वानस्पतिक नाम : Echinops echinatus Roxb. (एकीनॉप्स एकीनेटस)
कुल : Asteraceae (ऐस्टरेसी)
अंग्रेज़ी नाम : Globe thistle (ग्लोब थिसिल)
संस्कृत-उत्कण्टक, उत्तुण्डक, कंटफल, रक्तपुष्पा, कण्टालु : , उटाटि; हिन्दी-ऊटकटेरा, उटकंटो, ऊँटकंटा; उर्दू-ऊँटकटारा (Untkatara); कन्नड-ब्रहमा डान्डे (Brahma dande); गुजराती-शुलियो (Shuliyo), उत्कन्टो (Utkanto), उत्काटो (Utkato); तमिल-कट्टम (Kattam), कन्टाकम (Kantakam); तेलुगु-ब्रह्मदण्डी (Brahmadandi); मराठी-काडेचुबक (Kadechubak), उटांटी (Utanti)।
अंग्रेजी-कैमेल्स् थिसिल (Camel’s thistle); अरबी-अशोकुल जमाल (Ashokul jamal); फारसी-अष्टारखर (Ashtarkhar)।
परिचय
समस्त भारत में 1600 मी की ऊsंचाई पर गंगा के मैदानी क्षेत्रों, चरागाहों व खुले वनों, उत्तर-पश्चिमी हिमालय, पंजाब, उत्तर-प्रदेश, बिहार तथा प्रायद्वीपों में प्राप्त होता है। कई विद्वान ब्रह्मदण्डी को ऊँटकटेरा मानते हैं तथा कई विद्वान् सत्यानाशी के स्थान पर ऊँटकटेरा का ग्रहण करते हैं; किन्तु वास्तव में यह दोनों पौधे ऊँटकटेरा से भिन्न है।
ब्रह्मदण्डी व सत्यानाशी के समान ऊँटकटेरा के समस्त अंगों पर कांटे होते हैं जो तीक्ष्ण तथा ऊपर की ओर उठे हुए होते हैं। इस वनस्पति को ऊँट बड़े चाव से खाते हैं।
आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव
उँटकटेरा कटु, तिक्त, उष्ण, लघु, कफवातशामक, वृष्य, मूत्रल, बलकारक, कफनिसारक तथा रुचिकर होता है।
यह प्रमेह, तृष्णा, हृदयशूल, मूत्रकृच्छ्र, दाह, विस्फोट तथा शोथनाशक होता है।
इसकी मूल गर्भस्रावकारी तथा वाजीकारक होती है।
इसके बीज वाजीकर होते हैं।
औषधीय प्रयोग मात्रा एवं विधि
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प्रयोज्याङ्ग : पञ्चाङ्ग, मूल, पत्र एवं फल।
मात्रा : क्वाथ 50-100 मिली।
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