Contents
- 1 चित्रकादि वटी का परिचय (Introduction of Chitrakadi Vati)
- 2 चित्रकादि वटी क्या है? (What is Chitrakadi Vati)
- 3 चित्रकादि वटी के उपयोग और फायदे (Uses And Benefits Of Patanjali Chitrakadi Vati in Hindi)
- 3.1 अग्निमांद्य या बदहजमी में फायदेमंद चित्रकादि वटी (Benefits of Chitrakadi Vati for Indigestion in Hindi)
- 3.2 भूख बढ़ाने में सहायक चित्रकादि वटी (Benefits of Patanjali Chitrakadi Vati to Boost Appetite in Hindi)
- 3.3 पेचिश के उपचार में फायदेमंद चित्रकादि वटी (Benefits of Patanjali Chitrakadi Vati for Dysentery in Hindi)
- 3.4 कब्ज में फायदेमंद चित्रकादि वटी (Benefits of Patanjali Chitrakadi Vati For Constipation in Hindi)
- 3.5 एसिडिटी से दिलाये आराम चित्रकादि वटी (Benefits of Patanjali Chitrakadi Vati for Acidity in Hindi)
- 3.6 पेशाब संबंधी समस्या या यूरीनरी टैक्ट इंफेक्शन में फायदेमंद चित्रकादि वटी (Benefits of Chitrakadi Vati in Urinary Tract Infection in Hindi)
- 4 चित्रकादि वटी की मात्रा और सेवन का तरीका (Dosage and Uses of Patanjali Chitrakadi Vati in Hindi)
- 5 चित्रकादि वटी से जुड़े पतंजलि उत्पाद कहां से खरीदें (Buy online Patanjali products related to Chitrakadi Vati)
- 6 आयुर्वेद में उल्लेख (Reference from Ayurveda)
- 7 चित्रकादि वटी के घटक (Composition of Chitrakadi Vati)
चित्रकादि वटी का परिचय (Introduction of Chitrakadi Vati)
आयुर्वेद में ऐसी बहुत तरह की जड़ी बुटियां हैं जो स्वास्थ्यवर्द्धक गुणों के कारण बहुत तरह के बीमारियों के लिए फायदेमंद होती हैं। ऐसी है एक वटी है चित्रकादि वटी ( Chitrakadi Vati)। चित्रकादि वटी का सेवन करने से न सिर्फ पाचन शक्ति बेहतर होती है बल्कि कई तरह के बीमारियों के लिए ये औषधि के रुप में भी काम में आती है।
चित्रकादि वटी क्या है? (What is Chitrakadi Vati)
चित्रकादि वटी एक तरह का गोली होता है जो शरीर का पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए सेवन किया जाता है। चित्रकादि वटी मूल रुप से पेट संबंधी तरह-तरह के आम बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करती है। यह आयुर्वेदिक औषधि गैस बनने और पेट फूलने जैसे समस्याओं के लिए उपचार के रुप में सेवन किया जाता है।
चित्रकादि वटी के उपयोग और फायदे (Uses And Benefits Of Patanjali Chitrakadi Vati in Hindi)
चित्रकादि वटी ऐसा आयुर्वेदिक दवा है जो मूल रुप से पेट दर्द, एसिडिटी, भूख नहीं लगना, अरुची जैसे समस्याओं के लिए फायदेमंद होता है। चलिये विस्तार से चित्रकादि वटी के फायदों के बारे में जानते हैं कि ये किन-किन बीमारियों में फायदेमंद है।
अग्निमांद्य या बदहजमी में फायदेमंद चित्रकादि वटी (Benefits of Chitrakadi Vati for Indigestion in Hindi)
अग्निमांद्य या बदहजमी के कारण खाना अच्छी तरह से हजम नहीं होता है। जिसके कारण आँव युक्त कच्चा मल निकलता है ऐसे में यह वटी विशेष रुप से लाभदायक होती है। सुबह शाम इसका सेवन करने से लाभ मिलता है।
और पढ़ें : बदहजमी दूर करने के लिए करें अजवायन का प्रयोग
भूख बढ़ाने में सहायक चित्रकादि वटी (Benefits of Patanjali Chitrakadi Vati to Boost Appetite in Hindi)
अगर किसी लंबे बीमारी के कारण या दूसरे किसी कारण भूख कम लगती है या खाने में रुची नहीं है तो चित्रकादि वटी का सेवन सुबह-शाम जल के साथ करने से फायदा मिलता है। वटी का सेवन करने से खाने में रुची बढ़ती है और खाना जल्दी हजम होता है।
और पढ़ें : भूख बढ़ाने के लिए करें जीरा का उपयोग
पेचिश के उपचार में फायदेमंद चित्रकादि वटी (Benefits of Patanjali Chitrakadi Vati for Dysentery in Hindi)
आम तौर पर पेचिश होने पर पेट में आंव यानि कच्चा मल बनता है जिसके कारण पेट में दर्द होता है और पेट से कच्चा मल निकलता है। आँवपाचन के लिए ये वटी बहुत ही उपकारी होता है।
और पढ़ें : पेचिश में करें अंजीर का प्रयोग
कब्ज में फायदेमंद चित्रकादि वटी (Benefits of Patanjali Chitrakadi Vati For Constipation in Hindi)
पेचिश के अलावा कब्ज में भी ये वटी काम करता है। चित्रकादि वटी का सेवन सुबह शाम पानी के साथ करने से मल त्याग करने में आसानी होती है।
और पढ़ें : कब्ज़ दूर करने के घरेलू उपाय
एसिडिटी से दिलाये आराम चित्रकादि वटी (Benefits of Patanjali Chitrakadi Vati for Acidity in Hindi)
आम तौर पर कब्ज और पेचिश होने पर एसिडिटी होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे राहत पाने में चित्रकादि वटी बहुत फायदेमंद होता है।
पेशाब संबंधी समस्या या यूरीनरी टैक्ट इंफेक्शन में फायदेमंद चित्रकादि वटी (Benefits of Chitrakadi Vati in Urinary Tract Infection in Hindi)
चित्रकादि वटी पेशाब कम आने जैसे समस्याओं में बहुत उपकारी होता है। वटी का सेवन सुबह शाम करने से लाभ मिलता है।
चित्रकादि वटी की मात्रा और सेवन का तरीका (Dosage and Uses of Patanjali Chitrakadi Vati in Hindi)
चित्रकादि वटी का सेवन चिकित्सक के परामर्श के अनुसार 1/2 ग्राम कर सकते हैं। आयुर्वेद में चित्रकादि वटी का सेवन कोष्ण जल या छाछ के रूप में करते हैं।
आप चित्रकादि वटी से जुड़े पतंजलि उत्पादों को अब घर बैठे 1mg से ऑनलाइन आर्डर करके मंगवा सकते हैं।
आयुर्वेद में उल्लेख (Reference from Ayurveda)
चित्रकं पिप्पलीमूलं द्वौ क्षारौ लवणानि च।
व्योषं हिङ्ग्वजमोदां च चव्यं चैकत्र चूर्णयेत्।।
गुटिका मातुलुङ्गस्य दाडिमस्य रसेन वा।
कृता विपाचत्यामं दीपयत्याशु चानलम्।। च.चि.15/96-97
क्र.सं. घटक द्रव्य प्रयोज्यांग अनुपात
चित्रकादि वटी के घटक (Composition of Chitrakadi Vati)
- चित्रक (Plumbago zeylanica Linn.) मूल 1 भाग
- पिप्पलीमूल (Piper longum Linn.) मूल 1 भाग
- यवक्षार पंचांग 1 भाग
- सज्जीक्षार 1 भाग
- सौवर्चल लवण 1 भाग
- सैंधव लवण 1 भाग
- विड लवण 1 भाग
- सामुद्र लवण 1 भाग
- औद्भिद लवण 1 भाग
- शुण्ठी (Zingiber officinale Rosc.) कन्द 1 भाग
- मरिच (Piper nigrum Linn.) फल 1 भाग
- पिप्पली (Piper longum Linn.) फल 1 भाग
- हिंगू (Ferula narthex Boiss.) निस्राव 1 भाग
- अजमोदा (Carum Roxburghianum (DC) Craib.) फल 1 भाग
- चव्य (Piper retrofractum Vahl.) तना 1 भाग
- मातुलुंग रस या दाडिम रस (Citrus medica Linn./ Punica grantum Linn.) फल Q.S मर्दन हेतु