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Karounda: बहुत गुणकारी है करौंदा – Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

Contents

करौंदा का परिचय (Introduction of Karounda)

ऐसा कौन होगा जिसने करौंदा का नाम नहीं सुना होगा। करौंदा का नाम सुनते ही अवश्य ही आपके मुँह में पानी आ जायेगा, क्योंकि आम तौर पर घरों में इससे सब्जी, चटनी, मुरब्बा और अचार बनाया जाता है। करौंदा सिर्फ स्वाद के दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इसके औषधीय गुण भी अनगिनत हैं।

करौंदा क्या है? (What is Karounda in Hindi?)

करमर्द या करौंदा की हमेशा हरी-भरी रहने वाली झाड़ी होती है। इसके कंटक अत्यन्त तीक्ष्ण तथा मजबूत होते हैं। आयुर्वेदीय संहिताओं में दो तरह के (1) करौंदा (2) करौंदी का वर्णन पाया जाता है। करौदें के फल पकने के बाद काले पड़ जाते हैं। इसलिए इसको कृष्णपाक फल कहते हैं।

अन्य भाषाओं में करौंदा के नाम (Names of Karounda in Different Languages)

करौंदा का वानास्पतिक नाम Carissa carandas L. (कैरिसा कैरेन्डास) Syn-Carissa salicina Lam होता है। इसका कुल  Apocynaceae (ऐपोसाइनेसी) होता है और इसको अंग्रेजी में Carissa (कैरिसा) कहते हैं। चलिये अब जानते हैं कि करौंदा और किन-किन नामों से जाना जाता है।

Sanskrit-करमर्द :, सुषेण, क्षीरफेना;

Hindi-करोंदा, करौंदा, करोना, तीमुखिया;

Odia-कारोंदा (Karonda);

Urdu-करवानाह (Karwanah);

Kannada-करिजिगे (Karijige), करीकायि (Karikayi), हेग्गेरीचीगे (Heggerichige), करन्डे (Karande);

Gujrati-करमदा (Karmada), करमर्द (Karmard), करमदी (Karmadi);

Telegu-वाका (Vaka), करवन्दे (Karvande), पेडडाकलिवे (Peddakliwe);

Tamil-कलक्के (Kalakke), पेरंगला (Perangala);

Bengali-करमच (Karmach), कफरूमीया (Kurumiya);

Nepali-करोधा (Karodha);

Marathi-करवंद (Karvand), करंदी (Karandi);

Malayalam-कारक्का (Karakka), करंट (Karant)।

English-क्राईस्ट थॉर्न (Christ thorn), बेंगाल करंट (Bengal currant)।

करौंदा का औषधीय गुण (Medicinal Properties of Karounda in Hindi)

करौंदे का पका फल प्रकृति से अम्लीय, तिक्त, गर्म, गुरु, वात को कम करने वाला, खाने में रूची बढ़ाने वाले, कफ को बढ़ाने वाला, और प्यास को बढ़ाने वाला होता है। इसके अलावा यह मधुर, पाचक, पित्त को कम करने वाला होता है।

करोंदे का फल अम्लीय, कड़वा, जलन को कम करने वाला तथा विषनाशक होता है। इसकी जड़ कृमिनाशक होती है। करौंदे के जड़ की छाल प्रकृति से कड़वी और गर्म होती है। यह कफ और वात को कम करने वाली, खांसी कम करने में सहायक, ज्यादा मूत्र होने की समस्या तथा सामान्य दूर्बलता को दूर करने में मदद करती है।

करौंदा के फायदे और उपयोग (Uses and Benefits of Karounda in Hindi)

करौंदा खाने में जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही औषधी के रूप में कौन-कौन से बीमारियों के लिए फायदेमंद है,चलिये इसके बारे में आगे जानते हैं-

दांत की बीमारियों से राहत दिलाने में करौंदा फायदेमंद (Karounda Beneficial to Treat Tooth Diseases in Hindi)

करौंदा का औषधीय गुण दांत के बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके फल की चटनी बनाकर खाने से मसूड़ों संबंधित रोगों से राहत मिलती है।

शीताद रोग या स्कर्वी के इलाज में लाभकारी करौंदा (Benefit of Karounda in Scurvy in Hindi)

करौंदा का औषधीय गुण स्कर्वी के लक्षणों से राहत दिलाने में सबसे ज्यादा काम करता है। करौंदे के 1-2 फलों का नियमित सेवन करने से शीतादरोग का इलाज करने में मदद मिलती है।

और पढ़े- खरबूजा स्कर्वी के इलाज में फायदेमंद

सूखी खांसी से दिलाये राहत करौंदा (Karounda Beneficial to Treat Dry Cough in Hindi)

मौसम के बदलने के साथ सूखी खांसी की समस्या से सब परेशान रहते हैं। इससे राहत पाने के लिए 5 मिली करौंदा के पत्ते के रस में शहद मिलाकर चटाने से सूखी खांसी के कष्ट से राहत मिलती है।

अतिसार या दस्त को रोकने में करे मदद करौंदा (Benefit of Karounda to Treat Diarrhoea in Hindi)

करौंदे के कच्चे सूखे फल के चूर्ण (1-2 ग्राम) तथा मूल चूर्ण को मिलाकर सेवन करने से अतिसार (दस्त), पेट संबंधी रोगों एवं पेट की कृमियों से छुटकारा मिलने में आसानी होती है।

ज्यादा प्यास लगने की समस्या को दूर करने में करे मदद करौंदा (Karounda Beneficial in Excessive Thirst Problem in Hindi)

अगर किसी बीमारी के वजह से आपको हद से ज्यादा प्यास लगती है तो पके फल से बने 1-2 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से पित्त एवं कफ विकृति, अतिपिपासा, खाने की रूची तथा अरुचि में लाभ होता है।

और पढ़े- अत्यधिक प्यास लगने पर गंभारी फायदेमंद

पेट दर्द से राहत दिलाने में फायदेमंद करौंदा (Karounda Beneficial to Get Relief from Stomach Ache in Hindi)

अगर ज्यादा खा लेने या एसिडिटी होने के कारण आपके पेट में दर्द की परेशानी है तो करौंदे के फूल के चूर्ण या जड़ के चूर्ण में शहद मिलाकर सेवन करने से पेट दर्द से राहत मिलती है।

मूत्रकृच्छ्र या मूत्र संबंधी समस्या से राहत दिलाने में मददगार करौंदा (Karounda Beneficial to Treat Urinary Disease in Hindi)

अगर मूत्र करते वक्त जलन आदि की समस्या होती है तो छोटे करौंदे की 1 ग्राम मूल को दूध के साथ पीसकर पीने से मूत्रकृच्छ्र (दर्द सहित मूत्र त्याग) के इलाज में मदद मिलती है।

जलोदर के उपचार में फायदेमंद करौंदा (Benefit of Karounda in Ascites in Hindi)

जलोदर के रोगी को करौंदे के पत्तों का रस पहले दिन 5 मिली, दूसरे दिन 10 मिली, इस तरह प्रतिदिन 5-5 मिली बढ़ाते हुए 50 मिली तक सेवन करें तथा पुन: घटाते हुए 5 मिली तक प्रयोग करें। इस प्रकार रोज सुबह पिलाने से जलोदर में लाभ होता है।

रक्तप्रदर के इलाज में लाभकारी करौंदा (Karounda Beneficial to Treat Excess Bleeding in Hindi)

अक्सर महिलाओं को रक्तप्रदर (ज्यादा ब्लीडिंग) और मासिक धर्म संबंधी समस्याएं होती है। 1-2 ग्राम करौंदा के जड़ को दूध के साथ घिसकर पिलाने से रक्तप्रदर तथा मासिक-विकारों में लाभ होता है।

त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज में फायदेमंद करौंदा (Karounda Beneficial to Treat Skin Diseases in Hindi)

करौंदे के पके फल अथवा जड़ को पीसकर लगाने से पामा, खुजली तथा दाह आदि त्वचा विकारों से आराम मिलता है। इसके अलावा करौंदे की मूल को अश्व मूत्र, नींबू रस तथा कपूर के साथ पीसकर लगाने से कण्डु या खुजली दूर होती है।

कम न होने वाले ज्वर से राहत दिलाये करौंदा (Benefit of Karounda to Treat Fever in Hindi)

अगर बुखार कम होने का नाम नहीं ले रहा है तो करौंदे के पत्तों का काढ़ा बनाकर, 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से अविरामी-ज्वर (नियमित रहने वाला ज्वर) में लाभ होता है। इसके अलावा करौंदे के पत्तों का काढ़ा बनाकर, 15-30 मिली तक पिलाने से ज्वर तथा बुखार से जो जलन या दर्द होता है उससे राहत मिलती है।

पैरों के फटने को ठीक करे करौंदा (Karounda Beneficial to Treat Cracked Heels in Hindi)

अगर किसी भी इलाज से पैरों का फटना ठीक नहीं हो रहा है तो करौंदा का इस्तेमाल बीजों को पीसकर पैरों पर लगाने से विपादिका या पैरों के फटने से जो घाव होता है उसमें लाभ होता है।

अपस्मार या मिर्गी के इलाज में फायदेमंद करौंदा (Benefit of Karounda in Epilepsy in Hindi)

5 ग्राम करौदों के पत्तों को पीसकर दही के साथ मिलाकर खिलाने से अपस्मार या मिर्गी के लक्षणों से राहत मिल सकती है।

करौंदा का उपयोगी भाग (Useful Parts of Karounda)

आयुर्वेद के अनुसार करौंदा का औषधीय गुण इसके इन भागों को प्रयोग करने पर सबसे ज्यादा मिलता है-

-पत्ता,

-जड़ एवं

-फल।

करौंदा का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए (How to Use Karounda in Hindi)

यदि आप किसी ख़ास बीमारी के घरेलू इलाज के लिए करौंदा का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही इसका उपयोग करें। चिकित्सक के सलाह के अनुसार 20-40 मिली पत्ते का काढ़ा या क्वाथ ले सकते हैं।

करौंदा सेवन के साइड इफेक्ट (Side Effect of Karounda)

आयुर्वेद में करौंदे के फल का सेवन अर्थराइटिस, गाउट, साइटिका एवं अल्सर में लेना नुकसानदेह होता है।

करौंदा का पेड़ कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Karounda Found or Grown in Hindi)

करौंदा प्राय: भारत के गुजरात, पंजाब, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश व अन्य प्रान्तों में पाया जाता है तथा इसकी खेती की जाती है।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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