Contents
- 1 अरणी का परिचय (Introduction of Choti Aradi)
- 2 अरणी क्या है? (What is Choti Aradi in Hindi?)
- 3 अन्य भाषाओं में अरणी के नाम (Names of Choti Aradi in Different Languages)
- 4 अरणी का औषधीय गुण (Medicinal Properties of Choti Aradi in Hindi)
- 5 अरणी के फायदे और उपयोग (Uses and Benefits of Choti Aradi in Hindi)
- 5.1 कान दर्द से राहत दिलाने में उपयोगी अरणी (Choti Aradi Beneficial to Get Relief from Ear Pain in Hindi)
- 5.2 प्रतिश्याय के इलाज में फायदेमंद अरणी (Benefit of Choti Aradi in Coryza in Hindi)
- 5.3 सांस की बीमारी में फायदेमंद अरणी (Choti Aradi Beneficial to Treat Breathing Issues in Hindi)
- 5.4 पेट दर्द से राहत दिलाने में मददगार अरणी (Choti Aradi Beneficial to Get Relief from Colic Pain in Hindi)
- 5.5 अर्श या बवासीर के इलाज में फायदेमंद अरणी (Benefit of Choti Aradi to Treat Piles in Hindi)
- 5.6 उपदंश या सिफिलिस के इलाज में लाभकारी अरणी (Choti Aradi Beneficial to Treat Syphilis in Hindi)
- 5.7 प्रदर या ल्यूकोरिया के इलाज में फायदेमंद अरणी (Benefit of Choti Aradi in Leucorrhoea in Hindi)
- 5.8 यौनीशैथिल्य या लूज वैजाइना के इलाज में फायदेमंद अरणी (Choto Aradi Beneficial to Treat Loose Vagina in Hindi)
- 5.9 वातरक्त या गठिया से राहत दिलाने में लाभकारी अरणी (Choto Aradi Beneficial to Treat Gout in Hindi)
- 5.10 ऊरुस्तम्भ या लकवा में फायदेमंद अरणी (Benefit of Choti Aradi in Paralysis in Hindi)
- 5.11 बच्चों के बीमारियों को दूर करने में फायदेमंद अरणी (Benefit of Choti Aradi in Kids Diseases in Hindi)
- 5.12 रोमान्तिका या रूबेला के इलाज में लाभकारी अरणी (Choti Arandi Beneficial to Treat Rubella in Hindi)
- 6 अरणी का उपयोगी भाग (Useful Parts of Choti Aradi)
- 7 अरणी का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए (How to Use Choti Aradi in Hindi)
- 8 अरणी कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Choti Aradi Found or Grown in Hindi)
अरणी का परिचय (Introduction of Choti Aradi)
अरणी का नाम तो सुना ही होगा आपने। यह देखने में छोटा होने पर भी इसके औषधीय गुण अनगिनत हैं। अरणी दो प्रकार की होती है, छोटी और बड़ी। छोटी अरणी के औषधीय गुण बहुत सारे बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं। छोटी अरणी की सब्जी और चटनी भी बनाई जाती है। छोटी अरणी के औषधीय प्रयोग, फायदे, उपयोग के बारे में विस्तार से जानने के लिए आगे बढ़ते हैं।
अरणी क्या है? (What is Choti Aradi in Hindi?)
आयुर्वेद में अरणी का महत्व इसके औषधीय गुणों के कारण है। जैसा कि पहले की कहा गया है कि अरणी बड़ी और छोटी दो प्रकार के होती हैं। छोटी तथा बड़ी दोनों प्रकार की अरणी वीर्य और रस में प्राय: समान गुण वाले होते हैं। छोटी अरणी के पत्ते सुगंधित होते हैं इसलिए खाने में उपयोग करने के साथ-साथ औषध बनाने में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
अन्य भाषाओं में अरणी के नाम (Names of Choti Aradi in Different Languages)
अरणी का वानास्पतिक नाम Clerodendrum phlomidis L. f. (क्लीरोडेनड्रम् फ्लोमाइडिस)Syn-Volkameria multiflora Burm.f है। इसका कुल Verbenaceae (वर्बीनेसी) होता है और इसको अंग्रेजी में Wind killer (विन्ड किलर)कहते हैं। चलिये अब जानते हैं कि अरणी और किन-किन नामों से जाना जाती है।
Sanskrit-क्षुद्राग्निमंथ, लघुंथ, अरणिका, अग्निमंथिनी;
Hindi-टेकार, उरनी, अरणी लघु, तर्कारी, छोटी अरणी;
Odia-होंतारी (Hontari), वाताघ्नि (Vataghni);
Urdu-अरनी (Arni);
Kannada-तग्गि (Taggi), तग्गिगिडा (Taggigida);
Gujrati-अरणी (Arani), उरनी (Urani);
Tamil-तालुडालाइ (Taludalai), थल ञ्जी (Thalanji), तक्कारी (Takkari);
Telugu-तलुकि (Taluki), तक्कोलामु (Takkolamu);
Bengali-अरनी (Arani), गणियारी (Ganiyari);
Marathi-टंकाली (Tankali), ऐरनमूल (Airanmula);
Malayalam-तिरूतालि (Tirutali)।
अरणी का औषधीय गुण (Medicinal Properties of Choti Aradi in Hindi)
छोटी अरणी के रस में मधुर,कड़वा, तिक्त होता है और विपाक में कड़वा होता है। वीर्य में गर्म, लघु, दीपन तथा वात-कफ को कम करने वाली होती है। इसका प्रयोग सूजन, पाण्डु या पीलिया, अग्निमांद्य या बदहजमी, विबन्ध या कब्ज, वज़न बढ़ने, सिरदर्द, गुल्म या एसिडिटी, आभ्यन्तर-विद्रधि (पेट के भीतर का घाव) तथा आध्मान (Flatulance) की चिकित्सा में किया जाता है। छोटी अरणी का शाक-सामान्यत गर्म, मधुर, तिक्त रसयुक्त तथा वात का कम करने वाला होता है।
अरणी के फायदे और उपयोग (Uses and Benefits of Choti Aradi in Hindi)
अरणी देखने में छोटा होता है लेकिन आयुर्वेद में इसके पौष्टिकता और औषधीय गुणों के कारण उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। चलिये इसके बारे में आगे जानते हैं-
कान दर्द से राहत दिलाने में उपयोगी अरणी (Choti Aradi Beneficial to Get Relief from Ear Pain in Hindi)
अगर कान में दर्द से परेशान रहते हैं तो बेल, एरण्ड, तर्कारी (अरणी लघु), बांस के बीज आदि द्रव्यों को समान मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। चूर्ण को 20 ग्राम की मात्रा में लेकर, 300 मिली आरनाल (काञ्जी) में पकाकर नाड़ीस्वेद करने से वातकफ के कारण होने वाले कान दर्द से राहत मिलती है।
-अरणी, नीम तथा धतूरे के पत्तों का रस निकालकर बराबर मात्रा में तिल या सरसों के तेल में पकाकर तेल तैयार होने पर छानकर रखें। इसे 2-4 बूंद कान में डालने से कर्ण पीड़ा, कर्णपूय व कर्णशूल में अत्यन्त लाभ होता है। पूर्ण लाभ होने तक नियमित इसका प्रयोग करें। केवल अरणी के पत्तों को पीसकर रस निकाल लें। इस रस को गुनगुना करके 2-4 बूंद कानों में डालने से भी कान दर्द आदि समस्याओं से राहत मिलती है।
प्रतिश्याय के इलाज में फायदेमंद अरणी (Benefit of Choti Aradi in Coryza in Hindi)
चोरपुष्पी (चोरक), छोटी अरणी की छाल, बालवच, जीरा तथा कलौंजी को कूटकर, चूर्ण बनाकर छानकर रख लें। पोटली में बांधकर सूंघने से प्रतिश्याय को दूर करने में मदद करता है।
सांस की बीमारी में फायदेमंद अरणी (Choti Aradi Beneficial to Treat Breathing Issues in Hindi)
छोटी अरणी के पत्ते को पीसकर रस निकालकर 5-10 मिली मात्रा में सुबह-शाम पीने से सांस संबंधी कष्ट, लीवर में सूजन, पाण्डु या पीलिया रोग, प्रमेह या डायबिटीज तथा फिरङ्ग रोग (सिफिलिस रोग) में लाभ होता है।
पेट दर्द से राहत दिलाने में मददगार अरणी (Choti Aradi Beneficial to Get Relief from Colic Pain in Hindi)
छोटी अरणी के 5-10 मिली पत्ते के रस अथवा 10 मिली जड़ से बने काढ़े को पिलाने से अरुचि, अजीर्ण, आध्मान या पेट फूलना, आमाशय के दर्द, अतिसार या दस्त तथा पेट के कृमियों के इलाज में मदद करता है। इस काढ़े में 30-40 मिली काढ़े में थोड़ा सरसों का चूर्ण डालकर पीने से वातज गुल्म का इलाज करने में मदद मिलती है।
अर्श या बवासीर के इलाज में फायदेमंद अरणी (Benefit of Choti Aradi to Treat Piles in Hindi)
10 ग्राम जड़ को 200 मिली पानी में पकाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को 10-20 मिली की मात्रा में सुबह शाम पीने से अर्श, पूयमेह या सूजाक (गोनोरिया) तथा शोथ या सूजन को कम करने में मदद करता है।
उपदंश या सिफिलिस के इलाज में लाभकारी अरणी (Choti Aradi Beneficial to Treat Syphilis in Hindi)
यौन संक्रमण के कारण उपदंश या सिफिलिस होता है। अरणी के पत्तों का काढ़ा यारस बनाकर पीने से उपदंश तथा मेदोरोग में लाभ होता है।
प्रदर या ल्यूकोरिया के इलाज में फायदेमंद अरणी (Benefit of Choti Aradi in Leucorrhoea in Hindi)
छोटी अरणी के 5-10 मिली पत्ते के रस में थोड़ा पानी, शहद अथवा मिश्री मिलाकर पीने से प्रदर ल्यूकोरिया, गर्भाशयगत सूजन एवं अन्य गर्भाशयगत बीमारियों में भी लाभ होता है।
यौनीशैथिल्य या लूज वैजाइना के इलाज में फायदेमंद अरणी (Choto Aradi Beneficial to Treat Loose Vagina in Hindi)
त्रिफला, भांग, पठानी लोध्र तथा कच्चे अनार फल की छाल को समान मात्रा में लेकर चूर्ण कर लें। अब इस चूर्ण में तर्कारी (अग्निमन्थ), अरणी के पत्तों के रस की भावना को देकर 500 मिग्रा की गोली बना लें। इस गोली को सुबह योनि में रखने से योनि का संकोचन होकर योनिशैथिल्यता (शिथिलता) दूर होता है।
वातरक्त या गठिया से राहत दिलाने में लाभकारी अरणी (Choto Aradi Beneficial to Treat Gout in Hindi)
छोटी अरणी के पञ्चाङ्ग का चूर्ण (1-2 ग्राम),रस (5-10 मिली) या काढ़े (20-40 मिली) का सेवन करने से वातरक्त या गठिया में लाभ होता है।
ऊरुस्तम्भ या लकवा में फायदेमंद अरणी (Benefit of Choti Aradi in Paralysis in Hindi)
लघु अरणी, सहिजन, तुलसी, सोंठ, कुटज तथा नीम के पत्ते, जड़ एवं फल को समान मात्रा में लेकर काढ़ा बना कर, काढ़े से अंगों का मसाज करने से ऊरुस्तम्भ या लकवा में लाभ होता है।
बच्चों के बीमारियों को दूर करने में फायदेमंद अरणी (Benefit of Choti Aradi in Kids Diseases in Hindi)
कपित्थ, बेल, तर्कारी (अरणी लघु), वंशलोचन, एरण्ड तथा करञ्ज को समान मात्रा में लेकर काढ़ा बनायें। इस काढ़े से बच्चों का मसाज करने से बाल-रोगों में फायदा मिलता है।
रोमान्तिका या रूबेला के इलाज में लाभकारी अरणी (Choti Arandi Beneficial to Treat Rubella in Hindi)
छोटी अरणी के जड़ का काढ़ा बनाकर उसको लगाने से रोमान्तिका या रूबेला के लक्षणों से राहत मिलने में आसानी होती है।
अरणी का उपयोगी भाग (Useful Parts of Choti Aradi)
आयुर्वेद के अनुसार अरणी का औषधीय गुण इसके इन भागों को प्रयोग करने पर सबसे ज्यादा मिलता है-
-जड़
– पत्ता और
-फूल।
अरणी का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए (How to Use Choti Aradi in Hindi)
यदि आप किसी ख़ास बीमारी के घरेलू इलाज के लिए अरणी का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही इसका उपयोग करें। चिकित्सक के सलाह के अनुसार 5-10 मिली रस, 30-50 मिली काढ़ा और 2-4 ग्राम पञ्चाङ्ग चूर्ण का सेवन कर सकते हैं।
अरणी कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Choti Aradi Found or Grown in Hindi)
छोटी अरणी समस्त भारत में विशेषतया पश्चिमी उत्तर हिमालय की तराई, रत्नागिरी और उत्तरप्रदेश तथा उत्तराखण्ड के कई स्थानों पर बहुतायत से पायी जाती है।