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खदिरादि वटी के फायदे और उपयोग (Khadiradi Vati ke Fayde aur Upyog)

Contents

खदिरादि वटी का परिचय (Introduction of Khadiradi Vati)

क्या आपको पता है कि खदिरादि वटी क्या (khadiradi vati in hindi) है? खदिरादि वटी एक बहुत ही गुणी औषधि है जिसका उपयोग बहुत सालों से बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जा रहा है। सदियों से हमारे देश में आयुर्वेदाचार्य खदिरादि वटी का इस्तेमाल कर रोगों को ठीक करने का काम कर रहे हैं।

खदिरादि वटी (khadiradi vati in hindi) का प्रयोग एक-दो नहीं बल्कि अनेक बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है। आप मुंह के छाले की परेशानी हो या दांतों के रोग या फिर गले की बीमारी, सभी में खदिरादि वटी का इस्तेमाल कर सकते हैं, कैसे? आइए जानते हैं।

खदिरादि वटी क्या है? (What is Khadiradi Vati?)

खदिरादि वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है जो मुंह के छालों और स्वर भंग यानी आवाज बैठने के रोग (Ayurvedic Medicine For Mouth Ulcer) में काफी उपयोगी है । यह दुर्गंधयुक्त सांस, दांतों के रोग, गले के संक्रमण आदि रोगों में लाभकारी है।

खदिरादि वटी के फायदे (Khadiradi Vati Benefits and Uses)

आप खदिरादि वटी का प्रयोग कई रोगों को ठीक करने के लिए कर सकते हैं, जो ये हैंः-

मुँह के छालों से आराम दिलाये खदिरादि वटी (Khadiradi Vati Benefits to Cure Mouth Ulcer in Hindi)

मुंह के छाले की बीमारी एक आम समस्या है। यह खान-पान के असंतुलन के साथ-साथ अन्य कई कारणों से हो जाती है। कई लोगों को बराबर मुंह के छाले की परेशानी होती है। ऐसे लोग खदिरादि वटी का सेवन करेंगे तो बहुत लाभ (ayurvedic medicine for mouth ulcer) मिलेगा।

और पढ़ें: मुंह के छाले में सुपारी के फायदे

गला बैठने और आवाज खराब होने पर करें खदिरादि वटी का प्रयोग (Khadiradi Vati Uses to Cure Sore Throat Problem in Hindi)

अधिक बोलने, ज्यादा जोर से बोलने या तेज बोलने के कारण कई बार गला बैठ जाता है। मौसम के कारण होने वाली सर्दी या खांसी की परेशानी में भी कई बार आबाज के बैठने की शिकायत हो जाती है। ऐसे में खदिरादि वटी का सेवन फायदेमंद होता है।

और पढ़े – मुँह के छालों में कदम्ब के फायदे

मुँह का स्वाद बिगड़ने पर करें खदिरादि वटी का सेवन (Khadiradi Vati Beneficial in Bitterness of Mouth in Hindi)

जिन लोगों को खाने का स्वाद नहीं मिल रहा हो या मुंह का जायका बिगड़ गया हो, उन्हें खदिरादि वटी का इस्तेमाल करना चाहिए। यह मुंह के स्वाद को ठीक करने का काम करती है। खदिरादि वटी (khadiradi gutika) को मुंह में रखना चूसना अच्छा होता है।

मुँह सूखता है तो करें खदिरादि वटी का सेवन (Benefits of Khadiradi Vati for Mouth Dryness in Hindi)

कई महिलाएं या पुरुषों को मुंह के सूखने की परेशानी रहती है। इन लोगों को खदिरादि वटी का प्रयोग करना चाहिए। खदिरादि वटी मुंह के सूखने की समस्या में लाभ (khadiradi vati benefits) पहुंचाती है।

दांतों के रोग में खदिरादि वटी से लाभ (Uses of Khadiradi Vati to Cure Dental Disease in Hindi)

दांतों के कई रोग जैसे-  दांत दर्द, दांत में ठंडा-गर्म लगने जैसी समस्या में खदिरादि वटी का उपयोग फायदेमंद होता है। इसके इस्तेमाल के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें।

होठों के रोग में खदिरादि वटी से फायदा (Khadiradi Vati Benefits to Cure Lips Disease in Hindi)

खदिरादि वटी (khadiradi vati benefits) को चूसने से फायदा होता है। इसको मुँह में रखने से होठों के रोग, जीभ के छाले और तालु से संबंधित समस्याओं में लाभ करती है।

और पढ़ेंमुँह के छालों के लिए घरेलू उपचार

खदिरादि वटी की खुराक (Doses of Khadiradi Vati)

आप खदिरादि वटी का सेवन ऐसे कर सकते हैंः-

250-500 मिलीग्राम

खदिरादि वटी (khadiradi gutika) को मुंह में रख कर चूसना चाहिए।

खदिरादि वटी कहां से खरीदें (Where to Buy Khadiradi Vati)

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आयुर्वेद में खदिरादि वटी के बारे में उल्लेख (Khadiradi Vati in Ayurveda)

आयुर्वेद में खदिरादि वटी के बारे ये बताया गया हैः-

आयुर्वेद में खदिरादि वटी का वर्णन निम्न रूप में पाया जाता है।

खदिररस्य तुलां सम्यग् जलद्रोणे विपाचयेत्।

शेषेSष्टभागे तत्रैव प्रतिवापं प्रदीपयेत्।।

जातिकर्पूरपूगानि कक्कोलफलकानि च।

इत्येषा गुडिका कार्य्या मुखसौभाग्यवर्द्धिनी।

दन्तौष्ठमुखरोगेषु जिह्वाताल्वामयेषु च।।

भै.र. 61/96-97, च.द. 56/119-120

खदिरादि वटी बनाने के लिए उपयोगी घटक (Composition of Khadiradi Vati)

आप इन घटकों से खदिरादि वटी बना सकते हैंः-

क्र.सं.

घटक द्रव्य

उपयोगी हिस्सा

अनुपात

1

खैरसार कत्था) (Acacia catechu Willd)

48 ग्राम

2

जावित्री (Myristica fragrans Houtt)

12 ग्राम

3

कंकोल मिर्च (Piper cubeba Linn.)

12 ग्राम

4

कपूर (Cinnamomum camphora Nees & Eberm.)

12 ग्राम

5

सुपारी (Areca catechu Linn.)

12 ग्राम

6

जल Q.S. मर्दनार्थ

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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