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आपने चांदनी फूल को कई बार देखा होगा। चांदनी फूल को कई और भी नाम से जाना जाता है। कोई इसे जूही का फूल (Juhi flower) कहता है तो कोई रातरानी के नाम से जानता है। कई लोग इसे चमेली के फूल के नाम से भी जानते हैं। यह बहुत ही खूबसूरत और खुशबूदार (Chandni Benefits) होता है। चांदनी का उपयोग लोग कई तरह से करते हैं। महिलाएं चमेली (जूही या रातरानी (ratrani flower) या चांदनी) के फूल से अपनी बालों के लिए गजरा बनाती हैं तो कई लोग इससे इत्र भी बनाते हैं। अब तक आपको इतना ही पता होगा कि जिसे आप चांदनी या जूही या रातरानी या फिर चमेली के फूल के नाम से जानते हैं वह सुगंधित है और साज-सज्जा के रूप में काम आता है। आप यह नहीं जानते होंगे कि चांदनी का प्रयोग औषधि (raat ki rani plant benefits) के रूप में भी किया जाता है। हो सकता है कि यह जानकारी आपको बिल्कुल अनोखी लगे लेकिन सच यही है।
चांदनी के फूल को जूही या रातरानी या चमेली आदि के नाम से भी जाना जाता है। चांदनी (chameli tree) के फूल बहुत ही सुन्दर तथा सफेद रंग के होते हैं। इसके फूल दो प्रकार के होते हैं-
यह लगभग 2.5 मीटर ऊँचा, चिकना, सदा हरा रहने वाला है। चांदनी के पौधे (chameli tree) के तने अत्यधिक चमकीले, भूरे रंग के होते हैं। इसके पत्ते चिकने एवं चमकीले हरे रंग के होते हैं। इसके फूल सफेद रंग के होते हैं और सुगन्धित होते हैं। इसके फल बेलनाकार, 2.5-7.6 सेमी लम्बे और 1 सेमी चौड़े होते हैं। फल के अंदर का भाग नारंगी अथवा चमकीला लाल रंग का होता है। इसके बीज संख्या में 3-6, और 7.5 मिमी लम्बे तथा लाल रंग के होते हैं। इसका पुष्पकाल एवं फलकाल सालों भर होता है।
चांदनी (chameli tree) का वानस्पतिक नाम Tabernaemontana divaricata (Linn.) R. Br. ex Roem. & Schult. (टैबरनीमोनटाना डाईवेरीकेटा) Syn-Tabernaemontana coronaria (Jacq). Willd. है और यह Apocynaceae (ऐपोसाइनेसी) कुल का है। चांदनी को देश या विदेशों में अन्य इन नामों से भी जाना जाता हैः-
चांदनी (juhi flower in hindi) के औषधीय प्रयोग, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-ः
चांदनी के पौधों (ratrani plant) से निकलने वाले दूध (आक्षीर) को तेल में मिलाएं। इसे मस्तक पर लगाने से सिर तथा आंखों के दर्द ठीक होते हैं।
चांदनी की जड़ को चबाने से दांतों के दर्द ठीक होते हैं।
चाँदनी की जड़ के चूर्ण को मंजन की तरह दांतों पर मलें। इससे दांतों में लगने वाले कीड़े से होने वाला दर्द ठीक (Chandni Benefits) होता है। इससे मसूड़ों में पीव निकलना बंद हो जाता है।
चांदनी के पत्ते का काढ़ा बनाकर पीने से उच्चरक्तचाप में लाभ होता है।
चांदनी के जड़ की छाल को पीसकर पेस्ट बना लें। इसे 1-2 ग्राम मात्रा में सेवन करने से पेट के कीड़े मर (Chandni Benefits) जाते हैं।
आप दस्त को रोकने के लिए भी चांदनी का प्रयोग कर सकते हैं। 5 मिली चांदनी के पत्ते के रस को पीने से दस्त बन्द हो जाते हैं।
चांदनी के पौधों (ratrani plant) से प्राप्त दुग्ध (लेटेक्स) तथा पत्तो को पीस लें। इसे घाव पर लेप करने से लाभ होता है।
चांदनी के फूल (raat ki rani flower) के रस को त्वचा पर लगाएं। इससे जलन, दर्द, सूजन और दाद में लाभ होता है।
जड़
फूल (ratrani flower)
दूध (आक्षीर)
पत्ते
तने की छाल
सत् (निर्यास)
पत्ते का रस – 5 मिली
अधिक लाभ के लिए चिकित्सकीय परामर्शानुसार चांदनी का प्रयोग करें।
चांदनी का पौधा (ratrani plant) घरों, बाग-बगीचों में पाया जाता है। यह समस्त भारत में देखा जा सकता है।
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