वानस्पतिक नाम : Senna alexandrina Mill. (सेना अलेक्सन्ड्रिना) Syn-Cassia angustifolia Vahl, Cassia senna Linn.
कुल : Caesalpiniaceae (सेजैलपिनिएसी)
अंग्रेज़ी में नाम : Indian senna (इण्डियन सेना)
संस्कृत-मार्कण्डिका, भूमिवल्ली, मार्कण्डी, स्वर्णपत्री, मृदुरेचनी; हिन्दी-देशी सनाय; उड़िया-सोनामुखी (Sonamukhi); कन्नड़-नीयावरा नेलावरिके (Niyavara nelavarike); गुजराती-मीठीआकवल (Mithiakval), सेनामुखी (Senamukhi); तेलुगु-नेलातेनगेडु (Nelatungedu); तमिल-नीला वाकाई (Nila vakai), गिलाविरै (Gilavirai); बंगाली-सोनपात (Sonpat), सोनामुखी (Sonamukhi); नेपाली-सनाय (Sanaya); मराठी-सोनामुखी (Sonamukhi), भुईतखड़ (Bhuitkhad); मलयालम-नीलवाक (Nilavaka)।
अंग्रेजी-ऐलेक्जेन्ड्रियन सेना (Alexandrian senna), बाँबे सेना (Bombay senna), मेडिसिनल सेना (Medicinal senna), तिन्नेवल्ली सेना (Tinnevelly senna); अरबी-सनाए हिंदी (Senaehindi); फारसी-सानेहिन्दी (Sanaehindi)।
परिचय
समस्त भारत में मुख्यत गुजरात के कच्छ एवं तमिलनाडू में इसकी खेती की जाती है। इसके पत्तों का प्रयोग विरेचनार्थ किया जाता है तथा यह पंचसकार चूर्ण का एक अंग है।
यह 75-150 सेमी ऊँचा, सीधा, बहुवर्षायु क्षुप होता है। इसके पुष्प पीत वर्ण के तथा कुछ सुगन्धित होते हैं। इसकी फली चिपटी, 3.5-7.0 मिमी लम्बी, 20 मिमी चौड़ी, अपक्व अवस्था में हरी तथा पकने पर गहरे भूरे वर्ण की होती है। प्रत्येक फली में 5-7 गहरे भूरे वर्ण के बीज होते हैं।
आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव
सनाय कटु, मधुर, तिक्त, कषाय, उष्ण, लघु, रूक्ष, तीक्ष्ण तथा वातकफशामक है।
यह ऊर्ध्व तथा अधकाय का शोधन करने वाली होती है व कुष्ठ, विष, दुर्गन्ध, उदर रोग, गुल्म, कृमिरोग, कास, विबन्ध, प्लीहोदर तथा अग्निमांद्य नाशक है।
इसकी मूल सारक, गुरु, मधुर, अग्निदीपक, वातशामक, रक्तपित्त, तृष्णा, मोह, शुक्रक्षय, कृमि, कुष्ठ तथा प्लीहाविकार शामक है।
इससे प्राप्त सेन्नोसाइड्स (Sennosides), तीव्र आंत्र क्षोभक संलक्षण (Severe irritable syndrome) से ग्रस्त रोगियों के तीव्र कब्ज को दूर करता है।
औषधीय प्रयोग मात्रा एवं विधि
प्रयोज्याङ्ग : पत्र।
मात्रा : चूर्ण 1-2 ग्राम, क्वाथ 10-20 मिली या चिकित्सक के परामर्शानुसार।
आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, त्रिफला चूर्ण पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है. जिन लोगों को अपच, बदहजमी…
डायबिटीज की बात की जाए तो भारत में इस बीमारी के मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही…
मौसम बदलने पर या मानसून सीजन में त्वचा से संबंधित बीमारियाँ काफी बढ़ जाती हैं. आमतौर पर बढ़ते प्रदूषण और…
यौन संबंधी समस्याओं के मामले में अक्सर लोग डॉक्टर के पास जाने में हिचकिचाते हैं और खुद से ही जानकारियां…
पिछले कुछ सालों से मोटापे की समस्या से परेशान लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों के…
अधिकांश लोगों का मानना है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से शरीर निरोग रहता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी इस बात…