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Juhi: जूही के फायदे हैरान कर देंगे आपको- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

जूही का परिचय (Introduction of Juhi)

जूही कहे या चमेली दोनों सफेद रंग के होते हैं। जूही के फूल की खुशबू से न सिर्फ दिल और दिमाग को ताजगी प्रदान करती है बल्कि इसके सेहतमंद गुणों के कारण आयुर्वेद में कई बीमारियों के लिए औषधी के  रूप में इसका प्रयोग किया जाता है।

जूही के फूल , पत्ता और जड़ औषधी बनाने के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं। सिरदर्द, कानदर्द से लेकर योनी शिथिलता को कम करने में भी जूही का फूल बहुत फायदेमंद साबित होता है। चलिये जूही के फायदों और पौष्टिकता के बारे में जानने के लिए आगे चलते हैं।

चमेली का फूल क्या होता है (What is Jasmine flower in hindi)

जूही का फूल पतली, लम्बी, रोमश अथवा मखमली लता के समान बढ़ने वाली अथवा बड़ी क्षुप (shurb) की तरह होती है। इसकी प्रशाखा धूसर रंग की होती हैं। इसके पत्ते प्राय: साधारण, तीन पत्तों वाले, जिसमें दो नीचे के पत्ते बहुत छोटे, बीच के पत्ते 2-3.2 सेमी लम्बे तथा 1-1.5 सेमी चौड़े, अण्डाकार अथवा गोल होते हैं। इसके फूल सफेद रंग के, सुगन्धित, अनेक फूलों वाले, त्रिखण्डीय, गुच्छेदार, धूसर रंग के रोमश होते हैं। इसके फूल रात में खिलते हैं। इसके फल एकल, 5 मिमी व्यास या डाइमीटर के, गोल, कृष्ण के रंग के होते हैं। इसका पुष्पकाल एवं फलकाल पूरे साल होता है।

जूही या चमेली कड़वी, मधुर, ठंडा, छोटा, पित्त को कम करने वाली, कफवात बढ़ाने वाली, संग्राही या कब्ज तथा सुगन्धित होती है। यह मुखरोग, आँखों का रोग, दन्तरोग, सिरदर्द, व्रण या घाव, विषरोग, रक्तपित्त (कान-नाक से खून बहना), दाह या जलन, तृष्णा या प्यास, रक्त संबंधी रोग, त्वचा संबंधी रोग व शुगर को कम करने वाली होती है।

इसके फूल कड़वे, ठंडे, दस्त से खून आना तथा कफशामक होते हैं, तथा पत्ते पूतिरोधी, स्तम्भक (Styptic) होते हैं।

अन्य भाषाओं में जूही के फूल के नाम (Name of Jasmine Flower in Different Languages)

जूही का वानास्पतिक नाम Jasminum auriculatum Vahl (जैस्मिनम् ऑरीक्युलेटम्) Syn-Jasminum ovulifolium Wight है। जूही Oleaceae (ओलिएसी) कुल का होता है। जूही को अंग्रेजी में Niddle flower jasmine (निड्ल फ्लावर जस्मिन) कहते हैं लेकिन भारत के विभिन्न प्रांतों में भिन्न-भिन्न नामों से चमेली या जूही जाना जाता है। जैसे-

Jasmine flower in-

Sanskrit-यूथिका, गणिका, अम्बष्ठा, मुग्धी, सुचिमल्लिका;

Hindi-जूही, जुई;

Odia-वोनोमोल्लिका (Vonomollika), जुइ (Jui); Kannada-कदरमल्लिगे(Kadarmallige), मध्यानामालिगें (Madhayanamallige);

Gujrati-जूही (Juhi);

Tamil-मागधी (Magadhi), उसिमल्लिगाइ (Usimalligai);

Telegu-अदाविमोल्ला (Adavimulla), इत्तादविमोल्ला (Ettadvimola);

Bengali-उमबुस्ता (Umbusta), गुनिका (Gunika);

Nepali-जुही (Juhi);

Malayalam-बोलिद्दा (Bolidda);

Marathi-जूयी (Juyi), जय (Jay)

जूही के फूल के फायदे (Jasmine Flower Uses and Benefits in Hindi)

जूही के फूल के औषधिय गुणों के कारण आयुर्वेद में इसको सिर दर्द, दस्त, बिवाई, मूत्राघात जैसे बीमारियों के लिए फायदेमंद माना जाता है। चलिये जूही के फूल किन-किन बीमारियों के लिए औषधि के रुप में काम करती है इसके बारे में आगे पढ़ते हैं-

सिरदर्द में फायदेमंद जूही के फूल (Chameli Flower Benefits in Headache in Hindi)

अगर आपको काम के तनाव और भागदौड़ भरी जिंदगी के वजह से सिरदर्द की शिकायत रहती है तो जूही का घरेलू उपाय बहुत लाभकारी सिद्ध होगा। दालचीनी, यूथिका आदि द्रव्यों का चूर्ण तथा इनसे पकाए तेल को 1-2 बूँद नाक में डालने से सिरदर्द से राहत मिलती है।

और पढ़े: सिरदर्द में पुत्रजीवक के फायदे

आँखों का जलन करे दूर जूही का फूल (Jasmine Flower Relieves Eye Burning Sensation in Hindi)

जूही के फूलों को आँखों पर रखने से आँखों को शीतलता (ठंडक) मिलती है या पुष्पों को पीसकर आँखों के बाहर चारों तरफ लगाने से आँखों का जलन कम होता है।

और पढ़े: आंखों के दर्द के घरेलू इलाज

कान के दर्द में फायदेमंद जूही का फूल (Chameli Tree Beneficial in Ear Pain in Hindi)

अगर सर्दी-खांसी या  किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के तौर पर कान में दर्द होता है तो जूही से इस तरह से इलाज करने पर आराम मिलता है। जूही के पत्तों को तिल के तेल में मिलाकर पकाकर, छानकर 1-2 बूंद कान में डालने से कान का दर्द कम होता है।

मुखपाक (मुँह और होंठो में छाले या सूजन) में लाभकारी जूही के फूल (Jasmine Flower Beneficial in Stomatitis in Hindi)

अगर किसी बीमारी या पौष्टिकता की कमी के कारण मुँह में छाले हो रहे हैं तो जूही से इस तरह से उपचार करने पर जल्दी आराम मिलेगा-

-जूही के पत्तों को चबाने से मुखपाक में लाभ होता है।

-जूही पत्तों का काढ़ा बनाकर कुल्ला या गरारा करने से मुखपाक में लाभ होता है।

-जूही के पत्तों में दारुहरिद्रा और त्रिफला मिलाकर उनका काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से भी मुखपाक में लाभ होता है।

चमेली का तेल दांत दर्द से दिलाये राहत (Chameli Oil Benefits in Toothache  in Hindi)

अगर दांत दर्द से परेशान हैं तो चमेली के तेल का इस तरह से सेवन करने पर जल्दी आराम मिलता है। फूल तथा जड़ के काढ़ा को दर्द वाले दाँत पर रगड़ने से जल्दी दर्द कम होता है।

और पढ़े: दांत दर्द के लिए घरेलू इलाज

दस्त में लाभकारी जूही का फूल (Benefit of  Jasmine Flower to Get Relief from Diahorrea in Hindi)

अगर ज्यादा मसालेदार खाना, पैकेज़्ड फूड या बाहर का खाना खा लेने के कारण दस्त है कि रूकने का  नाम ही नहीं ले रहा तो चमेली फूल से बना घरेलू उपाय बहुत काम आयेगा। यूथिका के पत्ते का रस से बनाए खड्यूष (10-20 मिली) में घी, अम्ल तथा नमक मिलाकर सेवन करने से अतिसार या दस्त से छुटकारा मिलता है।

मूत्राघात (मूत्र करने में कठिनता) में फायदेमंद चमेली का फूल (Chameli Flower Benefits in Anuria in Hindi)

मूत्राघात में रुक-रुक कर पेशाब होता है जिसके कारण असहनीय दर्द सहना पड़ता है। 5 ग्राम जूही की जड़ को, 100 मिली बकरी के दूध में पकाकर, छानकर सेवन करने से मूत्रविकारों में लाभ मिलता है।

और पढेंमूत्रविकार में मंजिष्ठा के फायदे

मूत्रशर्करा (मूत्र में ग्लूकोज) करे कम जूही का फूल (Chameli to Treat Renal Glycosuria in Hindi)

मूत्र में ग्लूकोज के लेवल को कम करने में जूही के फूल का औषधीय गुण बहुत काम आता है। यूथिका की जड़ तथा कुलथी से बने काढ़े (10-20 मिली) का सेवन करने से मूत्रशर्करा तथा मूत्रकृच्छ्र या मूत्र संबंधी समस्या दूर होती है।

योनि संबंधी रोग में फायदेमंद जूही का फूल (Chameli Flower Beneficial in Vaginal Diseases  in Hindi)

पीली जूही की जड़ को पीसकर योनि पर लगाने से योनि-विकारों यानि योनी संबंधी रोगों में आराम मिलता है। 

लूज वैजाइना को टाइट करें जूही का फूल (Chameli Flower Help to Tight Loose Vagina in Hindi)

जूही के पुष्पों को पीसकर योनि या वैजाइना पर लेप करने से योनि की शिथिलता (loose vagina), योनिदाह या वैजाइना में जलन या वैजाइना के दुर्गंध से छुटकारा मिलती है।

फटे एड़ियों में फायदेमंद जूही के फूल (Jasmine Beneficial Heals Carcked Heels in Hindi)

अगर ज्यादा गर्मी और सर्दी के मौसम में पैर की एड़ियां हर बार फटकर बिवाईयां निकलती हैं तो जूही के पत्तों को पीसकर पैरों में लगाने से बिवाई मिटती है।

दाद के खुजली से दिलाये राहत जूही के फूल (Jasmine plant to Treat Ringworm in Hindi)

जूही की मूल तथा पत्तों को पीसकर लगाने से त्वचागत रोगों, विशेषकर दाद तथा कण्डु या खुजली में अति लाभ होता है।

रक्तपित्त को करे कम जूही का फूल (Chameli Flower Benefits in Hemorrhage in Hindi)

परवल, श्लेष्मातक, चौपतिया, जूही, वट के अंकुर तथा निर्गुण्डी पत्ते के साग को घी से बना कर तथा आँवला व दाड़िम रस मिलाकर सेवन करने से रक्तपित्त में लाभ होता है।

क्षतक्षीण (कटना-छिलना) को करे कम जूही के फूल (Jasmine Beneficial in Kshatakshina in Hindi)

जूही के पुष्पों को पीसकर उसमें मिश्री मिलाकर सेवन करने से क्षतक्षीण यानि सामान्य कटने छिलने पर घाव को ठीक करने में लाभ होता है।

जूही का उपयोगी भाग (Useful Parts of Chameli Flower)

आयुर्वेद में जूही के फूल के जड़, फूल एवं पत्ते का प्रयोग औषधि के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है।

जूही के फूल का सेवन कैसे करनी चाहिए ?(How to Use Chameli Flower in Hindi?)

बीमारी के लिए जूही के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए जूही का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।

चिकित्सक के परामर्श के अनुसार –

-10-20 मिली काढ़ा,

-20-30 मिली खड्यूष,

-5-10 मिली रस का सेवन कर सकते हैं।

जूही का फूल कहां पाई और उगायी जाती है? (Where is Chameli Flower Found or Grown in Hindi?)

जूही की लता सर्वत्र उद्यानों में लगी हुई पाई जाती है, इसके पुष्प सफेद रंग के अत्यन्त सुन्दर तथा सुगंधित होते हैं। इसकी सफेद तथा पीले फूल के आधार पर दो जातियाँ होती हैं। यह विश्व में मॉरिशस, श्रीलंका एवं थाईलैण्ड में पाया जाता है। समस्त भारत में यह पश्चिमी घाटों के शुष्क ढलानों, उत्तर-पश्चिम, भारत तथा बंगाल में पाया जाता है।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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