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थायराइड के लक्षण, कारण, घरेलू उपचार और परहेज (Home Remedies for Thyroid Hypothyroidism)

Contents

थायरॉइड (Introduction of Thyroid)

आयुर्वेद में थायरॉइड से सम्बन्धित रोग को अवटु ग्रंथि विकार कहा गया हैं। यह अनुचित आहार-विहार एवं तनाव पूर्ण जीवन जीने की वजह से होता है। इसमें वात, पित्त व कफ का असंतुलन और मुख्य रूप से वात एवं कफ विकार के कारण होता है।थायराइड जड़ से खत्म करने के लिये आयुर्वेदिक तरीकों को आजमा सकते हैं। आयुर्वेदीय उपचार द्वारा वात और कफ दोषों को सन्तुलित कर थायरॉइड का इलाज किया जा सकता है।

वास्तव में एलोपैथिक चिकित्सा में थॉयराइड विकार के लिये स्टीरॉइड्स का सेवन कराया जाता है जो कि हानिकारक होता है। इसलिए थायराइड जड़ से खत्म करने के उपायों में आयुर्वेदिक चिकित्सा प्राकृतिक चिकित्सा होने के कारण सबसे अच्छा माना जाता है। ऐसी कई चीजें हैं जिनका रोजाना अपने घरों में खान-पान के रूप में उपयोग करते हैं और आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इन्हीं चीजों का प्रयोग थायरॉइड रोग में बेहद फायदेमंद होता है। कैसे? आइए जानते हैं।

थायरॉइड क्या है? (What is Thyroid?)

थायरॉइड ग्रन्थि में आई गड़बड़ी के कारण थायरॉइड से संबंधित रोग जैसे Hyperthyroidism या Hypothyroidism होते है। Thyroid gland को अवटु ग्रन्थि भी कहा जाता है। अवटु या Thyroid ग्रन्थियाँ मानव शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी अतस्रावी ग्रंथियों में से एक है।

यह द्विपिंडक रचना हमारे गले में स्वरयंत्र के नीचे Cricoid Cartilage के लगभग समान स्तर पर स्थित होती है। शरीर की चयापचय क्रिया में थायरॉइड ग्रंथि का विशेष योगदान होता है।

यह Thyroid ग्रन्थि Triiodothyronin (T3) और Thyrocalcitonin नामक हार्मोन स्रावित करती है। ये हार्मोन शरीर के चयापचय दर और अन्य विकास तंत्रों को प्रभावित करते हैं। Thyroid harmone हमारे शरीर की सभी प्रक्रियाओं की गति को नियंत्रित करता है।

सामान्य थायरॉइड हार्मोन के कार्य (Works of Thyroid)

आपका शरीर थायरॉइड से ये फायदा होता हैः-

  • Thyroxine हार्मोन वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के चयापचय को नियंत्रित रखता है।
  • यह रक्त में चीनी, कोलेस्ट्रॉल (Cholestrol) तथा फोस्फोलिपिड की मात्रा को कम करता है।
  • यह हड्डियों, पेशियों, लैंगिक तथा मानसिक वृद्धि को नियंत्रित करता है।
  • हृदयगति एवं रक्तचाप को नियंत्रित रखता है।
  • महिलाओं में दुग्धस्राव को बढ़ाता है।

थायरॉइड के प्रकार (Types of Thyroid)

थायरॉइड ग्रंथि विकार के दो प्रकार हैं-

  • थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyrodism)
  • अल्पसक्रियता (Hypothyrodism)

थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyrodism)

यह थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता के कारण होने वाला रोग है। इसकी अतिसक्रियता के कारण T4  और T3 harmone  का आवश्यकता से अधिक उत्पादन होने लगता है। जब इन हार्मोन्स का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगता है तो शरीर ऊर्जा का उपयोग अधिक मात्रा में करने लगता है। इसे ही Hyperthyroidism  कहते हैं। पुरुषों की तुलना महिलाओं में यह समस्या अधिक देखी जाती है। इसकी पहचान इन परेशानियों से की जा सकती है। थायराइड जड़ से खत्म करने के उपाय को सही तरीके से काम करने के लिए उसके लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए।

  • थायरॉइड हार्मोन (Thyroid harmone) की अधिकता के कारण शरीर में चयापचय यानी Metabolis  बढ़ जाता है और हर काम तेजी से होने लगता है।
  • घबराहट
  • चिड़चिड़ापन
  • अधिक पसीना आना।
  • हाथों का काँपना।
  • बालों का पतला होना एवं झड़ना।
  • अनिद्रा (नींद ना आने की परेशानी)
  • मांसपेशियों में कमजोरी एवं दर्द रहना।
  • दिल की धड़कन का बढ़ना।
  • बहुत भूख लगने के बाद भी वजन घटता है।
  • महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता देखी जाती है।
  • ओस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) हो जाता है जिसकी वजह से हड्डी में कैल्शियम (Calcium) तेजी से खत्म होता है।

अल्पसक्रियता (Hypothyrodism)

अवटु ग्रंथि की अल्प सक्रियता के कारण Hypothyroidism हो जाता है। इसकी पहचान इन परेशानियों से की जा सकती हैः-

  • धड़कन की धीमी गति।
  • हमेशा थकान बने रहना।
  • अवसाद (Depression)
  • सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील होना।
  • Metabolism धीमा पड़ने के कारण वजन बढ़ना।
  • नाखूनों का पतला होना एवं टूटना।
  • पसीने में कमी।
  • त्वचा में सूखापन आना और खुजली होना।
  • जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में अकड़न होना।
  • बालों का अधिक झड़ना।
  • कब्ज
  • आँखों में सूजन।
  • बार-बार भूलना।
  • कन्फ्यूज रहना, सोचने-समझने में असमर्थ होना।
  • मासिक धर्म में अनियमितता होना। 28 दिन की साइकिल का 40 दिन या इससे अधिक दिन का होना।
  • चेहरे और आँखों में सूजन।
  • खून में कोल्स्ट्रॉल (Cholestrol) का स्तर बढ़ जाना।
  • महिलाओं में इसके कारण बांझपन आ सकता है।

थायरॉइड के कारण (Causes of Thyroid)

थायरॉइड होने के ये कारण हो सकते हैंः-

  • अधिक तनावपूर्ण जीवन जीने से थायरॉइड हार्मोन (Thyroid harmone) की सक्रियता पर असर पड़ता है।
  • आहार में आयोडीन की मात्रा कम या ज्यादा होने से थायरॉइड ग्रंथियाँ विशेष रूप से प्रभावित होती हैं।
  • यह रोग अनुवांशिक भी हो सकता है। यदि परिवार के दूसरे सदस्यों को भी यह समस्या रही हो तो इसके होने के संभावना अधिक रहती है।
  • महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान थायरॉइड हार्मोन्स में असंतुलन देखा जाता है क्योंकि इस समय महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं।
  • भोजन में सोया उत्पादों का अधिक इस्तेमाल करने के कारण।

किन रोगों से होता है थायरॉइड?

इन रोगों के कारण भी थायरॉइड की बीमारी हो सकती हैः-

  • हाशिमोटो रोग (Hashimotos disease)

यह रोग थायरॉइड ग्रंथि के किसी एक भाग को निक्रिय बना देता है।

  • थायरॉइड ग्रंथि में सूजन (Thyroiditis)

यह थायरॉइड ग्रंथि में सूजन आने के कारण होता है। शुरुआत में इसमें थाइरॉइड हार्मोन का अधिक उत्पादन होता है और बाद में इसमें कमी आ जाती है जिस कारण Hypothyrodism हो जाता है। कईं बार यह महिलाओं में गर्भावस्था के बाद देखा जाता है।

  • आयोडीन की कमी

आहार में Iodine की कमी के कारण Hypothyrodism हो जाता है इसलिए Iodine युक्त नमक का इस्तेमाल करना चाहिए।

  • ग्रेव्स रोग (Gravesdisease)

ग्रेव्स रोग व्यस्क लोगों में Hyperthyrodism होने का मुख्य कारण है। इस रोग में शरीर की रोग प्रतिक्षा प्रणाली ऐसे Antibodies का उत्पादन करने लगती है जो TSH को बढ़ाती है। यह अनुवांशिक बीमारी है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है।

  • गण्डमाला रोग (Goitre)

यह बीमारी घेंघा रोग के कारण भी हो सकती है।

  • विटामिन बी12 (Vitamin B12)

विटामिन बी12 के कारण भी Hypothyrodism हो सकता है।

थायरॉइड के घरेलू उपचार (Home Remedy for Thyroid)

आप थायरॉइड को ठीक करने के लिए ये घरेलू उपचार आजमा सकते हैंः-

अश्वगंधा चूर्ण के सेवन से थायरॉइड का इलाज (Ashwagandha Churna:Home Remedy for Cure Thyroid in Hindi)

रात को सोते समय एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण गाय के गुनगुने दूध के साथ लें। इसकी पत्तियों या जड़ को भी पानी में उबालकर पी सकते हैं, अश्वगंधा हार्मोन्स के असंतुलन को दूर करता है।

और पढ़ें: अश्वगंधा के फायदे

मुलेठी से थायरॉइड का इलाज (Mulethi:Home Remedy for Thyroid Treatment in Hindi)

मुलेठी का सेवन करें। शोध के अनुसार मुलेठी में पाया जाने वाला प्रमुख घटक ट्रीटरपेनोइड ग्लाइसेरीथेनिक एसिड Thyroid Cancer Cells  को बढ़ने से रोकता है।

और पढ़ें: Mulethi Ke Fayde

तुलसी के प्रयोग से थायरॉइड का उपचार (Tulsi Benefits in Cure Thyroid in Hindi)

दो चम्मच तुलसी के रस में आधा चम्मच ऐलोवेरा जूस मिला कर सेवन करें।

हरी धनिया के इस्तेमाल से थायरॉइड में फायदा (Dhaniya Uses in Thyroid Treatment in Hindi)

हरी धनिया को पीसकर एक गिलास पानी में घोल कर पिएँ।

त्रिफला चूर्ण से थायरॉइड से लाभ (Triphala is Beneficial in Thyroid Disease in Hindi)

प्रतिदिन एक चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन करें।

हल्दी और दूध से थायरॉइड की बीमारी का इलाज (Turmeric and Milk are Beneficial in Thyroid Problem in Hindi)

प्रतिदिन दूध में हल्दी पका कर पीना भी थायराइड के घरेलू उपचार (thyroid ka gharelu ilaj in hindi) के अंतगर्त आता है

लौकी के उपयोग से थायरॉइड में फायदा (Gourd Helps in Thyroid Problem in Hindi)

खाली पेट लौकी का जूस पीना भी थायराइड के घरेलू उपचार (thyroid ka gharelu ilaj in hindi) के अंतगर्त आता है

काली मिर्च के सेवन से थायरॉइड का उपचार (Black Pepper:Home Remedy in Thyroid in Hindi)

थायराइड के घरेलू उपचार (thyroid ka gharelu ilaj in hindi) में नियमित रूप से भोजन में थोड़ी मात्रा में काली मिर्च का सेवन करें।

और पढ़े: हाइपरथायरायडिज्म के घरेलू इलाज

थायरॉइड के दौरान आपका खान-पान (Your Foods in Thyroid Disease)

थायरॉइड की परेशानी के दौरान आपका खान-पान ऐसा होना चाहिएः-

  • थायरॉइड रोग में कम वसा वाले आहार का सेवन करें।
  • ज्यादा से ज्यादा फलों एवं सब्जियों को भोजन में शामिल करें। विशेषकर हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें, इनमें उचित मात्रा में आयरन होता है जो थायरॉइड के रोगियों के लिए फायदेमंद है।
  • पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें, मिनरल्स और विटामिन से युक्त भोजन लेने से थायरॉइड कन्ट्रोल से मदद मिलती है।
  • आयोडीन युक्त आहार का सेवन करें।
  • नट्स जैसे बादाम, काजू और सूरजमुखी के बीजों का अधिक सेवन करें, इनमें कॉपर की पर्याप्त मात्रा होती है जो कि थायरॉइड में फायदेमंद होता है।
  • थायराइड के घरेलू उपचार (thyroid ka gharelu ilaj in hindi) के अंतगर्त दूध और दही का अधिक सेवन करना चाहिए।
  • थायराइड के घरेलू उपचार (thyroid ka gharelu ilaj in hindi)में विटामिन-ए का अधिक सेवन करना शामिल है, जैसे गाजर खाना।
  • जंक फूड एवं प्रिजरवेटिव युक्त आहार को नहीं खाएँ।

थायरॉइड के दौरान जीवनशैली (Lifestyle Changes in Thyroid Disease)

थायराइड के घरेलू उपचार (thyroid ka gharelu ilaj in hindi) को अपनाने के अलावा थायरॉइड की परेशानी कम करने के लिए आपके खान-पान और जीवनशैली में ये सब बदलाव करने जरूरी होते हैं-

  • नियमित रूप से प्राणायाम एवं ध्यान करें।
  • तनाव मुक्त जीवन जीने की कोशिश करें।
  • योगासन करें।
  • धूम्रपान, एल्कोहल आदि नशीले पदार्थों से बचें।
  • साबुत अनाज का सेवन करें इसमें फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स भरपूर मात्रा में होते हैं।
  • मुलेठी में मौजूद तत्व थायरॉइड ग्रन्थि को संतुलित बनाते हैं। यह Thyroid में Cancer को बढ़ने से भी रेकता है।
  • गेहूँ और ज्वार का सेवन करें।

योगासन से थायरॉइड का उपचार (Yoga Benefits for Thyroid Disease)

थायराइड के घरेलू उपचार (thyroid ka gharelu ilaj in hindi) के अलावा ये सभी आसन थायरॉइड रोग को ठीक करते हैं।

  • सूर्य नमस्कार
  • पवनमुक्तासन
  • सर्वांगासन
  • उष्ट्रासन
  • हलासन
  • मत्स्यासन
  • भुजंगासन
आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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