन, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, परिवार में किसी का मेलाज्मा से जुड़ा इतिहास, अनुवांशिक एवं जातीय कारण और दवाएं आदि प्रमुख हैं।

मेलाज्मा (Melasma) के तीन प्रकार देखे जाते हैं-

  • चेहरे के बीचोंबीच (Centrofacial )
  • गालों पर (मलार)
  • जबड़ों पर (Mandibular)
  • इसमें सिर, गालों, ऊपरी होठों, नाक और ठोढ़ी पर निशान उभर आते हैं, जो Centrofacial, Melasma का सामान्य रूप होते हैं।

चेहरे की चमक बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय (Home Remedies for Glowing Skin in Hindi)

चेहरे की चमक लाने के लिए आप इन उपायों (glowing skin) को आजमा सकते हैं। इससे आपकी त्वचा स्वस्थ तो रहती ही है, साथ ही त्वचा की कांति वापस भी आ जाती हैः-

 

मेलाज्मा (Melasma) से बचने का तरीका (Home Remedy for Melasma in Hindi)

एक शोध के मुताबिक दुनिया भर में करीब साढ़े चार करोड़ से पांच करोड़ लोगों को मेलाज्मा (Melasma) की शिकायत है। इन पीड़ित लोगों में 90 फीसदी महिलाएं हैं। इससे बचने के लिए सबसे बेहतर उपाय सूरज की रोशनी में बाहर ना निकलना, या खुद को सूरज की सीधी किरणों से बचाना है।

सूरज की रोशनी में अधिक वक्त बिताने से मेलाज्मा होने की संभावना बढ़ जाती है। जिन लोगों के परिवार में मेलाज्मा हुआ है, उन्हें सूरज की रोशनी में अधिक वक्त बिताने से बचना चाहिए। इससे आपकी चेहरे की चमक जा सकती है। यह हार्मोन की औषधियां बन्द करने पर, या गर्भावस्था बीत जाने के कुछ महीनों बाद हल्का पड़ जाता है।

वातज, पित्तज और कफज त्वचा की पहचान (Symptoms of Vataj, Pittaj and Kafaj’s Skin)

आप वातज, पित्तज और कफज त्वचा की पहचान ऐसे कर सकते हैंः-

वातज त्वचा की पहचान और उपाय 

जिस त्वचा में वात की अधिकता हो, वह रूखी हो जाती है। ठंड के मौसम में यह बेहद सूख जाती है। उम्र के साथ-साथ जल्दी ढलती है। यह समय से पहले ही अपनी वसा खो देती है। 

ऐसे में इसे खास देखभाल की जरूरत होती है। खासतौर पर इस तरह की त्वचा को पौष्टिकता देने के लिए प्राकृतिक तेलों से मालिश करनी चाहिए। इससे त्वचा में नमी बरकरार रहेगी और रूखापन दूर (gharelu nuskhe in hindi for glowing face) होगी। इसके अलावा आपको भरपूर नींद लेनी चाहिए।

और पढ़ेंत्वचा रोग में शाल के फायदे

पित्तज त्वचा की पहचान और उपाय 

जिसमें पित्त की अधिकता है, उस त्वचा में लाल चकत्ते, मुंहासे, जल्दी-जल्दी सनबर्न होने की संभावना रहती है। यह बहुत ही संवेदनशील और मुलायम होती है, तथा हल्कापन और गरमाहट लिए होती है।

इस तरह की त्वचा पर रेशे (Rashes) और मुंहासे की समस्या अधिक देखी जाती है। पित्त प्रभावी त्वचा पीली और संवेदनशील होने से सूरज की रोशनी में ज्यादा प्रभावी होती है। ऐसी त्वचा में ठंडे द्रव्यों के लेप, एवं तेल से मालिश करनी चाहिए।  

 

कफज त्वचा की पहचान और उपाय 

कफज त्वचा अधिक तैलीय, मोटी और ठण्डापन लिए होती है। ऐसी त्वचा पर अधिक गन्दगी जमा होने की संभावना तथा मुंहासे की शिकायत अधिक रहती है। कफ प्रभावित त्वचा की देखभाल के लिए त्वचा के विषैले तत्वों को दूर करना होता है।

त्वचा में निखार बढ़ाने के लिए अन्य घरेलू नुस्खे (Home Remedies for Skin Glowing)

चेहरे की चमक बढ़ाने के लिए घरेलू नुस्खे बहुत फायदा पहुंचाते हैं, जो ये हैंः-

नींबू से लाएं त्वचा पर निखार (Lemon:Home Remedies for Glowing Skin in Hindi)

चेहरे और गर्दन में ताजा निचोड़ा हुआ नींबू का रस लगाएं। दस मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें। नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड, त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद करता है, साथ ही कोशिकाओं को दोबारा बनाने की प्रक्रिया को भी तेज करता है।

Lemon

अरंडी के तेल (कैस्ट्रोल ऑयल) से त्वचा का रुखापन गायब (Castrol Oil:Home Remedies for Glowing Skin in Hindi)

चेहरे की चमक लाने, और चेहरे पर पड़ी झुर्रियों को हटाने के लिए अरंडी के तैल (कैस्ट्रोल ऑयल) से अपने चेहरे की नियमित रूप से मालिश करें।

और पढ़ेंत्वचा रोग में चांदनी के फायदे

हल्दी पाउडर और बेसन से त्वचा में चमक (Haldi and Besan:Home Remedies for Glowing Skin in Hindi)

हल्दी पाउडर और बेसन को समान मात्रा में दूध के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं, तथा इसे चेहरे और गर्दन पर लगाएं। सूख जाने के बाद गुनगुने पानी से धो लें। इससे चेहरे की चमक बनी रहती है।

हल्दी त्वचा पर निशान या दाग को मिटाने में अच्छा कार्य करती है। यह एक बेहतर एंटीसेप्टिक है। त्वचा में चमक (glowing skin tips) लाती है, तथा त्वचा संक्रमण समेत कई तरह के त्वचा रोगों के लिए रामबाण है।

और पढ़े त्वचा रोगों में जटामांसी के फायदे

शहद के प्रयोग से त्वचा में चमक (Honey: Home Remedies for Glowing Skin in Hindi)

चेहरे पर शहद लगाएं और सूखने के बाद धो लें। यह एक अच्छा मोस्चराईजर है। यह चेहरे को नरम और कोमल बनाता है। यह चेहरे की चमक को बढ़ाता है।

और पढ़ेंत्वचा रोगों में सेब के फायदे

आलू के रस के प्रयोग से त्वचा में आती है चमक (Potato Juice:Home remedies for glowing skin in Hindi)

कच्चे आलू के रस को चेहरे पर लगाएं, तथा सूखने पर धो दें। यह चेहरे से दाग-धब्बों को हटाता है तथा त्वचा में कसाव लाता है।

और पढ़ेंत्वचा विकार में चौलाई के फायदे

एलोवेरा के इस्तेमाल से त्वचा में निखार (Aloe vera: Home Remedies for Glowing Skin in Hindi)

ताजा एलोवेरा का गूदा चेहरे पर लगाएं। यह मुंहासे को खत्म करता है, तथा दाग-धब्बों को मिटाता है।

और पढ़ें: एलोवेरा के औषधीय गुण

Aloe Vera benefits for glowing skin

त्वचा को स्वस्थ बनाने के लिए आहार (Diet for Glowing Skin)

चेहरे की चमक बरकरार रखने के लिए आपकी खान-पान इस तरह होनी चाहिएः-

  • त्वचा को हाइड्रेट रखने के लिए, और नुकसानदायक पदार्थ त्वचा से बाहर निकालने के लिए नींबू पानी का सेवन फायदेमंद है। दिन में कम से कम 10 गिलास पानी पीने के अलावा रोज सुबह एक गिलास नींबू पानी भी लें। नींबू में मौजूद विटामिन ‘सी’ त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद हैं।
  • Avacado  में विटामिन ‘ई’ की प्रचुरता होती है। इसमें मौजूद एंटीओक्सीडेंट्स (Antioxidants) त्वचा की अल्ट्रा-वायलेट किरणों से रक्षा करते हैं, और निखार लाने में मददगार होते हैं।
  • Strawberry, bluberry, Raspberry  प्रजाति के फल त्वचा में प्राकृतिक चमक (tips for glowing skin) के लिए बेहद जरूरी हैं। इनका सेवन अधिक करना चाहिए।
  • अखरोट का सेवन करना चाहिए। इसमें Omega-3 fatty acid होता है, जो त्वचा की दमक बनाए रखता है।
  • विटामिन ‘ई’ आपकी त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाता है। यह ऑलिव ऑयल, नट्स, बीजों और वनस्पति तेलों में मिलता है।
  • विटामिन ‘ए’ त्वचा कोशिकाओं का पुनर्निमाण करता है। विटामिन ‘ए’ फलों और सब्जियों में भरपूर मात्रा में होता है।
  • विटामिन ‘के’ आंखों के नीचे काले घेरों को दूर करने में मदद करता है। यह हरी पत्तेदार सब्जियां और डेरी उत्पादों में मिलता है।

Healthy foods

त्वचा की कांति बढ़ाने के लिए जीवनशैली (Lifestyle to Get Glowing Skin)

त्वचा की कांति (चेहरे की चमक) बनाए रखने के लिए आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-

  • अपनी दिनचर्या में व्यायाम, योगाभ्यास एवं प्राणायाम को अपनाएं। जितना सम्भव हो प्राकृतिक भोजन करें। जंक फूड्स से बचें (face glowing tips)। यह आपके शरीर को नुकसान पहुंचाने का काम करता है।
  • कृत्रिम सौन्दर्यवर्धक उत्पादों का प्रयोग नहीं करना चाहिए, तथा धूप में जाने से पहले उच्च गुणवत्ता वाले सनक्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • स्वस्थ त्वचा, स्वस्थ आहार के सेवन से बनती है। आप जो खाते हैं उसी से आपके शरीर का निर्माण होता है। इसलिए सन्तुलित भोजन का सेवन करना चाहिए, जिसमें प्रोटीन (Protein) और विटामिन (Vitamin) प्रचुर मात्रा में हो। हरी पत्तेदार सब्जियों का अधिक सेवन करें।
  • चेहरे पर सप्ताह में एक बार मालिश आश्चर्यजनक परिणाम दे सकती है, सरसों, नारियल, बादाम या कुमकुम आदि तेल, चेहरे की चमक बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

त्वचा में रौनक लाने के लिए सूर्य की रोशनी से बचाव जरूरी (Prevention from Sunlight)

यदि त्वचा अधिक समय तक सूर्य की रोशनी के सम्पर्क में आये, तो भी त्वचा संबंधित विकार उत्पन्न हो सकते हैं। सूर्य में मौजूद अल्ट्रावायलेट किरणें त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाती हैं, जिससे त्वचा पर Melasma, Freckels, Pigmintation, Black Heads आदि समस्याएं होने लगती हैं।

सुबह की गुनगुनी धूप का सेवन अवश्य करना चाहिये। इससे शरीर को विटामीन डी मिलता है। दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक की धूप से बचना चाहिए। इस समय धूप में नहीं जाना चाहिए। यदि जाना भी पड़े तो उत्तम गुणवत्ता वाला सनक्रीन त्वचा पर लगाना चाहिये। जितना हो सके त्वचा को ढकना चाहिये, क्योंकि इससे चेहरे की चमक (colour fair karne ke tips) जा सकती है।

और पढ़ें: मसूर की दाल से चेहरे को गोरा कैसे करे

त्वचा की रौनक से संबंधित प्रश्न (Your Questions for Skin Glowing)

आयुर्वेदीय उपचार से त्वचा प्राकृतिक रूप से स्वस्थ बनती है। ये स्वस्थ जीवनशैली एवं खानपान दोनों के कारण होता है। कृत्रिम एवं केमिकलयुक्त उत्पादों से त्वचा कुछ समय के लिए ठीक तो हो जाती है, लेकिन दोबारा रोगग्रस्त हो जाती है।

आयुर्वेदीय उपचार वात, पित्त, एवं कफ तीनों दोषों को सन्तुलित कर शरीर को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं। कई बार समाज में यह भ्रांति भी देखी गई है कि आयुर्वेद उपाय हर व्यक्ति को लाभ नहीं पहुंचा। वास्तव में यह केवल एक मिथक है। आवश्यकता है कि प्रत्येक व्यक्ति के दोषों का निरीक्षण करके उसके अनुसार उपचार किया जाए।

अगर व्यक्ति स्वस्थ रहेगा, तो त्वचा पर निखार (glowing skin) अपने आप आएगा। इसलिए बेवजह कॉस्मेटिक्स में पैसे बहाने की बजाय संतुलित आहार, और जीवनशैली से त्वचा में प्राकृतिक निखार लाएं।

और पढ़ें: