कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) को आमतौर पर ‘आँख आना’ कहते है। यह एक प्रकार का संक्रमण होता है जिसके कारण आँखों में सूजन होती है। यह संक्रमण आँख की बाहरी परत (Conjunctivitis) और पलक की अंदरूनी सतह पर होती है। इसकी वजह से आँखे लाल, सूजनयुक्त, चिपचिपी (कीचड़युक्त) हो जाती है और उनमें बाल चुभने जैसी अनुभूति होती है। इस समस्या के दौरान आँखों में बहुत तकलीफ होती है।
Contents
- 1 आँख आना या कंजक्टिवाइटिस क्या होता है ?( What is Conjunctivitis?)
- 2 कंजक्टिवाइटिस क्यों होता है? (Causes of Conjunctivitis)
- 3 कंजक्टिवाइटिस से बचने के उपाय (Prevention from Conjunctivitis)
- 4 आँख आने पर घरेलू इलाज (Home Remedies for Conjunctivitis)
- 4.1 नमक कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Salt Beneficial for Conjunctivitis)
- 4.2 शहद कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Honey Beneficial for Conjunctivitis)
- 4.3 एलोवेरा कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Aloe Vera Beneficial for Conjunctivitis)
- 4.4 बोरिक एसिड कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Boric Acid Beneficial for Conjunctivitis)
- 4.5 गर्म सेंक कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Hot Compress Beneficial for Conjunctivitis)
- 4.6 सेब का सिरका कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Apple Cider Vinegar Beneficial for Conjunctivitis)
- 4.7 टी बैग कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Tea Bag Beneficial for Conjunctivitis)
- 4.8 धनिया कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Coriander Beneficial for Conjunctivitis)
- 4.9 त्रिफला कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Trifla Beneficial for Conjunctivitis)
- 4.10 फिटकरी आँखों के रोगों में फायदेमंद (Alum Beneficial in Eye Diseases)
- 5 डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ? (When to See a Doctor?)
आँख आना या कंजक्टिवाइटिस क्या होता है ?( What is Conjunctivitis?)
आयुर्वेद में कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) को अभिष्यंद कहा है। आहार और जीवनशैली में की गई गड़बड़ी के कारण वात-पित्त एवं कफ दोष असंतुलित अवस्था में आ जाते है, इसमें मुख्यत पित्त दोष के कारण आँख आने की समस्या होती है। जिस कारण इसमें चिपचिपा स्राव, खुजली एवं लालिमा जैसे लक्षण दिखाई देते है।
कंजक्टिवाइटिस क्यों होता है? (Causes of Conjunctivitis)
यह प्राय: एलर्जी या संक्रमण के द्वारा होता है। यह संक्रमण वायरल और बैक्टिरीयल दोनों प्रकार से हो सकता है।
बैक्टिरीयल कंफक्टिवाइटिस (Bacterial confunctivitis) –यह संक्रमण हमारी त्वचा या श्वसन प्रणाली से स्टाइफाइलोकोक्कल (Staphylococcal) या स्ट्रेप्टोकोक्ल बैक्टेरीर (streptococcal bacterir) से होता है। कीड़े, साफ-सफाई का ध्यान न रखना, अन्य लोगों के साथ शारीरिक संपर्क के कारण यह होता है। यह आमतौर पर एक आँख में शुरू होकर कभी-कभी दूसरी आँख में भी फैल जाता है। ऐसे अवस्था में आँख में से पीले या हरे रंग का स्राव होता है।
वायरल कंजक्टिवाइटिस (Viral Conjunctivitis)– यह आमतौर पर जुकाम से जुड़े संक्रामक वायरस के कारण होता है। यह ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण वाले किसी व्यक्ति के खाँसी या छींकने के संपर्क से हो सकता है। इसमें कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) के अन्य लक्षणों के साथ ठंड, फ्लू या अन्य श्वसन संक्रमण के लक्षण भी हो सकते हैं। आमतौर पर यह एक आँख से शुरु होता है और कुछ दिनों में दूसरी आँख में भी फैल सकता है तथा इसमें आँख से पतला रिसाव होता है।
एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस (Allergic Conjunctivitis)–यह उन लोगों को होता है जिन्हें मौसम के अनुसार एलर्जी होती है। ये जब किसी ऐसे पदार्थ के सम्पर्क में आते है जो उनकी आंखों में एलर्जी की प्रतिक्रिया पैदा करते है तो उन्हें एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस हो जाता है। यह आमतौर पर दोनों आँखों में होता है, इसमें आँखों में खुजली आँसु आना और सूजन जैसे लक्षण होते है। अक्सर यह एलर्जी के अन्य लक्षणों के साथ होता है जैसे नाक में खुजली, छींके आना या गले में खराश होना।
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कंजक्टिवाइटिस से बचने के उपाय (Prevention from Conjunctivitis)
कंजक्टिवाइटिस संक्रमण के कारण होने वाली बीमारी है जो आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। ऐसे में कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के लोगों में संक्रमण होने का खतरा अधिक रहता है तथा उचित आहार न लेना कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली होने का कारण है। इसके अतिरिक्त खराब जीवनशैली के कारण भी यह हो सकता है जैसे साफ-सफाई का ध्यान न रखना, गंदे हाथों से आँखों को रगड़ना, अन्य व्यक्ति का तौलिया, रूमाल या अन्य चीजों को उपयोग करना आदि। अत: अनुचित आहार एवं जीवनशैली के कारण भी कंजक्टिवाइटिस हो सकता है।
आहार और जीवनशैली में कौन-कौन से बदलाव करने चाहिए-
–कंजक्टिवाइटिस होने पर प्रतिरक्षा को बढ़ाने और संक्रमण को रोकने वाले आहार का सेवन करना चाहिए। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर फलों और सब्जियों को खाना चाहिए।
-अपने आहार में विटामिन ए, विटामिन बी2 और विटामिन सी से युक्त पदार्थों को शामिल करें। विटामिन ए और विटामिन के लिए दूध से बने खाद्द पदार्थ,टमाटर, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, आम और पपीता, बादाम और केले का सेवन करें। विटामिन सी के लिए आँवला, सन्तरा आदि खट्टे फलों का सेवन करें।
-बीटा कैरोटिन भी हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसके लिए नारंगी रंग के फल या सब्जियों जैसे कद्दू, सतंरा, गाजर, पपीता और आम का सेवन करें।
-तौलिया और रूमाल जैसी चीजें किसी की भी प्रयोग न करें।
-अगर आप को बदलते मौसम में एलर्जी की शिकायत है तो इसके लिए पहले से ही एहतियात बरतें।
-कभी भी हाथों को धोये बिना आँखों को न छुएँ।
-यदि आप तैराकी करते है तो तैराकी करते समय पानी में बैक्टिरिया और अन्य सूक्ष्म जीवों से आँखों को बचाने के लिए तैराकी करने वाले चश्में पहने।
-सार्वजनिक स्थानों से आने के बाद हाथों को अच्छी प्रकार धोएँ।
-नल के हैंडल व अन्य छूने की वस्तुओं को एंटीसेप्टिक क्लीनर से साफ करें।
आँख आने पर घरेलू इलाज (Home Remedies for Conjunctivitis)
आम तौर पर आँख आने पर घरेलू तरीकों को ही सबसे पहले अपनाया जाता है, तो चलिये जानते हैं कि वह असरदार घरेलू तरीके हैं कौन-
नमक कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Salt Beneficial for Conjunctivitis)
एक कप साफ पानी में आधा चम्मच नमक डालकर उबालें। ठंडा होने के बाद इसे ड्रापर की सहायता से आँखों में डालें।
शहद कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Honey Beneficial for Conjunctivitis)
–शहद में एन्टी बैक्टिरीयल, एंटी वायरल और एंटी इंफ्लैमटोरी गुण होते है। एक चौथाई चम्मच शहद, एक चौथाई कप साफ पानी और एक चुटकी नमक लें। शहद और नमक को साफ पानी में अच्छी तरह से मिला लें। इस पानी की एक से दो बूंदे ड्रापर की सहायता से आँखों में डालें।
-गुनगुने दूध में शहद के अच्छी प्रकार मिलाएँ और ड्रॉपर की सहायता से 2-3 बूंद आँखों में डालें।
एलोवेरा कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Aloe Vera Beneficial for Conjunctivitis)
ताजे एलोवेरा से जेल निकाल कर साफ पानी में अच्छी प्रकार मिला लें और ड्रापर की सहायता से आँखों पर डालें। दिन में 3-4 बार इसका प्रयोग करें।
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बोरिक एसिड कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Boric Acid Beneficial for Conjunctivitis)
बोरिक एसिड जीवाणुरोधी और एंटी-फंगल गुणों के कारण आँखों की कई समस्याओं के लिए लाभदायक होता है। यह आँखों को साफ भी रखता है। एक कफ पानी में एक चम्मच बोरिक एसिड मिलाएं और इससे अपनी आँखों को धोएं या रूई की सहायता से इससे आँखों को साफ करें। इसका इस्तेमाल दिन में दो या तीन बार करें।
गर्म सेंक कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Hot Compress Beneficial for Conjunctivitis)
-एक कफ गर्म पानी में दो चम्मच सूखे गेंदे के फूल मिलाएं और ठण्डा होने के बाद इसे अच्छी प्रकार मिला लें। इस पानी का प्रयोग आँखों को धोने के लिए करें या फिर इसके गर्म होने पर ही साफ कपड़ा डुबाकर इसे गर्म सिंकाई की तरह प्रयोग करें।
-सिंकाई (Hot compress) का प्रयोग करें। सिंकाई के लिए गुलाब, लेवेण्डर और कैमोमाइल के तेल का इस्तेमाल करें। इन तेल में से कोई एक गर्म तेल को कपड़े में डाले और फिर उसे आँखों के ऊपर ठण्डा होने तक रहने दें। इसे दिन में कम से कम 2-3 बार करें।
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सेब का सिरका कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Apple Cider Vinegar Beneficial for Conjunctivitis)
एक कफ साफ पानी में 2 चम्मच सेब का सिरका मिलाएं। रूई की सहायता से इस पानी से आँखों को साफ रखें।
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टी बैग कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Tea Bag Beneficial for Conjunctivitis)
ठंडी काली चाय के बैग को दस मिनट के लिए आँखों पर लगाकर रखें। इसका प्रयोग कुछ घंटो के अन्तर में दिन में दो-तीन बार करें। इसकी जगह ग्रीन टी और कैमोमाइल टी बैग का भी इस्तेमाल कर सकते है।
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धनिया कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Coriander Beneficial for Conjunctivitis)
ताजा धनिया लेकर उसे पानी में उबाल लें। अब इस पानी को छानकर ठंडा कर लें और इस पानी से आँखों को धोएं। इससे आँखों की लालिमा, दर्द और सूजन ठीक होती है।
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त्रिफला कंजक्टिवाइटिस में फायदेमंद (Trifla Beneficial for Conjunctivitis)
प्रतिदिन त्रिफला के पानी के साथ आँखों को धोने से आँखों की ज्योति बढ़ती है तथा आँखों के रोग नहीं होते।
फिटकरी आँखों के रोगों में फायदेमंद (Alum Beneficial in Eye Diseases)
फिटकरी की एक ढेले को पानी में डूबोकर ढेले पर लगे पानी को आँखों में बूंद-बूंद कर टपकाएँँ इससे जल्दी ही आँख संबंधी रोगों में लाभ होता है।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ? (When to See a Doctor?)
आँखों से संबंधित किसी भी समस्या में लापरवाही नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील हिस्सा है। कंजक्टिवाइटिस के गंभीर अवस्था में आँखों में धब्बा पड़ सकता है तथा यह एक संक्रामक बीमारी होने के कारण संक्रमण शरीर के अन्य क्षेत्रों में भी फैल सकता है जिससे अधिक गंभीर और कई संक्रमण हो सकते है जैसे कि मैनिनजाइटिस (Meningitis)। इसके अलावा कंजक्टिवाइटिस के कारण व्यक्ति की आँखों में बहुत खुजलाहट, लालिमा, दर्द होता है जिस कारण देखने में असमर्थता एवं बहुत तकलीफ होती है। अत: आँखों में उपरोक्त कोई भी लक्षण उत्पन्न होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
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