कुकरौंधा का पौधा आमतौर पर नमी वाली जगहों पर पाया जाता है. यह छोटा सा दिखने वाला पौधा पेट से जुड़ी बीमारियों और बवासीर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज में बहुत फायदेमंद है. कुकरौंधा के फायदों और औषधीय गुणों के कारण ही कई आयुर्वेदिक विशेषज्ञ अनेक रोगों के घरेलू इलाज के रूप में इसके उपयोग की सलाह देते हैं. इस लेख में हम आपको कुकरौंधा के फायदे और उपयोग से जुड़ी जानकारी विस्तार से बता रहे हैं.
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कुकरौंधा की पत्तियां और जड़ें सेहत के लिए बहुत गुणकारी हैं. इसमें कफ को कम करने के साथ-साथ एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं. बुखार और सूजन से आराम दिलाने के अलावा यह बालों को सफेद होने से रोकने में मदद करता है. कई जगहों पर कुकरौंधा को कुकंदर नाम से भी बुलाया जाता है.
कुकुंदर का वानस्पतिक नाम Blumea lacera (Burm. f.) DC. (ब्लूमिया लॅसेरा) Syn-Conyza lacera Burm. f. है. यह Asteraceae (ऐस्टरेसी) कुल का पौधा है. कुकरौंधा को अन्य भाषाओं में निम्न नामों से पुकारा जाता है.
Blumea in :
आयुर्वेद के अनुसार कुकरौंधा कडवा, तीखा, गर्म, लघु, रूखा और कफ को खत्म करने वाले गुणों से युक्त होता है. यह जड़ी बूटी बुखार, मुंह के रोगों, खून से जुड़े रोगों के इलाज में काफी लाभकारी है. पञ्चाङ्ग- तिक्त, स्तम्भक, शोथघ्न, चक्षुष्य, पाचक, कृमिघ्न, कफनिस्सारक, ज्वरघ्न, तापशामक, मूत्रल, उत्तेजक तथा शीतादरोधी होता है। पत्र-स्वरस स्तम्भक, मूत्रल, ज्वरघ्न तथा कृमिघ्न होता है। पत्र तैल जीवाणुरोधी, कवकरोधी तथा विसूचिकानाशक होता है।
कुकरौंधा के फायदों को देखते हुए इसे औषधि समान माना गया है. आंखों से जुड़े रोग, बवासीर, पेट में कीड़े पड़ने जैसी समस्याओं के इलाज में यह जड़ी-बूटी बहुत ही असरकारक है. आइये जानते हैं कि अलग अलग बीमारियों में कुकरौंधा का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए।
कम उम्र में ही बाल सफेद होने से अधिकांश लोग परेशान रहते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुकरौंधा के उपयोग से आप सफेद बालों की समस्या से निजात पा सकते हैं. इसके लिए कुकरौंधा के एक भाग में उसका 4 गुना मात्रा में पानी मिलाकर इसका काढ़ा बना लें. इस काढ़े से नियमित रूप से बालों को धोएं, इससे बाल सफेद होने की समस्या में कमी आती है।
आंखों से जुड़ी समस्याएं जैसे कि आंखें लाल होना, आंखों में दर्द आदि के लिए आप कुकरौंधा का इस्तेमाल कर सकते हैं. कुकरौंधा की पत्तियों के रस में फिटकरी को घिसकर आंखों में काजल की तरह लगाएं. इससे आंखें लाल होने की समस्या दूर होती है.
2-2 बूंद कुकरौंधा की पत्तियों के रस को आंखों में डालने से आंखों का दर्द दूर होता है।
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मुंह में सूखेपन की समस्या होने पर कुकुन्दर की ताजी जड़ को मुंह में रखकर चबाएं या जड़ का काढ़ा बनाकर उससे गरारा करें। ऐसा करने से मुंह का सूखापन खत्म होता है.
5 मिली कुकरौंधा की पत्तियों के रस में बराबर मात्रा में शहद मिलाकर खिलाने से पेट के कीड़े खत्म होते हैं और कफ से जुड़े रोगों से भी आराम मिलता है।
1-2 ग्राम कुकुन्दर की जड़ का चूर्ण या 5-10 मिली कुकरौंधा की पत्तियों के रस में काली मिर्च पाउडर मिलाकर सेवन करने से हैजा और दस्त में आराम मिलता है।
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आंतों से संबंधित रोगों के इलाज में भी यह जड़ी-बूटी बहुत कारगर है. इसके लिए 1-2 ग्राम कुकरौंधा की पत्तियों के चूर्ण को रोजाना सुबह शाम छाछ के साथ लें. इसके सेवन से कुछ ही हफ़्तों में आंतों के रोगों में लाभ मिलता है.
2 ग्राम कुकरौंधा के पत्तों में बराबर मात्रा में काली मिर्च और गेंदे की पत्तियां पीसकर पानी में घोलकर पिलाने से बवासीर में फायदा मिलता है।
अगर आप खूनी बवासीर से पीड़ित हैं तो 5-10 मिली कुकरौंधा की पत्तियों के रस में मिश्री और काली मिर्च का चूर्ण (500 मिग्रा) मिलाकर पिएं. इससे खूनी बवासीर में फायदा मिलता है।
कुकरौंधा के पत्तों को पीसकर बवासीर के मस्सों पर लगाने से आराम मिलता है.
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कुकरौंधा पञ्चाङ्ग को फल के साथ पीसकर 250 मिग्रा की गोलियां बना लें. रोजाना सुबह शाम 1-1 गोली को एलोवेरा जूस के साथ पीने से लीवर से जुड़े रोगों के इलाज में मदद मिलती है।
कुकरौंधा के पत्तों को पीसकर उसमें जौ का आटा मिलाकर गुनगुना करके स्तनों में लगाएं. इसे लगाने से स्तनों की सूजन कम होती है. कुकरौंधा की पत्तियों में शहद मिलाकर लगाने से त्वचा संबंधी रोगों में लाभ मिलता है।
कुकरौंधा की पत्तियों में बराबर मात्रा में मूली बीज मिलाकर पीसकर लगाने से कुष्ठ में लाभ होता है।
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कुकरौंधा की पत्तियों के रस में सफेद खदिर को पीसकर लगाने से फोड़े-फुंसियाँ ठीक हो जाते हैं। इसी तरह कुकरौंधा की पत्तियों को पीसकर घाव पर लगाने से घाव से खून बहना रूक जाता है.
अगर आपको ठंड लगने के साथ बुखार की समस्या है तो कुकरौंधा की पत्तियों के रस की 2-2 बूंदें कान में डालें. ऐसा करने से ठंड वाला बुखार से जल्दी आराम मिलता है।
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कुकरौंधा के पत्तों को पीसकर, गुनगुना करके सूजन वाली जगह पर लगाएं। इसे लगाने से सूजन कम होती है।
5 मिली कुकरौंधा की पत्तियों के रस में 65 मिग्रा कपूर मिलाकर पिलाने से बिस्तर पर पेशाब करने की समस्या में फायदा मिलता है.
आयुर्वेद के अनुसार कुकरौंधा के निम्न भाग सेहत के लिए उपयोगी हैं.
सामान्य तौर पर कुकरौंधा की पत्तियों का रस 10 मिली मात्रा में और काढ़ा 5-30 मिली मात्रा में उपयोग करना चाहिए. यदि आप किसी गंभीर बीमारी के घरेलू इलाज के लिए कुकरौंधा का इस्तेमाल करना चाहिए हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही इसका उपयोग करें.
यह पौधा पूरे भारत में आर्द्र एवं नमी वाले प्रदेशों में लगभग 1600 मी की ऊँचाई पर पाया जाता है।
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