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नाशपाती पौष्टिक गुणों से भरपूर फल (pear fruit) है जिसका आयुर्वेद में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। ये न सिर्फ त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है बल्कि कई तरह के बीमारियों को ठीक करने के लिए औषधि के रुप में काम भी करती है। आईये जानते हैं नाशपाती के अनजाने फायदों (Benefits of Nashpati in Hindi) के बारे में कि, कैसे नाशपाती बीमारियों में फायदेमंद होती है।
नाशपाती पहाड़ी, बागी, जंगली तथा चीनी भेद से चार प्रकार की होती हैं। इनमें से पहाड़ी एवं बागी नाशपाती विशेष रुप से कोमल, मधुर व रसीली होती है। नाशपाती आकृति में सुराही जैसी होती है। इन्हें ही नाख या नाक कहते हैं। बाकी प्रकार की नाशपाती खट्टी या खट्टीमिठी होती है। नाशपाती से एक प्रकार की शराब बनाई जाती है। यह सेव की शराब की अपेक्षा कम मधुर एवं कम गुणवाली होती है। इसका प्रयोग अतिसार या दस्त आदि रोगों में लाभकारी होता है। चरक-संहिता और सुश्रुत-संहिता में टंक नाम से इसके बारे में थोड़ा उल्लेख मिलता है।
और पढ़ें – फेफड़े की सूजन में ज्योतिष्मती के फायदेयह लगभग 12 मी तक ऊँचा, शाखाओं वाला, पत्तों वाला, छोटा अमरूद के जैसा दिखने वाला वृक्ष होता है। नई शाखाएं काँटे जैसी नोंकदार होती हैं। इसके फल लगभग गोलाकार, मोटे, हरे अथवा पीले रंग के होते हैं।
नाशपाती ऐसा फल है जो पौष्टिक, रसीला और औषधीय गुणों से भरपूर होता है। वैसे तो नाशपाती मधुर, एसिडिक या अम्लीय गुणों वाली, ठंडे तासिर की, छोटी, वात को कम करने वाली, पित्त को भी कम करने में मदद करने वाली तथा धातु को बढ़ाने वाला होती है। इसके साथ-साथ ये शुक्र या स्पर्म काउन्ट और क्वालिटी को बढ़ाने में भी मदद करती है। इसका फल दस्त या अतिसार में फायदेमंद होता है।
इसको अन्य भाषाओं में भिन्न भिन्न नामों से पुकारा जाता है।
Pear in-
नाशपाती अपने ढेर सारे पौष्टिकता के गुणों के कारण रोगों का उपचार करने में मदद करती है। चलिये नाशपाती के फायदे (Benefits of Nashpati in Hindi) के बारे विस्तार से जानते हैं कि ये कैसे और किन-किन रोगों में फायदेमंद है।
आजकल काम और अपने जीवन में आगे बढ़ने के दौड़ में लोग हमेशा तनाव में रहते हैं और जिसका फल ये होता है कि सिर में दर्द होने लगता है। नाशपाती का सेवन इस तरह से करने पर लाभ मिलता है। 10-20 मिली नाशपाती के फल के रस में चीनी, बेलगिरि चूर्ण, बेर चूर्ण, सेंधा नमक, काली मिर्च और भुना हुआ जीरा डालें। इस मिश्रण को पीने से सिर दर्द, मूत्र करते वक्त जलन या दर्द, रक्त की उल्टी तथा खाने में अरुचि जैसे बीमारियों में लाभ होता है।
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आँख में जलन या आँख में दर्द जैसे किसी भी बीमारी में नाशपाती बहुत फायदेमंद (nashpati ke fayde) होता है। नाशपाती (nashpati fruit) को पीसकर नेत्र के बाहर चारों तरफ लगाने से नेत्ररोगों में लाभ होता है। [Go to: Nashpati fruit benefits in Hindi]
नाशपाती के फलों (nashpati fruit) का सेवन करने से यकृत व प्लीहा यानि स्पलीन संबंधी रोगों के अलावा , पाचनतंत्र संबंधी रोगों में लाभ होता है। इसके अलावा ये लंग्स या फेफड़े के बीमारी में भी फायदेमंद होता है। इसलिए रोज नाशपाती खाना अच्छा (nashpati ke fayde)होता है। [Go to: Nashpati fruit benefits in Hindi]
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डाइजेस्टिव टैक्ट में सूजन या इंफेक्शन (संक्रमण) होने पर पेट में सूजन हो जाता है जिसके कारण बदहजमी, एसिडिटी जैसी समस्याएं होने लगती है। 15-20 मिली नाशपाती फल के रस में 500 मिग्रा पिप्पली चूर्ण मिलाकर पिलाने से भूख लगती है। [Go to: Nashpati fruit benefits in Hindi]
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नाशपाती के मुरब्बे में 250 मिग्रा नागकेशर चूर्ण मिलाकर सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है। इसके सेवन से दर्द और खून का निकलना कम होता है। [Go to: Nashpati fruit benefits in Hindi]
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आजकल खान-पान के कारण किडनी में स्टोन हो जाता है। नाशपाती का सेवन इस तरह से करने पर पथरी निकलने में मदद मिलती है। 10-15 मिली नाशपाती फल (nashpati fruit) के रस को सुबह शाम भोजन के पहले सेवन करने से वृक्काश्मरी व पित्ताश्मरी या किडनी का स्टोन टूट-टूट कर निकल जाती है। [Go to: Nashpati fruit benefits in Hindi]
प्रदूषण के कारण आजकल त्वचा संबंधी बहुत तरह के रोग होने लगे हैं। नाशपाती के पत्तों को पीसकर त्वचा पर लगाने से त्वचा संबंधी समस्याओं में लाभ होता है तथा घाव में लगाने से घाव जल्दी भरता है। [Go to: Nashpati fruit benefits in Hindi]
अक्सर तनाव के कारण या प्रदूषण के कारण चेहरे पर दाग धब्बे या झांइयां पड़ने लगती हैं। नाशपाती के पौधे के रस का प्रयोग व्यंग (झाँईया) की चिकित्सा (nashpati ke fayde) में होता है। इसके रस के प्रयोग से मेलानिन का बनना नियंत्रित होता है, जिसके कारण दाग-धब्बे का होना कम हो जाता है। नाशपाती के गुण से दाग-धब्बे दूर होने लगते हैं। [Go to: Nashpati fruit benefits in Hindi]
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नाशपाती के पत्तों को पीसकर पिलाने से सांप ने जिस जगह पर काटा है उस जगह का विषाक्त प्रभाव कम होता है। [Go to: Nashpati fruit benefits in Hindi]
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आयुर्वेद में औषधि के तौर पर नाशपाती के फल (nashpati fruit) और पत्ते का सेवन किया जाता है।
बीमारी के लिए नाशपाती के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए नाशपाती का उपयोग (nashpati ke fayde) कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।
भारत में यह उत्तर-पश्चिमी हिमालय, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-काश्मीर, पंजाब, उत्तराखण्ड में 700-2600 मी की ऊँचाई तक पाई जाती है। नाशपाती पहाड़ी, बागी, जंगली तथा चीनी भेद से 4 प्रकार की होती है।
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