आपने देखा होगा कि जब भी किसी रोगी की सर्जरी होती है तो रोगी के मन में सबसे बड़ा सवाल यह आता है कि सर्जरी के बाद क्या खाना है, या क्या नहीं खाना है। सर्जरी के बाद मरीज या उसके परिजन डॉक्टर से डाइट प्लान के बारे में काफी पूछताछ करते हैं, और डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह को अपनाने की कोशिश भी करते हैं, लेकिन कई बार इसमें गड़बड़ी हो जाती है। कई लोग सर्जरी के बाद डाइट प्लान का पूरी तरह पालन करना भूल जााते हैं। इसलिए यहां सर्जरी के बाद अपनाए जाने वाले डाइट चार्ट की पूरी जानकारी दी जा रही है।
आप सर्जरी के बाद के इस डाइट प्लान को अपनाकर न सिर्फ बीमारी से जल्द उबर सकते हैं, बल्कि खुद को स्वस्थ भी बना सकते हैं।
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सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद लोगों का आहार ऐसा होना चाहिएः-
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सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद लोगों को इनका सेवन नहीं करना चाहिएः-
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सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद सुबह उठकर दांतों को साफ करने (बिना कुल्ला किये) से पहले खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी पिएं। नाश्ते से पूर्व पतंजलि आवंला व एलोवेरा रस पिएं।
समय | आहार योजना ( शाकाहार) |
नाश्ता (8 :30 AM) | 1 कप पतंजलि दिव्य पेय / 1 कप दूध + बादाम पाक / पावर विटा (पतंजलि) + 2-3 पतंजलि आरोग्य बिस्कुट /दलिया /ओट्स (पतंजलि) /अंकुरित अनाज, 2 रोटी ( मिश्रित अनाज का आटा, पतंजलि) + 1 कटोरी हरी सब्जियां, 1 प्लेट फलों का सलाद (सेब, पपीता) |
दिन का भोजन (12:30-01:30 PM | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1 कटोरी हरी सब्जियां + 1 कटोरी दाल |
(3:30 pm) | सब्जियों का सूप /मूंग दाल / + 1कप पतंजलि दिव्य पेय + 2-3 पतंजलि आरोग्य बिस्कुट |
रात का भोजन (7: 00 – 8:00 Pm) | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) + 1 कटोरी हरी सब्जियां (रेशेदार) + 1 कटोरी दाल मूंग (पतली) |
10:00:00 PM | 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण हल्का गर्म दूध /पानी के साथ |
सलाह: यदि मरीज को चाय की आदत है तो इसके स्थान पर 1 कप पतंजलि दिव्य पेय दे सकते हैं।
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सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद आपको इन बातों का ध्यान रखना हैः-
(1) ध्यान एवं योग का अभ्यास रोज करें।
(2) ताजा एवं हल्का गर्म भोजन अवश्य करें।
(3) भोजन धीरे-धीरे शांत स्थान में शांतिपूर्वक, सकारात्मक एवं खुश मन से करें।
(4) तीन से चार बार भोजन अवश्य करें।
(5) किसी भी समय का भोजन नहीं त्यागें, एवं अत्यधिक भोजन से परहेज करें
(6) हफ्ते में एक बार उपवास करें।
(7) अमाशय का 1/3rd / 1/4th भाग रिक्त छोड़ें।
(8) भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरे-धीरे खायें।
(9) भोजन लेने के बाद 3-5 मिनट टहलें।
(10) सूर्यादय से पहले [5:30 – 6:30 am] जाग जायें।
(11) रोज दो बार दांतों को साफ करें।
(12) रोज जिव्हा करें।
(13) भोजन लेने के बाद थोड़ा टहलें।
(14) रात में सही समय पर [9-10 PM] नींद लें।
सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद आप ये योग और आसन कर सकते हैंः-
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