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Damnak: दमनक में हैं अनेक बेहरतरीन गुण- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

Contents

दमनक का परिचय (Introduction of Damnak)

Damnak

दमनक झाड़ीनूमा पौधा होता है। आयुर्वेद में इसके औषधीय गुण अनगिनत होने के कारण सदियों से इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के रोगों के लिए किया जाता है। दमनक का सुगंधित पौधा दर्दनिवारक की तरह काम करता है। इसके अलावा यह और किन-किन बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है, इसके बारे में जानते हैं।

 

दमनक क्या है? (What is Damnak in Hindi?)

दमनक की झाड़ी 1.8-2.4 मी ऊंचा, सुगन्धित, झाड़ी जैसा बहुवर्षायु शाकीय पौधा होता है। इसकी शाखाएं अंगुलियों के समान मोटी, गुच्छेदार, सफेद  रोमवाली अथवा घना रोमिल जैसा होती है। इसके पत्ते बड़े, अण्डाकार, 1-2 भागों में विभाजित, ऊपर-पीछे की ओर स्पष्ट रोमश, अधपृष्ठ-सफेद रंग के घने रोमवाली; ऊपर की ओर छोटे, 3 भागों में विभाजित अथवा पूर्ण, रेखित भालाकार होते हैं। इसके फूल ऊपर की ओर 3-4 मिमी लम्बे, अण्डाकार अथवा लगभग गोलाकार, एकल अथवा 2 अथवा 1-3 साथ में, वृंतहीन अथवा छोटे पुष्पवृंत वाले होते हैं। इसके फल दीर्घायु-नुकीले अण्डाकार, छोटा, अल्परेखित होते हैं। इसका पुष्पकाल एवं फलकाल अगस्त से फरवरी तक होता है।

उपरोक्त वर्णित प्रजाति के अतिरिक्त निम्नलिखित प्रजातियों का प्रयोग भी चिकित्सा के लिए किया जाता है परन्तु यह प्रजाति दमनक से कम गुणों वाली होती है।

  1. 1. Artemisia carvifolia -Ham. Ex Roxb (लघुपत्र दमनक)-
  2. 2. Artemisia indica (साद्र दमनक, साद्र देवपत्रक)- यह लगभग 1.3 मी ऊँचा, शाखा-प्रशाखायुक्त, बहुवर्षायु शाकीय पौधा है। इसके पत्ते छोटे, चौड़े तथा रोम वाले होते है। यह तेज बुखार में उपयोगी, जीवाणुरोधी तथा पूयरोधी होता है। इसका प्रयोग त्वचा संबंधी रोग, कामला या पीलिया तथा विषम ज्वर की चिकित्सा में किया जाता है।

 

अन्य भाषाओं में दमनक के नाम (Names of Damnak in Different Languages)

दमनक का वानास्पतिक नाम Artemisia nilagirica (Clarke) Pamp.  (आर्टिमिजिया निलगिरिका) Syn-Artemisia vulgaris auct. (non Linn.) होता है। इसका कुल  Asteraceae (ऐस्टरेसी) होता है और इसको अंग्रेजी में Indian wormwood (इण्डियन वॅर्मवुड) कहते हैं। चलिये अब जानते हैं कि दमनक और किन-किन नामों से जाना जाता है। 

Sanskrit-दमनक, दान्त, मुनिपुत्र, तपोधन, गन्धोत्कट, ब्रह्मजट, विनीत, कलपत्रक, दमन;

Hindi-दौना, दवना (मजपत्री, नागहोन); 

Odia-दोयोना (Doyona), नागोदोयोना (Nagodoyona); 

Kannada-मान्जे पत्रे (Manje pathre); 

Gujrati-डमरो (Damero); 

Tamil-मचीपत्तरी (Machipatri), तिरुनिपचाई (Tirinupachai); 

Telugu-दवनामु (Davnamu), मचीपथी (Machipathri); 

Nepali-तितेपाते (Titepatae);

Punjabi-तर्खा (Tarkha), बन्जीरू (Banjiru); 

Malayalam-तिरुनीपत्र (Tirunipatra), अप्पा (Appa), कटुचट्टी (Kattuchatti), नीलम्पला (Nilampala); 

Marathi-दवना (Davana), गाथोना (Gathona), सुरबन्द (Surband)।

English-मदरवर्ट (Motherwort), सेजब्रश (Sagebrush)

 

दमनक का औषधीय गुण (Medicinal Properties of Damnak in Hindi)

दमनक प्रकृति से कड़वा, तीखा, कषाय, शीतल होता है। यह रूखा, तीखा, त्रिदोष यानि वात, कफ, और पित्त को कम करने वाला, गन्धित, ग्राही, स्तम्भक (Styptic), बलकारक तथा रसायन होता है। यह विष, कुष्ठ, कण्डू (खुजली), विस्फोट (Blister), आमदोष को हरने वाला होता है।  

इसके पत्ते कड़वे, सूजन कम करने वाले, घाव ठीक करने में मददगार, मूत्र संबंधी रोग, वाजीकारक (Libido), भूख बढ़ाने में सहायक, पाचन में सहायक, कृमि को खत्म करने वाला, बुखार के इलाज में लाभदायक तथा रक्त की कमी को पूरा करने में फायदेमंद होते हैं।

इसकी जड़ बलकारक एवं पूयरोधी यानि एंटीसेप्टिक होती है।

इसके फूल सांस संबंधी समस्या, खाँसी, सूजन, कुष्ठ, त्वचा रोग, मूत्रकृच्छ्र, दर्द, पेट की कृमि, बुखार तथा पाण्डु या पीलिया के इलाज में सहायक होते हैं।

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दमनक के फायदे और उपयोग (Uses and Benefits of Damnak in Hindi) 

दमनक में पौष्टिकारक गुण होता है, उतना ही औषधी के रूप में कौन-कौन से बीमारियों के लिए फायदेमंद होते है,चलिये इसके बारे में आगे जानते हैं-

कान दर्द में फायदेमंद दमनक (Damnak Beneficial in Ear Pain in Hindi)

ear pain symptoms

कान दर्द से राहत पाने में दमनक का इस्तेमाल ज्यादा काम करता है। दमनक पत्ते के रस के 1-2 बूंद को कान में डालने से कान दर्द से राहत मिलती है।

बच्चों की खांसी दूर करने में फायदेमंद दमनक (Damnak Beneficial to Treat Kids Cough in Hindi)

अगर किसी भी तरह खांसी कम नहीं हो रही है तो 5-10 मिली दमनक के पत्ते का काढ़ा पिलाने से बच्चे की खांसी दूर होने में मदद मिलती है।

जलशोफ के इलाज में फायदेमंद दमनक (Benefit of Damnak in Dropsy in Hindi)

 5-10 मिली दमनक पत्ते के रस  का सेवन करने से जलशोफ में लाभ होता है, लेकिन सेवन का तरीका सही होना लाजमी होता है।

पेट दर्द से राहत दिलाये दमनक (Damnak Beneficial to Get Relief from Stomach Ache in Hindi)

दमनक का औषधीय गुण पेट दर्द को कम करने में असरदार तरीके से काम करता है-

-दमनक का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पीने से पेट की कृमियों तथा पेट दर्द से राहत पाने में मदद मिलती है।

-दमनक के पत्ते के काढ़े में 1 ग्राम दालचीनी चूर्ण डालकर पिलाने से पेट दर्द दूर होता है।

-पौधे से बने काढ़े में 10-20 मिली मात्रा में पिलाने से पेट संबंधी समस्या में लाभ मिलता है।

 

अग्निमांद्य या बदहजमी दूर करने में लाभदायक दमनक (Benefit of Damnak to Get Relief from Indigestion in Hindi)

अगर खान-पान में गड़बड़ी होने के कारण बदहजमी की समस्या कम नहीं हो रही है तो पत्तों का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पिलाने से जठराग्नि बढ़ती है।

 

पेट की कृमि नष्ट करने में लाभकारी दमनक (Damnak Beneficial to Treat Intestinal Worm in Hindi)

10-20 मिली दमनक पत्ते के काढ़े में 65 मिग्रा हींग चूर्ण डालकर पिलाने से आंतों के कृमि मर जाते हैं। इससे कृमि होने की समस्या धीरे-धीरे नष्ट होने लगती है।

 

लीवर संबंधी बीमारियों में फायदेमंद दमनक (Benefit of Damnak in Liver Diseases in Hindi)

अगर लीवर संबंधी बीमारियों से परेशान है तो दमनक का इस्तेमाल इस तरह से करने पर जल्दी आराम मिलता है-

-दमनक के तेल में शर्करा मिलाकर प्रयोग करने से पीलिया तथा अन्य यकृत्-विकारों में लाभ होता है।

-पत्तों को पीसकर पेट पर लगाने से यकृत्विकार का शमन होता है तथा पत्रों का काढ़ा बनाकर बफारा देने से भी यकृत् के विकारों का शमन होता है।

गर्भाशय शूल से राहत पाने में दमनक फायदेमंद (Damnak Beneficial to Treat Uteralgia in Hindi)

दमनक के वायवीय-भागों से बने चूर्ण (1 ग्राम) में सूखे आर्दक चूर्ण मिलाकर, काढ़ा बनाकर प्रयोग करने से गर्भाशय के दर्द से राहत पाने में लाभ होता है।

आर्तव विकार (मासिकधर्म संबंधी बीमारी) में फायदेमंद दमनक (Benefit of Damnak to Get Relief from Menstural Pain in Hindi)

irregular periods

फूल के आगे के भाग एवं पत्ते से बने फाण्ट (10-20 मिली) का सेवन करने से मासिक धर्म संबंधी बीमारियों तथा रजोनिवृत्तिजन्य (मेनोपॉज)-विकारों में लाभ होता है।

व्रण के इलाज में फायदेमंद दमनक (Benefit of Damnak to Treat Ulcer in Hindi)

दमनक का औषधीय गुण का लाभ पाने के लिए इसके पत्तों को पीसकर लेप करने से रक्त का स्तम्भक और घाव जल्दी भरता है।

अनुर्जता यानि एलर्जी से  राहत पाने में लाभकारी दमनक (Damnak Beneficial to Treat Allergy in Hindi)

अगर किसी बीमारी के कारण एलर्जी से परेशान हैं तो पौधे को पीसकर लेप करने से अनूर्जता में लाभ होता है।

 

कंपवात के इलाज में लाभकारी दमनक (Damnak Beneficial to Treat Parkinson’s Disease in Hindi)

दमनक का अर्क कंपवात के असर को धीरे-धीरे कम करने में लाभदायक होता है। इसको बच्चों के सिर पर लगाने से राहत मिलती है।

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विषमज्वर या मलेरिया के इलाज में लाभकारी दमनक (Benefit of Damnak in Maleria in Hindi)

fever

दमनक के पत्तों का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में पिलाने से ज्वर से राहत मिलने में आसानी होती है।

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कमजोरी दूर करने और शक्ति बढ़ाने में लाभकारी दमनक (Damnak Beneficial to Treat Body Weakness in Hindi)

10 ग्राम पत्तो में 10 ग्राम शतावरी जड़ को मिलाकर उसका काढ़ा बनाएं और इस काढ़े को 10-20 मिली मात्रा में पिलाने से शारीरिक बल बढ़ता है।

 

दमनक का उपयोगी भाग (Useful Parts of Damnak)

आयुर्वेद के अनुसार कांडीर का औषधीय गुण इसके इन भागों को प्रयोग करने पर सबसे ज्यादा मिलता है-

-पत्ता

-पञ्चाङ्ग और

-बीज।

 

दमनक का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए (How to Use Damnak in Hindi)

यदि आप किसी ख़ास बीमारी के घरेलू इलाज के लिए दमनक का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही इसका उपयोग करें। चिकित्सक के सलाह के अनुसार 10-15 मिली काढ़ा, 1 ग्राम चूर्ण ले सकते हैं।

दमनक कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Damnak Found or Grown in Hindi)

यह विश्व में शीतोष्णकटिबंधीय यूरोप, एशिया, थाईलैण्ड, जावा एवं श्रीलंका में पाया जाता है। भारत में यह पहाड़ी जंगलों में 1600-4000 मी की ऊँचाई पर पश्चिमी हिमालय में 1600-2600 मी की ऊँचाई पर सिक्किम में इसके अतिरिक्त खासिया पहाड़ियों, आबू, पश्चिम घाट, कोंकण एवं केरल आदि स्थानों में पाया जाता है।