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गुलब्बास (कृष्णकली) दूर करे कई बीमारियां : Benefits and Side Effects of Gulabbas (Krishnakoli)- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

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गुलब्बास का परिचय (Introduction of Gulabbas)

गुलब्बास का नाम सुना है? शायद नहीं, लेकिन गुलाबास नाम ज़रूर सुना होगा। गुलाबास नामक खुबसूरत फूल कई रंगों में पाया जाता है। कहा जाता है कि यह फूल दोपहर के बाद चार बजे शाम को खिलता है इसलिए अंग्रेजी में इसे फॉर ओ क्लॉक फ्लावर कहा जाता है। गुलाबास का उपयोग यौन शक्ति बढ़ाने के साथ-साथ कब्ज आदि समस्याओं के लिये उपचारस्वरूप किया जाता है। गुलाबास इसके अलावा किन-किन बीमारियों के लिये फायदेमंद है चलिये आगे इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

गुलब्बास मोटे-कंदीय जड़ वाला शाकीय पौधा होता है। यह लगभग 1 मी ऊँचा, बहुवर्षिय शाक होता है। इसकी शाखाएँ द्वि-विभाजित होती हैं। इसका तना मांसल तथा पर्वसन्धियों से युक्त होता है। इसके पत्ते साधारण तथा आगे के भाग नुकीले होते हैं। इसके फूल पाँच परिदल पत्ते वाले, लाल, पीला, सफेद या बैंगनी रंग के, धब्बेदार होते हैं, जो सिर्फ संध्या के समय खिलते हैं। इसके फल गोलाकार, लाल रंग के, झुर्रीदार तथा गोल मरिच के समान होते हैं। व्यापारी लोग इसके बीजों को काली मिर्च में मिला दिया करते हैं। इसकी जड़ बेलनाकार, लगभग 10 सेमी व्यास या डाईमीटर की तथा कंद का भीतरी भाग हरा और सफेद रंग का होता है। इसका पुष्पकाल एवं फलकाल जुलाई से जनवरी तक होता है।

गुलब्बास क्या है? (What is Gulabbas in Hindi?)

गुलब्बास सारक (लैक्सिटिव), प्रशामक (शांतिदायक), बलकारक (शक्तिवर्द्धक) तथा सूजन कम करने में फायदेमंद होता है। इसके फूल शीत प्रकृति के तथा अर्श या पाइल्स में फायदेमंद, कंद मृदु विरेचक तथा सूजन कम करने वाला, कामोत्तेजक, प्रशामक (शांतिदायक) तथा बलवर्धक होता है।

अन्य भाषाओं में गुलब्बास के नाम (Name of Gulabbas in Different Languages)

गुलब्बास का वानास्पतिक नाम Mirabilis jalapa Linn. (मिराबिलिस जलापा) Syn-Nyctago jalapae (Linn.) DC होता है। गुलब्बास का कुल Nyctaginaceae (निक्टैजिनेसी) है और अंग्रेजी में इसको Four o’ clock plant (फोर ओ‘ क्लॉक प्लॉन्ट)कहते हैं। भारत के विभिन्न प्रांतों में भिन्न-भिन्न नामों से गुलब्बास को पुकारा जाता है।

Gulabbas in-

Sanskrit-संध्याकाली, कृष्णकली;

Hindi-गुलब्बास, गुलाबास;

Urdu-गुलेब्बास (Guleabbas);

Konkani-आकाशमुरी (Akashmuri), मेरेम्डी (Meremdi);

Kannada-संजामल्लिगे (Sanjamallige), संजिमल्लिगे (Sanjimallige), चट्टमल्लिगे (Chattmallige), चन्द्रमल्लिगे (Chandermallige);

Gujrati-गुलबास (Gulbas);

Tamil-अन्धिमल्लिगई (Andimalligai);

Telugu-चन्द्रमल्ली (Chandarmalli), चन्द्रकान्ता (Chandarkanta);

Bengali-कृष्णकेली (Krishnakeli);

Nepali-लंकाफूल (Lankaphool);

Punjabi-अबासी (Abasi), गुलब्बास (Gulabbas);

Malayalam-अन्तिमलारी(Antimalari);

Marathi-गुलअब्बास (Gulababas);

Manipuri-मुकाक लेई (Mukak lei)।

English-ब्यूटी ऑफ दी नाइट (Beauty of the night);

Arbi-जहरूलाजल (Zahrulajal), शाहेल्लेइल्ली (Shahelleilli);

Persian-गुलेब्बास(Guleabbas)।

गुलब्बास के फायदे (Benefits and Uses of Gulabbas in Hindi)

गुलब्बास के बारे में जानने के बाद चलिये अब जानते हैं कि गुलब्बास कैसे और किन-किन बीमारियों के लिए फायदेमंद है।

वाजीकरण यानि यौन शक्ति बढ़ाने में फायदेमंद गुलब्बास ( Gulabbas Beneficial in Sex Drive in Hindi)

आजकल तनाव और भाग-दौड़ भरी जिंदगी का सबसे ज्यादा असर सेक्स लाइफ पर भी पड़ता है इसलिए कम उम्र में ही आज के युवा से लेकर वयस्क सब शारीरिक कमजोरी की समस्या से जूझने लगते है।  इस समस्या से राहत पाने के लिए गुलब्बास एक बेहतर उपाय है क्योंकि इसमें वाजीकरण का गुण होता है जो कि शरीर की कमजोरी को दूर करके यौन शक्ति को बढ़ाती है। गुलब्बास के कन्द को कद्दूकस करके छाया में सुखा लें तथा पीसकर घी में भून लें। अब इसमें बादाम, पिस्ता, चिरौंजी आदि मेवा के महीन टुकड़े मिलाकर, शर्करा की चाशनी बनाकर सबको मिलाकर 2-3 ग्राम के मोदक बना लें, सुबह शाम 1-1 मोदक को खाकर गाय का दूध पीने से वाजीकारक गुणों की वृद्धि होती है।

वीर्य रोग में गुलब्बास के फायदे (Mirabilis plant Beneficial in Semen related Diseases in Hindi)

आजकल के असंतुलित जीवनशैली का असर वीर्य पर भी पड़ता है जिसके कारण पुरूषों को वीर्य संबंधित रोग होते हैं। इसके फल तथा मूल में वीर्य को गाढ़ा करने का गुण होता है।

कब्ज से दिलाये राहत गुलब्बास (Benefits of Mirabilis Jalapa to Get Relief from Constipation in Hindi)

कब्ज पेट संबंधी ऐसा रोग है जिससे सभी परेशान रहते हैं। कब्ज की वजह से जब शरीर में पित्त प्रकृति के कारण जलन होता है तथा शरीर में खुजली होने लगती है तो इसके पत्तों के रस की मालिश करने से लाभ होता है।

पित्त संबंधी रोगों में गुलब्बास के फायदे (Gulabbas Benefits in Pitta in Hindi)

गुलब्बास के पत्ते के रस का लेप करने से पित्त के कारण हुए जलन तथा खुजली में आराम मिलता है।

खुजली में गुलब्बास के फायदे (Benefits of Mirabilis Jalapa in Pruritus in Hindi)

किसी बीमारी के कारण, सनबर्न के वजह से या रूखे त्वचा के कारण भी खुजली की समस्या हो सकती है। गुलब्बास का औषधीय गुण खुजली से राहत दिलाने में मदद करते हैं। गुलब्बास पत्र-स्वरस को प्रभावित अंग पर लगाने से शीतपित्त से होने वाली कण्डु तथा घाव में लाभ होता है।

डायबिटीज के कारण हुए घाव से दिलाये राहत गुलब्बास (Anthimanthaarai flower Beneficial in Diabetes Ulceration in Hindi)

डायबिटीज होने पर कोई भी घाव होने पर सूखने का नाम नहीं लेता या इस बीमारी के चरम अवस्था में घाव होने की संभावना भी होती है। गुलब्बास कंद को पीसकर लगाने से प्रमेह पिड़िका (मधुमेह के कारण हुए घाव) में लाभ होता है।

और पढ़े: डायबिटीज में बेंत के फायदे

उपदंश (योनि में घाव) में फायदेमंद गुलब्बास (Gulabbas Heals Chancre in Hindi)

योनि में घाव होने पर गुलब्बास का औषधीय गुण जलन, दर्द और सूजन से आराम दिलाने में मदद करता है। गुलब्बास पत्ते के रस को उपदंशजन्य घाव पर लगाने से जलन, दर्द और सूजन से आराम दिलाने में मदद करता है।

और पढ़ेउपदंश में शालाकी के फायदे

फोड़ा सूखाने में गुलब्बास के फायदे (Benefit of Gulabbas to Treat Furuncles in Hindi)

गुलब्बास के पत्तों को पीसकर गुनगुना करके बांधने से गांठे और फोड़े जल्दी पकते हैं और फटकर सूख जाते हैं।

और पढ़ें: फोड़ा सुखाने के लिए शकरकंद के फायदे

सूजन में फायदेमंद गुलब्बास (Gulabbas Beneficial in Inflammation in Hindi)

अगर शरीर के किसी अंग का सूजन कम नहीं हो रहा है तो गुलब्बास का घरेलू इलाज लाभकारी होता है। गुलब्बास की जड़ को पीसकर लेप लगाने से चोट के कारण उत्पन्न सूजन ठीक हो जाती है।

मोच का दर्द करे कम गुलब्बास (Anthimanthaarai flower Beneficial in Cramps in Hindi)

गुलब्बास के पत्तों को पीसकर लगाने से मोच में लाभ होता है।

पाइल्स में फायदेमंद गुलब्बास (Gulabbas Benefits in Piles in Hindi)

अगर ज्यादा मसालेदार, तीखा खाने के आदि है तो पाइल्स के बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। उसमें  गुलब्बास का घरेलू उपाय बहुत ही फायदेमंद साबित होता है।

तिल्ली या स्प्लीन का सूजन करे कम गुलब्बास(Gulabbas for Spleen Inflammation in Hindi)

गुलब्बास की जड़ को छीलकर 2 ग्राम की मात्रा में लेकर तवे पर भूनकर नमक व काली मिर्च मिलाकर खिलाने से प्लीहा शोथ (तिल्ली की सूजन) कम होता है।

और पढ़े: तिल्ली के बढ़ने की समस्या में करंज के फायदे

गुलब्बास का उपयोगी भाग (Useful Parts of Gulabbas)

आयुर्वेद में गुलब्बास का पत्ते, जड़-कंद या बीज का सबसे ज्यादा प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है।

गुलब्बास का इस्तेमाल कैसे किया जाता है? (Useful  Parts of Gulabbas in Hindi?)

बीमारी के लिए गुलब्बास के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए गुलब्बास का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें। चिकित्सक के परामर्शानुसार 10-20 मिली पत्ते के रस का सेवन कर सकते हैं।

गुलब्बास कहा पाया या उगाया जाता है (Where is Gulabbas Found and Grown in Hindi)

बागीचों तथा घरों में शोभाकारी पौधे के रूप में इसे लगाया जाता है। पुष्प भेद के आधार पर यह कई प्रकार का होता है।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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