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Ratalu: रतालू के हैं अद्भुत फायदे – Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

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रतालू का परिचय (Introduction of Ratalu)

अक्सर लोग मीठे आलू को रतालू (ratalu) समझने की गलती कर बैठते हैं लेकिन दोनों में बहुत फर्क है। ये जमीन के अंदर में होने वाला कंद (bulb) होता है। रतालू के कई तरह के किस्में होते हैं पीला, सफेद और जामूनी आदि। रतालू याम (yam fruit) नाम से भी जाना जाता है और पौष्टिकता के आधार पर आयुर्वेद में रतालू (ratalu in hindi)को औषधी के रूप में प्रयोग किया जाता है। रतालू (yam in hindi) मीठे आलू की तरह ही होता है लेकिन इसका गुदा सफेद या नारंगी रंग का होता है। ये एक बारहमासी वेल होता है जिसका उपयोग कई प्रकार से किया जाता है। आम तौर पर इसे फ्राई करके, उबालकर या भूनकर खाया जाता है। चलिये इसके बारे में विस्तार से आगे जानते हैं।

रतालू क्या है? (What is Ratalu in hindi?)

रतालू (yam) कंद (bulb) की त्वचा कठोर और मोटी होती है। जिसको आम तौर पर उबालकर खाया जाता है। जमीन के नीचे होने वाले रतालू का कंद शंकु के आकार का होता है जो सिलेंडर की तरह होने के साथ-साथ सपाट भी होता है। इसकी पत्तियां अंडाकार होती है।

रतालू (yam in hindi)की लता वर्षाऋतु में पेड़ों के सहारे ऊपर चढ़ती है इसके पत्ते पान के पत्तों के समान देखने में सुन्दर लगती हैं। इसके कंद गोलाकार और बड़े होते हैं। पर रतालू के भीतर का भाग सफेद रंग का होता है।

रतालू मधुर, ठंडे तासिर का, वात-कफ को कम करने वाला, ब्रेस्ट साइज को बढ़ाने में सहायक, देर से पचने वाला, मल-मूत्र को निकालने वाला होता है। इसे उबालकर, रस निकालकर घी से भून कर खाने से इन सारे बीमारियों से राहत मिलती है।

शायद आप ये सुनकर आश्चर्य में पड़ जायेंगे कि रतालू (yam in hindi)सेक्स की इच्छा बढ़ाने में भी मददगार होता है। रतालू बहुत तरह के बीमारियों,जैसे- अर्श या पाइल्स, मधुमेह यानि डायबिटीज, कुष्ठ, पेट में कृमि, लैंगिक दुर्बलता में लाभप्रद होने के साथ-साथ बिच्छु के विष का असर कम करने में भी मदद करता है।

अन्य भाषाओं में रतालू के नाम (Name of Yam fruit in Different languages)

रतालू का वानास्पतिक नाम Dioscorea alata Linn. (डाइआस्कोरिआ ऐलेटा) Syn-Dioscorea atropurpurea Roxb., Dioscorea globosaRoxb होता है। और रतालू  Dioscoreaceae (डाइआस्कोरिएसी) कूल का होता है। इसका अंग्रेज़ी नाम : Greater yam (ग्रेटर याम) होता है।

लेकिन भारत के दूसरे प्रांतों में रतालू (yam in hindi)को अन्य नामों से जाना जाता है।

Ratalu in-

  • Sanskrit-पिण्डालु, काष्ठालु, काष्ठालुक;
  • Hindi-काठालू रतालू;
  • Odia-झोंकालू (Jhonkaalu);
  • Assamese-कटालू (Katalu);
  • Kannadaतेन्गुगेनाशु (Tengugenashu);
  • Bengali-चोपरी आलू (Choupri alu);
  • Gujrati-कमोडिओ (Kamodio), रतालू (Ratalu);
  • Tamil-पेरूम्वल्ली (Perumvalli), गुनपेनदालाम (Gunapendalam), कप्पन कासिल (Kappan kasil);
  • Teluguपेन्डालामू (Pendalamu), गुनपेन्डलमु (Gunapendalamu);
  • Nepali-घर तरुल (Ghar tarul);
  • Malayalamकबुहु (Kabuhu), कच्चील्किलान्गु (Kachchilkilangu), अन्थालारगसू (Anthalargasu);
  • Marathi-चोपरी आल (Chopri aal)।
  • English-कॉमन याम (Common yam), हम्पड् याम (Humped yam)।

रतालू के फायदे एवं सेवन का तरीका (Yam Benefits and Uses in Hindi)

रतालू (ratalu) कार्बोहाइड्रेड और घुलनशील फाइबर से भरपूर होता है। इसमें विटामिन बी1, बी6 होने के साथ-साथ फोलिक एसिड और नियासिन भी होता है। रतालू (yam in Hindi) के बहुत सारे स्वास्थ्यवर्द्धक गुण होने के कारण आयुर्वेद में कई तरह के बीमारियों के उपचार स्वरूप इसका प्रयोग किया जाता है। चलिये इसके बारे में आगे विस्तार से जानते हैं-

गंडमाला या गॉयटर में फायदेमंद रतालू (Ratalu Vegetable Benefits in Goiter in Hindi)

रतालू (yam in hindi) के कंद को पीसकर गले में लगाने से गण्डमाला (थॉयरायड ग्लैंड के नीचे एक ग्लैंड होता है वह सूज जाता है) सूजन कम होता है।

अर्श या पाइल्स से छुटकारा दिलाये रतालू (Yam Benefits in Piles in Hindi)

अर्श या बवासीर के दर्द और रक्तस्राव (ब्लीडिंग) को कम करने में रतालू (yam in hindi) सहायक होता है। कंद का शाक बनाकर खाने से तथा कंद को बवासीर पर लगाने से बवासीर में लाभ होता है।

और पढ़ेबवासीर में रामदाना के फायदे

सेक्सुअल स्टैमिना या पूयमेह को बढ़ाने में लाभकारी रतालू (Yam Boost Sexual Stamina in Hindi)

कंद का उपयोग लैंगिक दुर्बलता तथा पूयमेह की चिकित्सा में किया जाता है।

कुष्ठ के उपचार में फायदेमंद रतालू (Ratalu Benefits in Leprosy in Hindi)

कुष्ठ के घाव का दर्द ही भयानक होता है। कुष्ठ के घाव को ठीक करने में रतालू सहायता करता है। कंद को पीसकर लगाने से विसर्प यानि त्वचा संबंधी रोग या कुष्ठ में लाभ मिलता है।

और पढ़ें: विसर्प रोग के उपचार अमलतास के फायदे

सूजन कम करने में रतालू के फायदे (Ratalu Plant to Treat Inflammation in Hindi)

अगर किसी जगह पर चोट लगने पर सूज गया है या किसी अंग में सूजन हुआ है तो रतालू उसको कम करने में ये मदद करता है। रतालू कंद को पीसकर सूजन वाले जगह पर लगाने से सूजन और खुजली दोनों कम होती है।

और पढ़ें: सूजन कम करने में फायदेमंद कटहल

बिच्छू के काटने रतालू का प्रयोग (Rattalu for Scorpion Bite in Hindi)

अगर बिच्छु ने काटा है तो बिना देर किये रतालू के कंद (yam vegetable in hindi) को पीसकर काटे हुए स्थान पर लगाने से विष का प्रभाव कम हो जाता है।

रतालू का उपयोगी भाग (Useful Parts of Ratalu)

आयुर्वेद में रतालू (rathalu) के कंद का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। चिकित्सक के परामर्शानुसार इसका सेवन करना चाहिए।

रतालू का इस्तेमाल कैसे करें? ( How to Use Yam Fruit or Ratthaalu in Hindi?)

हर बीमारी के लिए रतालू का सेवन और इस्तेमाल (yam benefits)कैसे करना चाहिए, इसके बारे में पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए रतालू (rathalu) का उपयोग कर रहें हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।

रतालू कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Ratalu Found or Grown)

सम्पूर्ण भारतवर्ष में इसकी खेती (ratalu ki kheti) की जाती है। रतालू (yam) वर्षा ऋतु में ज्यादातर पैदा होता हैं।

और पढ़ें:

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

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