बाजरा का नाम तो सभी ने सुना है। बाजरा न सिर्फ खाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है बल्कि आयुर्वेद में औषधी के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है। बाजरा की रोटी, खिचड़ी, चूरमा बहुत ही खाने के लिए बनाया जाता है। बाजरा का औषधीय गुण खाने की इच्छा बढ़ाने के साथ-साथ दर्दनिवारक और पेट संबंधी समस्याओं में भी बहुत काम आता है। चलिये बाजरा के बारे में और भी अनजाने तथ्यों के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ते हैं-
Contents
साधारणत: लोग सर्दी के मौसम में बाजरे की रोटी, खिचड़ी तथा चूरमा आदि शौक से खाते हैं। ज्वार की अपेक्षा यह विशेष पथ्यकर माना जाता है। इसके ताजे हरे भुट्टों को भूनकर दानें निकाल कर भी खाते हैं। यह 0.9-1.8 मी ऊँचा, ज्वार के पौधों जैसा, दुर्बल तथा सीधा बढ़ने वाला पौधा होता है।
बाजरा का वानास्पतिक नाम Pennisetum glaucum (Linn.) R. Br. (पेनिसिट्म ग्लॉकम) Syn-Pennisetum typhoides (Burm.f.) Stapf &C.E. Hubb.Pennisetum typhoideum Rich. होता है। इसका कुल Poaceae (पोएसी) होता है और इसको अंग्रेजी में Pearl millet (पर्ल मिलेट)कहते हैं। चलिये अब जानते हैं कि बाजरा और किन-किन नामों से जाना जाता है।
Sanskrit-अग्रधान्य, नीलकणा, नीलसस्य, वज्रान्न, वर्जरीका, वर्जरी, नली, साजक;
Hindi-बाजरा, लाहरा, बाजड़ा;
Odia-बज्रमूला (Bajramula);
Kannada-सज्जी (Sajje);
Gujrati-बाजरी (Bajri);
Telugu-सज्जा (Sazza), गन्टी (Ganti);
Tamil-कम्बु (Kambu), तम्बु (Tambu);
Bengali-बाजरा (Bajra), लाहरा (Lahra);
Nepali-बाजारा (Bajaraa);
Punjabi-बाजरा (Bajra);
Marathi-बाजरी (Bajri);
Malayalam-मटारी (Mattari)।
English-बुलरश मिल्लेट (Bulrush millet), स्पाईक्ड मिल्लेट (Spiked millet);
Arbi-दुखोन (Dukhon), दुहुन (Duhun);
Persian-गाधरस (Ghadrus)।
बाजरा के फायदों के बारे में जानने के लिए सबसे पहले औषधीय गुणों के बारे में जान लेना बेहतर होता है।
बाजरा प्रकृति से मधुर, गर्म, रूखा, कफ से आराम दिलाने वाला तथा वातपित्तकारक होता है।
यह त्वचा की रौनक बढ़ाने में मददगार , पुष्टि को हरने वाला, हृदय के लिए स्वास्थ्यवर्द्धक, बलकारक, दुर्जर (देर से पचने वाला), तथा भूख बढ़ाने में मददगार होता है।
बाजरा भूख बढ़ाने में सहायक होता है। यह अपस्मार(Epilepsy), अनिद्रा (Insomnia), बन्ध्यता (infertility), यक्ष्मा (Tuberculosis),सूजन , लीवर संबंधी समस्या, हृदय संबंधी बीमारी तथा अरुचि को दूर करने में मददगार होता है।
इसके फल सामान्य कमजोरी तथा रक्त की कमी को दूर करने में हितकर होते हैं।
बाजरा खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ किन-किन बीमारियों के लिए फायदेमंद होता है, इसके बारे में आगे जानते हैं-
अगर आपको हमेशा थकान या तनाव के कारण सिर में दर्द होता है तो बाजरा की पोटली बनाकर सेंकने से सर्दी की वजह से होने वाले सिरदर्द से आराम मिलता होता है।
खान-पान में असंतुलन के कारण अगर पेट में गड़बड़ी की समस्या होता रहता है तो बाजरा का इस तरह से इस्तेमाल करने में जल्दी आराम मिलता है। बाजरा को भूनकर उसकी पोटली बनाकर पेट पर सेंक करने से पेट दर्द से जल्दी आराम मिलता है।
अगर आप हमेशा पेट संबंधी समस्याओं से परेशान रहते हैं तो बाजरा का सेवन करने से धीरे-धीरे ठीक हो जाता है।
अगर किसी भी तरह दस्त नहीं रूक रहा है तो बाजरा का सेवन करने से अतिसार तथा अजीर्ण या अपच से जल्दी राहत मिलती है।
लगभग 200 ग्राम दही में 35 ग्राम शर्करा मिलाकर बाजरा की घी चुपड़ी रोटी के साथ प्रतिदिन सुबह एक महीने तक सेवन करने से मिर्गी के इलाज में लाभ मिलता है।
5 ग्राम बाजरा चूर्ण में 18 ग्राम पुराना गुड़ तथा 2 ग्राम आकाशवल्ली का पेस्ट मिलाकर 3 वटी बनाकर प्रतिदिन 1 वटी का सेवन करने तथा बेल पत्ते से स्नायु या नर्व को लपेट देने से स्नायुक रोग या नर्व संबंधी रोग में शीघ्र लाभ होता है।
आयुर्वेद के अनुसार बाजरा का औषधीय गुण इसके इन भागों को प्रयोग करने पर सबसे ज्यादा मिलता है-
-बीज।
यदि आप किसी ख़ास बीमारी के घरेलू इलाज के लिए बाजरा का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही इसका उपयोग करें।
शारीरिक कुछ परिस्थितियों में बाजरे का सेवन नुकसानदेह साबित हो सकता है। बाजरा का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है तथा गुर्दे या किडनी में पथरी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को इसका अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए। यहां तक कि व्यक्ति हमेशा बाजरे का सेवन करते हैं उन्हें गुनगुने गर्म जल में नहाना चाहिए।
भारत के लगभग सभी गर्म या उष्ण एवं सूखे भागों में लगभग 2150 मी तक की ऊँचाई तक इसकी खेती की जाती है। पंजाब, तथा उत्तर प्रदेश आदि कई स्थानों में यह लोगों का प्रमुख खाद्य अनाज है।
और पढ़े-पेट में कीड़े होने पर अपनाएं ये घरेलू उपाय
और पढ़े-पेट के अल्सर के लक्षण, कारण, घरेलू उपचार और परहेज
अश्वगंधा एक प्राकृतिक जड़ी-बूटी है और यह कई शारीरिक और मानसिक रोगों के इलाज में बहुत फायदेमंद है. आमतौर पर…
कोविड महामारी के बाद लोगों में ऐसी चीजों के सेवन को लेकर दिलचस्पी बढ़ी है जिनके सेवन से शरीर की…
तेज दिमाग की ख्वाहिश तो हर किसी की होती है लेकिन सुस्त लाइफस्टाइल और गलत खानपान की वजह से कई…
नारियल तेल का उपयोग कई तरह से किया जाता है. यह बालों और त्वचा के लिए फायदेमंद है और कुछ…
शतावरी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती है. महिलाओं को स्तनपान के दौरान होने…
आंख हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग हैं. इसकी देखभाल में अगर आप लापरवाही बरत रहें हैं तो आगे…