शतावरी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती है. महिलाओं को स्तनपान के दौरान होने वाली समस्याएं हों या प्रजनन संबंधी दिक्कतें, शतावरी इन सबके इलाज में बहुत प्रभावी है. इतना ही नहीं यह पुरुषों की स्टेमिना बढ़ाने में भी उतनी ही फायदेमंद है. शतावरी के फायदे को देखते हुए अगर आप इसका सेवन करने के बारे में सोच रहे हैं तो पतंजलि शतावर चूर्ण (Patanjali Shatavar Churna) का सेवन करना सबसे आसान विकल्प है. इस लेख में हम आपको पतंजलि शतावर चूर्ण के फायदे, नुकसान और इसे कैसे खाएं इन सबके बारे में विस्तार से बता रहे हैं.
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पतंजलि शतावर चूर्ण, पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित एक आयुर्वेदिक दवा है. इसका इस्तेमाल पुरुषों में स्पर्म काउंट और यौन क्षमता बढ़ाने से लेकर महिलाओं में स्तनपान से जुड़ी समस्याओं के इलाज में प्रमुखता से किया जाता है.
पतंजलि शतावर चूर्ण में मुख्य रूप से शतावरी का ही इस्तेमाल किया गया है. इस दवा में शतावरी को चूर्ण या पाउडर के रूप में प्रयोग किया गया है.
शतावरी चूर्ण कई औषधीय गुणों से भरपूर है. इसमें शरीर के लिए आवश्यक कई पोषक तत्व और विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए तो यह हेल्थ टॉनिक की तरह काम करता है. कई आयुर्वेदिक विशेषज्ञ गर्भावस्था एवं स्तनपान के दौरान महिलाओं को पतंजलि शतावर चूर्ण के उपयोग की सलाह देते हैं. आइए पतंजलि शतावर चूर्ण के अन्य फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं :
अगर आप यौन संबंध बनाने के दौरान कमजोरी महसूस करते हैं तो ऐसे में शतावरी के सेवन से आपको लाभ मिल सकता है. इस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी में ऐसे औषधीय गुण हैं जो शारीरिक ताकत बढ़ाने के साथ-साथ यौन क्षमता बढ़ाने में भी मदद करती है.
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स्तनपान के दौरान कई माताएं स्तनों में दूध ना आने या कम आने की वजह से परेशान हो जाती हैं. पतंजलि आयुर्वेद के आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, पतंजलि शतावर चूर्ण स्तनों में दूध बढ़ाता है और महिलाओं को स्वस्थ बनाए रखता है.
अक्सर देखा गया है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं में कमजोरी की समस्या बढ़ती जाती है. पीरियड में होने वाले अधिक रक्तस्राव, घर पर काम का अधिक बोझ और शरीर में हो रहे हार्मोनल बदलाव की वजह से बढ़ती उम्र में महिलाएं शारीरिक रूप से कमजोर होने लगती हैं. पतंजलि शतावरी चूर्ण के सेवन से महिलाओं की शारीरिक दुर्बलता कम होती है और रोजमर्रा के कामों में उन्हें थकावट नहीं महसूस होती है.
अगर आप ‘लो स्पर्म काउंट’ या स्पर्म की क्वालिटी खराब होने जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं तो पतंजलि शतावर चूर्ण का सेवन आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगा. आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय तक इसके सेवन से स्पर्म क्वालिटी में सुधार होता है और पुरुषों की प्रजनन क्षमता भी बढ़ती है.
कमजोर इम्यूनिटी होने से कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. खासतौर पर सर्दियों का मौसम आते ही लोग वायरल इन्फेक्शन, फ्लू या जुकाम से जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं. आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, नियमित पतंजलि शतावर चूर्ण का सेवन करने से शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ने लगती है और आप कम बीमार पड़ते हैं.
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आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में कई लोग एंग्जायटी और स्ट्रेस के शिकार हो जाते हैं. आयुर्वेद के अनुसार, एंग्जायटी की समस्या मुख्य रूप से शरीर में वात दोष के असंतुलन के कारण होती है. शतावरी में ऐसे गुण होते हैं जो वात को संतुलित करते हैं. इसलिए अगर आप एंग्जायटी से परेशान हैं तो पतंजलि शतावरी चूर्ण का सेवन करें. इसके सेवन से नींद भी अच्छी आती है.
पतंजलि शतावर चूर्ण का स्वाद हल्का कड़वा होता है. इस चूर्ण को आप दूध के साथ ले सकते हैं. आमतौर पर एक दिन में एक से दो चम्मच पतंजलि शतावर चूर्ण के सेवन की सलाह दी जाती है. अगर आप किसी बीमारी के इलाज में इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं तो खुराक संबंधी जानकारी के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें.
पतंजलि आयुर्वेद के अनुसार, अभी तक पतंजलि शतावर चूर्ण से कोई भी साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिले हैं. फिर भी लोगों को यह सलाह दी जाती है कि इसका सेवन चिकित्सक द्वारा बताई गई खुराक और अवधि के अनुसार ही करें.
पतंजलि आयुर्वेद की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, पतंजलि शतावर चूर्ण के 100 ग्राम पैक की कीमत 160 रुपए है. हालांकि समय के साथ इस प्रोडक्ट की कीमत और पैक साइज़ में बदलाव हो सकते हैं. अगर आप पतंजलि शतावर चूर्ण Tata 1mg से ऑनलाइन मंगाना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें.
पतंजलि शतावरी चूर्ण का निर्माण शतावरी नामक पौधे से होता है जिसका सेवन महिला और पुरुष दोनों कर सकते है. शतावरी आयुर्वेद के अनुसार रसायन होती है इसलिए इसका उपयोग कोई भी रोगी चिकित्सक के परामर्श के अनुसार कर सकता है.
पतंजलि शतावरी चूर्ण और अश्वगंधा चूर्ण दोनों को एक साथ खाने का निर्देश कई आयुर्वेदिक चिकित्सक देते है क्योंकि दोनों ही चूर्ण शरीर के अंदरूनी शक्ति को बढ़ने में मदद करते हैं. शरीर में कमजोरी ज्यादा होने पर चिकित्सक के परामर्श से पतंजलि शतावर चूर्ण और अश्वगंधा ले सकते है जिससे रोग में जल्दी आराम मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
शतावरी की तासीर शीत यानि की ठंडी होती है. इसका सेवन शरीर में गर्मी को नहीं बढ़ने देता है साथ ही इसका रसायन गुण शरीर की कमजोरी को दूर करने में मदद करता है.
आयुर्वेद चिकित्सा में किस औषधि को किस के साथ लेना चाहिए इसका निर्देश किया गया है। शतावर के चूर्ण को दूध से लेन का बताया गया है क्योंकि शतावर को दूध से लेने से इसके गुणों में वृद्धि होती है साथ ही शतावर चूर्ण जल्द ही आपने असर दिखाता है.
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