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Utangan: उटंगन के हैं ढेर सारे फायदे – Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

आपमें से बहुत कम लोग उटंगन के नाम से परिचित होंगें। यह एक छोटे कद का पौधा है जिसकी पत्तियां गुच्छों में और हल्के मुलायम रोएं के आकार में होती है। उटंगन की पत्तियां घावों और अल्सर को ठीक करने में बहुत उपयोगी मानी जाती हैं। ग्रामीण इलाकों में लोग उटंगन की पत्तियों और बीजों के चूर्ण का इस्तेमाल कई बीमारियों के घरेलू इलाज के रूप में करते हैं। इस लेख में हम आपको उटंगन के फायदे, औषधीय गुणों और उपयोग के तरीकों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

Contents

उटंगन क्या है? (What is Utangan in Hindi?)

उटंगन के पौधे नमी वाली ठंडी जगहों पर नदी के किनारे उत्पन्न होते हैं। इसकी पत्तियां गुच्छों में उगती हैं जो किनारों पर दांतेदार एवं कांटेदार होती हैं। उटंगन की पत्तियों की सब्जी बनाकर खाई जाती है और विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी पत्तियों की सब्जी खाने से अच्छी नींद आती है।

अन्य भाषाओं में उटंगन के नाम (Name of Utangan in Different Languages)

उटंगन का वानस्पतिक नाम Blepharis edulis (Forssk.) Pers. (ब्लेफेरिस् इडुलिस)

Syn-Blepharis persica (Burm.f) O. Kuntze है. इसके कुल का नाम Acanthaceae (ऐकेन्थेसी) है। आइये जानते हैं अन्य भाषाओं में उटंगन को किन नामों से पुकारा जाता है :

  • English : Blepharis (ब्लेफेरिस)
  • Sanskrit : उष्ट्रकाण्डी, ग्राहका, कुक्कुटा, कुर्कुटा, श्रीवरक, श्वेतवरा, सूच्यावह, स्वस्तिक
  • Hindi:  कामवृद्धि, उटङ्गन, उटिंगन, उतञ्जन
  • Urdu : तुप उट्टन्जन (Tup uttanjan), तुख्मे-उटङ्गन (Tukhame-uttangan)
  • Gujrati : उटीङ्गण (Utingana)
  • Bengali : शुशनी (Shushani)
  • Punjabi : उट्टङ्गन (Uttangan)
  • Marathi : उटङ्गन (Utangan), कारडु (Kardu)
  • Arbi : करीज (Kariz), बजुल करीज (Bazul qariz)
  • Persian : अन्जरा (Anjara), तुख्मे-अन्जरा (Tukhme-anjrah)

उटंगन के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Blepharis in Hindi)

उटंगन तिक्त, उष्ण, रुचिकारी तथा हृद्रोग शामक होता है। इसके बीज मधुर, तिक्त, शीत, वृष्य, संतर्पण, गुरु, स्निग्ध, पिच्छिल तथा मूत्रल होते हैं।

उटंगन के फायदे एवं उपयोग (Benefits and Uses of Utangan in Hindi)

आयुर्वेद में उटंगन के कई फायदों के बारे में बताया गया है. घावों और अल्सर को ठीक करने के अलावा यह अनियमित माहवारी जैसी समस्याओं में भी बहुत गुणकारी है. आइये उटंगन के कुछ प्रमुख फायदों के बारे में जानते हैं :

सांसो से जुड़े रोगों में फायदेमंद है उटंगन (Utangan Benefits for Respiratory Diseases in Hindi)

अगर आप सांस से संबंधित बीमारियों से परेशान हैं तो उटंगन का उपयोग करना आपके लिए फायदेमंद है। इसके लिए 1-2 ग्राम उटिंगन के बीजों का सेवन करें या इन बीजों को पीसकर छाती पर लगाएं। इसे छाती पर लगाने से खांसी से भी आराम मिलता है।

उटंगन पञ्चाङ्ग को काटकर, सुखाकर काढ़ा बनाकर पीने से श्वास-कास में लाभ मिलता है।

और पढ़ें: सांसों की बीमारी में मूली खाने के फायदे

पेशाब के दौरान दर्द होने की समस्या से राहत (Utangan Reduces Pain in Passing Urine in Hindi)

अगर आपको पेशाब करते समय दर्द होता है तो यह किसी संक्रमण की वजह से हो सकता है। इससे राहत पाने के लिए एक से दो ग्राम उटंगन के बीज के चूर्ण को मट्ठे के साथ मिलाकर लें या इसमें समान भाग में मिश्री मिलाकर सेवन करें।

डायबिटीज एवं पित्त से जुड़े रोगों में फायदेमंद है उटंगन (Utangan benefits for Diabetes in Hindi)

ल्यूकोरिया और डायबिटीज जैसे गंभीर रोगों के इलाज में उटंगन लाभदायक है। इसके लिए 5-10 ग्राम ताजे पञ्चाङ्ग स्वरस में मिश्री मिलाकर शरबत बनाकर पिएं।

वीर्य की गुणवत्ता में सुधार लाता है उटंगन (Utangan Improves Sperm Quality in Hindi)

10 ग्राम उटंगन बीज में बराबर मात्रा में गोक्षुर मिलाकर 200 मिली दूध में पकाएं। उबालने के बाद जब इसकी मात्रा आधी बचे तो इसे छानकर अलग रख लें। ठंडा होने पर इसमें मिश्री मिलाकर पिएं। इसके सेवन से वीर्य की गुणवत्ता बढ़ती है।

माहवारी से जुड़े रोगों में उपयोगी है उटंगन (Utangan Benefits for Menstrual Problems in Hindi)

कई महिलाएं माहवारी के दौरान तेज दर्द और अनियमित स्राव से परेशान रहती हैं। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार उटंगन के उपयोग से माहवारी में होने वाली दिक्कतों से आराम मिलता है। इसके लिए माहवारी के दौरान एक से दो ग्राम उटंगन चूर्ण का सेवन करें।

अनियमित रक्तस्राव (रक्तप्रदर) की समस्या में लाभदायक है उटंगन (Utangan Benefits for Irregular Bleeding in Hindi)

अगर आप अनियमित रक्तस्राव की समस्या से परेशान हैं तो उटंगन का इस्तेमाल करें, इसके उपयोग से खून की उल्टी और अनियमित रक्तस्राव में लाभ मिलता है। इसके लिए उटंगन के ताजे पत्तों का रस निकालें और 5 एमएल रस में बराबर मात्रा में शहद मिलाकर उसका सेवन करें।

और पढ़ेंः योनि के विकारों में लोध्रा के फायदे

घाव को जल्दी भरने में मददगार है उटंगन (Utangan Benefits for Wound Healing in Hindi)

उटंगन के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाएं। इसे लगाने से घाव जल्दी भरता है और दर्द से भी आराम मिलता है। घाव ज्यादा बड़ा या गंभीर हो तो चिकित्सक की सलाह के बाद ही इसका उपयोग करें।

और पढ़ेंः घाव के इलाज में निर्गुण्डी के फायदे

दाद-खाज दूर करने में उपयोगी है उटंगन (Utangan Benefits for Ringworm in Hindi)

उटंगन के पञ्चाङ्ग को पीसकर उसमें समान मात्रा में चक्रमर्द पञ्चाङ्ग कल्क मिलाकर उसे दाद वाली जगह पर लगाएं। इसके उपयोग से कुछ ही दिनों में दाद की समस्या ठीक हो जाती है। इसी तरह अगर आप खुजली से परेशान हैं तो उटंगन के पत्तों को पीसकर खुजली वाली जगह पर इसका लेप लगाएं।

और पढ़ेंः दाद का इलाज करने के लिए असरदार घरेलू उपाय

शरीर की कमजोरी दूर करता है उटंगन (Utangan Benefits for Body Weakness in Hindi)

अगर आप कोई भी काम करने में बहुत जल्दी थक जाते हैं और हमेशा कमजोरी महसूस होती है तो घरेलू उपायों की मदद से आप शरीर की ताकत बढ़ा सकते हैं। इसके लिए 1-2 ग्राम उटंगन के बीज के चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री और शहद मिलाकर सेवन करें। इससे शरीर की दुर्बलता मिटती है और ताकत बढ़ती है।

अनिद्रा की समस्या दूर करता है उटंगन (Benefits of Utangan for Insominia in Hindi)

आज के समय में अधिकांश लोग रात में नींद ना आने की वजह से परेशान रहते हैं। अच्छी नींद ना आने से कई तरह के शारीरिक और मानसिक रोगों का खतरा बढ़ जाता है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, उटिंगन के पत्तों की सब्जी बनाकर खाने से अच्छी नींद आती है।

उटंगन के उपयोगी भाग (Useful Parts of Utangan in Hindi)

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार उटंगन के निम्न भागों का उपयोग प्रमुखता से किया जाता है।

  • बीज
  • पत्तियां

उटंगन का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए  (How to use Utangan in Hindi)

सामान्य तौर पर 1-2 ग्राम उटंगन के बीजों के चूर्ण का सेवन करना चाहिए। अगर आप किसी बीमारी के घरेलू उपचार के लिए उटंगन के पत्तों या बीजों का उपयोग करने की सोच रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के बाद इसका उपयोग करें।

उटंगन का पौधा कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Utangan Found or Grown)

उटंगन का पौधा भारत, पाकिस्तान और इरान में पाया जाता है।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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