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सर्जरी के बाद अपनाएं ये डाइट प्लान (Diet Plan After Surgery)

आपने देखा होगा कि जब भी किसी रोगी की सर्जरी होती है तो रोगी के मन में सबसे बड़ा सवाल यह आता है कि सर्जरी के बाद क्या खाना है, या क्या नहीं खाना है। सर्जरी के बाद मरीज या उसके परिजन डॉक्टर से डाइट प्लान के बारे में काफी पूछताछ करते हैं, और डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह को अपनाने की कोशिश भी करते हैं, लेकिन कई बार इसमें गड़बड़ी हो जाती है। कई लोग सर्जरी के बाद डाइट प्लान का पूरी तरह पालन करना भूल जााते हैं। इसलिए यहां सर्जरी के बाद अपनाए जाने वाले डाइट चार्ट की पूरी जानकारी दी जा रही है।

 

आप सर्जरी के बाद के इस डाइट प्लान को अपनाकर न सिर्फ बीमारी से जल्द उबर सकते हैं, बल्कि खुद को स्वस्थ भी बना सकते हैं।

 

Contents

सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद क्या खाएं (Your Diet After Surgery)

सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद लोगों का आहार ऐसा होना चाहिएः-

  • अनाज: पुराना शाली
  • दाल: मूंग, मसूर, अरहर
  • फल एवं सब्जियां: परवल, लौकी, तोरई, कददू, मौसमी सब्जियां, नारियल, मौसमी फल
  • अन्य: गाय का दूध, नारियल पानी

और पढ़ेंः नारियल के अनेक फायदे

 

सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद क्या ना खाएं (Food to Avoid After Surgery)

सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद लोगों को इनका सेवन नहीं करना चाहिएः-

  • अनाज: नया चावल, मैदा
  • दाल: कुलथ, उड़द, राजमा, छोले
  • फल एवं सब्जियां: बैंगन, आलू, नींबू, सरसों, पत्तेदार सब्जियाँ, टमाटर, नारंगी, खट्टे अंगूर, कटहल, अरबी
  • अन्य: दही, मछली, पनीर, तीखा भोजन, सरसों का तेल, तैलीय मसालेदार भोजन, अधिक नमक, कोल्डड्रिंक्स, अचार, अधिक तेल, मैदे वाले पदार्थ, शराब, फास्टफूड, सॉफ्टडिंक्स, जंक फ़ूड, डिब्बा बंद, खाद्य पदार्थ, मांसहार सूप, मिठाइयां व बेकरी उत्पाद

और पढ़ेंः दही के औषधीय गुण

 

सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद आपका डाइट प्लान (Diet Plan After Surgery)

सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद सुबह उठकर दांतों को साफ करने (बिना कुल्ला किये) से पहले खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी पिएं।  नाश्ते से पूर्व पतंजलि आवंला व एलोवेरा रस पिएं।

 

समय आहार योजना ( शाकाहार)
नाश्ता (8 :30 AM) 1 कप पतंजलि दिव्य पेय / 1 कप दूध + बादाम पाक / पावर विटा (पतंजलि) + 2-3 पतंजलि आरोग्य बिस्कुट /दलिया /ओट्स (पतंजलि) /अंकुरित अनाज, 2 रोटी ( मिश्रित अनाज का आटा, पतंजलि) + 1 कटोरी हरी सब्जियां, 1 प्लेट फलों का सलाद (सेब, पपीता)
दिन का भोजन (12:30-01:30 PM 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1 कटोरी हरी सब्जियां + 1 कटोरी दाल
(3:30 pm) सब्जियों का सूप /मूंग दाल / + 1कप पतंजलि दिव्य पेय + 2-3 पतंजलि आरोग्य बिस्कुट
रात का भोजन (7: 00 – 8:00 Pm) 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) + 1 कटोरी हरी सब्जियां (रेशेदार) + 1 कटोरी दाल मूंग (पतली)
10:00:00 PM 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण हल्का गर्म दूध /पानी के साथ

सलाह: यदि मरीज को चाय की आदत है तो इसके स्थान पर 1 कप पतंजलि दिव्य पेय दे सकते हैं।

 

और पढ़ेंः मूंग दाल के फायदे और उपयोग

 

सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle Afteer Surgery)

सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-

  • थोड़ा टहलें।
  • डॉक्टर के बताए अनुसार स्नान करें।
  • पेशाब और शौच को न रोकें।
  • रात को न जागें।
  • धूप का सेवन करें।

 

सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद ध्यान रखने वाली बातें (Points to be Remember After Surgery)

सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद आपको इन बातों का ध्यान रखना हैः-

(1) ध्यान एवं योग का अभ्यास रोज करें।

(2) ताजा एवं हल्का गर्म भोजन अवश्य करें।

(3) भोजन धीरे-धीरे शांत स्थान में शांतिपूर्वक, सकारात्मक एवं खुश मन से करें।

(4) तीन से चार बार भोजन अवश्य करें।

(5) किसी भी समय का भोजन नहीं त्यागें, एवं अत्यधिक भोजन से परहेज करें

(6) हफ्ते में एक बार उपवास करें।

(7) अमाशय का 1/3rd / 1/4th भाग रिक्त छोड़ें।

(8) भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरे-धीरे खायें।

(9) भोजन लेने के बाद 3-5 मिनट टहलें। 

(10) सूर्यादय से पहले [5:30 – 6:30 am] जाग जायें। 

(11) रोज दो बार दांतों को साफ करें।

(12) रोज जिव्हा करें।

(13) भोजन लेने के बाद थोड़ा टहलें।

(14)  रात में सही समय पर [9-10 PM] नींद लें।

सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद योग और आसन (Yoga and Asana After Surgery)

सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के बाद आप ये योग और आसन कर सकते हैंः-

  • योग प्राणायाम एवं ध्यान: अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उदगीथ, उज्जायी, प्रनव जप।
  • आसनवैद्यानिर्देशानुसार।

और पढ़ेंः जानिए क्या है योग 

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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