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Chandani: चांदनी के हैं बहुत अनोखे फायदे- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

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चांदनी का परिचय (Introduction of Chandni)

आपने चांदनी फूल को कई बार देखा होगा। चांदनी फूल को कई और भी नाम से जाना जाता है। कोई इसे जूही का फूल (Juhi flower) कहता है तो कोई रातरानी के नाम से जानता है। कई लोग इसे चमेली के फूल के नाम से भी जानते हैं। यह बहुत ही खूबसूरत और खुशबूदार (Chandni Benefits) होता है। चांदनी का उपयोग लोग कई तरह से करते हैं। महिलाएं चमेली (जूही या रातरानी (ratrani flower) या चांदनी) के फूल से अपनी बालों के लिए गजरा बनाती हैं तो कई लोग इससे इत्र भी बनाते हैं। अब तक आपको इतना ही पता होगा कि जिसे आप चांदनी या जूही या रातरानी या फिर चमेली के फूल के नाम से जानते हैं वह सुगंधित है और साज-सज्जा के रूप में काम आता है। आप यह नहीं जानते होंगे कि चांदनी का प्रयोग औषधि (raat ki rani plant benefits) के रूप में भी किया जाता है। हो सकता है कि यह जानकारी आपको बिल्कुल अनोखी लगे लेकिन सच यही है।

चांदनी क्या है (What is Chandni?)

चांदनी के फूल को जूही या रातरानी या चमेली आदि के नाम से भी जाना जाता है। चांदनी (chameli tree) के फूल बहुत ही सुन्दर तथा सफेद रंग के होते हैं। इसके फूल दो प्रकार के होते हैं-

  1. सफेद पाँच पंखुड़ियों से युक्त
  2. दो पंक्तियों में व्यवस्थित पाँच पंखुड़ियों से युक्त।

यह लगभग 2.5 मीटर ऊँचा, चिकना, सदा हरा रहने वाला है। चांदनी के पौधे (chameli tree) के तने अत्यधिक चमकीले, भूरे रंग के होते हैं। इसके पत्ते चिकने एवं चमकीले हरे रंग के होते हैं। इसके फूल सफेद रंग के होते हैं और सुगन्धित होते हैं। इसके फल बेलनाकार, 2.5-7.6 सेमी लम्बे और 1 सेमी चौड़े होते हैं। फल के अंदर का भाग नारंगी अथवा चमकीला लाल रंग का होता है। इसके बीज संख्या में 3-6, और 7.5 मिमी लम्बे तथा लाल रंग के होते हैं। इसका पुष्पकाल एवं फलकाल सालों भर होता है।

अनेक भाषाओं में चांदनी के नाम (Chandni Called in Different Languages)

चांदनी (chameli tree) का वानस्पतिक नाम Tabernaemontana divaricata (Linn.) R. Br. ex Roem. & Schult. (टैबरनीमोनटाना डाईवेरीकेटा) Syn-Tabernaemontana coronaria (Jacq). Willd. है और यह Apocynaceae (ऐपोसाइनेसी) कुल का है। चांदनी को देश या विदेशों में अन्य इन नामों से भी जाना जाता हैः-

Chandani in-

  • Hindi (juhi flower in hindi) – चांदनी, तगर

  • English – इस्ट इण्डियन रोज बे (East Indian Rosebay), मून बीम (Moon beam), एडमस् एपैल (Adam’s apple), Crepe jasmine (क्रेप जेसमीन)

  • Sanskrit – सुगन्धा

  • Oriya – काटो (Kato), काटोचम्पा (Katochampa), मोल्लीफुलाना (Mollifulana)

  • Konkani – वडलीनामदीत (Vadlinamdit)

  • Kannada – कोट्टू (Kottu), नंदीबटलू (Nandibatlu)

  • Gujarati – चांदनी (Chandni), सागर (Sagar)

  • Tamil – करेरदूप्पलै (Karerduppalai), नंदीयावत्तम (Nandiyavattam); Telugu – गंधीतगराप्पू (Gandhitagarapu), नंदीवरदानमु (Nandivardanamu)

  • Bengali – चमेली (Chameli), तगर (Tagar)

  • Nepali – चांदनी (Chandni)

  • Marathi – अनंता (Ananta), गोंदतगर (Gondetagra)

  • Malayalam – बेलुटा अमेलपोडी (Belutta-amelpodi), नंदी ऐरवेटुम (Nandi ervatum), कूट्टमपाले (Kuttampale), तकरम (Takram)

चांदनी के औषधीय गुण से लाभ (Chandni Benefits and Uses in Hindi)

चांदनी (juhi flower in hindi) के औषधीय प्रयोग, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-ः

सिर के दर्द में चांदनी का प्रयोग लाभदायक (Benefits of Chandni in Relief from Headache in Hindi)

चांदनी के पौधों (ratrani plant) से निकलने वाले दूध (आक्षीर) को तेल में मिलाएं। इसे मस्तक पर लगाने से सिर तथा आंखों के दर्द ठीक होते हैं।

आंखों की बीमारी में चांदनी का उपयोग फायदेमंद (Raat ki Rani Plant Benefits in Cure Eye Disease in Hindi)

  • चाँदनी के फूल (raat ki rani flower) तथा कलिकाओं को पीसकर आंखों के बाहर चारों ओर लगाएं। इससे आंखों में होने वाला दर्द, आंखों की सूजन और आंखों के लाल होने की परेशानी में लाभ होता है।
  • चांदनी की जड़ के पेस्ट में निम्बू का रस मिलाएं। इसे आंखों के बाहर चारों तरफ लगाने से आँखों की बीमारियों में लाभ होता है।
  • चांदनी के पत्तों से प्राप्त आक्षीर (दूध) को आंखों के बाहर चारों तरफ लगाने से आंखों के रोगों में लाभ (Chandni Benefits) होता है।
  • चांदनी की जड़ को नीम के रस में उबालकर आंखों में काजल की तरह लगाएं। इससे आंखों का दर्द ठीक होता है।

और पढ़े: आंखों की बीमारी में रजः प्रवर्तिनी वटी के फायदे

दांतों के दर्द में चांदनी का इस्तेमाल फायदेमंद (Juhi Flower Benefits in Cure Dental Pain in Hindi)

चांदनी की जड़ को चबाने से दांतों के दर्द ठीक होते हैं।

चाँदनी की जड़ के चूर्ण को मंजन की तरह दांतों पर मलें। इससे दांतों में लगने वाले कीड़े से होने वाला दर्द ठीक (Chandni Benefits) होता है। इससे मसूड़ों में पीव निकलना बंद हो जाता है।

उच्चरक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) में चांदनी के सेवन से लाभ (Raat ki Rani Plant Benefits in High Blood Pressure in Hindi)

चांदनी के पत्ते का काढ़ा बनाकर पीने से उच्चरक्तचाप में लाभ होता है।

और पढ़े: उच्च रक्तचाप कम करने के घरेलू उपाय

पेट के कीड़े को खत्म करने के लिए करें चांदनी का इस्तेमाल (Juhi Flower Benefits in Cure Abdominal Bugs in Hindi)

चांदनी के जड़ की छाल को पीसकर पेस्ट बना लें। इसे 1-2 ग्राम मात्रा में सेवन करने से पेट के कीड़े मर (Chandni Benefits) जाते हैं।

दस्त को रोकने के लिए करें चांदनी का प्रयोग (Juhi Flower Benefits to Stop Diarrhea in Hindi)

आप दस्त को रोकने के लिए भी चांदनी का प्रयोग कर सकते हैं। 5 मिली चांदनी के पत्ते के रस को पीने से दस्त बन्द हो जाते हैं।

घाव सुखाने के लिए करें चांदनी का इस्तेमाल (Raat ki Rani Plant Benefits in Wound Healing in Hindi)

चांदनी के पौधों (ratrani plant) से प्राप्त दुग्ध (लेटेक्स) तथा पत्तो को पीस लें। इसे घाव पर लेप करने से लाभ होता है।

त्वचा रोग में चांदनी का उपयोग लाभदायक (Benefits of Chandni in Cure Skin Disease in Hindi)

चांदनी के फूल (raat ki rani flower) के रस को त्वचा पर लगाएं। इससे जलन, दर्द, सूजन और दाद में लाभ होता है।

इस्तेमाल के लिए चांदनी के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Chandni)

जड़

फूल (ratrani flower)

दूध (आक्षीर)

पत्ते

तने की छाल

सत् (निर्यास)

चांदनी के प्रयोग की मात्रा (How Much to Consume Chandni?)

पत्ते का रस – 5 मिली

अधिक लाभ के लिए चिकित्सकीय परामर्शानुसार चांदनी का प्रयोग करें।

चांदनी कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Chandni Found or Grown?)

चांदनी का पौधा (ratrani plant) घरों, बाग-बगीचों में पाया जाता है। यह समस्त भारत में देखा जा सकता है।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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