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Beli: बेली के फायदे, उपयोग और औषधीय गुण – Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

आयुर्वेद में ऐसे कई जड़ी-बूटियों और पौधों का जिक्र मिलता है जो हमारी सेहत के लिए गुणकारी हैं. बेली का पौधा भी कई तरह की बीमारियों से हमें बचाता है. इस लेख में हम बेली के फायदे, उपयोग के तरीके और औषधीय गुणों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं.

बेली क्या है? (What is Beli?)

बेली का पौधा 6 मीटर ऊँचा और झाड़ीदार होता है. इसकी खुरदुरी छाल भूरे रंग की होती है. इस पौधे के कांटे और पत्तियों की मदद से इसकी पहचान आसानी से की जा सकती है. इसके कांटो और पत्तियों की लंबाई 2 से 2.5 सेमी तक होती है. बेली का फल गोल और बीजयुक्त होते हैं.

अन्य भाषाओं में बेली के नाम (Names of Beli in Different Languages)

बेली का वानस्पतिक नाम Naringi crenulata (Roxb.) Nicolson (नारिंगी क्रेनुलाटा)

Syn. Hesperethusa crenulata (Roxb.) M.Roem; Limonia crenulata Roxb है. यह Ruteaceae (रूटेसी) कुल का पौधा है. आइए जानते हैं इसे अन्य भाषाओं में किन नामों से जाना जाता है.

  • Hindi – हिन्दी-बेली
  • Sanskrit – संस्कृत-बिल्वपर्णी
  • Odia – भेंटा (Bhenta)
  • Kannad -नयीबुलल (Nayibullal)
  • Tamil -नयेविला (Nayvila)
  • Telugu – टोरा-इलागा (Tora-elaga)
  • Malyalam – कटुनारकन (Kattunarakan)
  • Marathi – टोंडसा (Tondsha)

बेली के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Beli in Hindi)

  • यह ज्वरघ्न, अपस्माररोधी, विरेचक तथा बलकारक होता है।
  • इसकी मूल विरेचक होती है।
  • इसके फल बलकारक, तिक्त तथा कषाय होते हैं।

बेली के फायदे और उपयोग (Benefits and Uses of Beli in Hindi)

बेली के औषधीय गुणों के बारे में आप जान चुके हैं. आइए अब जानते हैं कि किन बीमारियों या समस्याओं के घरेलू उपचार के रूप में बेली का इस्तेमाल किया जा सकता है. उनमें से कुछ प्रमुख निम्न हैं :

अपच दूर करने में फायदेमंद है बेली (Beli gives quick relief from Indigestion in Hindi)

अगर आप भी अक्सर अपच से परेशान रहते हैं और इसके लिए दवाइयों की बजाय कोई घरेलु उपचार खोज रहे हैं तो बेली आपके लिए बहुत काम की चीज है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि 1-2 ग्राम बेली के जड़ (मूल) का चूर्ण गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन करने से अपच की समस्या में लाभ मिलता है. अधिक जानकारी के लिए नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें.

और पढ़ेंः बदहजमी (अपच) के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज

दाद-खाज और खुजली मिटाने में सहायक है बेली (Beli benefits for Itching and ringworm in Hindi)

दाद-खाज और खुजली की समस्या किसी को भी हो सकती है. गर्मियों और बारिश के मौसम में आमतौर पर अधिकांश लोग इस समस्या से परेशान रहते हैं. खुजली दूर करने के लिए भी आप बेली का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए दाद या खुजली वाली जगह पर बेली के पत्तों को पीसकर लगाएं. इसके उपयोग से कुछ ही दिनों में समस्या ठीक हो जाती है.

और पढ़ेंः दाद-खाज-खुजली का घरेलू इलाज

चेहरे की झाइयां कम करने में सहायक है बेली (Beli Helps in reducing Facial Freckle and Pigmentation in Hindi)

चेहरे पर झाइयां या दाग धब्बे होना एक आम समस्या है और इसे कम करने के लिए पुरुष और महिलाएं कई तरह की क्रीम और दवाइयां का उपयोग करते हैं. आपको बता दें कि कई आयुर्वेदिक औषधियां भी चेहरे की झाइयां कम करने में मदद करती हैं. बेली के पत्तों को पीसकर चेहरे पर लगाने से झाइयां और दाग-धब्बे कम होते हैं और चेहरे का निखार बढ़ता है.

और पढ़ेंः चेहरे की रौनक बढ़ाने के घरेलू उपाय

घाव को जल्दी भरने में मदद करता है बेली (Beli Helps in Wound Healing in Hindi)

अगर आपके शरीर में कहीं घाव निकल आया है तो उसके घरेलू उपचार के रूप में बेली का इस्तेमाल कर सकते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार पहले बेली के पत्तों का काढ़ा बना लें और फिर उससे घाव को साफ करें. इससे घाव या फोड़ा जल्दी ठीक होते हैं.

और पढ़ेंः घाव के इलाज के लिए घरेलू उपाय

बालों के रोम में सूजन (फोलिक्यूलाइटिस) की समस्या से राहत दिलाता है बेली (Beli Helps in treatment of Folliculitis in Hindi)

फोलिक्यूलाइटिस एक त्वचा रोग है जिसमें बालों की जड़ों के आसपास सूजन हो जाती है और वहां छोटे छोटे दाने या रैशेज निकलने लगते हैं. अगर आप इस समस्या से परेशान हैं तो इससे निजात पाने के लिए बेली का उपयोग कर सकते हैं. बेली की छाल को पीसकर गर्म कर लें और इसका पुल्टिस बनाकर उस जगह पर बांध दें. ऐसा करने से जल्दी आराम मिलता है.

बेली के उपयोगी भाग (Useful Parts of Beli)

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार बेली के पौधे के पाँचों प्रमुख भाग (जड़, पत्तियां, तना, छाल आदि) सेहत के लिए गुणकारी हैं.

बेली का उपयोग कैसे करें (How to Use Beli)

बेली का उपयोग आप ऊपर बताई गयी समस्याओं के घरेलु उपचार के रूप में कर सकते हैं. किस बीमारी के लिए कितनी मात्रा का उपयोग करना है, इसकी जानकारी अपने नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से लें.

बेली कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Beli found or grown?)

बेली का पौधा पूरे भारत में पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है. इसके अलावा पर्णपाती जंगलों में भी यह पौधा पाया जाता है.

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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