डायबिटीज चयापचय संबंधी बीमारी है जिसमें लंबे समय तक रक्त में शर्करा का स्तर ज्यादा रहता है। रक्त में शर्करा का स्तर उच्च रहने के कारण बार-बार पेशाब आना, प्यास लगना और भूख में वृद्धि होना आदि होता है। यदि इसका उपचार न किया जाए तो डायबिटीज कई जटिलताओं का कारण बन सकता है। डायबिटीज के कारण व्यक्ति का अग्न्याशय (Pancreas) पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता या शरीर की कोशिकाएँ इंसुलिन को ठीक प्रकार से प्रतिक्रिया नहीं देती। ग्लूकोज को अन्य कोशिकाओं तक पहुँचाने का काम इन्सुलिन का होता है और डायबिटीज के रोगी के शरीर में इन्सुलिन बनना बंद या कम हो जाता है जिस कारण शरीर में चीनी अथवा ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो जाती है। आज के समय में तो डायबिटीज होना बहुत ही आम बात है।
डायबिटीज या मधुमेह क्या होता है (What is Diabetes)
आयुर्वेद में डायबिटीज को मधुमेह (madhumeh in hindi) कहा गया है। अनुचित आहार-विहार, व्यायाम न करना, शारीरिक श्रम कम करना, अत्यधिक तनाव आदि इन सब कारणों से व्यक्ति के त्रिदोष यानि वात, पित्त व कफ असन्तुलित हो जाते है और मधुमेह रोग को जन्म देते है। वैसे तो मधुमेह में तीनो दोषों की दुष्टि देखी जाती है परन्तु मुख्यत इसमें कफ दोष प्रभावित होता है तथा अपने ही समान लक्षणों को दर्शाता है।
मधुमेह के लिए आहार चार्ट ( Diabetes diet chart)
मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए सबसे पहले आहार और जीवनशैली में बदलाव लाना जरूरी होता है। नहीं तो शुगर को कंट्रोल में लाना मुश्किल हो जाता है। डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर होता है। इसमें हम जो भी खाते है वह ग्लूकोज में बदलकर खून के द्वारा पूरे शरीर में फैल जाता है। इसके बाद इंसूलिन हॉर्मोन, ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलता है। डायबिटीज होने पर या तो शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसूलिन नहीं बनता या फिर शरीर सही से इंसूलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता। इसलिए शरीर शर्करा, स्टार्च व अन्य भोजन को ऊर्जा में बदल नहीं पाता। इसलिए व्यक्ति का खानपान उसके रक्तशर्करा के स्तर, दिनचर्या, व्यायाम की आदतें, शरीर संरचना पर निर्भर करता है। डायबिटीज के रोगी के भोजन में 60 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 20 प्रतिशत वसा व 20 प्रतिशत प्रोटीन होना चाहिए। दिनभर में 1500-1800 अवश्य लेनी चाहिए। रोजाना दो मौसमी फल व तीन तरह की सब्जियाँ जरुर खानी चाहिए। मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए विशेषकर रेड मीट का सेवन तो बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
सबसे पहले जानते हैं कि मधुमेह के लिए आहार चार्ट (diabetes diet chart )क्या होना चाहिए-
और पढ़ें: मधुमेह में मखाने के फायदे
शुगर के मरीज को कौन-से फल खाने चाहिए (Fr
डायबिटीज चयापचय संबंधी बीमारी है जिसमें लंबे समय तक रक्त में शर्करा का स्तर ज्यादा रहता है। रक्त में शर्करा का स्तर उच्च रहने के कारण बार-बार पेशाब आना, प्यास लगना और भूख में वृद्धि होना आदि होता है। यदि इसका उपचार न किया जाए तो डायबिटीज कई जटिलताओं का कारण बन सकता है। डायबिटीज के कारण व्यक्ति का अग्न्याशय (Pancreas) पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता या शरीर की कोशिकाएँ इंसुलिन को ठीक प्रकार से प्रतिक्रिया नहीं देती। ग्लूकोज को अन्य कोशिकाओं तक पहुँचाने का काम इन्सुलिन का होता है और डायबिटीज के रोगी के शरीर में इन्सुलिन बनना बंद या कम हो जाता है जिस कारण शरीर में चीनी अथवा ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो जाती है। आज के समय में तो डायबिटीज होना बहुत ही आम बात है।
डायबिटीज या मधुमेह क्या होता है (What is Diabetes)
आयुर्वेद में डायबिटीज को मधुमेह (madhumeh in hindi) कहा गया है। अनुचित आहार-विहार, व्यायाम न करना, शारीरिक श्रम कम करना, अत्यधिक तनाव आदि इन सब कारणों से व्यक्ति के त्रिदोष यानि वात, पित्त व कफ असन्तुलित हो जाते है और मधुमेह रोग को जन्म देते है। वैसे तो मधुमेह में तीनो दोषों की दुष्टि देखी जाती है परन्तु मुख्यत इसमें कफ दोष प्रभावित होता है तथा अपने ही समान लक्षणों को दर्शाता है।
मधुमेह के लिए आहार चार्ट ( Diabetes diet chart)
मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए सबसे पहले आहार और जीवनशैली में बदलाव लाना जरूरी होता है। नहीं तो शुगर को कंट्रोल में लाना मुश्किल हो जाता है। डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर होता है। इसमें हम जो भी खाते है वह ग्लूकोज में बदलकर खून के द्वारा पूरे शरीर में फैल जाता है। इसके बाद इंसूलिन हॉर्मोन, ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलता है। डायबिटीज होने पर या तो शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसूलिन नहीं बनता या फिर शरीर सही से इंसूलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता। इसलिए शरीर शर्करा, स्टार्च व अन्य भोजन को ऊर्जा में बदल नहीं पाता। इसलिए व्यक्ति का खानपान उसके रक्तशर्करा के स्तर, दिनचर्या, व्यायाम की आदतें, शरीर संरचना पर निर्भर करता है। डायबिटीज के रोगी के भोजन में 60 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 20 प्रतिशत वसा व 20 प्रतिशत प्रोटीन होना चाहिए। दिनभर में 1500-1800 अवश्य लेनी चाहिए। रोजाना दो मौसमी फल व तीन तरह की सब्जियाँ जरुर खानी चाहिए। मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए विशेषकर रेड मीट का सेवन तो बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
सबसे पहले जानते हैं कि मधुमेह के लिए आहार चार्ट (diabetes diet chart )क्या होना चाहिए-
और पढ़ें: मधुमेह में मखाने के फायदे
शुगर के मरीज को कौन-से फल खाने चाहिए (Fruit Diet chart for Diabetes)
शुगर के मरीज (sugar patient food chart) को फल हो या दूसरे खाद्द पदार्थ (diabetes food) हमेशा सोच समझकर खाना चाहिए। नहीं तो मधुमेह के मरीज का शुगर हाई हो जायेगा, जो जानलेवा साबित हो सकता है। चलिये इसलिए जानते हैं कि शुगर के मरीज को कौन-से फल खाने चाहिए और किनसे करना चाहिए परहेज-
और पढ़े: कोलेस्ट्रॉल के घरेलू उपचार
शुगर के मरीज को कैसा आहार लेना चाहिए (sugar control diet chart)
वैसे तो हम ऊपर बता ही चूके हैं कि नियमित तौर पर मधुमेह रोगियों के लिए कैसा आहार होना चाहिए। चलिये अब ये जानते हैं कि मधुमेह के मरीजों के आहार तालिका में कौन-कौन से चीजें होने चाहिए। एक बात ध्यान में रखना चाहिए कि मधुमेह का मरीज थोड़े-थोड़े अंतराल में भोजन करें क्योंकि, एक साथ बहुत सारा खाना खाने से रक्त में शर्करा का स्तर बहुत तेजी से बढ़ता है। दिनभर के भोजन को पाँच हिस्सों में बाँट लें तथा थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाएँ।
uit Diet chart for Diabetes)
शुगर के मरीज (sugar patient food chart) को फल हो या दूसरे खाद्द पदार्थ (diabetes food) हमेशा सोच समझकर खाना चाहिए। नहीं तो मधुमेह के मरीज का शुगर हाई हो जायेगा, जो जानलेवा साबित हो सकता है। चलिये इसलिए जानते हैं कि शुगर के मरीज को कौन-से फल खाने चाहिए और किनसे करना चाहिए परहेज-
शुगर के मरीज को कैसा आहार लेना चाहिए (sugar control diet chart)
वैसे तो हम ऊपर बता ही चूके हैं कि नियमित तौर पर मधुमेह रोगियों के लिए कैसा आहार होना चाहिए। चलिये अब ये जानते हैं कि मधुमेह के मरीजों के आहार तालिका में कौन-कौन से चीजें होने चाहिए। एक बात ध्यान में रखना चाहिए कि मधुमेह का मरीज थोड़े-थोड़े अंतराल में भोजन करें क्योंकि, एक साथ बहुत सारा खाना खाने से रक्त में शर्करा का स्तर बहुत तेजी से बढ़ता है। दिनभर के भोजन को पाँच हिस्सों में बाँट लें तथा थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाएँ।
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