तून (Toon) को तूनी या महानिम भी बोला जाता है। आपने तून के वृक्ष को कई स्थानों पर देखा होगा। तून के पत्ते नीम की तरह ही लगते हैं। क्या आप जानते हैं कि तून के कई सारे औषधीय गुण हैं, क्या आपको पता है कि तून एक जड़ी-बूटी भी है, और सिर दर्द, दस्त, मासिक विकार आदि में तून के इस्तेमाल से फायदा (Toon benefits and uses) होता है। तून के औषधीय गुण का प्रयोग कर आप योनि संबंधी रोग, अंडकोष विकार, मोच में भी लाभ ले सकते हैं।
इतना ही नहीं आप घाव, फोड़े-फुन्सी आदि में तून के औषधीय गुण के फायदे ले सकते हैं। इसके अलावा टाइफाइड, पुराना बुखार पेचिश में भी तून के सेवन से लाभ मिलता है। आइए जानते हैं कि तून से क्या-क्या फायदा और नुकसान (Toon side effects) हो सकता है।
Contents
तून का वृक्ष लगभग 35 मीटर ऊंचा तथा छायादार होता है। तून के वृक्ष की छाल को काटने पर एक विशेष प्रकार की गंध निकलती है। तून के वृक्ष की छाल, फूल, पत्तों, बीज और गोंद आदि से लोगों का इलाज किया जाता है।
यहां तून के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Toon benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप तून के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं।
तून का वानस्पतिक नाम Toona ciliata M. Roem. (तूना सिलिएटा) Syn-Cedrela toona Roxb.ex Rottler है, और यह Meliaceae (मीलिएसी) कुल का है। तून के अन्य ये भी नाम हैंः-
Toon in –
तून के आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव ये हैंः-
तून मधुर, तिक्त, कटु, कषाय, शीत, लघु, पित्तशामक, ग्राही, वृष्य, दीपन तथा रोचन होता है। तून की छाल अति-संकोचक (ग्राही), ज्वरघ्न, पौष्टिक व ज्वरनाशक होती है। तून के पत्र वेदनास्थापक एवं शोथहर होते हैं। तून के पुष्प गर्भाशय संकोचक तथा रजस्थापक होते हैं।
तून के औषधीय गुण, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-
सिर दर्द में तूनी के प्रयोग से फायदा मिलता है। तूनी तून की छाल और पत्ते को पीसकर गुनगुना कर लें। इसका लेप करने से वातज दोष के कारण होने वाले सिर दर्द से आराम मिलता है। बेहतर लाभ के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।
और पढ़ेंः सिर दर्द के लिए घरेलू उपाय
दस्त से परेशान होने पर आप तूनी के औषधीय गुण से लाभ ले सकते हैं। तून की छाल का काढ़ा बना लें। इसकी 10-15 मिली मात्रा को पिएं। इससे दस्त पर रोक लगती है।
और पढ़ेंः दस्त में अभ्यारिष्ट के फायदे
यह बीमारी बवासीर के जैसी है। इसमें योनि में मस्से निकल आते हैं। कई महिलाएं इस रोग से पीड़ित होती हैं। इसमें आप तूनी के औषधीय गुण का लाभ ले सकते हैं। तूनी की छाल लें। इसके साथ इतनी ही मात्रा में पठानी-लोध्र लें। सभी को कूटकर पीस लें। इसे हल्का गुनगुना करके योनि में लेप करने से लाभ होता है।
और पढ़ेंः योनि के विकारों में लोध्रा के फायदे
और पढ़ेंः मासिक धर्म विकार में एलोवेरा से लाभ
अंडकोष विकार में तूनी के इस्तेमाल से बहुत फायदे होते हैं। तूनी पत्ते के रस में बराबर मात्रा में तुलसी की पत्तियों का रस और घी मिला लें। इसे पका लें। ठंडा होने पर अण्डकोष पर लेप करें। इससे लाभ होता है।
और पढ़ेंः अंडकोष के दर्द के कारण और घरेलू उपाय
मोच आना एक आम समस्या है। किसी भी व्यक्ति को मोच आ सकती है। अगर आप मोच के इलाज के लिए तूनी को उपयोग में लाएंगे तो उत्तम लाभ मिलेगा। तूनी की छाल को पीसकर मोच पर बांधें। इससे मोच में लाभ होता है।
और पढ़ेंः मोच आने पर चंद्रशूर से लाभ
और पढ़ेंः घाव के इलाज में निर्गुण्डी के फायदे
फोड़े-फुन्सी होने पर भी तूनी के फायदे ले सकते हैंं। तूनी की छाल को घिस लें। इसे फोड़े-फुन्सी वाले अंग पर लगाएँ। इससे फोड़े-फुन्सी में लाभ होता है।
और पढ़ेंः फोड़ा का घरेलू इलाज
और पढ़ेंः टाइफाइड के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज
आप तूनी के फायदे से पेचिश का इलाज कर सकते हैं। इसके लिए तूनी की छाल का काढ़ा बना लें। इसका सेवन करें। आपको 10-15 मिली मात्रा में सेवन करना है। इससे पेचिश में फायदा होता है।
और पढ़ेंः पेचिश में शमी का उपयोग
तून के इन भागों का इस्तेमाल किया जाता हैः-
तून को इतनी मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिएः-
काढ़ा- 10-20
यहां तून के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Toon benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप तून के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन किसी बीमारी के लिए तून का सेवन करने या तून का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।
तून का वृक्ष पूरे भारत में लगभग 1000 मीटर की ऊंचाई तक प्राप्त होता है।
और पढ़ें : मूत्र रोग में मरिच फायदेमंद
और पढ़ेंः पाचनतंत्र विकार में अलसी के फायदे
और पढ़ेंः सूजन को कम करने के घरेलू उपचार
और पढ़ें: सूजन की समस्या में अरबी से लाभ
और पढ़ेंः दस्त को रोकने के लिए असरदार घरेलू नुस्खे
आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, त्रिफला चूर्ण पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है. जिन लोगों को अपच, बदहजमी…
डायबिटीज की बात की जाए तो भारत में इस बीमारी के मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही…
मौसम बदलने पर या मानसून सीजन में त्वचा से संबंधित बीमारियाँ काफी बढ़ जाती हैं. आमतौर पर बढ़ते प्रदूषण और…
यौन संबंधी समस्याओं के मामले में अक्सर लोग डॉक्टर के पास जाने में हिचकिचाते हैं और खुद से ही जानकारियां…
पिछले कुछ सालों से मोटापे की समस्या से परेशान लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों के…
अधिकांश लोगों का मानना है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से शरीर निरोग रहता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी इस बात…