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Ipratropium

IPRATROPIUM के बारे में जानकारी

Ipratropium कैसे काम करता है

Ipratropium फेफड़ों तक पहुंचने वाले वायु मार्गों को आराम पहुंचाकर और उन्हें खोलकर सांस लेना आसान बनाता है।
इप्राट्रोपियम, एंटीकोलाइनर्जिक या पैरासिम्पेथोलाइटिक एजेंट नामक दवाओं की एक श्रेणी से सम्बन्ध रखता है। इप्राट्रोपियम, फेफड़ों तक जाने वाले वायु मार्ग को खोलने में मदद करता है जिससे सांस लेने में ज्यादा आसानी होती है और अस्थमा और उससे जुड़ी समस्याओं से राहत मिलती है।

Ipratropium के सामान्य दुष्प्रभाव

Most side effects do not require any medical attention and disappear as your body adjusts to the medicine. Consult your doctor if they persist or if you’re worried about them
Common
सांस फूलना, सूखा मुँह, खांसी, नाक से खून निकलना , कड़वा स्वाद, नाक का सूखापन
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Ipratropium के लिए विशेषज्ञ की सलाह

  • एक सफल उपचार के लिए इप्राट्रोपियम को इंहेलर के साथ सही तरीके से नाक से अंदर लेना आवश्यक है।
  • उन मरीजों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए जिनका निम्नलिखित बीमारियों का इतिहास रहा हो: सिस्टिक फाइब्रोसिस (एक आनुवांशिक रोग जिसमें मोटा, चिपचिपा बलगम जमने से शरीर के भीतर के कई अंगों को क्षति पहुंचती है) से जठरांत्र गतिशीलता में गड़बड़ी आ सकती हैं; ग्लॉकोमा (आंखों में दबाव का बढ़ना जिससे दृष्टि संबंधी तकलीफ हो सकती है), मूत्र संबंधी समस्याएं या प्रोस्टेट (एक पुरुष प्रजनन अंग) की स्थिति।
  • यदि आप ऐलर्जिक(अतिसंवेदनशीलता) प्रतिक्रियाओं जैसे से ग्रसित हों जैसे उर्टिकेरिया, एंजियोडीमा(होंठों और आंखों की सूजन), लाल चकत्ते, ब्रॉन्कोस्पाज्म (श्वास मार्ग का सिकुड़ना) ऑरोफैरिंगील की सूजन और गंभीर एलेर्जी (एनेफिलैक्सिस) तो अपने डॉक्टर की सलाह लें।
  • यदि इप्राट्रोपियमनेसल स्प्रे लेने के बाद दिल की धड़कनें अनियमित हो जाएं तो अपने डॉक्टर की सलाह लें।
  • इप्राट्रोपियम को नाक से लेने के बाद घरघराहट या सांस लेने में परेशानी हो सकती है। तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें।
  • यदि आंखों में दर्द या असुविधा महसूस हो रही हो, धुंधली दृष्टि, विजुअल हेलो या रंगीन चित्र, साथ में कंजल्टिवाइटिस के कारण आंखों में रक्त जमने से आंखें लाल होना, और कॉर्निया का सूजना, जो कि नैरो एंगल कांचबिंदु का संकेत हो सकता है, जैसी तकलीफ हो तो तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें।
  • इप्राट्रोपियम को इंहेलर्स इस्तेमाल करते समय आग के लपटों या गर्मी देने वाले स्रोतों के पास खड़े न रहें। अत्यंत गर्म तापमान के संपर्क में आने के बाद इन्हेलर में विस्फोट भी हो सकता है।
  • चक्कर आना और धुंधला दिखाई देने के मामले दर्ज किए गए हैं इसलिए मरीजों को ड्राइव न करने और मशीन संचालित न करने की चेतावनी दी जाती है।