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Gorakhichincha (Gorakhimali): गोरखचिंच (गोरखइमली) के हैं अद्भुत फायदे- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

गोरखचिंच को गोरखइमली (Gorakhichincha or Gorakhimali) भी कहते हैं। गोरखचिंच का पेड़ बड़ा और विशाल होता है। आपने बाग-बगीजों, खुले मैदान या जंगलों में गोरखचिंच के पेड़ को देखा होगा। गोरखइमली के पेड़ की खूबी यह है कि पेड़ का हर भाग जड़ी-बूटी की तरह काम करता है। क्या आप जानते हैं कि गोरखचिंच (गोरखइमली) के कई सारे औषधीय गुण होने के कारण कान दर्द, सिर दर्द, सूजन, दांत दर्द जैसी बीमारियों में गोरखचिंच (गोरखइमली) के इस्तेमाल से फायदे (Monkey bread tree benefits and uses) मिलते हैं। इतना ही नहीं, सांसों से संबंधित बीमारियों, दस्त, मूत्र रोग आदि रोगों में भी गोरखचिंच (गोरखइमली) के औषधीय गुण से लाभ मिलता है।

आयुर्वेद के अनुसार, गोरखचिंच (गोरखइमली) से आप गठिया, घाव, बुखार, त्वचा रोग, पाचनशक्ति विकार में गोरखचिंच (गोरखइमली) लाभ ले सकते हैं। मुंह के दुर्गंध, शरीर की जलन में भी गोरखचिंच (गोरखइमली) के औषधीय गुण से फायदा मिलता है। आइए यहां गोरखचिंच (गोरखइमली) से होने वाले सभी फायदे और नुकसान (Monkey bread tree benefits and side effects) के बारे में जानते हैं।

Contents

गोरखचिंच (गोरखइमली) क्या है? (What is Monkey bread tree (Gorakshi)  in Hindi?)

गोरखचिंच का वृक्ष 25 मीटर ऊँचा होता है। यह वृक्ष लगभग 11 मीटर के विशाल क्षेत्र में फैलता है। वृक्ष का आकार बोतल के आकार का होता है। गोरखचिंच वृक्ष बहुत सालों तक जीवित रहता है। इसके तने चौड़े होते हैं। इसकी छाल चिकनी और भूरे रंग की होती है। इसके पत्ते सेमल के पत्ते जैसे लम्बे और अण्डाकार होते हैं। पत्ते नुकीले और 5 से 12.5 सेमी लम्बे होते हैं।

गोरखइमली के फूल सफेद रंग के और लटके हुए होते हैं। इसके फल बड़े और लटके हुए होते हैं। फल का बाहरी रूप स्लेटी रंग का होता है। फल का छिलका कड़ा और अन्दर का गूदा खट्ठा होता है। इसके बीज श्यमाले रंग के होते हैं। गोरखइमली के वृक्ष में फूल और फल फरवरी से जुलाई तक होता है ।

विशेष- पके फल से बने सिरप दस्त और पेचिश में फायदेमंद होता है।

यहां गोरखचिंच (गोरखइमली) के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Monkey bread tree benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप गोरखचिंच (गोरखइमली) के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं।

अन्य भाषाओं में गोरखचिंच (गोरखइमली) के नाम (Name of Monkey bread tree (Gorakshi) in Different Languages)

गोरखचिंच का वानस्पतिक नाम Adansonia digitata Linn. (ऐडनसोनिया डिजिटेटा) Syn-Adansonia bahobab Linn है, और यह Bombacaceae  (बॉम्बेकेसी) कुल का है। इसके अन्य ये नाम हैंः-

Monkey bread tree in –

  • Hindi- गोरखइमली
  • Sanskrit- शीतफल, रावणाम्लिका, दीर्घदण्डी, गोरक्षी, पंचपर्णिका, सुदण्डिका, चित्रला, गन्धबहुला
  • English- Monkey bread tree (मंकी ब्रैड ट्री), अफ्राप्कन बेऐबैब (African baobab)
  • Kannada- गोरक्ष तुन्ची (Goraksh tunachi), ब्रह्ममालिका (Brahmamlika)
  • Gujarati- गोरखअम्बलि (Gorakambali)
  • Telugu- मग्गिवामु (Maggivamu), ब्रम्हआम्लीका (Brahmaamalika)
  • Tamil- एनेईपुलिऑमरम (Eneipuliaumaram), पप्पराप्पुली (Papparappuli)
  • Bengali- गोरखइमली (Gorakhimali)
  • Marathi- गोरखचिन्च (Gorakhchinch)
  • Arabic- एलोमाराह (Alomarah), हुजेड (Hujed), होमर (Homar), बेब्बाब (Babbab)

गोरखचिंच (गोरखइमली) के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Monkey bread tree (Gorakshi) in Hindi)

गोरखचिंच (गोरखइमली) के आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव ये हैंः-

गोरक्षी तिक्त, मधुर, शीत, पित्तशामक, विस्फोट, अतिसार, दाह और बुखार ठीक करती है। इसकी फल-मज्जा स्भंक, वेदनाशामक और स्वेदक होती है। इसके पत्ते स्वेदक, शोथहर, बलकारक, वमनहर, स्तम्भक और मृदुकारक होते हैं। इसका काष्ठ पूयरोधी और ज्वरघ्न होता है।

गोरखचिंच (गोरखइमली) के फायदे और उपयोग (Monkey bread tree (Gorakshi) Benefits and Uses in Hindi)

गोरखचिंच (गोरखइमली) के फायदे, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-

सिर दर्द में गोरखचिंच (गोरखइमली) के सेवन से लाभ : Adansonia digitata (Monkey bread tree) Benefits to Relief from Headache in Hindi

सिर दर्द में गोरखचिंच के औषधीय गुण से फायदा मिलता है। गोरखचिंच की छाल का काढ़ा बना लें। 15-20 मिली को पीने से सिर दर्द ठीक होता है।

और पढ़ेंः सिर दर्द के लिए घरेलू उपाय

गोरखचिंच (गोरखइमली) के औषधीय गुण से कान के दर्द और सूजन का इलाज (Benefits of Monkey bread tree (Gorakshi) to Treat Ear Pain in Hindi)

गोरखइमली के पत्ते के रस से कान के दर्द और सूजन में फायदा होता है। आप गोरखइमली के पत्ते को मसलकर रस निकल लें। इसे 1-2 बूंद कान में डालें। इससे लाभ होता है।

और पढ़ेंः कान दर्द के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज

दांत दर्द में गोरखचिंच (गोरखइमली) के सेवन से लाभ : Adansonia digitata (Monkey bread tree) Benefits for Dental Pain in Hindi

दांत में दर्द हो तो गोरखइमली का औषधीय गुण फायदेमंद होता है। गोरखइमली के बीज का काढ़ा बना लें। इससे कुल्ला करने से दांत का दर्द तो ठीक होता ही है, साथ ही मसूड़ों की सूजन भी कम होती है।

और पढ़ेंः दांत दर्द का घरेलू इलाज

गोरखचिंच (गोरखइमली) के औषधीय गुण से दमा का इलाज (Benefits of Monkey bread tree (Gorakshi) in Fighting with Asthma in Hindi)

  • दमा रोग में गोरखचिंच के सेवन से लाभ होता है। 1-2 ग्राम गोरखइमली फलमज्जा के चूर्ण का सेवन करने से सांसों के रोग में लाभ होता है।
  • गोरख इमली के पत्ते और फूल का काढ़ा बनाकर रख लें। 10-15 मिली काढ़ा का सेवन करने से साँस से सम्बन्धित बीमारियों में लाभ होता है।
  • 2-4 ग्राम गोरख इमली के फल के चूर्ण में सूखे अंजीर फल का चूर्ण मिला लें। इसे खिलाने से दमा रोग में लाभ होता है।

और पढ़ें: सांसों (दमा या अस्थमा) की बीमारी में मूली खाने के फायदे

दस्त में गोरखचिंच (गोरखइमली) के सेवन से लाभ : Adansonia digitata (Monkey bread tree) Benefits to Stop Diarrhea in Hindi

  • गोरखचिंच के फल के गूदे से ठंडा पेय पदार्थ बना लें। इसका सेवन करने से ब्लड प्रेशर और दस्त में लाभ होता है।
  • गोरखचिंच के फलों की गिरी को पीसकर चूर्ण बना लें। 1-2 ग्राम चूर्ण में छाछ मिलाकर पिलाने से दस्त में लाभ होता है।
  • 1-3 ग्राम गोरखचिंच के पत्ते के चूर्ण का सेवन करने से दस्त पर रोक लगती है।

और पढ़ेंः दस्त को रोकने के लिए असरदार घरेलू नुस्खे

मूत्र रोग में गोरखचिंच (गोरखइमली) के सेवन से लाभ : Adansonia digitata (Monkey bread tree) Benefits for Urinary Disease in Hindi

  • गोरक्षी के औषधीय गुण से मूत्र रोग में लाभ मिलता है। 15-20 मिली गोरक्षी की छाल का काढ़ा बना लें। इसमें 60 मिग्रा यवक्षार (यवाखार) डालकर पिएं। इससे मूत्र में जलन और रुक-रुक कर पेशाब आने की समस्या में फायदा होता है।
  • गोरक्षी के पत्तों का काढ़ा बनाएं। इसे जल में मिला लें। इस जल से स्नान करने पर मूत्र मार्ग और प्रजनन-तंत्र सम्बन्धित बीमारियों में लाभ होता है।

और पढ़ें: मूत्र रोग में लाभ दिलाता है भुई-आंवला का सेवन

गोरखचिंच (गोरखइमली) के औषधीय गुण से गठिया का इलाज (Benefits of Monkey bread tree (Gorakshi) to Treat Arthritis in Hindi)

गठिया एक गंभीर बीमारी है। आप गोरक्षी के फायदे गठिया रोग में भी ले सकते हैं। गोरक्षी के पत्तों को पीस लें। इसका बीमारी वाले अंग पर लेप करें। इससे गठिया में लाभ होता है।

और पढ़ेंः गठिया में पिपरमिंट के फायदे

घाव में गोरखचिंच (गोरखइमली) के फायदे (Monkey bread tree Uses to Healing Wound in Hindi)

घाव होने पर गोरक्षी के तने गोंद निकाल लें। इसके सााथ ही गोरक्षी फल के बाहरी भाग पर चिपके हुए चूर्ण को घाव पर लगाएं। इससे घाव में पस आने की समस्या तो दूर होती ही है, साथ ही घाव से आने वाली बदबू और घाव भी ठीक हो जाता है।

और पढ़ेंः घाव में मेथी के फायदे

सूजन के इलाज की आयुर्वेदिक दवा है गोरखचिंच (गोरखइमली) : Uses of Ayurvedic Medicine Monkey bread tree to Reduce Swelling in Hindi

गोरक्षी का औषधीय गुण से सूजन को कम कर सकते हैं। इसके लिए गोरक्षी के पत्तों का काढ़ा बना लें। इससे बीमार अंगर की सिकाई करें। इससे सूजन कम हो जाती है।

और पढ़ें: सूजन की समस्या में अरबी से लाभ

त्वचा रोग में गोरखचिंच (गोरखइमली) का औषधीय गुण फायदेमंद (Uses of Monkey bread tree for Skin Disease in Hindi)

गोरखइमली के पत्तों या फल की गिरी को पीसकर त्वचा पर लगाएं। इससे रोग ठीक हो जाता है। ध्यान रखें कि गोरक्षी को बीमार अंग पर लेप के रूप में लगाना है।

और पढ़ेंः त्वचा रोग में मूली के फायदे

बुखार में गोरखचिंच (गोरखइमली) के फायदे (Monkey bread tree Uses in Fighting with Fever in Hindi)

आप गोरक्षी के औषधीय गुण से लाभ लेकर बुखार का इलाज कर सकते हैं। 1-2 ग्राम गोरक्षी की छाल के चूर्ण का सेवन करें। इससे बुखार उतर जाता है। उपाय करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर मिलें।

और पढ़ेंः बुखार के लिए घरेलू उपचार

पाचनशक्ति विकार के इलाज की आयुर्वेदिक दवा है गोरखचिंच (गोरखइमली) : Uses of Ayurvedic Medicine Monkey bread tree for Digestive System in Hindi

गोरखइमली के 10-30 मिली छाल का काढ़ा बना लें। इसमें 500 मिग्रा पिप्पली चूर्ण डालकर पिलाने से पाचन-शक्ति बढ़ती है।

और पढ़ेंः पाचनतंत्र विकार में अलसी के फायदे

पसीने की दुर्गंध को दूर करने की आयुर्वेदिक दवा है गोरखचिंच (गोरखइमली) : Uses of Ayurvedic Medicine Monkey bread tree for Sweating Problem in Hindi

गोरक्षी के सूखे पत्तों को महीन पीस लें। इसे शरीर पर मलने से पसीने से आने वाली बदबू खत्म हो जाती है।

और पढ़ेंः मुंह की बदबू (दुर्गन्ध) में अकरकरा के फायदे

शरीर की जलन में गोरखचिंच (गोरखइमली) के फायदे (Monkey bread tree Uses to Body Irritation in Hindi)

गोरक्षी के फलों का शर्बत बना लें। 15-20 मिली मात्रा में पिएं। इससे शरीर की जलन खत्म हो जाती है। बेहतर नतीजे के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।

और पढ़ेंः शरीर की जलन में अतिबला के पत्ते के फायदे

गोरखचिंच (गोरखइमली) के उपयोगी भाग : Beneficial Part of Adansonia digitata (Monkey bread tree) in Hindi

गोरखचिंच (गोरखइमली) के इन भागों का इस्तेमाल किया जाता हैः-

  • पंचांग
  • फल
  • तना
  • छाल
  • पत्ते
  • जड़

गोरखचिंच (गोरखइमली) का इस्तेमाल कैसे करें? : How to Use Adansonia digitata (Monkey bread tree) in Hindi?

गोरखचिंच (गोरखइमली) को इतनी मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिएः-

  • सिरप- 20-50 मिली
  • काढ़ा- 10-20 मिली

गोरखचिंच (गोरखइमली) से नुकसान : Adansonia digitata (Monkey bread tree) Side Effects in Hindi

गोरखचिंच के सेवन से ये नुकसान हो सकते हैंः-

यहां गोरखचिंच (गोरखइमली) के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Monkey bread tree benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप गोरखचिंच (गोरखइमली) के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन किसी बीमारी के लिए गोरखचिंच (गोरखइमली) का सेवन करने या गोरखचिंच (गोरखइमली) का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।

गोरखचिंच (गोरखइमली) कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Adansonia digitata (Monkey bread tree) Found or Grown?)

भारत में गोरक्षी का वृक्ष तमिलनाडू, आन्ध्र प्रदेश, मुम्बई और अन्य समुद्रतटवर्तीय प्रदेशों में पाया जाता है।

और पढ़ें – सिर दर्द में कासनी के फायदे

और पढ़ेंः मैनिया रोग में अदरक के फायदे

और पढ़ेंः योनि के विकारों में लोध्रा के फायदे

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आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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