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Sanshamani Vati: संशमनी वटी रोगों की काट है- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

क्या आप जानते हैं कि संशमनी वटी क्या है, और संशमनी वटी के क्या फायदे हैं? सच यह है कि अधिकांश लोगों को संशमनी वटी के गुण या लाभ के बारे में कुछ जानकारी नहीं है, इसलिए लोग संशमनी वटी के फायदे नहीं ले पाते हैं। आयुर्वेद में संशमनी वटी के बारे में कई अच्छी बातें बताई गई हैं। आप संशमनी वटी से कई लोगों का इलाज (samshamani vati benfits and uses) कर सकते है।

 

Sanshamani Vati benefits and uses

संशमनी वटी बाजार में आसानी से मिल जाती है और इससे शरीर को बहुत फायदे होते हैं। यहां संशमनी वटी के फायदे और उपयोग की पूरी जानकारी दी जा रही है ताकि आप इसका पूरा लाभ ले पाएं।

 

Contents

संशमनी वटी क्या है? (What is Sanshamani Vati in Hindi?)

संशमनी वटी का निर्माण गिलोय की छाल से किया जाता है। यह सभी प्रकार के बुखार में विशेष लाभ पहुंचाती है। साधारण बुखार, टायफाइड, पित्त दोष, अत्यधिक प्यास लगने की समस्या, हाथ-पैर में होने वाली जलन आदि में संशमनी वटी से लाभ मिलते हैं।

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संशमनी वटी के फायदे और उपयोग (Sanshamani Vati Benefits and Uses in Hindi)

संशमनी वटी का प्रयोग सभी प्रकार के ज्वर (Fever) में किया जाता है। बुखार के उपचार के लिए यह पतंजलि Patanjali की सबसे महत्वपूर्ण दवाओं में से एक है। इसके अलावा भी संशमनी वटी का इस्तेमाल अन्य कई रोगों में भी किया जाता है, जो ये हैंः-

हर प्रकार के बुखार में संशमनी वटी के फायदे (Benefits of Sanshamani Vati in Fighting with Fever in Hindi)

सभी लोग कभी ना कभी बुखार से पीड़ित होते हैं। कई लोगों को यह भी शिकायत रहती है कि उन्हें बार-बार बुखार आता है। आप बुखार को ठीक करने के लिए संशमनी वटी का प्रयोग कर सकते हैं। संशमनी वटी का उपयोग सभी प्रकार के बुखार में लाभदायक होता है। विशेषतः पुराने बुखार एवं टीबी के बुखार में संशमनी वटी से तुरंत ही लाभ मिलता है।

Sanshamani Vati benefits iin fever treatment

टायफाइड (विषम ज्वर) में संशमनी वटी के फायदे (Sanshamani Vati Benefits to Treat Typhoid in Hindi)

टायफाइड में भी संशमनी वटी से लाभ पहुंचाता है। इसके लिए घन में एक चौथाई अतिविषा का चूर्ण मिला दें। इसकी दोदो रत्ती की गोलियाँ बना लें। 5-10 गोली जल के साथ देने से विषम ज्वर यानि टॉयफॉयड में बहुत आराम मिलता है

 

Benefits of Sanshamani Vati in typhoid fever

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पित्त दोष में संशमनी वटी के फायदे (Sanshamani Vati  Benefits in Controlling Pita Disorder in Hindi)

शरीर में पित्त दोष के कारण कई तरह के रोग होने लगते हैं। अत्यधिक प्यास लगने की समस्या, हल्का बुखार (मन्दमन्द ज्वर सा मालूम पड़ना), आँखों और हाथपैरों में जलन होना, पसीना आना आदि पित्त दोष से जुड़ी समस्याएं हैं। इसमें भी संशमनी वटी का प्रयोग करना चाहिए। संशमनी वटी को ठण्डे जल, खस के अर्क, गन्ने के रस आदि तरल पदार्थों के साथ लेना चाहिए। यह लाभ पहुंचाती है।

 

Benefits of Sanshamani Vati for Pitta Dosha

ल्यूकोरिया के इलाज में संशमनी वटी के सेवन से लाभ (Benefits of Sanshamani Vati for Leucorrhoea Treatment in Hindi)

कई महिलाएं ल्यूकोरिया से ग्रस्त रहती हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जिससे ना सिर्फ महिलाएं परेशानी रहती हैं बल्कि इसका महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। ल्यूकोरिया को ठीक करने के लिए भी संशमनी वटी (Shanshamani Vati) का सेवन लाभ पहुंचाता है। महिलाएं संशमनी वटी के उपयोग की जानकारी किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से लें।

 

Sanshamani Vati benefits in Leucorrhea treatment

 

शारीरिक कमजोरी में संशमनी वटी के सेवन से लाभ (Sanshamani Vati  Uses to Treat Body Weakness in Hindi)

अनेक लोग शारीरिक कमजोरी की शिकायत करते हैं। इस वटी से शारीरिक कमजोरी को दूर करने में मदद मिलता है। इसका उपयोग व्यक्ति के स्वास्थ्य के अनुसार किया जाता है, इसलिए उपयोग की जानकारी किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से लें।

Benefits of Sanshamani Vati in Weakness

 

पाचनतंत्र की बीमारी में संशमनी वटी के सेवन से लाभ (Benefits of Sanshamani Vati for Digestive System in Hindi)

पाचनतंत्र संंबंधी रोग जैसे- भोजन सही तरह से नहीं पचना, भूख कम लगना आदि में भी संशमनी वटी का सेवन लाभ देता है। यह पाचनतंत्र विकार को दूर करती है।

 

Sanshamani Vati benefits in indigestion

 

पीलिया के इलाज में संशमनी वटी से लाभ (Sanshamani Vati Uses in Fighting with Jaundice in Hindi)

कई लोग पीलिया को बहुत साधारण रोग समझते हैं लेकिन यह एक जानलेवा बीमारी है। जब भी कोई व्यक्ति पीलिया से ग्रस्त होता है तो उसे ना सिर्फ सही इलाज की जरूरत होती है बल्कि कई तरह के परहेज भी करने होते हैं। पीलिया रोग को पाण्डु रोग (जौंडिस) भी बोलते हैं। आप संशमनी वटी के सेवन से पीलिया का इलाज कर सकते हैं।

 

Benefits of Sanshamani Vati in Jaundice treatment

 

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संशमनी वटी का उपयोग कैसे करें? (How to Use Sanshamani Vati in Hindi?)

संशमनी वटी के प्रयोग की विधि ये हैः-

2 गोली जल के साथ।

संशमनी वटी का भरपूर लाभ लेने के लिए चिकित्सक के परामर्श के अनुसार इस्तेमाल करें।

संशमनी वटी के घटक (Composition of Sanshamani Vati)

संशमनी वटी को बनाने में इनका इस्तेमाल किया जाता हैः-

क्र.सं. घटकद्रव्य   प्रयोज्यांग अनुपात
1. 

गिलोय (गुडुची)  

छाल

1 भाग

2.  जल क्वाथार्थ  
  1. 4 भाग