पीलू (Meswak tree) एक कांटेदार वृक्ष है। कई लोग पीलू को पीलु या पीला (Pillu or Peelu) भी कहते हैं। इसके फल मीठे तथा स्वादिष्ट होते हैं। आपने शायद पीलू को देखा भी होगा क्योंकि अनेक लोग पीलू के वृक्ष के डंठलों से दातुन भी करते हैं। कुछ ही लोगों को यह पता होता है कि पीलू का प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है। आयुर्वेदिक जानकार ये बताते हैं कि पीलू एक बहुत ही गुणी औषधि है और पीलू का प्रयोग कर कई रोगों को ठीक किया जा सकता है। पेट के रोग, पथरी, बवासीर और तिल्ली विकार में पीलू का उपयोग कर लाभ पाया जा सकता है।
इसी तरह वात्त, पित्त और कफ दोष तथा सिर दर्द आदि में भी पीलू का प्रयोग लाभदायक होता है। इतना ही नहीं, कुष्ठ रोग, डायबिटीज में भी पीलू के प्रयोग से बहुत लाभ मिलता है। पीलू (Miswak tree) की जड़ की छाल से शारीरिक कमजोरी और मासिक विकार दूर होते हैं। आइए जानते हैं कि आप पीलू से और क्या-क्या फायदे ले सकते हैं।
Contents
- 1 पीलू क्या है? (What is Peelu?)
- 2 अन्य भाषाओं में पीलू के नाम (Name of Peelu in Different Languages)
- 3 पीलू के फायदे एवं उपयोग (Pillu Benefits and Uses in Hindi)
- 3.1 मुँह के छाले में पीलू का प्रयोग लाभदायक (Benefits of Pillu in Cure Mouth Ulcer in Hindi)
- 3.2 मुंह के रोग में पीलू का उपयोग फायदेमंद (Peelu Benefits in Oral Disease Treatment in Hindi)
- 3.3 सांसों की बीमारी में पीलू के प्रयोग से लाभ (Uses of Miswak Tree in Treatment of Respiratory Disease in Hindi)
- 3.4 पेट के रोग में पीलू के उपयोग से फायदा (Pillu Uses in Cure Abdominal Disease in Hindi)
- 3.5 पेट के फूलने पर पीलू के सेवन से लाभ (Benefits of Peelu in Flatulence in Hindi)
- 3.6 आंतों के रोग में पीलू के सेवन से फायदा (Peelu Benefits in Cure Intestinal Disease in Hindi)
- 3.7 पीलू से करें बवासीर का इलाज (Uses of Peelu in Piles Treatment in Hindi)
- 3.8 मूत्र-विकार (पेशाब संबंधित बीमारी) में पीलू का उपयोग (Peelu Uses to Treat Urinary Disease in Hindi)
- 3.9 पीलू के प्रयोग से सुजाक का इलाज (Benefits of Miswak tree in Treatment of Gonorrhea in Hindi)
- 3.10 गठिया में पीलू के उपयोग से लाभ (Pillu Benefits in Arthritis Treatment in Hindi)
- 3.11 सफेद दाग में पीलू से लाभ (Uses of Miswak Tree in Treatment of Leucoderma in Hindi)
- 3.12 घाव में पीलू से फायदा (Pillu Uses in Wound Healing in Hindi)
- 3.13 अत्यधिक प्यास लगने की समस्या में पीलू के सेवन से फायदा (Pillu is Beneficial in Excessive Thirst Problem in Hindi)
- 3.14 शारीरिक कमजोरी में पीलू के प्रयोग से लाभ (Pilu Help in Treating Body Weakness in Hindi)
- 3.15 शरीर के दर्द में पीलू के उपयोग से फायदा (Miswak tree Benefits for Body Pain in Hindi)
- 4 पीलू के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Peelu)
- 5 पीलू के प्रयोग की मात्रा (How Much to Consume Peelu?)
- 6 पीलू कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Peelu Found or Grown?)
- 7 पीलू युक्त पतंजलि के उत्पाद कहां से खरीदें (Where to Buy Peelu Related Patanjali Product?)
पीलू क्या है? (What is Peelu?)
पीलू का वृक्ष (Meswak tree) 2-3 मीटर ऊँचा होता है और इसकी दो जातियां होती है। इसकी शाखाएं कमजोर और नीचे की ओर झुकी हुई होती हैं। शाखाएं छोटी और हमेशा हरी रहती हैं। पीलू के फल (pilu fruit) 3 मिमी व्यास के, गोल, चिकने होते हैं। ये कच्ची अवस्था में हरे और पके अवस्था में लाल रंग के, चमकीले तथा रस-युक्त होते हैं। प्रत्येक फल में एक बीज होता है। फलों को मसलने से तेज गन्ध आती हैं।
(1) छोटा पीलू
(2) बड़ा पीलू।
अन्य भाषाओं में पीलू के नाम (Name of Peelu in Different Languages)
पीलू का वानस्पतिक नाम Salvadora persica Linn. (सैल्वेडोरा पर्सिका) Syn-Salvadora indica Wight है और यह Salvadoraceae (सैल्वैडोरेसी) कुल का है। पीलू को देश या विदेश में अन्य कई नामों से भी जाना जाता है, जो ये हैंः-
Peelu in –
- Hindi – पीलू, छोटा पीलू, खरजाल
- English – मेसवाक (Meswak), साल्ट बुश ट्री (Salt bush tree), मस्टर्ड ट्री (Mustard tree), Tooth brush tree (टूथ ब्रश ट्री)
- Sanskrit – पीलू , पीलू, गुडफल्, स्रीं, शीतफल, गौली, शीत, सहस्राक्षी, शीतसह, श्याम, करभवल्लभ, पीलूक
- Oriya – कोटुङ्गो (Kotungo), टोबोटो (Toboto)
- Urdu – पीलू (Pilu)
- Kannada – गोनी मारा (Goni mara), गोनी (Goni)
- Gujarati – पीलू (Pilu), खरि जाल (Khari jal)
- Tamil – पेरुन्गोलि (Perungoli), कलावी (Kalavi)
- Telugu – गोगु (Gogu), गुनिया (Gunia)
- Bengali – पीलूगाछ (Pilugach), पीलू (Pilu)
- Nepali – पिलु (Pilu)
- Punjabi – पीलू (Pilu), झाल (Jhal)
- Marathi – पीलू (Pilu), खाकिन (Khakin)
- Malayalam – उका (Uka)
- Arabic – अराक (Arak), मिसवाक (Miswaq)
- Persian – दरख्ते मिसवाक (Darkhate miswak)
पीलू के फायदे एवं उपयोग (Pillu Benefits and Uses in Hindi)
पीलू (Miswak tree) के औषधीय प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-
मुँह के छाले में पीलू का प्रयोग लाभदायक (Benefits of Pillu in Cure Mouth Ulcer in Hindi)
पीलू के फलों को खाने से मुंह के छाले की समस्या खत्म होती है।
मुंह के रोग में पीलू का उपयोग फायदेमंद (Peelu Benefits in Oral Disease Treatment in Hindi)
पीलू की लकड़ी का दातून करने से दांत तथा मसूड़े मजबूत होते हैं।
इससे मुंह की बदबू खत्म होती है।
सांसों की बीमारी में पीलू के प्रयोग से लाभ (Uses of Miswak Tree in Treatment of Respiratory Disease in Hindi)
पीलू के पत्तोंं का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में पीने से श्वास (सांस फूलना/दमा) और खांसी में लाभ होता है।
पेट के रोग में पीलू के उपयोग से फायदा (Pillu Uses in Cure Abdominal Disease in Hindi)
भुने हुए पीलू फल (pilu fruit) को सेंधा नमक के साथ खाएं और साथ में गोमूत्र, दूध या अंगूर का रस पीने से पेट की बीमारी जैसे – पैट की गैस की समस्या (Meswak tree benefits) ठीक होती है।
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पेट के फूलने पर पीलू के सेवन से लाभ (Benefits of Peelu in Flatulence in Hindi)
पीलू के पेस्ट से पकाए हुए घी का सेवन करने से पेट के फूलने की समस्या में लाभ (peelu ke fayde) होता है।
आंतों के रोग में पीलू के सेवन से फायदा (Peelu Benefits in Cure Intestinal Disease in Hindi)
निशोथ, पीलू, अजवायन, कांजी आदि अम्ल द्रव्य तथा चित्रकादि पाचन द्रव्यों को मिलाकर सेवन करें। इससे पेट दर्द और आंतों के रोग में लाभ होता है।
पीलू से करें बवासीर का इलाज (Uses of Peelu in Piles Treatment in Hindi)
- रोज सुबह 7 दिन से एक माह तक पीलू को अकेले या छाछ के साथ सेवन करें। इससे बवासीर, पेट की गैस, पाचन विकार, गुदा विकार आदि में लाभ (peelu ke fayde) मिलता है।
- सहिजन बीज, जड़ी बीज, कनेर पत्ते, पीलू वृक्ष की जड़, बेलगिरी तथा हींग को थूहर के दूध के साथ पीस लें। इसे बवासीर के मस्सों पर लेप करने से लाभ होता है।
- पीलू के तेल में बत्ती भिगोकर गुदा में रखने से बवासीर में लाभ होता है।
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मूत्र-विकार (पेशाब संबंधित बीमारी) में पीलू का उपयोग (Peelu Uses to Treat Urinary Disease in Hindi)
पीलू (Miswak tree) के फलों का काढ़ा बनाकर 10-40 मिली मात्रा में पिएं। इससे मूत्र विकार ठीक होते हैं।
पीलू के प्रयोग से सुजाक का इलाज (Benefits of Miswak tree in Treatment of Gonorrhea in Hindi)
10-40 मिली पीलू की जड़ का काढ़ा पीने से सुजाक में लाभ होता है।
गठिया में पीलू के उपयोग से लाभ (Pillu Benefits in Arthritis Treatment in Hindi)
- बलाजड़, शतावरी जड़, रास्ना, दशजड़, पीलू फल, काली निशोथ, एरण्डजड़ तथा शालपर्णी के पेस्ट को दूध में पका कर सेवन करें। इससे गठिया में लाभ (peelu ke fayde) होता है।
- पीलू के पत्ते को पीसकर लगाने से भी जोड़ों के दर्द या गठिया में लाभ होता है।
- पीलू के पत्ते तथा निर्गुण्डी के पत्तोंं को समान मात्रा में लेकर पीस लें। इसे जोड़ों पर बांधने से जोड़ों के दर्द का ठीक होता है।
- पीलू की बीज के तेल की मालिश करने से जोड़ों का दर्द मिटता है।
सफेद दाग में पीलू से लाभ (Uses of Miswak Tree in Treatment of Leucoderma in Hindi)
तिल्वक, नीम, पीलू, आरग्वध पत्ते, विडंग, कनेर बीज, हरिद्रा, दारुहरिद्रा, लघु तथा बड़ी कटेरी को जल में पीस लें। इसका लेप करने से सफेद दाग खत्म हो जाते हैं।
घाव में पीलू से फायदा (Pillu Uses in Wound Healing in Hindi)
पीलू के पत्तों को पीसकर आग से जले हुए स्थान पर लगाने से लाभ होता है।
पीलू के पत्तों को पीसकर घाव के ऊपर लगाने से घाव में पीव नहीं बनती तथा घाव जल्दी भर (peelu ke fayde) जाते हैं।
अत्यधिक प्यास लगने की समस्या में पीलू के सेवन से फायदा (Pillu is Beneficial in Excessive Thirst Problem in Hindi)
कई लोगों को शराब के सेवन के बाद बहुत अधिक प्यास लगने की समस्या हो जाती है। इसमें पीलू के रस का सेवन करना चाहिए। यह मद्यपान मतलब शराब पीने के बाद अत्यधिक प्यास लगने की समस्या खत्म होती है।
शारीरिक कमजोरी में पीलू के प्रयोग से लाभ (Pilu Help in Treating Body Weakness in Hindi)
पीलू के फलों (pilu fruit) का सेवन करने से पित्त की अधिकता से होने वाली बीमारियां जैसे- शुक्राणु विकार, कफ एवं वात दोष में लाभ होता है।
शरीर के दर्द में पीलू के उपयोग से फायदा (Miswak tree Benefits for Body Pain in Hindi)
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार दर्द से राहत दिलाने में भी पीलू फायदेमंद (miswak ke fayde) है. पीलू के पत्तोंं को जैतून के तेल में पकाकर छान लें। इस तेल से मालिश करने से दर्द ठीक होता है।
पीलू के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Peelu)
- पत्ते
- फूल
- तना
- फल
- जड़
पीलू के प्रयोग की मात्रा (How Much to Consume Peelu?)
अब आप पीलू के फायदों (miswak ke fayde) के बारे में अच्छी तरह जान चुकें हैं, इसकी सेवन कैसे और कितनी मात्रा में करें इसकी अधिक जानकारी के लिए चिकित्सक से मिलें।
पीलू कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Peelu Found or Grown?)
पीलू (Salvadora persica) भारत में बिहार, राजस्थान, कर्नाटक, सिंध आदि शुष्क प्रदेशों में पाया जाता है। यह 500 मीटर की ऊँचाई तक पाया जाता है।
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