आजकल के प्रदूषण भरे वातावरण, मोबाइल फोन, कंम्यूटर के ज्यादा इस्तेमाल, तरह-तरह के कॉज़्मेटिक के उपयोग के कारण खुजली की समस्या से सब परेशान रहते हैं। खाज (Scabies) एक तरह का त्वचा संबंधी संक्रामक बीमारी होता है जो बहुत आसानी से संक्रमित व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति में फैल जाता है। यह सारकोपटेस स्केबी (Sarcoptes scabiei) जो कि एक बहुत छोटा घुन (mite) होता है इसके संक्रमण के कारण होता है।
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दाद, खाज और खुजली का नाम तो सभी जानते हैं। ये तीनों बीमारी त्वचा संबंधी संक्रामक रोग होता है। जैसा कि आप जानते हैं कि खाज सारकोपटेस स्केबी के कारण होता है। यह सूक्ष्मदर्शी सारकोपटेस स्केबी (Sarcoptes scabiei) घुन शरीर में लगभग दो महीने तक रह सकता है। यह त्वचा की सतह पर उगते है और फिर उगने के लिए अण्डा देते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल इस त्वचा रोग के लगभग 300 मिलियन मामले सामने आते है। सारकोपटेस स्केबी (Sarcoptes Scabiei) एक आठ पैर वाला अत्यंत छोटा माइट (mite) होता है, जो एक प्रकार का कीट होता है। स्केबीज़ (Scabies) से संबंधित माइट एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक बहुत आसानी से फैल जाता है।
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स्केबीज में सबसे आम लक्षण होता है खुजली। इस रोग में खुजली की तीव्रता बहुत ज्यादा होती है। इसके अलावा और भी लक्षण होते हैं, जो निम्न हैं-
-त्वचा पर छोटे-छोटे पानी से भरे दाने हो जाते है जो चकत्तों के रूप में दिखाई देते है। यह कुछ लोगों में परतदार धब्बों के रूप में दिखाई पड़ते है जो कुछ एक्जिमा (eczema) की तरह भी दिखाई देते है।
-खुजली वाली जगह पर अधिक खरोंचने से वहाँ पर घाव बन जाता है और घाव में कोई संक्रमण भी विकसित हो सकता है।
-उपचार न होने पर यह पपड़ीदार स्केबीज के रूप में परिवर्तित हो जाता है। यह तब होता है जब त्वचा में कई सारे घुन (mites) घुस जाते है और बहुत ज्यादा खुजली होने लगती है।
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स्केबीज (Scabies) एक सारकोपटेस स्केबीज़ (Sacoptes Scabies) नामक कीट (mite) के कारण होता है। यह कीट त्वचा में छेद करते है जिससे त्वचा में सुरंगनुमा छेद बन जाते है और उनमें मादा कीट अपने अंडे देती है। अण्डे फूटने पर उनसे निकलने वाले सूक्ष्म कीट (Larvae) त्वचा में अलग दिशाओं में या शारीरिक सम्पर्क के दौरान दूसरे शरीर में फैलने लगते है। यह त्वचा के अलावा कपड़े या बिस्तर पर भी तीन से चार दिन तक जीवित रह सकते है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में तो यह रोग और जल्दी हो जाता है।
स्केबीज़ से बचने के लिए जीवनशैली और आहार में बदलाव लाना ज़रूरी होता है ताकि उसको पनपने या बढ़ने से रोका जा सके।
जीवनशैली-
-संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बिस्तर और उपयोग करने वाली सभी चीजों को अलग रखना चाहिए।
-संक्रमित मरीज के साथ किसी भी प्रकार के शारीरिक सम्पर्क से बचना चाहिए क्योंकि यह बहुत ही जल्दी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल जाता है।
-उपचार के लिए शरीर पर दवा लगाने के बाद प्रयोग किए गए कपड़ों को दोबारा न पहनें।
-उपचार शुरु करने से पहले से सभी कपड़े, तौलिये और बिस्तरों को साबुन और गर्म पानी से साफ करें और तेज धूप में सुखाएं। जिन चीजों को धोया नहीं जा सकता है उनको ड्राइक्लिन करें।
आहार-
स्केबीज़ की समस्या में कोई विशेष आहार का निर्देश नहीं है क्योंकि यह संक्रमण त्वचा के ऊपर और बाहर होता है। यह कीट (mile) के त्वचा में संक्रमण के कारण होता है फिर भी स्वास्थ्य की दृष्टि से हल्का एवं सुपाच्य आहार लेना चाहिए तथा ऐसे खाद्य पदार्थ जो किसी प्रकार की एलर्जी या खुजली को बढ़ावा देते हो नहीं करना चाहिए। गर्म एवं मिर्च-मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
आम तौर पर खुजली के परेशानी से निजात पाने के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाया जाता है। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से खुजली की परेशानी से राहत मिल सकती है-
नीम की पत्तियों और हल्दी को अच्छी प्रकार पीसकर लेप तैयार कर लें और इस लेप को प्रभावित स्थान पर लगाएं। इसके अलावा नीम का तेल भी इस्तेमाल कर सकते है।
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लौंग के तेल में एंटी-बैक्टिरीयल (anti-bacterial) गुण होते है इसलिए यह स्केबीज़ (Scabies) के इलाज में फायदेमन्द होता है। लौंग के तेल में नारियल तेल मिलाकर दो-तीन हफ्ते तक नहाने से पहले त्वचा पर लगाने से स्केबीज़ (Scabies) से राहत मिलती है।
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एक चम्मच हल्दी में कुछ बूंद नींबू के रस में मिलाकर त्वचा पर लगाकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें और उसके बाद ठंडे पानी से धो लें।
एलोवेरा का ताजा जेल लेकर उसमें स्केबीज़ (Scabies) से प्रभावित त्वचा पर लगाकर आधे घंटे के लिए छोड़ दे और उसके बाद गुनगुने पानी से धो लें। दिन में दो बार ऐसा करने से स्केबीज़ (Scabies) से राहत मिलती है।
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काली मिर्च को पानी में डालकर अच्छी तरह से उबाल लें। फिर उस पानी से स्नान करें परंतु अति संवेदनशील रोगी इसका प्रयोग न करें।
-टी ट्री ऑयल का एंटी फंगल गुण खुजली के घाव को सुखाने में मदद करता है। टी ट्री ऑयल को खुजली की परेशानी से जल्दी राहत दिलाता है।
-एक छोटा चम्मच टी ट्री ऑयल में एक चम्मच जैतून का तेल मिश्रित कर लें और साफ रूई की सहायता से इसको प्रभावित जगह पर लगाएं। ऐसा दिन में दो बार तीन से चार सप्ताह तक करें।
-टी ट्री ऑयल को पानी में मिलाकर उस पानी से स्नान करें।
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जस्ता (Zinc) त्वचा के संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। जस्ता की 3 से 4 गोलियों को पीस कर पाउडर बना लें और इसमें हल्दी मिला कर लेप बना लें। इस लेप को प्रभावित जगह पर लगाएं और सूखने के बाद गुनगुने पानी से धो लें। रोग जब तक ठीक न हो ऐसा प्रतिदिन करें।
सौंफ का पौधा एक औषधि के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसमें एंटी बैक्टिरीयल और कीटनाशक गुण पाया जाता है। इसके बीज के तेल को प्रभावित हिस्से पर लगाने से तुरंत आराम मिलता है।
त्वचा संबंधित समस्याओं में चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी होता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समस्या किसी संक्रमण के कारण तो नहीं है। स्केबीज़ जैसी समस्या आसानी से संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बिस्तर शेयर करने या शारीरिक सम्पर्क में आने से फैल सकती है। अत: यदि तीव्र खुजली के साथ त्वचा पर दाने उभर गए हो तो यह निश्चित ही स्केबीज़ जैसी संक्रामक बीमारी हो गई है और उपचार के अभाव में यह अधिक तीव्र खुजली के रूप में परिवर्तित हो सकती है। इसलिए इस प्रकार से खुजली होने पर नजरअन्दाज न करते हुए तुरंत ही डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
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