आधुनिक पर्यावरण में कईं चीजें ऐसी हैं जो आँखों की रोशनी को कमजोर बना सकती है। कईं बार आँखों के कमजोरी अनुवांशिकता के कारण भी होती है। इसके अलावा खराब जीवनशैली और पोषक तत्वों से रहित आहार का सेवन आँखों की रोशनी को कमजोर बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
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उम्र बढ़ने के साथ हमारी आँखों में क्षयकारी (Degenerative) बदलाव आने शुरू हो जाते हैं जिसके कारण धीरे-धीरे दृष्टि भी कमजोर होने लगती है। लेकिन यदि, भोजन में पोषक तत्वों की कमी हो एवं अनुचित जीवनशैली का पालन किया जाए तो यह बदलाव समय से पहले ही आने लगते हैं। साथ ही यदि उचित आहार और जीवनशैली का पालन किया जाए तो लम्बे समय तक व्यक्ति की दृष्टि अच्छी बनी रहती है।
इसके अलावा भोजन में जरूरी पोषक तत्वों की कमी से आँखों की रोशनी में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। विटामिन-सी, विटामिन-ए और विटामिन-ई, जिंक, ल्यूटिन, जियाजैक्थीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड हमारी आँखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते है। यदि लम्बे समय तक आहार में इनकी कमी पाई जाती है तो कमजोर दृष्टि के अलावा आँखों से संबंधित क्षयकारी बीमारियों की भी आशंका बनी रहती है जैसे- कैटारैक्ट, उम्र संबंधित मैक्यूलर डिजेरेशन आदि।
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कम दिखाई देने के अलावा और भी लक्षण होते हैं-
-पढ़ते समय धुंधला दिखाई देना तथा सही प्रकार से न पढ़ पाना।
-दूर की वस्तुएँ देखने में असमर्थता।
-कम रोशनी तथा रात में धुंधला दिखाई देना।
-आँखों में दर्द होना।
-पढ़ते समय बार-बार सिर दर्द की शिकायत रहना।
-ज्यादा तेज रोशनी में रंग-बिरंगे रोशनी दिखाई देना।
-आँखों में सूजन या लालिमा होना।
-आँखों से पानी निकलना।
-अंधेरे से एकदम रोशनी में जाने में देखने में परेशानी होना।
आँखों को नुकसान न पहुँचे इसलिए हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे कि-
-आँखों को दिन में दो बार ठण्डे पानी से धोना चाहिए।
-पढ़ते समय रोशनी का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बहुत हल्की रोशनी में पढ़ने या लिखने से आँखों पर दबाव पड़ता है।
-धूल, प्रदूषण एवं तेज धूप से आँखों को बचाना चाहिए, तेज धूप में जाते समय आँखों पर अच्छी गुणवत्ता वाले चश्मों का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि सूर्य की पराबैंगनी किरणें (UV rays) आँखों को नुकसान पहुँचाकर समस्याओं को उत्पन्न करती है।
-बहुत देर तक लगातार पढ़ने या कम्प्यूटर पर काम करने के कारण आँखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए कुछ देर के अंतराल में आँखों को बंद कर के आराम देना चाहिए।
इसके अलावा आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए आँखों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषक तत्वों से युक्त आहार लेना चाहिए जिसमें आवश्यक विटामिन्स और मिनरल्स हो। आहार ऐसी होनी चाहिए-
-विटामिन सी, विटामिन ए और बीटा कैरोटिन से युक्त आहार का सेवन करें, जैसे- गाजर, सभी खट्टे फल आदि। विटामिन-ए के लिए गेहूँ से बने उत्पाद तथा नट्स का सेवन करें।
-हरी पत्तेदार सब्जियाँ एवं दालों का सेवन करें।
-ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का सेवन आँखों के लिए बेहद जरूरी होता है। इसलिए अलसी के बीजों का सेवन करें।
-शकरकंद (Sweet potato) को भी अपने आहार में शामिल करें। यह बीटा कैरोटिन और विटामिन- ई का अच्छा स्रोत होता है।
-नट्स में अच्छी मात्रा में विटामिन ई पाया जाता है जो आँखों को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली क्षयकारी बीमारियों से बचाता है इसलिए नट्स का सेवन करें, जैसे- अखरोट, बादाम, पिस्ता, मूंगफली आदि।
आँखों को नुकसान न पहुँचे इसलिए हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे कि-
-आँखों को दिन में दो बार ठण्डे पानी से धोना चाहिए।
-पढ़ते समय रोशनी का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बहुत हल्की रोशनी में पढ़ने या लिखने से आँखों पर जोर पड़ता है।
-धूल; प्रदूषण एवं तेज धूप से आँखों को बचाना चाहिए,, तेज धूप में जाते समय आँखों पर अच्छी गुणवत्ता वाले चश्मों का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि सूर्य की पराबैंगनी किरणें (UV rays) आँखों में क्षयकारी समस्याओं को उत्पन्न करती है।
-बहुत देर तक लगातार पढ़ने या कम्प्यूटर पर काम करने के कारण आँखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए कुछ देर के अंतराल में आँखों को बंद कर के आराम देना चाहिए।
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आम तौर पर आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए लोग सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही आजमाते हैं। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से आँखों की रोशनी बेहतर होती है।
हर सुबह शहद के साथ ताजे आँवले का रस पिएं या फिर रात में सोने से पहले पानी के साथ एक चम्मच आँवला पाउडर खाएँ।
बादाम, सौंफ और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। इस मिश्रण का 10 ग्राम हिस्सा, 250 मि.ली. दूध के साथ रात में सोने से पहले लें। 40 दिन तक लगातार इसका सेवन करें और इसे लेने के दो घंटे बाद तक पानी न पिएँ। इससे धीरे-धीरे आँखों की रोशनी बढ़ती है।
एक चम्मच त्रिफला पाउडर को पानी में डाल कर रात भर के लिए छोड़ दें। अगली सुबह इस पानी को छानकर इससे आँखो को धोएँ। एक महीने में ही दृष्टि में सुधार आने लगता है।
-नियमित रूप से कच्चे गाजर को सलाद की तरह खाने और रस पीने से आँखों की रोशनी बढ़ने में मदद मिलती है।
-इसके अलावा गाजर और आंवला का जूस मिलाकर पीने से आँखों की रोशनी बेहतर होती है।
सुबह उठने पर अपनी हथेलियों को आपस में रगड़े। जब हथेलियाँ गर्म हो जाए तो उन्हें अपनी आँखों में रखकर सिकाई करने से लाभ मिलता है। ऐसा 4–5 बार करना बेहतर होता है।
पैरों के तलवे पर सरसों के तेल की मालिश करके सोएँ और सुबह नंगे पैर नियमित रूप से हरी घास पर चलें।
एक छोटे टुकड़े फिटकरी को सेंककर 100 ग्राम गुलाबजल में डालकर रखें। प्रतिदिन रात में सोते समय इस गुलाबजल की 4–5 बूँदे आँखों में डालें।
6–7 बादाम, 15 किशमिश और दो अंजीर लेकर रातभर के लिए पानी में भिगो दें। सुबह उठकर खाली पेट इन्हें खाएँ। इनमें अच्छी मात्रा में फाइबर और विटामिन्स होते हैं जो आँखों को स्वस्थ रखते हैं।
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यदि किसी की दृष्टि कमजोर होने के साथ ही चश्मे का नम्बर तेजी से बढ़ रहा हो तो व्यक्ति को तुरन्त ही विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।
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