Dinoprostone Topical
Dinoprostone Topical के बारे में जानकारी
Dinoprostone Topical का उपयोग
Dinoprostone Topical का इस्तेमाल सरवाइकल राइपेनिंग और प्रसव की शुरुआत में किया जाता है
Dinoprostone Topical कैसे काम करता है
Dinoprostone Topical शरीर के एक प्राकृतिक रसायन जैसा ही होता है जो कोख को सिकुड़ने में मदद करता है जिससे स्त्री प्रसव अवस्था में आ जाती है और इससे सर्वाइकल राइपेनिंग उत्पन्न होता है। डाइनोप्रोस्टोन, प्रोस्टाग्लैंडीन नामक दवाओं की श्रेणी से सम्बन्ध रखता है। यह शरीर में प्रोस्टाग्लैंडीन ई2 नामक एक प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थ की तरह है। यह सर्वाइक्स की मांसपेशियों को शिथिल करके और प्रसव को प्रेरित करने के लिए गर्भाशय के संकुचन को बढ़ावा देकर जन्म की प्रक्रिया को आरम्भ करने में मदद करता है।
Common side effects of Dinoprostone Topical
पीठ दर्द, भ्रूण को परेशानी
Dinoprostone Topical के लिए उपलब्ध दवा
Dinoprostone Topical के लिए विशेषज्ञ की सलाह
- डायनोप्रोस्टोन टॉपिकल के अनुप्रयोग के दौरान आपको 20-30 मिनट तक लेटे रहने के लिए कहा जा सकता है ताकि दवा अपनी जगह पर काम करे। यदि संकुचन अधिक जोरदार न हो तो आपके डॉक्टर इसे आपको दूसरी बार भी दे सकते हैं।
- डायनोप्रोस्टोन टॉपिकल देने के बाद आपकी सावधानी से निगरानी की जाएगी कि बर्थ कैनल (जन्म नली) खुल रही है या नहीं, संकुचन अधिक न हो और यह सुनिश्चित हो कि शिशु पर दबाव न पड़े।
- यदि आपको दमा है और दवा लेने के बाद यदि आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही हो अपने डॉक्टर को सूचित करें क्योंकि डायनोप्रोस्टोन टॉपिकल से दमा का दौरा पड़ सकता है।
- यदि आपको आंख की समस्या (ग्लूकोमा), मिर्गी के दौरे, मधुमेह, उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) की समस्या अपनी मौजूदा गर्भावस्था या पहले की गर्भावस्था के दौरान रही हो, आपकी सीजेरियन या गर्भाशय की सर्जरी हुई हो या यदि या आपको जोरदार संकुचन होता हो या पिछले प्रसव के दौरान गर्भ को क्षति पहुंची हो या आप दर्द और/या प्रदाह के लिए दवा (जैसे एस्प्रीन) ले रहीं हों, तो अपने डॉक्टर को सूचित करें।
- डायनोप्रोस्टोन या उसके किसी घटक से आपको यदि एलर्जी है तो उसे न लें।
- आपको यदि हृदय, फेफड़ा या लिवर की समस्या है तो इसे न लें।
- यदि आपका कोई सीजेरियन सेक्शन रहा हो, गर्भाशय की कोई बड़ी सर्जरी हुई हो या आप पूरी छह बार गर्भवती हो चुकी हैं तो इसका इस्तेमाल न करें।
- जिन मांओं के शिशु का सिर काफी बड़ा हो या इस बात का प्रमाण हो कि शिशु को ऑक्सीजन की कमी हो रही है (फेटल डिस्ट्रेस) वे इसे न लें।
- उन रोगियों को भी यह नहीं लेना चाहिए जिनके शिशु गर्भ में सही अवस्थिति में न हों, प्राकृतिक विधि से जन्महो या पानी टूट गए हों या गर्भनाल के कारण जन्म नली में अवरोध हो।
- यदि आपको पहले की गर्भावस्था में मुश्किल प्रसव हुआ हो या अभी गर्भ, अंडाशय या नली का कोई अनुपचारित संक्रमण (पेल्विक इनफ्लैमेटरी डिजीज) हो तो इसे न लें।
- यदि गर्भावस्था के दौरान योनि से रक्तस्राव हो तो इसका इस्तेमाल न करें।
- बच्चों और बूढ़ों को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।